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January 5, 2025

बिहार, राजनीति

नीतीश कुमार को लेकर बिहार में फिर से क्यों है हलचल, क्या करवट बदलेगी राजनीति

  नया विचार – कहा जाता है कि नेतृत्व में कुछ भी बेवजह नहीं होता है. संभव है कि वजह बाद में पता चले. बिहार में नीतीश कुमार कुछ भी करने वाले होते हैं तो उसके संकेत पहले से ही मिलने लगते हैं. कई बार लगता है कि ये तो सामान्य बात है लेकिन कुछ महीने बाद ही असामान्य हो जाती है. नीतीश कुमार की एक तस्वीर पर ख़ूब बात हो रही है. इस तस्वीर में नीतीश कुमार ने हँसते हुए तेजस्वी यादव के कंधे पर हाथ रखा है और तेजस्वी हाथ जोड़कर थोड़ा झुक कर हँस रहे हैं. हालांकि यह एक प्रशासनी कार्यक्रम की तस्वीर है. जहां पक्ष और विपक्ष का आना एक औपचारिक रस्म होता है. लेकिन कई बार औपचारिक रस्म में ही अनौपचारिक चीज़ें हो जाती हैं. दरअसल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान राज्यपाल की शपथ ले रहे थे और इसी कार्यक्रम में नीतीश कुमार भी मौजूद थे और बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी. दोनों नेताओं की यह तस्वीर आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के उस बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने एक चैनल के कार्यक्रम में कहा था कि नीतीश कुमार के लिए उनके दरवाज़े खुले हुए हैं. बिहार में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने हैं और राज्य के सियासी गलियारों में पिछले कुछ दिनों से नीतीश कुमार को लेकर लगातर अटकलें लगाई जा रही हैं. इन अटकलों को नीतीश की चुप्पी ने भी हवा दी है. लालू के इस बयान के बाद बिहार में कांग्रेस के नेता शकील अहमद ख़ान ने भी कहा, “गांधीवादी विचारधारा में विश्वास करने वाले लोग गोडसेवादियों से अलग हो जाएंगे, सब साथ हैं, नीतीश जी तो गांधीजी के सात उपदेश अपने टेबल पर रखते हैं.” क़रीब एक साल पहले ही नीतीश कुमार ने बिहार में महागठबंधन का साथ छोड़ा था और वापस एनडीए में चले गए थे. वो अगस्त 2022 में दोबारा बिहार में महागठबंधन से जुड़े थे. गुरुवार को जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पत्रकारों ने इस मुद्दे पर सवाल किया तो वो ख़ामोश दिखे, लेकिन राज्य के नए राज्यपाल ने पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा, “आज शपथ ग्रहण का दिन है, नेतृत्वक सवाल मत पूछिए.” हालांकि जेडीयू के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने लालू के बयान से किनारा करते हुए कहा, “छोड़िए न… लालू जी क्या बोलते हैं, क्या नहीं बोलते हैं ये लालू जी से जाकर पूछिए हमलोग एनडीए में हैं और मज़बूती से एनडीए में हैं.” हालांकि ललन सिंह का यह कहना बहुत मायने नहीं रखता है क्योंकि नीतीश कुमार ने तो यहां तक कहा था कि मिट्टी में मिल जाऊंगा लेकिन फिर से बीजेपी के साथ नहीं जाऊंगा. क्या नीतीश फिर पाला बदल सकते हैं ? बिहार में बीजेपी के नेता कई बार इस तरह का बयान देते हैं कि वो राज्य में अपना मुख्यमंत्री और अपनी प्रशासन चाहते हैं. पिछले दिनों बीजेपी