संवाददाता, पटना सीट शेयरिंग के बाद एनडीए में सीटों की संख्या को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लग गया है. सीटों के मोलभाव में लोजपा आर के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने बाजी मार ली है. वहीं, बीते विधानसभा चुनाव 2020 की तुलना में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा की एक सीट कम कर दी गयी है. नाराजगी के बीच उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोमो को छह सीटों पर ही सीमित रखा गया है. अंदरखाने से समाचार है कि उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोमो और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के एक-दो प्रत्याशी को भाजपा अपने सिंबल पर चुनाव लड़वा सकती है. विधान परिषद की एक सीट देने की भी सूचना है. एनडीए के तहत लगातार दूसरी बार हम पार्टी चुनाव लड़ेगी, जबकि नयी पार्टी के रूप में रालोमो और लोजपा आर पहली बार एनडीए के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. 21 से सात और सात से छह सीट पर आयी हम हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा बीते विधानसभा चुनाव में भी एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ी थी. उस दौरान हम को सात सीटें मिली थीं. इसमें हम ने चार सीटों पर जीत दर्ज की थी. हम पार्टी बीते विधानसभा चुनाव में इमामगंज, टेकारी, बाराचट्टी, कस्बा, सिकंदरा, कुटुंबा, मखदुमपुर से चुनाव लड़ी थी. इमामगंज, टेकारी, बाराचट्टी और सिकंदरा में हम पार्टी को जीत मिली थी. 2015 के विधानसभा चुनाव में भी हम एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ी थी. पिछले चुनाव में अकेले लड़े थे चिराग बीते विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान की पार्टी लोजपा आर 137 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ी थी. इसमें सिर्फ एक सीट लोजपा आर ने जीत दर्ज की थी. इसके पहले 2015 के विधानसभा चुनाव में लोजपा ने एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. उस दौरान जदयू, राजद, कांग्रेस और वामपंथी दल एक साथ मिलकर चुनाव लड़े थे.
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