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January 8, 2025

बिहार

BPSC की परीक्षा रद्द हो सकती है अगर…, अभ्यर्थियों की मांग पर नीतीश के मंत्री का बड़ा बयान; विपक्ष को भी घेरा

नया विचार पटना– बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं पीटी परीक्षा को लेकर बिहार में घमासान जारी है। इस बीच नीतीश प्रशासन के एक मंत्री ने साफ किया है कि परीक्षा को लेकर चल रही जांच में अगर कुछ गड़बड़ी मिलती है तो परीक्षा रद्द भी हो सकती है। मीडिया से बातचीत में बिहार प्रशासन के मंत्री और बीजेपी नेता दिलीप जायसवाल ने कहा, ‘यह अलग बात है कि परीक्षा हुई है। जांच अभी चल रही है। अगर जांच में गड़बड़ियां सामने आती हैं तो पूरी परीक्षा रद्द हो सकती है। प्रशासन ने अब तक ना नहीं कहा है।’ BPSC परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर पटना के गर्दनीबाग में कई अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके अलावा जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर लगातार आमरण अनशन पर हैं। बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बिहार प्रशासन पर हमलावर हैं। इधर पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव भी इस मुद्दे पर काफी सक्रिय हैं। पप्पू यादव ने पहले बिहार में चक्का जाम का ऐलान भी किया था और इसके बाद 12 जनवरी को बिहार बंद का भी ऐलान किया गया है। इन तमाम विरोध प्रदर्शनों और अभ्यर्थियों की मांगों के बीच प्रशासन की तरफ से बीपीएससी की पूरी परीक्षा रद्द करने को लेकर यह पहला स्पष्ट बयान आया है। बता दें कि इस मुद्दे पर कांग्रेस और लेफ्ट के सदस्यों ने राज्यपाल से मिल कर एक ज्ञापन सौंपा था और यह आग्रह किया था कि हाई कोर्ट के जज की निगरानी में इसकी जांच करवाई जाए। बिहार प्रशासन के मंत्री के तरफ से यह बयान ऐसे समय में आया है जब सुप्रीम कोर्ट ने बीपीएससी परीक्षा में गड़बड़ी के मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए याचिकाकर्ता को हाई कोर्ट जाने का आदेश दिया था। दिलीप जायसवाल ने इस मसले पर विपक्षी पार्टियों को भी घेरा औऱ आरोप लगाया कि वो छात्रों के आंदोलन का नेतृत्वक फायदा लेना चाहते हैं। दिलीप जायसवाल ने कहा, ‘विपक्ष विकास, रोजगार और अन्य किसी भी मुद्दे पर बातचीत नहीं कर सकता है। इसलिए वो छात्रों के आंदोलन का इस्तेमाल खुद को स्थापित करने के लिए कर रहे हैं।’ इसी के साथ दिलीप जायसवाल ने छात्रों से अपील करते हुए कहा, ‘मैं बीपीएससी अभ्यर्थियों से आग्रह करता हूं कि वो प्रशासन औऱ BPSC पर भरोसा रखें और भटके नहीं।’

बिहार, शिक्षा

नालंदा खुला विवि : दो यूजी और आठ पीजी कोर्स में नामांकन की मिली मान्यता , इस वर्ष 26 यूजी-पीजी कोर्स में होगा नामांकन