विधायक और राज्य प्रशासन में उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के मौक़े पर कहा था कि अटल जी को सच्ची श्रद्धांजलि तब होगी जब राज्य में बीजेपी का अपना मुख्यमंत्री होगा. हालांकि बाद में वो अपने बयान से पलटते नज़र आए और एक बयान जारी कर नीतीश कुमार को बिहार में एनडीए का चेहरा बताया. हाल के समय में देशभर में कई क्षेत्रीय दलों में टूट हुई है, जिनमें महाराष्ट्र की शिव सेना और एनसीपी जैसे दल भी शामिल हैं. बिहार में रामविलास पासवान के निधन के बाद उनकी पार्टी एलजेपी के भी दो टुकड़े हो गए, जिसके लिए चिराग पासवान ने बीजेपी के प्रति नाराज़गी भी जताई थी. इसके अलावा ओडिशा में बीजू जनता दल जैसी ताक़तवर क्षेत्रीय पार्टी भी बीजेपी से हार गई. क्षेत्रीय पार्टियों के कमज़ोर पड़ने का सीधा फायदा बीजेपी को हो रहा है. ऐसे में क्या नीतीश के मन में भी बीजेपी का डर है? वरिष्ठ पत्रकार कहते हैं, “डर बड़े-बड़े नेताओं को होता है तो नीतीश कुमार को क्यों नहीं होगा. इसलिए नीतीश कुमार दो तरह से स्पोर्ट्स रहे हैं. वो बीजेपी के साथ हैं और तेजस्वी के कंधे पर हाथ रखकर संकेत दे रहे हैं कि हालात बदले तो वो आरजेडी के साथ भी आ सकते हैं.” वरिष्ठ पत्रकार मानते हैं कि अगर नीतीश को कभी बिहार की सत्ता किसी और को सौंपनी पड़े तो उनकी पार्टी में कोई नेता नहीं है और वो बिहार के मौजूदा नेताओं को यहां की सत्ता नहीं सौंपेंगे, ऐसी स्थिति में उनके लिए तेजस्वी यादव ज़्यादा सही हैं. हालांकि वरिष्ठ पत्रकार बिहार की मौजूदा सियासत को कुछ अलग नज़रिए से देखते हैं. उनका कहना है, “नीतीश नेतृत्वक तौर पर मज़बूत हैं, इसलिए उनकी चर्चा होती रहती है. अलग बीजेपी ने नीतीश की पार्टी तोड़ी तो भी उनका वोट नहीं तोड़ पाएंगे. नीतीश के भरोसे ही केंद्र की प्रशासन चल रही है तो बीजेपी ऐसा क्यों करेगी.” उनका मानना है कि बिहार और महाराष्ट्र जैसे राज्य में बहुत फ़र्क़ है. नीतीश कुमार सियासी तौर पर बहुत अनुभवि नेता हैं, जो हर चाल को पहले ही भांप लेते हैं. वो कहते हैं, ” नीतीश अगर आरजेडी के साथ जाते हैं तो भी वो ज़्यादा से ज़्यादा सीएम ही रहेंगे, पीएम नहीं बन जाएंगे. हो सकता है कि नीतीश कुमार बीजेपी पर दबाव बना रहे हों कि वो 122 विधानसभा सीटें चाहते हैं, बाक़ी सीटें बीजेपी अपने सहयोगियों के साथ बांटे.” बिहार में कैसे शुरू हुईं अटकलें बिहार में विधानसभा की 243 सीटें हैं और राज्य के पिछले विधानसभा चुनाव में जेडीयू को महज़ 43 सीटों पर जीत मिली थी जबकि उसने 115 सीटों पर चुनाव लड़ा था. हालांकि इसके बाद भी नीतीश कुमार ही राज्य के मुख्यमंत्री बने थे. पहले उन्होंने एनडीए में रहकर सीएम पद अपना दावा बनाए रखा और फिर अगस्त 2022 में महागठबंधन में आ गए. उनकी पार्टी ने उस वक़्त आरोप भी लगाया था कि जेडीयू को तोड़ने की कोशिश की जा रही थी. एक चैनल के कार्यक्रम में अमित शाह से पूछा गया कि एनडीए ने महाराष्ट्र में बिना सीएम का चेहरा पेश किए बड़ी जीत हासिल की है, तो क्या बीजेपी बिहार में भी ऐसा प्रयोग करना चाहेगी? तो अमित शाह ने कहा मैं पार्टी का

