Ramcharit Manas: श्रीरामचरित मानस तुलसीदास द्वारा रचित एक ऐसा ग्रंथ है, जो कि न सिर्फ भगवान श्रीराम के जीवन चरित्र का वर्णन करता है, बल्कि यह धर्म, नैतिकता, भक्ति, प्रेम, कर्तव्य और आदर्श जीवन जीने के कई मूल्य भी सिखाता है. यह जीवन जीने की कला सिखाने के साथ कई महत्वपूर्ण शिक्षाएं भी देता है. यह ग्रंथ मार्गदर्शक की भूमिका निभाता है, जो व्यक्ति इन शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारता है, वह भगवान श्रीराम जैसा आदर्श इंसान बन सकता है. ऐसे में श्रीरामचरित मानस की एक चौपाई है, जो कि विपत्ति के समय जीवन के चार महत्वपूर्ण लोगों और बातों को समझाने में मदद करती है. आइए इस चौपाई के बारे में जानते हैं.
जानें चौपाई
श्रीरामचरितमानस के अरण्यकांड में लिखी चौपाई यह चौपाई “धीरज धर्म मित्र अरु नारी। आपद काल परिखिअहिं चारी।।” यह बताती है कि जीवन के कठिन समय ही इन चार चीजों की परख होती है. इस चौपाई का अर्थ धैर्य, धर्म, मित्र और नारी यानी पत्नी इन चारों की परख आपत्ति के समय ही होती है.
धैर्य यानी धीरज का परख
इस चौपाई के माध्यम से तुलसीदास कहना चाहते हैं कि सहनशीलता, संयम और विपरीत परिस्थितियों में मानसिक संतुलन बनाए रखना बहुत जरूरी होता है. ऐसे में जो व्यक्ति विपरीत से विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य बनाये रखे, वही धैर्यवान होता है.
धर्म की परख
इस चौपाई में धर्म का वास्तविक अर्थ पूजा-पाठ या कर्मकांड ही सीमित नहीं है, बल्कि कर्तव्यों को पालन करने से साथ सन्मार्ग पर चलना भी है. जो व्यक्ति भय और लालच के बावजूद भी अपने धर्म से डिगता नहीं है, वह व्यक्ति धार्मिक होता है.
मित्र की परख
चौपाई के अनुसार, सुख में तो हर कोई दोस्त बन जाता है, लेकिन जो व्यक्ति दुख में भी आपका साथ न छोड़े, निरंतर आपकी साथ दोस्ती बनाए रखे वही व्यक्ति आपका सच्चा मित्र होता है.
नारी की परख
चौपाई के मुताबिक, नारी यानी स्त्री की परख विपत्ति में ही होती है, पति के निर्धन, रोगी, क्रोधी और वृद्ध होने के बाद भी अगर पत्नी प्रेम करती है, तो वही स्त्री सर्वश्रेष्ठ स्त्री होती है. अच्छी स्त्रीएं संकट के समय अपने साथी को छोड़कर नहीं जाती हैं.
The post संकट में होती है इन 4 करीबी लोगों की पहचान, रामचरितमानस के चौपाई में जीवन का कड़वा सच appeared first on Naya Vichar.