नया विचार न्यूज़ सरायरंजन : श्री रामचरितमानस विश्व का ऐसा दुर्लभ ग्रंथ है , जिससे संसार की सारी समस्याओं का समाधान होता है। यह बातें डॉ.अरुण कुमार गिरि के आवासीय परिसर गंगासरा में आयोजित श्री रामलला गोष्ठी के बाईसवें वर्षगांठ समारोह को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहीं। समारोह को संबोधित करते हुए केएसआर कॉलेज सरायरंजन के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो.अवधेश कुमार झा ने कहा कि यदि आज भी माता पिता दशरथ और कौशल्या, वसुदेव और देवकी तथा शिव और पार्वती बन जायें, तो घर घर में भगवान श्री राम, श्री कृष्ण और भगवान गणेश तथा कार्तिकेय का जन्म हो सकता है, फलस्वरूप समाज देश और विश्व से आतंकवाद समाप्त होकर विश्व शांति और विश्व बंधुत्व की स्थापना हो सकती है।प्रो. झा ने स्पष्ट किया कि कलयुग में हर इंसान के अंदर राम और रावण दोनों का निवास होता है। रामचरितमानस को जीवन में उतारने से रावण तत्व का सर्वनाश हो जाता है, और श्री राम तत्व का अभ्युदय होने से इंसान भगवान बन सकता है। यही नहीं, रामचरितमानस में वर्णित श्री राम के उज्जवल चरित्र को जीवन में उतारने से समाज में व्याप्त,ऊंच , नीच छूआ छूत, आपसी ईर्ष्या द्वेष,भेदभाव सहित सभी बुराइयां समाप्त हो जाती हैं और सारे संसार की समस्याओं का समाधान हो जाता है। कथा वाचक महेश कुमार झा ने रामचरितमानस में वर्णित चौपाई एवं दोहों की संख्याओं और महत्व को बताया। नित्यानंद मिश्र की अध्यक्षता एवं डॉ. अरुण कुमार गिरि के संचालन में संगीत कलाकार महासंघ के प्रमंडलीय अध्यक्ष रामेश्वर राय, महामंत्री हरेंद्र सहनी, श्री भगवान,गौरी शंकर चौरसिया, नंदकिशोर झा, चन्द्रशेखर झा, मुक्ति नाथ झा,चन्देश्वर गिरि,भूषण झा, शंभू झा, तपेश्वर ठाकुर, उमेश प्रसाद सिंह,पवित्तर चौरसिया, प्रिंस कुमार, हर्षित ठाकुर आदि ने संबोधित किया। समारोह के प्रथम सत्र में सुंदर काण्ड का पाठ तथा द्वितीय सत्र में प्रवचन कीर्तन का आयोजन किया गया।मौके पर संपूर्ण क्षेत्र के सैकड़ो श्रद्धालु मौजूद थे।