तकनीकी

बंद हो सकता है आपका Youtube चैनल, भूल से भी न करें ये 5 गलतियां

 लोग सालों से मेहनत करते हैं तो जाकर यूट्यूब पर व्यूज आने और सब्सक्राइबर्स बढ़ने शुरू होते हैं. ऐसे में सालों की मेहनत को आपकी एक गलती बर्बाद कर सकती है, आप भी अगर यूट्यूबर हैं तो आपको उन गलतियों की जानकारी होनी चाहिए जिनकी वजह से अकाउंट पर ताला लग सकता है.   नया विचार-  Youtube लोगों की कमाई का जरिया बन चुका है, आज हर दूसरा व्यक्ति इंस्टाग्राम, यूट्यूब और फेसबुक जैसे कई सोशल मीडिया से जुड़ा हुआ है. नए-नए वीडियो देखने के शौकीन लोग यूट्यूब पर काफी वक्त बिताते हैं. यूट्यूब पर वीडियो बनाने वालों को कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए नहीं तो आपकी सालों की मेहनत पर पानी फिर सकता है. नौबत तो यहां तक आ सकती है कि एक छोटी सी गलती की वजह से Youtube Channel बंद भी किया जा सकता है. आप भी अगर यूट्यूबर हैं और यूट्यूब से कमाई करते हैं तो आपको उन गलतियों के बारे में पता होना चाहिए जिन्हें करने से आप मुश्किल में पड़ सकते हैं.   पहली गलती यूट्यूब अकाउंट से कुछ भी ऐसा पोस्ट न करें जो आपत्तिजनक हो या फिर समाज में नफरत फैलाने का काम करें. पहली गलती पर तो यूट्यूब आपको नोटिस देगा, दूसरी गलती पर आपके अकाउंट पर स्ट्राइक पड़ेगी. गौर करने वाली बात यह है कि 3 स्ट्राइक पड़ते ही अकाउंट बंद कर दिया जाएगा. दूसरी गलती यूट्यूब पर वीडियो अपलोड करने से पहले कंपनी के सभी नियमों को सही से पढ़ लें क्योंकि अगर आपने यूट्यूब नियमों का उल्लंघन किया तो आपका अकाउंट बंद हो सकता है. नियमों में साफ-साफ लिखा हुआ है कि आप क्या कर सकते और क्या नहीं कर सकते हैं. नियमों की अनदेखी आपके अकाउंट पर भारी पड़ सकती है.   तीसरी गलती यूट्यूब पर गाने, कॉमेडी और भी कई तरह के वीडियो अपलोड होते हैं, लेकिन आपको इस बात का ध्यान रखना है कि यूट्यूब पर कोई भी अश्लील कंटेंट को पोस्ट नहीं करना है. ऐसा करने पर आपका अकाउंट तत्काल प्रभाव से बंद हो सकता है. चौथी गलती बिना परमिशन अगर आप अपने वीडियो में किसी गाने या वीडियो क्लिप का इस्तेमाल करते हैं तो इसका मतलब यह है कि आप कॉपीराइट नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं. ऐसे में आपका चैनल बंद किया जा सकता है.   पांचवी गलती यूट्यूब चैनल के लिए कोई भी ऐसी वीडियो न बनाए जो धार्मिक भावनाओं को आहत करे, ऐसा करने पर भी यूट्यूब आपके अकाउंट पर ताला लगा सकता है.

