बेतिया. जिले में बेखौफ अपराधियों के हौसले बुलंद दिख रहे हैं. शिकारपुर थाना के मलदहिया में अपहृत किशोर के हत्या का मामला अभी थमा भी नहीं था कि बरवत पसराइन में शुक्रवार की सुबह-सुबह चली गोलियों की तड़तड़ाहट ने न सिर्फ पुलिस को नींद से जगा दिया, बल्कि बेचैनी भी बढ़ा दी. घटनास्थल से लेकर अस्पताल तक पुलिस की दौड़ शुरू हो गई. लेकिन अपराधी देर शाम तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सके. यूं कहें कि पुलिस के इंटेलीजेंस, मुखबिरी तंत्र, सुरक्षा व्यवस्था, रात्रि व दिवागश्ती समेत तमाम तामझाम को धता बताते हुए गुम हो गये. हालांकि पुलिस अब अपराधियों के संभावित ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर दी है. दावा है कि जल्द ही सभी की गिरफ्तारी होगी. इधर, गोलीकांड के शिकार हुए शहर के बरवत पसराईन निवासी सुरेश यादव को मोतिहारी में इलाज जारी है. पुलिस की माने तो डॉक्टरों ने उन्हें खतरे से बाहर बताया है. हालांकि सुरेश के शुभचिंतकों व ग्रामीणों की भीड़ जीएमसीएच परिसर में मौजूद रही. घटना को लेकर लोगों में काफी गुस्सा दिखा. फिलहाल इस मामले में मुफस्सिल थाने में प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी चल रही है. अस्पताल में मौजूद जख्मी सुरेश के बेटे बुलेट यादव ने अपने पिता के दो पूर्व सहयोगियों पर जानलेवा हमले व गोली मारने का आरोप लगाया है. कहा है कि जमीन कारोबार का पैसा गबन करने की नीयत से उसके पिता को गोली मारी गई है. वहीं पुलिस का कहना है कि वह इस मामले में सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है. जख्मी सुरेश यादव का भी बयान लेने का प्रयास किया जा रहा है. घटनास्थल के समीप के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं. पुलिस का दावा है कि इस मामले में शामिल अपराधियों की जल्द गिरफ्तारी की जाएगी. पांच को है बिटिया की शादी, तैयारी में जुटा था परिवार ग्रामीणों ने बताया कि पांच मई को सुरेश यादव की बिटिया सुषमा कुमारी की शादी है. दरवाजे पर बारात आने वाली है. इसको लेकर पूरे परिवार की शादी की तैयारियों में जुटा था. खुद सुरेश अपने सगे संबंधियों के यहां शादी कार्ड पहुंचाने में व्यस्त थे. शुक्रवार की सुबह भी वह घर से तैयार होकर शादी का कार्ड बांटने जा रहे थे. किसी कार्यवश वृद्धा आश्रम के समीप गये थे, जहां अपराधियों ने उनपर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी और मौके से फरार हो गये. एक्स-रे में विलंब होने पर ग्रामीणों का हंगामा शुक्रवार की सुबह घटना के बाद से जीएमसीएच में ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी. इसी दौरान एक्स-रे में विलंब होने पर ग्रामीणों ने अस्पताल परिसर में हंगामा शुरू कर दिया. स्थिति को देखते ही अस्पताल के वरीय पदाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी मौके पर पहुंच गये और समझा बुझाकर लोगों को शांत कराया. इसके बाद सुरेश की हालत गंभीर देखते हुए चिकित्सकों ने उन्हें पटना रेफर कर दिया. हालांकि परिजन उन्हें मोतिहारी के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराये हैं.
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