दुर्गापुर.
शहर के विधाननगर स्थित इएसआइ अस्पताल में भर्ती युवती से मिलने के लिए दुर्गापुर पश्चिम के भाजपा विधायक लखन घरुई के नेतृत्व में पार्टी नेता व कार्यकर्ता पहुंचे, मगर उन्हें पीड़िता से मिलने नहीं दिया गया. इससे नाराज भाजपाइयों ने अस्पताल के बाहर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. दावा किया कि दुर्गापुर की रहनेवाली इस युवती से बांकुड़ा में गैंगरेप किया गया, जिसके बाद वह बीमार पड़ गयी. युवती आसनसोल में अपने मामा के यहां गयी थी, जहां से अपनी ममेरी बहनों के साथ वैलेंटाइन डे के रोज बांकुड़ा घूमने गयी थी. कहा जा रहा है कि युवतियों के साथ उनके कथित प्रेमी या आशिक भी थे. बांकुड़ा से चारों युवतियों के आसनसोल लौटने पर उनमें से एक युवती बीमार पड़ गयी और फिर उसे वहां इएसआइ हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा. वहां से बीमार युवती को फिर दुर्गापुर इएसआइ अस्पताल लाया गया. भाजपा का इल्जाम है कि पुलिस व प्रशासन के इशारे पर यहां इएसआइ हॉस्पिटल प्रबंधन घटना को दबा रहा है. भाजपा की मांग है कि युवती से दरिंदगी करने के आरोपियों की अविलंब गिरफ्तारी होनी चाहिए. इएसआइ अस्पताल के बाहर भाजपा के उग्र प्रदर्शन से वहां तनाव व्याप्त हो गया. सूचना पाते ही न्यू टाउनशिप (एनटीएस) थाने की पुलिस वहां पहुंची और स्थिति नियंत्रित की. भाजपा विधायक लखन घरुई ने आरोप लगाया कि पुलिस व प्रशासन के दबाव में अस्पताल प्रबंधन गैंगरेप जैसे गंभीर अपराध को दबाने का प्रयास कर रहा है. उन्हें अस्पताल में भर्ती पीड़िता से मिलने नहीं दिया जा रहा है. अस्पताल के सुरक्षाकर्मियों ने विधायक व अन्य भाजपाइयों को अंदर नहीं जाने दिया. विधायक के अनुसार इस बाबत फोन करने पर इएसआइ अस्पताल के अधीक्षक टालमटोल करने लगे. दावा किया कि गंभीर आपराधिक घटना को दबाने की कोशिश की जा रही है.
उधर, आसनसोल स्त्री थाने ने घटना का पता चलने पर स्वत: संज्ञान लेकर जांच करते हुए दो युवकों को पकड़ा है. उनसे पूछताछ की जा रही है. दुर्गापुर पश्चिम के भाजपा विधायक लखन घरुई की शिकायत है कि पश्चिम बंगाल में स्त्रीएं सुरक्षित नहीं रह गयी हैं. आये दिन उनसे दुष्कर्म व अन्य किस्म के अपराध हो रहे हैं. कोलकाता में आरजी कर अस्पताल में लेडी ट्रेनी डॉक्टर से रेप व मर्डर की घटना के बाद भी राज्य प्रशासन ने सबक नहीं लिया है. यहीं नहीं, दरिंदे खुलेआम घूम रहे हैं. ऐसी घटनाओं में निष्पक्ष होकर कार्रवाई करने के बजाय राज्य प्रशासन और उसकी पुलिस लीपापोती व सबूत मिटाने में लगी रही.
उसके बाद बंगाल समेत देशभर में जूनियर डॉक्टरों ने इतना बड़ा आंदोलन किया, लेकिन अहंकार में डूबी राज्य की तृणमूल कांग्रेस प्रशासन अपनी जिम्मेवारी से बचते हुए डॉक्टरों पर दोषारोपण करने में लगी हुई है. यही नहीं, उसके बाद मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज में एक्सपायर्ड सलाइन चढ़ाने के उपरांत एक गर्भवती स्त्री की मौत हो गयी. फिर भी राज्य प्रशासन व उसके स्वास्थ्य विभाग की ओर से राज्य के प्रशासनी अस्पताल में भेजी जा रही दवाओं व अन्य चिकित्सीय सामान की गुणवत्ता नहीं जांची जा रही है. शनिवार को दुर्गापुर विधाननगर इएसआइ हॉस्पिटल के बाहर प्रदर्शन के दौरान भाजपा स्त्री मोर्चा के कई शाखा संगठनों की सदस्याएं भी सक्रिय रहीं और घटना को लेकर जम कर नारेबाजी करती रहीं.
इस बीच, इस घटना को लेकर कांग्रेस नेताओं ने कहा कि अस्पताल परिसर में किसी भी मामले को नेतृत्वक रंग देने की कोशिश नहीं होनी चाहिए, यदि ऐसी घटना किसी युवती के साथ हुई है, तो उसकी पुलिस व प्रशासन को निष्पक्ष होकर जांच करनी चाहिए और कसूरवार को उसकी सही जगह पर पहुंचाना चाहिए. उधर, आसनसोल स्त्री थाने की पुलिस घटना की पड़ताल में लग गयी है.
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