स्वास्थ्य

चिंता करने की जरूरत नहीं, भारत पूरी तरह है तैयार’, चीन में फैले नए वायरस पर बोला स्वास्थ्य मंत्रालय

  नया विचार – केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को लोगों को आश्वस्त किया कि चीन में सांस संबंधी बीमारियों के मामलों में हाल ही में हुई वृद्धि को लेकर चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है. इसमें ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के कारण होने वाली बीमारियां भी शामिल हैं. एक बयान में मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि चीन में सबकुछ ठीक है और हिंदुस्तान श्वसन संक्रमणों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है.   2020 में कोरोना महामारी ने दुनियाभर में तबाही मचाई थी. इसका खौफ अभी लोगों ने जहन से निकला नहीं था कि चीन में एक और वायरस की समाचारें दुनिया के लिए सिर दर्द बनकर उभरी हैं. इसको लेकर हिंदुस्तान में भी सतर्कता बरती जा रही है. शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों को आश्वस्त किया कि चीन में सांस संबंधी बीमारियों के मामलों में हाल ही में हुई वृद्धि को लेकर चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है. इसमें ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के कारण होने वाली बीमारियां भी शामिल हैं.   एक बयान में मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि चीन में सबकुछ ठीक है और हिंदुस्तान श्वसन संक्रमणों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है.   बैठक के बाद मंत्रालय ने जारी किया बयान   दरअसल, स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा स्थिति का आकलन करने के लिए संयुक्त निगरानी समूह की बैठक बुलाने के बाद यह बयान आया. मंत्रालय ने कहा, “अधिकारी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अन्य अंतरराष्ट्रीय चैनलों से अपडेट की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं ताकि किसी भी संभावित जोखिम के बारे में जानकारी रहे.”   मंत्रालय ने WHO से सक्रिय दृष्टिकोण सुनिश्चित करने के लिए समय पर अपडेट प्रदान करने का भी अनुरोध किया है. हिंदुस्तान के निगरानी डेटा से पता चलता है कि देश भर में सांस संक्रमण या संबंधित अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई है.   मंत्रालय ने कहा, “हिंदुस्तान में HMPV जैसे वायरस पहले से ही प्रचलन में हैं और मौजूदा स्वास्थ्य ढांचा किसी भी संभावित मामले को संभालने में सक्षम है.”   स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से की ये अपील   देश की तत्परता को दोहराते हुए मंत्रालय ने इस बात पर प्रकाश डाला कि हिंदुस्तान की मजबूत निगरानी प्रणाली और स्वास्थ्य सेवा संसाधन श्वसन संबंधी बीमारियों से निपटने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित हैं. साथ ही नागरिकों से शांत रहने और मानक स्वास्थ्य सावधानियों का पालन करने का आग्रह किया, जिसमें स्वच्छता बनाए रखना और लक्षण दिखने पर चिकित्सा सलाह लेना शामिल है.   चीन ने समाचारों का किया खंडन   बता दें कि चीन ने देश में फ्लू के बड़े प्रकोप की समाचारों को खारिज किया और कहा कि इस तरह की समाचारों से बचना चाहिए, जिसमें दावा किया जा रहा है कि चीन के अस्पतालों में मरीजों की भीड़ उमड़ रही है. चीन का कहना है कि हर साल सर्दी के मौसम में सांस संबंधी समस्याएं होती हैं, और इस साल सामने आए मामले पिछले साल की तुलना में कम गंभीर हैं. चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने बताया कि उत्तरी गोलार्द्ध (चीन और आसपास के इलाकों) में सर्दियों के दौरान सांस संबंधी समस्याएं चरम पर होते हैं. उन्होंने यह आश्वासन दिया कि चीन में यात्रा करना सुरक्षित है.   सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे थे अस्पताल के वीडियो   सोशल मीडिया पर भीड़ वाले अस्पतालों के वीडियो वायरल हो रहे हैं, लेकिन माओ निंग का कहना है कि यह एक हर साल की घटना है जो सर्दियों के दौरान होती है. पिछले कुछ महीनों से चीन में मौसम भी काफी ठंडा रहा है, जो इस प्रकोप का कारण हो सकता है.   चीन के राष्ट्रीय रोग नियंत्रण और रोकथाम प्रशासन ने सर्दी के मौसम में सांस संबंधी बीमारियों की रोकथाम के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं. इसका उद्देश्य लोगों को सचेत करना और वायरस संभावित प्रसार को रोकना है।

