UP CYBER FRAUD: डिजिटल युग में जहां तकनीक ने जीवन को आसान बनाया है, वहीं साइबर अपराधों ने भी तेज़ी से अपने पैर पसारे हैं. हर दिन किसी न किसी व्यक्ति के साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी की समाचारें सामने आती हैं. कभी कोई बैंक फ्रॉड का शिकार होता है, तो किसी के सोशल मीडिया अकाउंट को हैक कर लिया जाता है. ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि अगर आप साइबर ठगी का शिकार हो जाएं तो तुरंत क्या करना चाहिए, और भविष्य में इससे कैसे बचा जा सकता है.
सबसे पहले क्या करें अगर आप साइबर ठग का शिकार हो गए हैं?
तुरंत संबंधित प्लेटफॉर्म को सूचित करें:
अगर आपके बैंक खाते से पैसे कट गए हैं, तो तुरंत अपने बैंक को कॉल कर लेन-देन को रद्द करने की कोशिश करें। इसी तरह, अगर आपका सोशल मीडिया अकाउंट हैक हो गया है, तो संबंधित प्लेटफॉर्म (जैसे Facebook, Instagram, आदि) पर जाकर अकाउंट रिकवरी प्रक्रिया शुरू करें.
साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें
हिंदुस्तान प्रशासन का साइबर क्राइम पोर्टल (https://cybercrime.gov.in) 24×7 खुला रहता है. यहां जाकर आप ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं. आप 1930 पर कॉल करके भी फाइनेंशियल फ्रॉड की रिपोर्ट कर सकते हैं.
नजदीकी साइबर सेल या पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराएं:
अगर आपने बड़ी राशि गंवाई है या मामला गंभीर है, तो तुरंत अपने नजदीकी साइबर क्राइम सेल या पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं. शिकायत करते समय सभी जरूरी दस्तावेज जैसे बैंक स्टेटमेंट, कॉल रिकॉर्डिंग, चैट आदि साथ रखें.
पासवर्ड और सिक्योरिटी सेटिंग्स तुरंत बदलें:
अगर आपके ईमेल, सोशल मीडिया या बैंकिंग ऐप का एक्सेस किसी और को मिला है, तो तुरंत पासवर्ड बदलें और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) चालू करें.
साइबर ठगी के सामान्य तरीके
फिशिंग (Phishing):
ईमेल या SMS के जरिए नकली लिंक भेजकर यूज़रनेम और पासवर्ड चुराने की कोशिश की जाती है.
वॉट्सऐप/सोशल मीडिया स्कैम:
कोई परिचित बनकर पैसे मांगता है या गिफ्ट कार्ड्स की रिक्वेस्ट करता है.
फर्जी कॉल्स:
कई बार खुद को बैंक अधिकारी बताकर OTP, CVV या कार्ड डिटेल्स पूछी जाती हैं.
फेक जॉब ऑफर्स और लॉटरी स्कैम:
लोगों को नौकरी या इनाम का झांसा देकर उनसे पैसे वसूले जाते हैं.
साइबर ठगों से बचने के लिए क्या सावधानियां बरतें?
किसी से भी OTP या पासवर्ड साझा न करें:
कोई भी बैंक या कंपनी कभी भी आपसे OTP या पासवर्ड नहीं मांगती. ऐसे कॉल्स को तुरंत काट दें.
अनजान लिंक या ईमेल पर क्लिक न करें:
अगर आपको कोई अनजाना मेल या मैसेज आता है जिसमें लिंक दिया गया है, तो उस पर क्लिक न करें.
टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) चालू करें:
अपने सभी ऑनलाइन अकाउंट्स में 2FA सेट करें ताकि एक्स्ट्रा सिक्योरिटी मिल सके.
सुरक्षित वेबसाइट्स और ऐप्स का ही उपयोग करें:
हमेशा https:// से शुरू होने वाली वेबसाइट्स पर ही लेन-देन करें. केवल ऑफिशियल ऐप्स का ही उपयोग करें.
पब्लिक वाई-फाई से बैंकिंग न करें:
पब्लिक नेटवर्क से संवेदनशील जानकारियों का आदान-प्रदान करना खतरनाक हो सकता है.
बैंक अलर्ट्स को चालू रखें:
अपने मोबाइल पर SMS और ईमेल अलर्ट्स एक्टिव रखें ताकि किसी भी लेन-देन की जानकारी तुरंत मिले.
बच्चों और बुजुर्गों को करें जागरूक
साइबर अपराधी अक्सर बच्चों और बुजुर्गों को आसान निशाना बनाते हैं. ऐसे में जरूरी है कि घर के सभी सदस्यों को साइबर सुरक्षा की जानकारी दी जाए. उन्हें बताया जाए कि किसी अजनबी से ऑनलाइन बातचीत या किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले सावधानी बरतें.
साइबर ठगी एक गंभीर अपराध है और इसका शिकार कोई भी हो सकता है. लेकिन थोड़ी सी सतर्कता और सही समय पर लिए गए कदम इस नुकसान को रोक सकते हैं या कम कर सकते हैं. अगर आप ठगी का शिकार हो जाएं तो घबराएं नहीं, तुरंत उचित कदम उठाएं और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए साइबर सुरक्षा को अपनाएं.
जरूरी नंबर:
साइबर हेल्पलाइन: 1930
ऑनलाइन शिकायत: www.cybercrime.gov.in
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