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..लोगों की रेलवे अंडर पास की बहुप्रतीक्षित मांग होगी जल्द पूरी, छठ घाट का सपना अभी अधूरा

वार्ड नंबर 24 फोटो फाइल 9आर-़1: वार्ड पार्षद सनियारो बारला, 9आर-़2: जावेद आलम, 9आर-़3: गंदा मैदान व रेलवे का रखा गया समान, 9आर-़4: निर्माणाधीन रेलवे अंडर पास, 9आर-़5: प्रीति देवी, 9आर-़6: निशा देवी, 9आर-़7: शशि महतो. बरकाकाना. रामगढ़ नगर परिषद का वार्ड नंबर 24 के अंतगर्त सीआइसी बस्ती, लाइन पार सीआइसी बस्ती,खटाल, रेलवे कॉलोनी, गांधी मैदान आदि क्षेत्र आते हैं. यह वार्ड आदिवासी बहुल है. आदिवासियों के अलावा एसटी, एससी, ओबीसी, मुस्लिम भी इस वार्ड में निवास करते हैं. भौगोलिक स्थिति की बात करें, तो इसके पश्चिमी भाग में केंद्रीय कर्मशाला व केंद्रीय भंडार, पूर्व भाग में रेलवे व उतर भाग में रेलवे व दामोदर नद तथा पश्चिम भाग में वार्ड नंबर 23 का क्षेत्र पड़ता है. इस वार्ड में निवास करनेवाले लोग मजदूरी, कृषि पर निर्भर है. वहीं रेलवे कॉलोनी व कुछ जगहों पर सीसीएल में कार्यरत लोग रहते हैं. इस वार्ड की कुल जनसंख्या लगभग 5000 है. इस वार्ड में लाइब्रेरी, स्पोर्ट्स का मैदान आदि की कमी है. वार्ड का एक बहुत बड़ा हिस्सा रेलवे क्षेत्र होने के कारण प्रशासन की कई योजना यहां लागू नहीं हो पाती है. जिसका खमियाजा यहां के लोगों को भुगतना पड़ता है. विकास के काम के लिये रेलवे से अनुमति व एनओसी लेने के लिये लंबी प्रक्रिया को पूरा करना पड़ता है. प्रक्रिया पूरी करने में काफी लंबा समय भी लग जाता है. इस वार्ड क्षेत्र में बरकाकाना-पतरातु, बरकाकाना-अरगड़ा-रांचीरोड़, बरकाकाना-अरगड़ा-कोडरमा रेल लाइन भी क्रॉस करता है. जहां रेल अंडर पास का निर्माण कार्य चल रहा है. वहीं इस वार्ड में प्रदूषण एक बड़ी समस्या है. इस क्षेत्र के आस-पास की फैक्ट्रियों से निकलने वाला रसायनिक धुआं व धूलकण से पूरा क्षेत्र त्रस्त है. जिला प्रशासन व राज्य प्रशासन से प्रदूषण समाप्त करने को लेकर कई बार मांग की गयी लेकिन सकारात्मक पहल नही होने से लोगों में आक्रोश है. क्या कहती है वार्ड पार्षद सनियारो बारला रामगढ़ नगर परिषद के वार्ड नंबर 24 की वार्ड पार्षद सनियारो बारला है. उन्होंने बताया कि विकास कार्य को पूरा करने में रेलवे से अनुमति लेना व एनओसी प्राप्त करना किसी संघर्ष से कम नहीं है. इस वार्ड का सीआइसी लाइन पार तथा वार्ड नंबर 21 का पहानबेड़ा गांव जाने के लिये एक समुचित मार्ग नहीं था. इन गांवों को जोड़ने वाले मार्ग में बरकाकाना-पतरातू, बरकाकाना-अरगड़ा-रांचीरोड़, बरकाकाना-अरगड़ा-कोडरमा रेल लाइन है. जो मानवरहित तथा बरकाकाना स्टेशन का सबसे नजदीक जिसे पार कर लोगों को जाना पड़ता था. मानवरहित रेलवे फाटक होने के कारण कई बार दुर्घटना हो चुकी है. रेलवे द्वारा भी इस मानव रहित क्रॉसिंग को बंद करने के लिये पीलर