वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल में वरिष्ठ नागरिकाें के इलाज के लिए अलग व्यवस्था कागजों पर ही सिमट कर रह गयी. अलग ओपीडी, जेनेट्रिक वार्ड भी नहीं बनाया गया. आज भी बुजुर्ग ओपीडी में सामान्य लाइन में खड़ा होकर इलाज कराने को मजबूर हैं. जबकि मुजफ्फरपुर के अलावे किशनगंज, पूर्वी चंपारण व शेखपुरा के जिला अस्पताल में भी 10 बेड का अलग विशेष जेनेट्रिक वार्ड बनाया जाना था. प्रशासन ने इसके लिए 20-20 लाख रुपये का आवंटन भी किया था. इस राशि से इन अस्पतालाें में अगले माह तक बुजुर्गाें के लिए विशेष वार्ड तैयार किया जाना था. वहीं ओपीडी में भी इलाज के लिए अलग व्यवस्था की जानी थी. स्वास्थ्य विभाग ने विशेष जेनेट्रिक वार्ड बनाने के लिए गैर संचारी राेग विभाग काे जिम्मेवारी दी थी, लेकिन इसके लिये कोई पहल नहीं हो सकी. मालूम हो कि सदर अस्पताल में इलाज के लिए हर दिन करीब 150 की संख्या में बुजुर्ग आते हैं. ओपीडी में अलग से व्यवस्था नहीं हाेने के कारण इन बुजुर्गाें काे काफी परेशानी हाेती है. ओपीडी में आने वाले मरीजाें में आठ से दस काे हर दिन भर्ती कर इलाज किया जाता है.
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