Strict instructions from CM Yogi : त्योहारों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा संदेश जारी किया है. उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा, मोहर्रम और रथयात्रा के दौरान उल्लास बना रहे, पर किसी तरह की शरारत न हो. भड़काऊ नारे और हथियारों का प्रदर्शन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि जातीय संघर्ष फैलाने की साजिश हो रही है, अराजक तत्वों को बेनकाब किया जाए.
शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सीएम योगी की बैठक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगामी पर्व-त्योहारों को ध्यान में रखते हुए बुधवार देर शाम शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की. बैठक में प्रदेश के सभी पुलिस आयुक्तों, मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों से वृहद संवाद किया गया. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी आयोजन श्रद्धा, सुरक्षा और समरसता के वातावरण में सम्पन्न हों. इसके लिए प्रशासनिक मशीनरी को पूरी संवेदनशीलता, सतर्कता और जिम्मेदारी के साथ कार्य करना होगा. जनसुविधाओं की समुचित व्यवस्था और सुदृढ़ कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करना प्राथमिकता होनी चाहिए.
कांवड़ यात्रा और मोहर्रम को लेकर सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री ने बताया कि आगामी 11 जुलाई से 09 अगस्त तक पवित्र श्रावण मास रहेगा, जिसके दौरान पारंपरिक कांवड़ यात्रा, श्रावणी शिवरात्रि, नागपंचमी और रक्षाबंधन जैसे पर्व मनाए जाएंगे. इसी अवधि में 27 जून से 08 जुलाई तक जगन्नाथ रथ यात्रा तथा 27 जून से 06/07 जुलाई तक मोहर्रम के आयोजन संभावित हैं. यह संपूर्ण कालखंड प्रदेश की कानून-व्यवस्था, चिकित्सा, स्वच्छता, शिक्षा और आपदा प्रबंधन के लिहाज से अत्यंत संवेदनशील है. अतः सभी संबंधित विभाग और जिला प्रशासन समन्वय के साथ जिम्मेदारीपूर्वक कार्य करें.
कांवड़ यात्रा के शांतिपूर्ण और गरिमामय आयोजन को लेकर मुख्यमंत्री ने विशेष निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि यह यात्रा आस्था, अनुशासन और उल्लास का प्रतीक है. उत्तराखंड सीमा से सटे जनपदों सहित गाजियाबाद, मेरठ, बरेली, अयोध्या, प्रयागराज, काशी, बाराबंकी और बस्ती जैसे जिले विशेष सतर्कता बरतें. अंतर्राज्यीय समन्वय निरंतर बना रहना चाहिए। यात्रा मार्ग पर डीजे, ढोल-ताशा और संगीत की ध्वनि निर्धारित मानकों के अनुरूप ही होनी चाहिए. कानफोड़ू आवाज, भड़काऊ नारे, और परंपरा से इतर रूट परिवर्तन किसी दशा में स्वीकार्य नहीं होंगे. ताजिया, रथ या कांवड़ यात्रा में प्रयुक्त डीजे की ऊंचाई भी नियत सीमा से अधिक नहीं होनी चाहिए. उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि किसी शोभायात्रा के लिए पेड़ काटना, झुग्गियां हटाना या गरीबों का आश्रय उजाड़ना कदापि स्वीकार्य नहीं होगा.
धार्मिक यात्राओं में अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन न हो
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि धार्मिक यात्राओं में अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन और धार्मिक प्रतीकों का नेतृत्वक उपयोग सौहार्द को खंडित करने वाले तत्व हैं, जिन पर पूरी सख्ती से रोक लगनी चाहिए. शोभायात्राओं/जुलूसों के मार्ग पर प्रतिबंधित पशुओं का प्रवेश रोका जाए. सोशल मीडिया की सघन निगरानी हो और आवश्यकता पड़ने पर ड्रोन के माध्यम से निगरानी सुनिश्चित की जाए. फेक न्यूज और अफवाहों पर नियंत्रण के लिए त्वरित खंडन और सही सूचना का प्रसारण जरूरी है.
वेष बदलकर अराजक तत्वों के शामिल होने की आशंका
कांवड़ यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित होते हैं, जिनमें वेष बदलकर अराजक तत्वों के शामिल होने की आशंका बनी रहती है. इसे दृष्टिगत रखते हुए मुख्यमंत्री ने सभी जनपदों को सतर्क रहने का निर्देश दिया। थाना, हल्का और चौकी स्तर पर स्थानीय प्रशासन कांवड़ संघों के साथ संवाद बनाए रखे और सभी व्यवस्थाओं की पूर्व समीक्षा सुनिश्चित करे. उन्होंने दोहराया कि श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं का सम्मान सर्वोपरि है, किंतु किसी शरारती तत्व को अवसर नहीं मिलना चाहिए.
कांवड़ यात्रा मार्ग पर कहीं भी खुले में मांस आदि की बिक्री न हो
श्रद्धालुओं की सुविधा को प्राथमिकता देते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर कहीं भी खुले में मांस आदि की बिक्री न हो. यात्रा मार्गों की स्वच्छता, सैनिटाइजेशन, स्ट्रीट लाइटिंग, पेयजल, शौचालय एवं प्राथमिक चिकित्सा की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. जर्जर विद्युत पोल और लटकते तारों की मरम्मत तत्काल पूर्ण हो. शिविर लगाने वाली संस्थाओं का सत्यापन कर उनके सहयोग से जनसुविधा केंद्र संचालित किए जाएं.
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