तकनीकी

ऐप्पल सिरी पर यूजर्स की बातें सुनने का आरोप, देना पड़ सकता है 814 करोड़ का मुआवजा

  Apple ने एक मुकदमे का निपटारा करने के लिए 95 मिलियन डॉलर (करीब 814 करोड़) का भुगतान करने पर सहमति व्यक्त की है। कंपनी पर आईफोन और अन्य ऐप्पल डिवाइसेस यूजर्स की नया विचार – Apple ने एक मुकदमे का निपटारा करने के लिए 95 मिलियन डॉलर (करीब 814 करोड़) का भुगतान करने पर सहमति व्यक्त की है, जिसमें कंपनी पर अपने आईफोन और अन्य ट्रेंडी डिवाइसेस का उपयोग करने वाले लोगों की बातचीत सुनने के लिए अपने वर्चुअल असिस्टेंट सिरी का उपयोग करने का आरोप लगाया गया है।   ऐप्पल पर चुपके से यूजर्स की बातचीत सुनने का आरोप एपीन्यूज के मुताबिक, ओकलैंड, कैलिफोर्निया की संघीय अदालत में मंगलवार को दायर प्रस्तावित समझौते से पांच साल पुराने मुकदमे का समाधान हो जाएगा, जिसमें आरोप लगाया गया था कि ऐप्पल ने एक दशक से अधिक समय तक आईफोन और वर्चुअल असिस्टेंट से लैस अन्य डिवाइसेस के माध्यम से बातचीत रिकॉर्ड करने के लिए सिरी को चुपके से एक्टिवेट किया।   रिकॉर्ड की गई कुछ बातचीत विज्ञापनदाताओं को दी   यह कथित रिकॉर्डिंग तब भी हुई जब लोगों ने ट्रिगर शब्दों, “अरे, सिरी” के साथ वर्चुअल असिस्टेंट को एक्टिवेट करने की कोशिश नहीं की। मुकदमे में दावा किया गया कि रिकॉर्ड की गई कुछ बातचीत को विज्ञापनदाताओं के साथ शेयर किया गया ताकि वे अपने प्रोडक्ट्स को उन लोगों को बेच सकें जिनकी उन प्रोडक्ट्स और सर्विसेस में अधिक रुचि होने की संभावना है।   अक्सर प्राइवेसी की रक्षा का दावा करती है कंपनी   सिरी की जासूसी करने के आरोप ऐप्पल की अपने ग्राहकों की प्राइवेसी की सुरक्षा करने की प्रतिबद्धता के विपरीत हैं। ऐप्पल इस समझौते में किसी भी तरह की गलती को स्वीकार नहीं कर रहा है, जिसे अभी भी यू.एस. डिस्ट्रिक्ट जज जेफरी व्हाइट द्वारा अप्रूव किया जाना है। मामले में वकीलों ने शर्तों की समीक्षा के लिए 14 फरवरी को ओकलैंड में कोर्ट की सुनवाई निर्धारित करने का प्रस्ताव रखा है।   मुआवजे में यूजर्स को मिलेंगे इतने पैसे   यदि समझौते को मंजूरी मिल जाती है, तो 17 सितंबर, 2014 से लेकर पिछले साल के अंत तक iPhone और अन्य Apple डिवाइस रखने वाले लाखों उपभोक्ता क्लेम फाइल कर सकते हैं। हर उपभोक्ता को समझौते के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक सिरी-इनेबल्ड डिवाइस के लिए $20 (करीब 1700 रुपये) तक मिल सकते हैं, हालांकि क्लेम के वॉल्यूम के आधार पर भुगतान कम या अधिक किया जा सकता है। कोर्ट के डॉक्यूमेंट्स में अनुमान के अनुसार, केवल 3% से 5% पात्र उपभोक्ताओं द्वारा दावे दायर करने की उम्मीद है। पात्र उपभोक्ता अधिकतम पांच डिवाइसेस पर मुआवजा मांगने तक सीमित रहेंगे।   यह समझौता ऐप्पल द्वारा सितंबर 2014 से अर्जित 705 बिलियन डॉलर (करीब 60 लाख करोड़) के मुनाफे का एक छोटा सा हिस्सा है। यह उस लगभग 1.5 बिलियन डॉलर (करीब 12,800 करोड़) का एक अंश भी है, जिसका उपभोक्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों ने अनुमान लगाया था कि यदि कंपनी वायरटैपिंग और अन्य गोपनीयता कानूनों का उल्लंघन करती पाई जाती है, तो ऐप्पल को यह भुगतान करना पड़ सकता है, यदि मामला सुनवाई के लिए जाता है। अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, मुकदमा दायर करने वाले वकील अपनी फीस और अन्य खर्चों को पूरा करने के लिए सेटलमेंट फंड से 29.6 मिलियन डॉलर (253 करोड़) तक की राशि की मांग कर सकते हैं।