नया विचार पटना।  नालंदा खुला विश्वविद्यालय को 10 और कोर्स में नामांकन के लिए डिस्टेंस एजुकेशन ब्यूरो से मान्यता मिल गई है। इनमें दो यूजी और आठ पीजी कोर्स हैं। इससे पहले 16 कोर्स में नामांकन की स्वीकृति मिली थी, जिसका पिछले सत्र में नामांकन लिया गया था। इस वर्ष 26 कोर्स में नामांकन होंगे। हालांकि अभी बचे हुए 33 यूजी-पीजी कोर्स में नामांकन के लिए मान्यता प्राप्त करने की जद्दोजहद चल रही है। विवि में पहले 59 यूजी-पीजी कोर्स चल रहे थे। विवि को नैक की मान्यता मिलने के बाद अब कोर्स की मान्यता मिलने का सिलसिला शुरू हो गया है। इस वर्ष बचे कोर्स में मान्यता मिल जाने की उम्मीद की जा रही है। विवि प्रशासन ने कहा कि पहले से चल रहे सभी कोर्स में नामांकन शुरू होने के बाद नए कोर्स के प्रयास होंगे। यूजी पीजी के जो कोर्स अभी शुरू नहीं हुए हैं, उनके अतिरिक्त स्किल डेवलपमेंट कोर्स भी शुरू किए जाएंगे। इनमें कारपेंटरी, फ्लाई एंड ब्रिक्स, डिस्पोजेबल डाइपर व सैनेटरी नैपकिंस, हैंड मेड पेपर्स, पॉल्ट्री, बेकरी, पीवीसी फुटवेयर, एल्युमुनियम फर्नीचर, गेट ग्रिल फैबरिकेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सिक्योरिटी, मोबाइल एप डेवलपमेंट आदि कोर्स शुरू होंगे। नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी में 46 सर्टिफिकेट व डिप्लोमा और इंटर के तीन (आर्ट्स, साइंस एंड कॉमर्स) मिलाकर 49 कोर्स में नामांकन भी पहले से चल रहा है। इस प्रकार अब 72 कोर्स हो चुके हैं, जिनमें नामांकन होंगे। इंटर, सर्टिफिकेट और डिप्लोमा के 49 कोर्स चल रहे इस बार इन कोर्स की मिली स्वीकृति बैचलर ऑफ लाइब्रेरी साइंस, बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशंस, एमए उर्दू, एमए संस्कृत, एमए इतिहास, एमए पत्रकारिता एवं जनसंचार, एमए नेतृत्वशास्त्र, एमए समाजशास्त्र, एमए पर्यावरण विज्ञान, एमएससी जूलॉजी इन कोर्स में पिछले वर्ष मिली थी स्वीकृति • साइंस स्ट्रीम भूगोल, गृह विज्ञान, रसायनशास्त्र,पर्यावरण विज्ञान, गणित,बॉटनी, फिजिक्स • आर्ट्स स्ट्रीम अर्थशास्त्र,गृह विज्ञान, हिंदी,मनोविज्ञान, शिक्षा, भूगोल, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन •कॉमर्स स्ट्रीम : कॉमर्स “ज्यादातर पीजी कोर्स में नामांकन की अनुमति मिल गई है। अब स्नातक में भी नामांकन की अनुमति जल्द ही मिल जाएगी। उनका अपडेटेड सिलेबस और स्टडी मेटेरियल तैयार किया जा रहा है। इसके साथ सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स तैयार कर डिस्टेंस एजुकेशन ब्यूरो को भेजने को लेकर प्रक्रिया तेजी से चल रही है।”-  प्रो. संजय कुमार, कुलपति, नालंदा खुला विश्वविद्यालय

खेल

पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के पास 100 करोड़ से बनेगा इंडोर स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट

• बनने के बाद बिहार का पहला इंडोर स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट सह मल्टीपर्पस इंडोर स्टेडियम होगा। प्रोजेक्ट सबमिट, कैबिनेट से अप्रूवल के बाद होगा कार्यारंभ, मार्च 2026 तक काम पूरा करने का है लक्ष्य है।   नया विचार पटना–  बिहार का पहला इंडोर स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट सह मल्टीपर्पस इंडोर कॉम्प्लेक्स पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स के सटे रेनबो मैदान में 100 करोड़ की लागत से बनेगा। प्रोजेक्ट सबमिट हो चुका है। कैबिनेट से अप्रूवल मिलने के बाद वर्क आर्डर होगा। इसके बाद कार्यारंभ होगा। मार्च 2026 तक निर्माण पूरा करने का लक्ष्य है। माना जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट को इसी महीने कैबिनेट से अप्रूवल मिल जाएगा। पिछले दिनों बिहार राज्य स्पोर्ट्स प्राधिकरण और स्पोर्ट्स विभाग समेत संबंधित अधिकारियों ने इंडोर स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट का प्रेजेंटेशन देखा था। इंडोर स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट में इन स्पोर्ट्सों की व्यवस्था बैडमिंटन, टेबल टेनिस, स्क्वैश, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, शूटिंग रेंज (10 मीटर), फेसिंग, बॉक्सिंग, जिमनास्टिक्स, रेहेथिमिक, ट्रंपोलाइन, एक्रोबेटिक, हैंडबॉल, जूडो कराटे, कबड्डी, नेटबॉल, ताईक्वांडो, वेटलिफ्टिंग, रेसलिंग और कबड्डी। यह बिहार का पहला इंडोर स्पोट्र्स इंस्टीट्यूट होगा, जहां एक ही कैंपस के अंदर 20 तरह के इंडोर स्पोर्ट्सों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की व्यवस्था होगी। उनकी पूरी कोशिश है कि इसका निर्माण मार्च 2026 तक पूरा हो जाए। बनने के बाद यहां 20 प्रकार के इंडोर गेम्स की ट्रेनिंग और नेशनल इंटरनेशनल लेवल के आयोजन होंगे। यहां दो मल्टीपर्पस स्पोर्ट्स हॉल बनेंगे। हॉल के अंदर ही अंतरराष्ट्रीय स्तर के खानपान की सुविधा वाले कैफेटेरिया, खिलाड़ियों के लिए ड्रेसिंग रूम, जिम, फिजियोथेरेपी सेंटर आदि की सुविधा भी होगी।

