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सात साल से अटका है रिंग रोड का निर्माण

हजारीबाग. हजारीबाग रिंग रोड का निर्माण कार्य सात साल से अटका हुआ है. 16.432 किलोमीटर में से मात्र 1.98 किलोमीटर तक ही काम हो पाया है. इस महत्वाकांक्षी योजना के रुके होने की वजह से हजारीबाग का विकास प्रभावित हुआ है. काम में देरी की वजह से भारी वाहन शहर के बीच से आवागम करते है, जिससे सड़क हादसों की संख्या भी बढ़ी है. पिछले चार सालों में दो दर्जन से अधिक लोगों की मौत भारी वाहनों की चपेट में आने से हुई है. इस स्थिति में नागरिक सुरक्षा जैसी बुनियादी चिंता शहर वासियों में बढ़ रही है. साथ ही विकास परियोजनाओं की गति पर भी सवाल उठ रहे हैं.

क्या है योजना

हजारीबाग रिंग रोड की निर्माण प्रक्रिया वर्ष 2017-18 में शुरू हुई थी. राज्य प्रशासन हजारीबाग में 16.432 किलोमीटर रिंग रोड बनाने का निर्णय लिया. रिंग रोड एनएच 33 मासीपीढी से एनएच 100 मेरावल तक फोर लेन सड़क बनाने की योजना है. इसके लिए 17 गांवों की भूमि अधिग्रहण किया जाना है, जिसमें मासीपीढी, खपरियावां, सिरसी, डामोडीह, रेवाली, मसरातू, कदमा, कस्तूरीखाप, अलगडीहा, गदोखर, रोमी, अतिया, मंडईकला, मंडईखुर्द, नावाडीह, सलगावं, मेरावल गांव शामिल हैं. इस परियोजना में 1364 परिवारों की जमीन का अधिग्रहण किया जाना है. भूमि अधिग्रहण के लिए झारखंड राज्य राजमार्ग प्राधिकरण ने हजारीबाग भू अर्जन को 69 करोड़ रुपये उपलब्ध कराया है. इसके अलावा सड़क निर्माण के लिए झारखंड राज्य मार्ग प्राधिकरण ने पहले चरण के सड़क निर्माण के लिए 5.882 किलोमीटर सड़क के लिए 50.39 करोड़ रुपये की निविदा जारी की.

सात साल में मात्र 1.98 किलोमीटर का काम

पिछले सात साल में मासीपीढी से मसरातु के बीच 5.582 किलोमीटर सड़क में से मात्र 1.98 किलोमीटर का काम हो पाया है. यह कार्य बाखरीक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 18.9.2019 में शुरू किया गया था. इस सड़क को 17.3.2021 तक पूरा करना था, लेकिन रेवाली, डामोडीह, सिरसी, खपरियावां के कुछ हिस्सों में करीब 1.98 किलोमीटर तक ही काम हुआ, जिसके बाद संवेदक ने कार्य छोड़ दिया. तब से यह सड़क निर्माण का काम अधूरा है.

क्या है अड़चन

17 गांवों में से मात्र पांच गांवों की ही जमीन रिंग रोड के लिए अधिग्रहित हो पायी है, जिनमें मासीपीढी, खपरियावां, डामोडीह, रेवाली गांव शामिल हैं. इसके अलावा सिरसी गांव की जीएम जमीन भी इसमें शामिल है. झारखंड राज्य राजमार्ग प्राधिकरण से हजारीबाग भू अर्जन कार्यालय को 59 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण के लिए मिले थे. भू अर्जन कार्यालय ने रैयतों के बीच 46 करोड़ रुपये मुआवजे के रूप में वितरित किये, जिसमें 1.839 किलोमीटर जमीन आती है. इसके अलावा 19 रैयतों ने मुआवजा राशि को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है.

सड़क दुर्घटना में बढ़ोतरी

अधूरे रिंग रोड की वजह से हजारीबाग शहर के बीचो-बीच भारी वाहन गुजरते हैं, जिससे पिछले चार सालों में दो दर्जन से अधिक लोगों की मौत हुई है.

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विनोद झा
संपादक नया विचार

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