पूर्णिया. शिक्षा विभाग द्वारा संचालित संस्थान किलकारी बिहार बाल भवन पूर्णिया द्वारा आयोजित चक-धूम-धूम समर कैंप के तहत बच्चों के बीच टेक्सटाइल पेंटिंग और दुनिया की सबसे प्राचीनतम युद्ध शैली कलारीपट्टू मार्शल आर्ट को लेकर खासा उत्साह रहा. बड़ी संख्या में बच्चों ने फरीदाबाद से आए हुए टेक्सटाइल हैंड पेंटेड क्लॉथ विशेषज्ञ अमित शील से इस कला की जानकारी ली और खुद से कपड़ों में रंग भरने का प्रयास किया. टेक्सटाइल पेंटिंग कला में विशेषज्ञ श्री शील के साथ बच्चों के बीच सहयोगी प्रशिक्षक के रूप में किलकारी बिहार बाल भवन के मनोज कुमार पोद्दार और प्रशिक्षिका टिंकी कुमारी भी शामिल रहीं. प्रशिक्षण के दौरान हैंड प्रिंटेड क्लॉथ, (टेक्सटाइल), लिप्पन आर्ट/मिरर आर्ट इत्यादि का प्रशिक्षण दिया गया. इस प्रशिक्षण के माध्यम से कुल 280 शिशुं लाभान्वित हुए. इस मौके पर डीईओ प्रफुल्ल कुमार मिश्रा ने बच्चों का उत्साहवर्धन किया. दूसरी ओर मार्शल आर्ट कलारीपट्टू के कार्यशाला से भी शिशु लाभान्वित हुए. प्रमंडल कार्यक्रम समन्वयक त्रिदीप शील ने बताया कि मार्शल आर्ट कलारीपट्टू विद्या के विशेषज्ञ के रूप में केरल के राष्ट्रीयस्तर के दिलसागर जी को आमंत्रित किया गया है. जिनके द्वारा इस आर्ट फॉर्म के अंतर्गत बच्चों को इस मार्शल आर्ट में प्रयोग होने वाले विभिन्न जीव जंतु के स्टैंड्स और मूव्स जैसे सिंह, मयूर, सांप, मेंढक और मछली सभी मूव्स के सेल्यूटेशन को शिशु बड़े मनोयोग से सीख रहे है. उनके साथ हमारे किलकारी के प्रशिक्षक कृष्णा रावत और कुमार वरुण ने निरंतर सहयोग किया इस विद्या के कार्यशाला से लगभग 182 शिशु लाभान्वित हुए. कार्यक्रम का आयोजन किलकारी पूर्णिया के प्रमंडल कार्यक्रम समन्वयक त्रिदीप शील, सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी नेहा कुमारी एवं प्रमंडल रिसोर्स पर्सन रुचि कुमारी द्वारा किया जा रहा है.
डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
The post समर कैंप में कला व युद्ध कौशल से लैस हो रहे शिशु appeared first on Naya Vichar.