मैथिली भाषा में योगदान के लिए नेहा झा मणि को “साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार 2025” और मुन्नी कामत को “साहित्य अकादमी बाल साहित्य पुरस्कार 2025” से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार उनकी साहित्यिक रचनाओं और मैथिली साहित्य को समृद्ध करने के लिए दिया गया। दोनों लेखिकाओं ने अपनी कृतियों से मैथिली भाषा की सांस्कृतिक विरासत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। यह सम्मान मैथिली साहित्य के लिए गौरव का क्षण है।
कौन हैं नेहा झा मणि ?
नेहा झा मणि जन्म 28 जून 1991 को मधुबनी के मंगरौनी में हुआ था। उनकी माता श्रीमती नूतन झा और पिता प्रकाश मणि झा हैं, जबकि उनके पति राजीव झा हैं। उन्होंने एमबीए (मानव संसाधन) और एमएआर (डायरेक्टर, कुशल गुणिनी) की पढ़ाई की है। नेहा ने हिंदी में ‘इकतारा अहसास’ (2021) और ‘दो साड़ी’ कविता संग्रह, साथ ही मैथिली कविता और बाल साहित्य में रचनाएँ प्रकाशित की हैं।

कौन हैं मुन्नी कामत ?
मुन्नी कामत मधुबनी की रहने वाली हैं रहने वाली हैं। उनके पिता का नाम विद्यानंद झा और माता का नाम लक्ष्मी देवी है। उन्होंने हिंदी में एमए किया और मैथिली में ‘सूरज मन तरसत आंची’ (2017), ‘अंचरा’ (2019), और ‘चुकका’ (2022) जैसी कृतियाँ प्रकाशित कीं। उन्हें दूधा कवियत्री सम्मान (2017) और राष्ट्रीय साहित्य सम्मान (2019) से नवाजा गया।
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जूरी में शामिल थे ये सदस्य
प्रतियोगिता में विजेताओं के चयन के लिए डॉ अशोक कुमार झा ‘अविचल’; डॉ इन्द्रकांत झा और केदार कानन शामिल थें। विजेताओं को ताम्रफलक (ताम्बे का प्रशस्ति पत्र) और 50 हजार रुपए की राशि पुरस्कार के रूप में दी जाएगी।
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