Swami Sri Yukteshwarji’s birth anniversary: आज यानी 10 मई को योगदा आश्रम, रांची में हर्षोल्लास से भरे माहौल में स्वामी श्रीयुक्तेश्वरजी के आविर्भाव का स्मरणोत्सव मनाया गया. स्मरणोत्सव सुबह, स्वामी गोकुलानंद द्वारा संचालित एक विशेष ऑनलाइन सामूहिक ध्यान के साथ आरंभ हुआ, जिसमें पूरे हिंदुस्तान से भक्तों ने भाग लिया. इसके बाद सुबह 9:30 बजे से 11:30 बजे तक गुरु पूजा में उपस्थित भक्तों ने ब्रह्मचारी सत्संगानंद और अन्य संन्यासिगणो द्वारा संचालित भजनों का आनंद लिया. भजन-संकीर्तन के बाद वहां उपस्थित भक्तों और संन्यासियों को प्रसाद वितरित किया गया.
सन् 1894 में प्रकाशित अपनी सुप्रसिद्ध पुस्तक, “कैवल्य दर्शनम्” के लिए विख्यात श्रीयुक्तेश्वरजी, परमहंस योगानंदजी के गुरु थे. अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर एक आध्यात्मिक गुरु के रूप में प्रसिद्ध योगानंदजी ने अपनी आध्यात्मिक रचना, “योगी कथामृत” से वैश्विक स्तर पर लाखों लोगों को प्रभावित किया है और इस पुस्तक को दुनिया भर की पचास से अधिक भाषाओं में अनूदित एवं प्रकाशित किया गया है. इस विशेष दिन का उत्सव शाम को 3 घंटे के ध्यान के साथ समाप्त हुआ, जहां ब्रह्मचारी प्रहलादानंद ने श्रीयुक्तेश्वरजी के कुछ उपाख्यानों और शिक्षाओं को पढ़ा.
श्री श्री स्वामी श्रीयुक्तेश्वर गिरि का 170वां आविर्भाव दिवस पर विशेष लेख
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