तकनीकी

अब फाइनेंशियल स्कैम पर लगेगी लगाम, गूगल 15 जनवरी को अपडेट विज्ञापन पॉलिसी

  नया विचार –  फाइनेंशियल स्कैम्स, खास तौर पर क्रिप्टोकरेंसी सेक्टर में प्रचलित घोटालों से निपटने के लिए गूगल 15 जनवरी को अपनी एडवरटाइजिंग पॉलिसी को अपडेट करने जा रहा है। यह कदम क्रिप्टो प्रामोशन्स से जुड़ी अनियमितताओं के बारे में यूके के अधिकारियों को मिली कई शिकायतों के जवाब में उठाया जा रहा है। इन बदलावों को लागू करके, गूगल का लक्ष्य क्रिप्टोकरेंसी विज्ञापन पर यूके के नियमों का पालन करना है। 15 जनवरी को पॉलिसी अपडेट करेगा गूगल इंडिया टूडे ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि, 15 जनवरी को गूगल लाइसेंसिंग को बनाए रखने के लिए यूके के फाइनेंशियल कंडक्ट अथॉरिटी (FCA) को क्रिप्टो प्लेटफॉर्म विज्ञापन दिखाना शुरू कर देगा। कंपनी ने अपने सपोर्ट पेज पर इस पॉलिसी अपडेट के बारे में विस्तार से बताया है, जिसमें कहा गया है कि यह NFT और अन्य क्रिप्टो एसेट्स समेत क्रिप्टोकरेंसी के लिए प्राइवेट-की रखने के लिए डिजाइन किए गए हार्डवेयर वॉलेट के प्रचार की अनुमति देगा। हालांकि, गूगल उन सर्विसेस के लिए विज्ञापन की अनुमति नहीं देगा जिनमें क्रिप्टोकरेंसी खरीदना, बेचना, एक्सचेंज करना या ट्रेडिंग करना शामिल है। पॉलिसी अपडेट क्रिप्टो को बढ़ावा देने वाली फर्म्स के लिए क्रिप्टो को बढ़ावा देने वाली फर्म्स को गूगल के आगामी बदलावों पर ध्यान देने की आवश्यकता होगी। कंपनी ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि इन पॉलिसीज का उल्लंघन करने वाले अकाउंट्स को तुरंत सस्पेंड नहीं किया जाएगा। इसके बजाय, यदि कोई क्रिप्टो कंपनी यूके FCA रेजिस्ट्रेशन के बिना विज्ञापन करती है, तो उन्हें एक नोटिफिकेशन मिलेगा और उसका पालन करने के लिए सात दिन की छूट दी जाएगी। यदि वे उस समय सीमा के भीतर रजिस्ट्रेशन करने में विफल रहते हैं, तो उनके अकाउंट सस्पेंशन के अधीन होंगे।   2023 में, यूके के अधिकारी, निवेशकों को अनवेरिफाइड क्रिप्टोकरेंसी सर्विसेस के कारण संभावित नुकसान और धोखाधड़ी से बचाने के उद्देश्य से पॉलिसीज पर सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। उस वर्ष जून में, FCA ने क्रिप्टो विज्ञापनों को मंजूरी दे दी, लेकिन अनिवार्य किया कि जोखिमों और झूठे वादों के बारे में चेतावनियां शामिल की जाएं। इसके अलावा, यूके के रेगुलेटर्स ने क्रिप्टो प्लेटफॉर्म से ऐसे प्रमोशन ऑफर करने से परहेज करने का आग्रह किया है जिसमें रेफरल बोनस शामिल हों।   गूगल ने कई पदों में कटौती की बता दें कि, बिजनेस इनसाइडर की एक रिपोर्ट के अनुसार, गूगल ने ऑपरेशनल एफिशियंसी में सुधार के लिए चल रही पहल के तहत अपने टॉप मैनेजमेंट पदों में 10 प्रतिशत की कटौती की है। सीईओ सुंदर पिचाई ने 18 दिसंबर को हुई एक सर्व-सम्मत बैठक के दौरान इस बारे में जानकारी दी। कटौती ने विशेष रूप से मैनेजर्स, डायरेक्टर्स और वाइस प्रेसिडेंट्स सहित भूमिकाओं को प्रभावित किया। रिपोर्ट में गूगल के प्रवक्ता द्वारा कहा गया है कि कुछ पदों को नॉन-मैनेजरियल भूमिकाओं में बदल दिया गया है, जबकि अन्य को समाप्त कर दिया गया है।

