Ranchi News : साइबर अपराध के खिलाफ ‘नया विचार का जनआंदोलन’ जारी है. इस कड़ी में गुरुवार को रांची के मोरहाबादी स्थित डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के सभागार में यहां के छात्र-छात्राओं को साइबर फ्रॉड से बचाव के लिए जागरूक किया गया. इसमें झारखंड सीआइडी की साइबर टीम ने सहयोग किया. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सीआइडी की डीआइजी संध्या रानी मेहता ने कहा कि समाज का हर वर्ग साइबर अपराध से आतंकित है. आज इंटरनेट और कंप्यूटर के बिना दुनिया की कल्पना भी मुश्किल है. इंटरनेट अपने आप में एक बड़ा टूल है. आप गूगल में सर्च कर रहे हैं, तो उसका भी फुटप्रिंट आप छोड़ रहे हैं. आप किसी सोशल साइट पर विवादित चीज नेट पर डालते हैं और उसको बाद में डिलीट कर देते हैं, तो जांच के दौरान उसे रिट्रीव किया जा सकता है. इसके टूल्स उपलब्ध हैं. इसलिए आप इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं, तो सावधान रहें. सतर्क रहें. संवेदनशील रहें. तभी आप साइबर अपराध से बच सकते हैं.
मुफ्त के ऑफर के चक्कर में न पड़ें – डीआइजी
डीआइजी ने विद्यार्थियों से कहा कि इंटरनेट पर आपको कई तरह के लुभावने ऑफर मिलते हैं. मुफ्त में पैसे देने की बात कही जाती है. इससे बचें. फ्री में आपको पैसे देने वाला कोई नहीं है. जॉब, इंटरनेनमेंट आदि का लिंक डाउनलोड मत कीजिए. सेटिंग को डिस्क्लोज करने से बचें. मोबाइल की प्राइवेट पॉलिसी को हमेशा चेक करते रहिए. अगर आप किसी वजह से साइबर फ्रॉड के शिकार हो जाते हैं, तो हेल्पलाइन नंबर 1930 पर तुरंत कॉल करें. cybercrime.gov.in पर शिकायत जरूर करें, चाहे साइबर फ्रॉड छोटा ही क्यों न हो.
- सीआइडी की साइबर टीम का सहयोग, विशेषज्ञों ने दी अहम जानकारी
- आप गूगल में सर्च कर रहे हैं, तो उसका भी फुट प्रिंट आप छोड़ रहे हैं
- सोशल साइट पर विवादित पोस्ट को डिलीट करते हैं, तो उसे रिट्रीव कर सकते हैं
‘साइबर क्राइम से बचाव का सबसे बड़ा हथियार जागरूकता’
डॉक्टर श्याम प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर प्रोफेसर तपन कुमार शांडिल्य ने स्वागत भाषण दिया. कहा कि साइबर अपराध से बचाव के लिए जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है. इसके लिए ‘नया विचार’ ने साइबर अपराध के खिलाफ जनआंदोलन शुरू किया है. नये आयामों के साथ अपराध की प्रकृति में बदलाव हुआ है. अपराधकर्मी तकनीकी तौर पर स्ट्रांग हुए हैं. इसी क्षमता का दुरुपयोग कर आमलोगों के साथ हर क्षेत्र को नुकसान पहुंचा रहे हैं.
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देश में बढ़ रहे हैं साइबर अपराध – डॉ तपन कुमार शांडिल्य
डॉक्टर प्रोफेसर तपन कुमार शांडिल्य ने कहा कि देश में साइबर अपराध बढ़ रहे हैं. अखबारों में साइबर क्राइम की समाचारें दिखती हैं. पुलिस साइबर अपराधियों को गिरफ्तार करती है, लेकिन जरूरत है, ऐसे अपराध पर रोक लगाने की. उन्होंने कहा कि साइबर अपराध की रोकथाम के लिए इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी अधिनियम 2000 में वर्ष 2008 में संशोधन किया गया. इसमें डिजिटल लेन-देन को विधिक पहचान मिली. अपराध पर सजा का प्रावधान भी किया गया. उन्होंने कहा कि झारखंड का जामताड़ा और बिहार का नालंदा साइबर अपराध के लिए कुख्यात है. कुलपति ने यह भी साझा किया कि कैसे उनके रिटायर्ड पिता साइबर अपराधियों के झांसे में आने से बच गये. उन्होंने कहा कि आये दिन उन्हें भी साइबर फ्रॉड फोन करते हैं, लेकिन सतर्कता के कारण वे उनके झांसे में नहीं आते.
कार्यक्रम में ये लोग भी हुए शामिल
कार्यक्रम का विषय प्रवेश नया विचार के ब्यूरो चीफ आनंद मोहन ने कराया. इस दौरान डीएसपीएमयू के प्रॉक्टर डॉ राजेश कुमार सिंह, प्रोफसर आइएन साहू, प्रोफेसर जेपी शर्मा, प्रोफेसर पियूष बाला, हनी कुमारी, शुभ्रा लकड़ा व पुष्प कुमारी मौजूद थीं. मंच संचालन सहायक प्रोफसर अनुप्रिया कुमारी ने किया.
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