New Railway Line: पटना. सुल्तानगंज से बांका नई रेल लाइन का निर्माण, जो कि अटल बिहारी वाजपेयी प्रशासन द्वारा 2000-2001 में स्वीकृत किया गया था, अब मोदी प्रशासन के तहत फिर से शुरू होने जा रहा है. यह परियोजना लगभग 20 वर्षों तक ठप रही थी, लेकिन हाल ही में भू-अर्जन निदेशालय ने इस परियोजना के लिए आवश्यक भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को फिर से शुरू करने का निर्देश दिया है. सुल्तानगंज से बांका नई रेल लाइन का निर्माण एक महत्वपूर्ण विकासात्मक कदम है जो पिछले दो दशकों की लंबी प्रतीक्षा के बाद अब वास्तविकता बनने जा रहा है.
59 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का होना है निर्माण
इस रेल लाइन का उद्देश्य सुल्तानगंज से बांका होते हुए देवघर तक ट्रेन सेवा प्रदान करना है. यह मार्ग विशेष रूप से श्रावणी मेले के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए महत्वपूर्ण है. पहले इस परियोजना के लिए 290 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई थी और इसके अंतर्गत लगभग 59 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाने की योजना थी. भू-अर्जन प्रक्रिया में कई बाधाएं आई थीं, जिनमें भूमि मूल्य वृद्धि और कुछ रैयतों को मुआवजा न मिलना शामिल था. हालांकि, अब नए सिरे से भू-अर्जन कार्य शुरू किया जाएगा, जिसमें भागलपुर और बांका जिलों में आवश्यक भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा.
परियोजना पर खर्च होंगे 290 करोड़
इस परियोजना पर कुल लागत लगभग 290 करोड़ रुपये होने का अनुमान है. रेलवे मंत्रालय ने पहले ही इस परियोजना के लिए कुछ धनराशि जारी कर दी थी, लेकिन पिछले दो दशकों में इसे पूरा नहीं किया जा सका था. अब एक बार फिर इस पर ध्यान दिया जा रहा है और उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इसका निर्माण कार्य प्रारंभ होगा. इस रेल लाइन के निर्माण से न केवल यात्रा सुगम होगी, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे. इससे क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलेगा और श्रद्धालुओं को देवघर जाने में आसानी होगी.
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