पायलट प्रोजेक्ट के रूप में पटना, मुजफ्फरपुर और बक्सर जेल में होगी इसकी शुरुआत संवाददाता, पटना राज्य के जेलों में बंद कैदियों को कंप्यूटर की ट्रेनिंग दी जाएगी.फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसकी शुरुआत पटना के बेऊर जेल, मुजफ्फरपुर के शहीद खुदीराम बोस और बक्सर सेंट्रल जेल में होगी.इन तीन जेल के 116 बंदियों को इस कार्यक्रम में शामिल किया गया है. बुधवार को इस कार्यक्रम की शुरुआत गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद चौधरी ने की.पटना के बेऊर केंद्रीय कारा में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि यह पहल बंदियों के पुनर्वास में सहायक होगी.अपराध की पुनरावृत्ति को भी कम करेगी.कारा में पहले से बंद जो कैदी कंप्यूटर में दक्ष हैं, उनका उपयोग प्रशिक्षण देने में किया जाएगा.मौके पर कारा महानिरीक्षक प्रणव कुमार ने कहा कि विभाग के लिए बंदियों का कौशल विकास और प्रशिक्षण सर्वोच्च प्रथामिकता है. यह कार्यक्रम कैदियों को समाज की मुख्य धारा में वापस लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा. नाइलेट के माध्यम से दिया जाएगा प्रशिक्षण : राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (नाइलेट) के माध्यम से कंप्यूटर कॉन्सेप्ट और डिजिटल लिट्रेसी का यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कराया जा रहा है.संस्थान के कार्यकारी निदेशक नितिन पुरी ने आश्वासन दिया कि संस्थान बंदियों के कौशल उन्नयन में अपनी पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ काम करेगी.इस कार्यक्रम का लक्ष्य तकनीकी शिक्षा के माध्यम से कैदियों को आत्मनिर्भर बनाना है.इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए राज्य प्रशासन ने 2.25 करोड़ का निवेश किया है. इसके तहत राज्य की 41 काराओं में आधुनिक कंप्यूटर लैब स्थापित किये जा रहे हैं. इन लैब के लिए 250 कंप्यूटर सिस्टम, 250 यूपीएस यूनिट और 250 कंप्यूटर टेबल स्थापित किये गये हैं.
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