संवाददाता, पटना
राज्यभर में श्रम अधिकारी बाल श्रम उन्मूलन के लिए गांव में चौपाल लगायेंगे. इसमें बाल श्रम कानून की सख्ती के संबंध में लोगों को जानकारी दी जायेगी. विभाग 14 साल से कम उम्र के बच्चों से काम कराने वालों पर सख्ती से कार्रवाई कर रहा है. इसके बावजूद ईंट भट्ठा सहित होटल, ढाबा और घरों में बच्चों से काम कराया जा रहा है. इस कारण श्रम संसाधन विभाग ने चौपाल लगाने का निर्णय लिया है.
बाल श्रमिक को रेस्क्यू करके जब घर पहुंचा दिया जाता है, तो उसके बाद भी शिशु दोबारा से किसी ना किसी तरह से वहीं पहुंच जाते हैं. गया से जयपुर पहुंचा एक बाल श्रमिक को घर पहुंचाया गया, लेकिन दोबारा से बाद में जयपुर पहुंच कर उसी कारखाने में काम करने लगा. इसके बाद विभाग खुद से उसका नामांकन प्रशासनी स्कूल में कराया और उसके बिहार प्रशासन की योजना से जोड़ा.
बच्चों से काम कराने वाले दुकानों का होगा बहिष्कार
विभाग चौपाल के माध्यम से लोगों को यह समझायेगी कि ऐसे सभी दुकानों और प्रतिष्ठानों का बहिष्कार करें, जहां बच्चों से काम कराया जाता है. उन दुकानों से कोई सामान की खरीद नहीं करें.साथ ही, उसके बारे में विभाग के हर जानकारी भेजें, ताकि उनपर कार्रवाई हो सके.स्कूली बच्चों को भी चौपाल से जोड़ा जायेगा और लोगों से अपील भी की जायेगी कि बच्चों से घरों में काम नहीं कराएं.
बिहार के बाहर से 2976 बच्चों को छुड़ाया गया
विभागीय आंकड़ों के मुताबिक पिछले 11 वर्षों में 2976 बाल श्रमिकों को दूसरे राज्यों से भी रेस्क्यू किया गय है. इस रेस्क्यू में सबसे अधिक शिशु हैदराबाद, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान एवं एमपी के विभिन्न कारखानों में काम कर रहे थे, जिन्हें छुड़ाने के बाद उनके घरों तक पहुंचाया गया है. वहीं, सैंकड़ों बच्चों को शिक्षा से भी जोड़ा गया है. इसके बाद शिशु बिहार प्रशासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेकर पढ़ाई कर रहे हैं.
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