Privatization In India: समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जोर देकर कहा कि इंडिया गठबंधन पूरी मजबूती के साथ एकजुट है. उन्होंने कहा कि 2024 के बाद अब राज्यों के विधानसभा चुनाव भी मिलकर लड़े जाएंगे। सीटों के बंटवारे को लेकर समय आने पर सभी घटक दल आपसी सहमति से निर्णय लेंगे. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि समाजवादी पार्टी किसी सांसद के व्यक्तिगत बयान, ट्वीट या सोशल मीडिया पोस्ट पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं देती. उनका यह बयान उन अफवाहों पर विराम है, जिसमें गठबंधन में फूट की बात की जा रही थी.
BJP के एजेंडे में न रोजगार, न कारोबार: जनता को मिल रहा धोखा
अखिलेश यादव ने भाजपा प्रशासन की नीतियों पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि मौजूदा केंद्र प्रशासन के एजेंडे में रोजगार, नौकरी और छोटे व्यापारियों की भलाई जैसी मूलभूत बातें शामिल ही नहीं हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने देश की वित्तीय स्थिति को केवल पूंजीपतियों के हवाले कर दिया है. आज महंगाई आसमान छू रही है और बेरोजगारी ऐतिहासिक स्तर पर है. उन्होंने कहा कि जो लोग स्वदेशी और राष्ट्रवाद की बात करते हैं, वही लोग विदेशी कंपनियों को देश की जड़ों में बिठा रहे हैं. एफडीआई और वैश्विक नीतियों के नाम पर घरेलू व्यापार चौपट कर दिया गया है.
शिक्षा और बिजली जैसे मूलभूत मुद्दों की अनदेखी: हालात दिन-ब-दिन बदतर
प्रदेश की योगी प्रशासन पर निशाना साधते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि न तो बिजली उत्पादन में कोई ठोस कार्य हुआ है और न ही वितरण प्रणाली को सुधारा गया है. गांवों में आज भी घंटों की कटौती आम है. शिक्षा व्यवस्था की हालत तो और भी चिंताजनक है. प्रशासनी प्राइमरी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति घटती जा रही है क्योंकि शिक्षा की गुणवत्ता लगातार गिर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेता अब प्रशासनी इंटर कॉलेजों की जमीनों पर भी कब्जा करना चाहते हैं, जिससे शिक्षा का ढांचा और कमजोर होगा.
नमामि गंगे में हजारों करोड़ खर्च, फिर भी गंगा मैली क्यों?
अखिलेश यादव ने केंद्र प्रशासन की नमामि गंगे परियोजना की सख्त आलोचना करते हुए कहा कि इस योजना में हजारों करोड़ रुपये खर्च किए गए, लेकिन गंगा की सफाई आज तक पूरी नहीं हो सकी. उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के नाम पर जनता की आंखों में धूल झोंकी जा रही है. साथ ही उन्होंने भाजपा प्रशासन पर किसानों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि गेहूं की प्रशासनी खरीद का लक्ष्य तक प्रशासन पूरा नहीं कर पाई—कुल खरीद 20% से भी कम रही. समाजवादी प्रशासन में शुरू हुआ कन्नौज का पहला काऊ मिल्क प्लांट अब पूरी तरह बंद कर दिया गया है, जो किसानों के लिए एक बड़ा झटका है.
पिछड़े और अल्पसंख्यक समाजों को न्याय नहीं: पटेल, पाल और बुनकर उपेक्षित
अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में समाजिक न्याय के नाम पर केवल दिखावा हो रहा है. बदायूं में पटेल समाज के साथ जो अन्याय हुआ, वह दुर्भाग्यपूर्ण है. इसी प्रकार प्रयागराज में पाल समाज की बेटी के साथ न्याय नहीं हुआ. प्रशासन ने बुनकरों की दशा सुधारने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. समाजवादी पार्टी के शासनकाल में बुनकरों को आधुनिक मशीनें और प्रशिक्षण दिया गया था, लेकिन भाजपा ने इस प्रक्रिया को रोककर उनकी आजीविका पर प्रहार किया है.
विमान हादसे पर प्रशासन की चुप्पी शर्मनाक, इस्तीफे की उठी मांग
अहमदाबाद में हाल ही में हुए विमान हादसे को लेकर अखिलेश यादव ने प्रशासन पर सीधा सवाल उठाया और कहा कि यह दुर्घटना बेहद गंभीर है और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों और विभागीय मंत्रियों से अब तक कोई जवाबदेही तय नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि हमने पुलवामा या पहलगाम जैसी बड़ी घटनाओं में भी प्रशासन से इस्तीफे की मांग नहीं की थी, लेकिन अब जब विभागों का निजीकरण हो चुका है और हादसों की संख्या बढ़ती जा रही है, तो प्रशासन की जवाबदेही तय होनी चाहिए. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अयोग्य लोगों को चहेते होने के कारण ऊंचे पदों पर बैठाया जा रहा है, जिससे देश की सुरक्षा और सेवाएं दोनों खतरे में हैं.
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