संवाददाता, पटना चार दिवसीय दौरे पर बिहार पहुंचे चुनाव आयुक्त डाॅ विवेक जोशी ने शुक्रवार को उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि मतदान प्रतिशत बढ़ाने की रणनीति पंचायत और वार्ड स्तर तक बनायी जाये. हर जिले में ऐसे मतदान केंद्रों की पहचान की जा रही है जहां मतदान का औसत लगातार कम रहा है. इन केंद्रों पर विशेष फोकस करते हुए स्थानीय स्तर पर संपर्क, संवाद और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को मतदान के लिए प्रेरित किया जाये. मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के अनुसार बिहार में कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 7.80 करोड़ है. राज्य में 18 से 19 वर्ष की आयु वर्ग के युवा मतदाताओं की संख्या उनके अनुमानित जनसंख्या अनुपात की तुलना में बेहद कम है. जहां राज्य में इस आयु वर्ग की अनुमानित संख्या 64 लाख है, वहीं पंजीकृत मतदाता मात्र 8.08 लाख हैं. इसे देखते हुए आयोग ने स्कूलों, कॉलेजों और सामाजिक संगठनों के माध्यम से विशेष जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया है. आज मोतिहारी और बेतिया में होंगे चुनाव आयुक्त अपने चार दिवसीय दौरे पर बिहार पहुंचे निर्वाचन आयुक्त डाॅ विवेक जोशी शनिवार को मोतिहारी में एफएलसी (फर्स्ट लेवल चेकिंग) का निरीक्षण करेंगे. वे बेतिया (पश्चिम चंपारण) में जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी एवं बीएलओ के साथ समीक्षा बैठक एवं क्षेत्रीय भ्रमण करेंगे. निर्वाचन आयुक्त रविवार को एसएसबी, वाल्मीकि नगर के अधिकारियों से बैठक करेंगे एवं क्षेत्रीय भ्रमण करेंगे. सोमवार को वे वैशाली में क्षेत्र भ्रमण करेंगे. दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिकों की सहभागिता भी बढ़े: राज्य में 7.69 लाख दिव्यांग मतदाता और 85 वर्ष से अधिक आयु के 5.91 लाख वरिष्ठ मतदाता हैं. आयोग का निर्देश है कि इन मतदाताओं के लिए सुलभ मतदान केंद्र, होम वोटिंग सुविधा, ट्रांसपोर्ट सुविधा और वालंटियर सहायता जैसी व्यवस्थाएं की जाये ताकि कोई भी मतदाता अपने मताधिकार से वंचित न रहे. बिहार में कुल 77,895 मतदान केंद्र हैं, जिन पर न्यूनतम आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया.
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