सीबीआइ ने चलाया ‘ऑपरेशन चक्र- 4’, कोलकाता, सिलीगुड़ी व दिल्ली में छापेसंवाददाता, कोलकाता साइबर अपराधियों के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने अपने ‘ऑपरेशन चक्र-4’ में अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़ किया है. अभियान के तहत केंद्रीय जांच एजेंसी ने कोलकाता, सिलीगुड़ी और नयी दिल्ली में छह जगहों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की. जिसमें अहम दस्तावेज व डिजिटल उपकरण जब्त किये गये हैं. अभियान के तहत गिरोह के मास्टरमाइंड माने जाने वाले राहुल साव को सिलीगुड़ी से गिरफ्तार किया गया. गिरोह पर ज्यादातर जर्मनी के नागरिकों से धोखाधड़ी करने का आरोप है. मामले की जांच में सीबीआइ ने जर्मनी की पुलिस व जांच एजेंसियों से भी समन्वय बनाया था. गिरोह के सदस्यों ने वर्ष 2021 से ही विदेशियों से ठगी थी. मामले में जर्मनी पुलिस ने भी सीबीआइ से जानकारियां साझा कीं. इस वर्ष 12 फरवरी को सीबीआइ ने राहुल साव, शुभम शर्मा, राजीव बुद्धिराजा और अन्य अज्ञात आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की. इन पर धोखाधड़ी, जालसाजी और साइबर अपराध के तहत शिकायत दर्ज की गयी है. वर्ष 2021-2022 के दौरान गिरोह ने जर्मनी के नागरिकों को निशाना बनाया. वे लोग कंप्यूटर की तकनीकी सहायता देने के नाम पर पीड़ितों के कंप्यूटर और बैंक अकाउंट्स का रिमोट एक्सेस ले लेते थे. फिर उन्हें झांसा देकर उनके बैंक अकाउंट हैक हो जाने की बात कह उन्हें डराकर उनसे रुपये क्रिप्टोकरेंसी के जरिये अपने वॉलेट में स्थानांतरित करा लेते थे. गिरोह ने विदेशियों से 5.75 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि क्रिप्टोकरेंसी के जरिये अपने वॉलेट में ट्रांसफर करायी है. सीबीआइ ने कोलकाता, सिलीगुड़ी और नयी दिल्ली में 14 से 17 फरवरी के अंतराल में करीब छह जगहों पर छापेमारी की. इस दौरान कई महत्वपूर्ण डिजिटल और दस्तावेजी सबूत जब्त किये गये. मुख्य आरोपी राहुल साव को सिलीगुड़ी से गिरफ्तार किया गया. उसे ट्रांजिट रिमांड पर नयी दिल्ली ले जाया गया, जहां उसे राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया जायेगा. जानकारी के अनुसार, उसके घर से सात मोबाइल फोन, एक लैपटॉप और कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किये गये हैं. गिरोह का संचालन बंगाल से : सीबीआइ को जांच में पता चला कि इस गिरोह का संचालन मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल से ही हो रहा था. सिलीगुड़ी के माटीगड़ा स्थित वेबेल आइटी पार्क में गिरोह ने फर्जी कॉल सेंटर खोल रखा था. सीबीआइ ने इस कॉल सेंटर को बंद करवा दिया है. कार्रवाई के दौरान 24 हार्ड डिस्क और अन्य डिजिटल सबूत जब्त किये गये हैं. केंद्रीय जांच एजेंसी अब गिरोह के अन्य सदस्यों और पैसों के नेटवर्क की जांच कर रही है. इस मामले में जर्मन एजेंसियों के अलावा इंटरपोल की भी सहायता ली जा रही है.
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