ताजा ख़बर, समस्तीपुर

ठंड के कारण जिला अधिकारी ने दिया विद्यालयों में शैक्षणिक गतिविधि बंद करने का आदेश 

  नया विचार समस्तीपुर – समस्तीपुर जिला अधिकारी रोशन कुशवाहा ने बढ़ती ठंड को देखते हुए समस्तीपुर के वर्ग आठवीं तक प्रशासनी एवं गैर प्रशासनी विद्यालयों में गुरुवार तक शैक्षणिक गतिविधि को बंद किया गया है।  इस आशय का जिलाधिकारी ने पत्र जारी किया है।

खेल

खेल से बालक बालिकाओं का होता है सर्वांगीण विकास विधायक

नया विचार मोरवा । स्पोर्ट्स से बालक बालिकाओं का सर्वांगीण विकास होता है। उक्त बातें कहें विधायक रणविजय साहू ने मोरवा दक्षिणी पंचायत में आयोजित पहली बार मैराथन दौड़ प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए। वहीं पूर्व विधायक विद्यासागर सिंह निषाद ने पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित करते हुए मैराथन दौड़ प्रतियोगिता को आयोजित करने वाले बजरंगबली वेलफेयर संगठन के संयोजक सरोज मिश्र सहित सभी समिति सदस्यों को ऐसी प्रतियोगिता आयोजित करने की सराहना की।   लोजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष अभय कुमार सिंह ने पुरस्कार वितरण करते हुए प्रतिभागियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। बालिका वर्ग में दस से बारह वर्ष के वर्ग में पार्वती कुमारी एवं बारह से चौदह साल वाले वर्ग में खुशी कुमारी को प्रथम स्थान मिला। वहीं बालक वर्ग में दस से बारह वर्ष के वर्ग में अर्जुन कुमार एवं बारह से चौदह वर्ष के वर्ग में गौरव कश्यप को प्रथम स्थान हासिल हुआ। प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को 10 हजार का चेक , ट्राफी, मेडल एवं प्रशस्ति पत्र दिया गया। द्वितीय वर्ग के विजेताओं को पांच हजार तथा तृतीय वर्ग के विजेताओं को ढ़ाई हजार का चेक, ट्राफी एवं मेडल तथा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। जबकि सभी प्रतिभागियों को मेडल एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। संयोजक सरोज मिश्र, मुकेश कुमार मिश्र,पूर्व विधायक विद्यासागर सिंह निषाद,अभय कुमार सिंह, मुखिया पी आर गोपाल, पिंटू कुमार गिरी, पंकज कुमार सिंह,चौधरी सहनी, रंजीत कुमार चौधरी, मनोज कुमार शर्मा, एवं श्याम कुमार के द्वारा प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। विधायक रणविजय साहू, संयोजक सरोज मिश्र,पी आर गोपाल, अजय कुमार शाह,एवं रंजीत कुमार चौधरी के द्वारा फीता काट कर मैराथन प्रतियोगिता का उद्घाटन किया गया। मौके पर सैंकड़ों प्रतिभागी एवं ग्रामीण मौजूद थे।