लगाने का काम किया गया. लेकिन विरोध के बाद उसे हटा दिया गया. लोगों की इस समस्या को लेकर रेलवे विभाग के वरीय अधिकारियों व रेल मंत्रालय से लगातार पत्राचार करने के बाद रेलवे द्वारा करोड़ों की लगात से रेल लाइन के नीचे से रेलव अंडर पास बनाने को स्वीकृति देते हुए उस काम को शुरू कराया गया है. एक साल के अंदर लोगों की यह बहुप्रतिक्षित मांग पूरा हो जायेगी. जिसके बाद लाइन पार सीआइसी बस्ती, पहानबेड़ा व उरलुंग को जोड़ने वाला यह रेलवे अंडरपास सड़क लोगों की सुविधा के लिये खोल दिया जायेगा. वार्ड पार्षद ने कहा कि क्षेत्र की छठवर्ती रेलवे जोड़ा तालाब पोचरा में अपने छठ पर्व को करती आ रही है. रेलवे जोड़ा तालाब में छठ घाट का निर्माण कराना उनका सपना है. इसे लेकर रेलवे के वरीय अधिकारियों व रेल मंत्रालय से अनुमति व एनओसी की मांग की गयी है. रेलवे द्वारा सकरात्मक पहल का भरोसा दिया गया है. जल्द ही छठ घाट का निर्माण कार्य भी शुरू हो जायेगा. इसके अलावा उनके क्षेत्र में पीसीसी सड़क, तीन जलमीनार, तीन हाइमास्ट, स्ट्रीट लाइट, 70 पीएम आवास, शौचालय आदि का काम भी हुआ है. क्या कहते है जावेद इस वार्ड के निवासी जावेद आलम ने बताया कि सीआइसी बस्ती में एक मैदान है. जिसमें रेलवे द्वारा रेल पटरी, सीमेंट वाले स्लीपर, बोल्डर आदि को जगह-जगह रख दिया गया है. वर्तमान में इस मैदान में जगह-जगह गंदगी व्याप्त है. पूर्व की बात करें तो यह मैदान स्थानीय लोगों के लिये एक स्पोर्ट्सकूद का मैदान हुआ करता था. यहां ग्रामीण स्तर के क्रिकेट, फुटबॉल, बॉलीवाल, कबड्डी जैसे कई प्रतियोगिताओं का आयोजन होता रहा है. लोग अहले सुबह सैर व योग के लिये इस मैदान में पहुंचते थे. लेकिन रेलवे द्वारा रखे गये सामान के कारण लोगों स्पोर्ट्सकूद, प्रतियोगिता व मार्निंग वॉक जैसी गतिविधियों पर पूर्ण विराम लग गया है. श्री आलम ने रेलवे से आम लोगों की सुविधा के लिये मैदान की सफाई कराने तथा स्पोर्ट्स सुविधा बहाल करने की मांग की है. क्या कहते है शशि विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे शशि महतो ने वार्ड में लाइब्रेरी नहीं होने की बात कही. कहा कि लाइब्रेरी होने से वहां उपलब्ध पुस्तकों से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारियों में लगे युवाओं को काफी मदद मिल सकती थी. क्या कहती प्रीति देवी व निशा देवी प्रीति देवी व निशा कुमारी ने कहा कि प्रदूषण से पूरा क्षेत्र तबाह व बर्बाद हो रहा है. प्रदूषण से लोगों के स्वास्थ पर प्रभाव पड़ रहा है. वही प्रदूषण से निकलने वाले डस्ट के कारण घर में रखी चीजों भी बर्बाद हो रही है. प्रदूषण बंद कराने को लेकर कई बार शिकायत की गयी है. लेकिन कोई सकरात्मक पहल नहीं हुई है.

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विनोद झा
संपादक नया विचार

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