High Court on Power Cut: आदिवासियों के महापर्व सरहुल के दिन झारखंड की राजधानी रांची में घंटों पावर कट पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जतायी है. साथ ही जेबीवीएनएल को निर्देश दिया है कि सरहुल की तरह रामनवमी के दिन रांची में बिजली कटौती नहीं होनी चाहिए. झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस दीपक रोशन की बेंच ने बृहस्पतिवार 3 अप्रैल को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (JBVNL) को पावर कट के लिए कड़ी फटकार लगायी. कोर्ट ने कहा कि अत्यधिक खराब मौसम और इमरजेंसी की स्थिति न हो, तो सरहुल की तरह रामनवमी के दिन पावर कट नहीं होनी चाहिए. इतना ही नहीं, कोर्ट ने राज्य प्रशासन से कहा है कि वह रामनवमी जुलूस के आयोजकों को बता दें कि निश्चित ऊंचाई से बड़े झंडे न निकालें. इस आदेश का सख्ती से पालन भी प्रशासन करवाये.
सरहुल के दिन 5 से 10 घंटे तक गुल रही थी बिजली
सरहुल के दिन राजधानी रांची में करीब 5 से 10 घंटे तक बिजली काट दी गयी थी. झारखंड हाईकोर्ट में इस मामले में एक जनहित याचिका दाखिल की गयी थी, जिस पर बृहस्पतिवार को चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली 2 सदस्यीय बेंच में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान एडवोकेट जनरल ने कोर्ट को बताया कि 1 अप्रैल 2025 को सरहुल के दिन रांची के अलग-अलग हिस्सों में 5 से 10 घंटे तक के लिए बिजली काटी गयी थी. एडवोकेट जनरल ने कहा कि दिन में 1 बजे से रात के 11 बजे के बीच बिजली कटौती की गयी.
गर्मी में बिजली कटौती से लोगों को होती है परेशानी
एडवोकेट जनरल की दलील सुनने के बाद चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि बिजली की सप्लाई आवश्यक सेवा है. गर्मी का मौसम आ गया है. ऐसे में जेबीवीएनएल की ओर से बिजली सप्लाई काटने की वजह से शहर के अधिकतर बुजुर्ग, बीमार और छोटे बच्चों के साथ-साथ परीक्षा देने वाले विद्यार्थी और गर्भवती स्त्रीओं को परेशानी होती है. इतना ही नहीं, व्यापारियों को भी इसकी वजह से नुकसान होता है. प्रशासनी और निजी अस्पतालों में मरीजों का इलाज प्रभावित होता है.
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एजी बोले- दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बिजली कटौती जरूरी
इससे पहले एडवोकेट जनरल ने कोर्ट के सामने दलील दी कि सरहुल के दिन बिजली की कटौती अनिवार्य थी, क्योंकि लोग बड़े-बड़े झंडे लेकर शोभायात्रा में शामिल होते हैं. इससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि वर्ष 2000 में सरहुल महोत्सव के दौरान ऐसी एक घटना हो चुकी है, जिसमें 29 लोगों की मौत हो गयी थी. एडवोकेट जनरल ने कोर्ट में कहा कि 6 अप्रैल 2025 को रामनवमी और 6 जुलाई 2025 को मुहर्रम के दिन भी ऐसे ही पावर कट की जरूरत होगी.
दुर्घटनाओं के डर से लोग यात्रा करना नहीं छोड़ते – झारखंड हाईकोर्ट
चीफ जस्टिस की बेंच ने कहा कि यात्रा के दौरान कई बार हादसे हो जाते हैं, जब लोग सड़क, ट्रेन या हवाई जहाज से यात्रा करते हैं. इसकी वजह से कोई यात्रा करना नहीं छोड़ दिया. इसलिए दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है. शोभायात्रा निकालने की अनुमति देने वाले प्रशासनी प्राधिकारों को झंडे की ऊंचाई तय करनी चाहिए, ताकि वे जेबीवीएनएल के द्वारा लगाये गये बिजली के तार के संपर्क में न आ सकें.
शोभायात्रा में झंडे की ऊंचाई तय करें – कोर्ट
हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि शोभायात्रा निकालने वालों को यह भी सूचित कर देना चाहिए कि एक निश्चित ऊंचाई से ज्यादा ऊंचे झंडे लेकर जाने की अनुमति नहीं दी जायेगी. चीफ जस्टिस ने कहा कि राज्य प्रशासन कानूनी एजेंसियों के द्वारा इसका अनुपालन सुनिश्चित कराये. कोर्ट ने कहा कि समय रहते आयोजकों को इसकी जानकारी दे दें और यह स्पष्ट कर दें कि उन्हें इसका पालन करना ही होगा.
9 अप्रैल 2025 को होगी केस की सुनवाई
चीफ जस्टिस की बेंच ने जेबीवीएनएल को निर्देश दिया कि जब तक बहुत जरूरी नहीं हो, तब तक 1 अप्रैल 2025 की तरह रामनवमी के दिन 6 अप्रैल 2025 को बिजली की कटौती नहीं करे. कोर्ट ने सभी पक्षों को 9 अप्रैल तक इस मामले में अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव ने केस की सुनवाई की अगली तारीख 9 अप्रैल 2025 मुकर्रर कर दी.
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