Hot News

सोशल मीडिया पर बच्चों के अकाउंट होंगे बैन ? रोज 6 घंटे से ज्यादा खर्च कर देते हैं अपना समय

Social Media Ban for Children : सुप्रीम कोर्ट ने बच्चों के सोशल मीडिया इस्तेमाल पर प्रतिबंध संबंधी याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है. इससे पहले लोगों के जेहन में सवाल आ रहा था कि क्या  सोशल मीडिया पर बच्चों के अकाउंट बैन कर दिए जाएंगे ? लेकिन इस सवाल का जवाब है नहीं. याचिका में कहा गया कि  9-17 वर्ष की आयु के 17 प्रतिशत शिशु रोजाना छह घंटे से ज्यादा या तो सोशल मीडिया या गेमिंग प्लेटफार्म पर अपना समय बिताते हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने 13 साल से कम उम्र के बच्चों के सोशल मीडिया इस्तेमाल पर बैन लगाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है. इससे यह साफ हो गया है कि बच्चों के अकाउंट जारी रहेंगे. जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने मामले की सुनवाई की. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह नीतिगत मामला है. आप संसद से कानून बनाने के लिए कह सकते हैं. यह हमारे दायरे से बाहर की चीज है.

याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

याचिका में बच्चों पर सोशल मीडिया के गंभीर शारीरिक, मानसिक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव का उल्लेख किया गया था. साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफार्म तक बच्चों की पहुंच को कंट्रोल करने के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम जैसी मजबूत एज वेरिफिकेशन सिस्टम शुरू करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया. पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील से कहा, ‘‘यह नीतिगत मामला है. आप संसद से कानून बनाने के लिए कहें.’’ आगे पीठ ने कहा, ‘‘इसलिए हम याचिकाकर्ता को प्रतिवादी प्राधिकारी के समक्ष अपना पक्ष रखने की छूट देते हुए याचिका का निपटारा करते हैं.’’ ‘जेप फांउंडेशन’ द्वारा दायर याचिका दायर की गई. 

यह भी पढ़ें : Waqf Bill: सुप्रीम कोर्ट पहुंचा वक्फ विधेयक, ओवैसी समेत कांग्रेस नेता ने दी चुनौती, RJD भी दायर कर सकता है याचिका

कितना समय सोशल मीडिया पर बिताते हैं शिशु

याचिका में कहा गया है कि हिंदुस्तान में बच्चों में अवसाद, चिंता, खुद को नुकसान पहुंचाने की प्रवृत्ति और आत्महत्या की दर में खतरनाक वृद्धि देखी जा रही है. इसका कारण ज्यादा सोशल मीडिया का यूज करना है. याचिका में कहा गया है, ‘‘स्टडी से यह स्पष्ट है कि सोशल मीडिया के ज्यादा संपर्क में रहने वाले नाबालिग अत्यधिक मनोवैज्ञानिक संकट, सामाजिक अलगाव, लत लगने से पीड़ित हैं.’’ याचिका के अनुसार, देश की लगभग 30 प्रतिशत आबादी में चार से 18 वर्ष की आयु के शिशु शामिल हैं. याचिका में महाराष्ट्र की रिपोर्ट का हवाला दिया गया, जिसमें बताया गया कि 9-17 वर्ष की आयु के 17 प्रतिशत शिशु रोजाना छह घंटे से अधिक या तो सोशल मीडिया या गेमिंग प्लेटफार्म पर अपना समय बिताते हैं.

ऑस्ट्रेलिया में बच्चों के सोशल मीडिया पर बैन

ऑस्ट्रेलिया में 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया बैन है. इस संबंध में बिल नवंबर, 2024 में संसद से पारित हुआ था. पक्ष और विपक्ष दोनों ने इस बिल का समर्थन किया था जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया ऐसा बिल पारित करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया.

The post सोशल मीडिया पर बच्चों के अकाउंट होंगे बैन ? रोज 6 घंटे से ज्यादा खर्च कर देते हैं अपना समय appeared first on Naya Vichar.

Spread the love

विनोद झा
संपादक नया विचार

You have been successfully Subscribed! Ops! Something went wrong, please try again.

About Us

नयाविचार एक आधुनिक न्यूज़ पोर्टल है, जो निष्पक्ष, सटीक और प्रासंगिक समाचारों को प्रस्तुत करने के लिए समर्पित है। यहां राजनीति, अर्थव्यवस्था, समाज, तकनीक, शिक्षा और मनोरंजन से जुड़ी हर महत्वपूर्ण खबर को विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत किया जाता है। नयाविचार का उद्देश्य पाठकों को विश्वसनीय और गहन जानकारी प्रदान करना है, जिससे वे सही निर्णय ले सकें और समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकें।

Quick Links

Who Are We

Our Mission

Awards

Experience

Success Story

© 2025 Developed By Socify

Scroll to Top