घटनाएँ, समस्तीपुर

अवैध रूप से चल रहे डीजल-पेट्रोल कटिंग के कारोबार, डीजल पेट्रोल में लगी आग मची अफ़रा-तफरी

  नया विचार  उजियारपुर। समस्तीपुर जिले के उजियारपुर थाना अंतर्गत जनकपुर गांव स्थित आजाद चौक समीप एन एच 28 के किनारे शनिवार को शाम उस समय अफरा-तफरी का माहौल बन गया जब सड़क न किनारे रखे गए पेट्रोल डीजल के डब्बे में अचानक आग लग गई कुछ ही देर में आग की लपट विकराल रूप धारण कर लिया जिससे आसपास के लोगों में अफरा-तफरी मच गया।   धू धू कर जलता पेट्रोल डीजल स्थिति अनियंत्रित होते देख स्थानीय लोगों ने फायर ब्रिगेड टीम को सूचना दी। सूचना पर दलसिंहसराय उजियारपुर से अग्निशमन दस्ता की गाड़ी घटना पर पहुंची, अग्निशमन दस्ता कर्मियों के प्रयास से आग पर काबू पाया जा सका। वहीं स्थानीय लोगों में इस बात की भी चर्चा है कि उक्त स्थान पर अवैध रूप से तेल टैंकर से पेट्रोल डीजल की चोरी कर स्टोर किया जा रहा है । शनिवार की शाम जब एक पेट्रोल टैंकर से पेट्रोल निकाल कर गोदाम में रखने के दौरान अचानक आग लग गई।

खेल

खेलकूदों में स्कूली बच्चों ने दिखाया दमखम

नवि प्रतिनिधि,सरायरंजन: प्रखंड के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बथुआ बुजुर्ग में शिक्षा विभाग,बिहार तथा स्पोर्ट्स प्राधिकरण के तत्वावधान में स्पोर्ट्स सप्ताह का भव्य आयोजन किया गया। स्पोर्ट्स सप्ताह के तीसरे दिन के दौरान आज कबड्डी,खोखो ,साइकिल रेस , दौड़ आदि प्रतियोगिता में विद्यालय से उत्कृष्ट छात्र छात्राओं का चयन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य संतोष कुमार सुमन ने की । स्पोर्ट्स टीचर शारदा कुमारी ने टीम स्पिरिट से स्पोर्ट्स में भाग लेने की सलाह बच्चों को दी । वहीं शिक्षक रतन कुमार ने स्पोर्ट्स से शारीरिक विकास की बात कही। इस अवसर पर विकास कुमार ,विश्वनाथ राम, रवींद्र कुमार, सुष्मिता,चंपिका , रितु , समीर , शशिकला ,प्रभात आदि शिक्षक उपस्थित रहे। प्रतिभागियों में सौम्या श्री ,संगम ,रंजन कुमारी, सर्वेश ,अजय प्रकाश ,शिवानी , मोनू,आशीष , आयुष अंशिका, प्रिया, विनिशा, स्वाति , राज लक्ष्मी, आशिफ , अनिकेत ,रौनक, खुशी आदि ने विद्यालय का नाम रौशन किया ।

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