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हद है, वन विभाग से अब तक नहीं हटा रोक, आधी क्षमता से ही शुरू होगा भागलपुर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट

भागलपुर : सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाकर तैयार करने का डेडलाइन जुलाई से अगस्त के बीच तय किया गया है. ट्रायल रन शुरू करने की तैयारी चल रही है लेकिन, यह पूरी क्षमता के साथ चालू नहीं हो सकेगा. इसका निर्माण 45 एमएलडी की क्षमता को ध्यान में रखकर में किया तो जा रहा है लेकिन, यह चालू 25 एमएलडीटी की क्षमता से होगा. दरअसल, बूढ़ानाथ से बरारी के बीच पांच पंपिंग स्टेशन के निर्माण कार्य पर से रोक अबतक नहीं हटा है और न ही इसका निर्माण कार्य शुरू हो सका है. वन विभाग ने डॉलफिन इको सेंसेटिव जोन का हवाला देकर रोक लगा दी थी. अब तक एनओसी नहीं मिला है. इसकी वजह से 10 पंपिंग स्टेशनों की जगह पर पांच पंपिंग स्टेशन से ही प्लांट शुरू होगा. इसमें भी अभी तीन पंपिंग स्टेशन ही बन सका है. 02 पंपिंग स्टेशन बनने में और दो महीने का समय लगेगा.

413 करोड़ की लागत से बन रहा है प्रोजेक्ट 

यह प्रोजेक्ट लगभग 413 करोड़ राशि की है. फंड की कोई अड़चन नहीं है. यह सिर्फ काम कम बहानेबाजी की वजह से तय समय से सालों पीछे चल रहा है. बीते दिनों डीएम ने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया है, तो इसके कार्य प्रगति में तेजी आयी है. वहीं, ट्रायल रन शुरू करने का निर्देश बुडको को मिला है, तो इसकी तैयारी की जा रही है. अन्यथा, यह प्रोजेक्ट स्लो ट्रैक पर चला गया था. अब इसके बन जाने से भले ही क्षमता आधी रहेगी, शहर में पानी की बर्बादी रुकेगी. अभी जो पानी बर्बाद हो रहा है, वह फिर से इस्तेमाल में आ सकेगा. इस पानी का इस्तेमाल सिंचाई या औद्योगिक कामों में भी किया जा सकेगा. मीठे पानी के संसाधनों का संरक्षण होगा.

वन विभाग से मिलेगा एनओसी तो बनेगा पांच पंपिंग स्टेशन

वन विभाग से जब एनओसी मिलेगा, तो बाकी के पांच पंपिंग स्टेशन का निर्माण कराया जायेगा. लेकिन, इसकी अभी उम्मीद कम है. क्योंकि, यह पूरी तरह से कागजी प्रक्रिया के पेच में फंसी है. पंपिंग स्टेशन एक से पांच तक का काम शुरू नहीं हुआ है. हालांकि, बुडको ही नहीं, अब जिला प्रशासन भी एनओसी दिलाने की कोशिश में जुट गयी है. इधर, जब बाकी के पांचों पंपिंग स्टेशन बनेगा, तो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता बढ़कर 45 एमएलडी हो जायेगी.

गंगा में गिरने वाले नाले के मुहाने को मोड़ा जायेगा

शहरी क्षेत्र के छोटे-बड़े नालों का पानी गंगा में सीधे प्रवाहित होता है. गंगा में गिरने वाले नाले के मुहाने को मोड़ा जायेगा. इन नालों को पंपिंग स्टेशन में पहुंचाने की योजना है लेकिन, छह से 10 नंबर तक पंपिंग स्टेशन से ही यह काम किया जायेगा. इन पंपिंग स्टेशन के सहारे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक पानी पहुंचाया जायेगा. शहर के 43 नाले का पानी प्लांट तक पहुंचाने की योजना है लेकिन, पांच पंपिंग स्टेशन के ही बनने से सभी नालियां जुड़ नहीं सकेगी.

इस तरह करेगा पंपिंग स्टेशन काम

पंपिंग स्टेशन के सहारे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक पानी पहुंचेगा. पंपिंग स्टेशन पर जेनरेटर की सुविधा रहेगी. वहीं इलेक्ट्रो मैकेनिकल आनलाइन पैनल लगा रहेगा, जिससे नाले से मिलने वाले पानी और प्लांट तक पानी पहुंचाने का आटोमैटिक सिस्टम से रिकार्ड मिलता रहेगा.

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कोट

वन विभाग से एनओसी के लिए कोशिश की जा रही है. जब एनओसी मिल जायेगा, तो बाकी के पांच पंपिंग स्टेशन का निर्माण होगा. तत्काल 05 पंपिंग स्टेशन को लेकर ही प्लांट चालू करने का टारगेट है और इसके लिए ट्रायल रन शुरू करने की तैयारी चल रही है. (अखिलेश प्रसाद, कार्यपालक अभियंता, बुडको, भागलपुर)

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विनोद झा
संपादक नया विचार

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