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रेलवे में 1036 पदों पर बहाली होगी, आवेदन 6 फरवरी तक

टीचर समेत कई पदों पर होगी भर्ती नया विचार पटना- हिंदुस्तानीय रेलवे में 1036 पदों पर बहाली होगी। इसके लिए आवेदन की प्रक्रिया वेबसाइट rbapply.gov.in के माध्यम से शुरू हो गई है। आवेदन की अंतिम लिधि 6 फरवरी है। इसके तहत पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (पीजीटी), साइंटिफिक सुपरवाइजर (इकोनॉमिक्स एंड ट्रेनिंग), टीजीटी, चीफ लॉ असिस्टेंट, पब्लिक प्रॉसिक्यूटर, फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर, साइंटिफिक असिस्टेंट ट्रेनिंग, जूनियर ट्रांसलेटर (हिंदी), सीनियर पब्लिसिटी इंस्पेक्टर, स्टाफ एवं वेलफेयर इंस्पेक्टर, लाइब्रेरियन, म्यूजिक टीचर (फीमेल), प्राइमरी रेलवे टीचर, असिस्टेंट टीचर (फीमेल) (जूनियर स्कूल), लाइब्रेरी असिस्टेंट/स्कूल और लैब असिस्टेंट ब्रेड III (केमिस्ट एवं मेटलजिस्ट) के पदों पर भर्ती होगी। सामान्य वर्ग, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए आवेदन शुल्क 500 रुपए, वहीं एससी-एसटी, पीडब्ल्यूडी, स्त्री और पूर्व सैनिक उम्मीदवारों के लिए 250 रुपए है। चयन प्रक्रिया चार स्टेज की होगी। स्नातक शिक्षक के 338 पदों पर होगी बहाली इसमें विभिन्न विषयों के स्नातकोत्तर शिक्षक के 187, वैज्ञानिक पर्यवेक्षक के 3, विभित्र विषयों के प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक के 338, मुख्य विधि सहायक के 54, लोक अभियोजक के 20, शारीरिक प्रशिक्षण अनुदेशक के 18 और वैज्ञानिक सहायक के 2 पद हैं। इसके अलावा कनिष्ठ अनुवादक के 130, वरिष्ठ प्रचारक निरीक्षक के 3, कर्मचारी एवं कल्याण निरीक्षक के 59, लाइब्रेरियन के 10, संगीत अध्यापिका के 3. विभिन्न विषयों के प्राथमिक रेलवे शिक्षक के 188, सहायक अध्यापिका के 2, प्रयोगशाला सहायक के 7 और लैब सहायक ग्रेड तृतीय के 12 पद हैं। अभ्यर्थी की न्यूनतम आयु 18 वर्ष और अधिकतम आयु पदों के अनुसार 48 वर्ष तक रखी गई है। इसमें आयु की गणना नोटिफिकेशन के अनुसार की जाएगी। आरक्षित वगों को प्रशासन के नियमानुसार अधिकतम आयु सीमा में छूट दी गई है।

बिहार, राजनीति

चुनाव याचिका खारिज

नया विचार पटना– हाईकोर्ट ने बरबीघा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के पराजित उम्मीदवार गजानंद शाही की ओर से दायर चुनाव याचिका को खारिज कर दिया है। शाही ने जदयू विधायक सुदर्शन कुमार के निर्वाचन की वैधता को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। मंगलवार को न्यायमूर्ति नवनीत कुमार पांडे की एकलपीठ ने मामले की सुनवाई की और याचिका को खारिज कर दिया। वर्ष 2020 में बरबीघा विधानसभा क्षेत्र से जदयू के उम्मीदवार सुदर्शन कुमार को 113 मतों से निर्वाचित घोषित किया गया था। कांग्रेस प्रत्याशी गज्जानंद शाही ने नामांकन पत्र और मतगणना में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए यह चुनाव याचिका दायर की थी।

राजनीति

केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई के लिए निचली अदालत से मांगा रिकॉर्ड

मामला प्रधानमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक शब्द के प्रयोग का नया विचार- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक शब्द का प्रयोग करने के आरोप में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ जारी सम्मन के आदेश को चुनौती देने वाली पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई के लिए पटना सिविल कोर्ट की एक विशेष अदालत ने मंगलवार को निचली अदालत से अभिलेख मांगा। सांसदों और विधायकों के आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए गठित विशेष अदालत के न्यायाधीश अक्षय कुमार सिंह की अदालत ने केजरीवाल की ओर से दाखिल की गई पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई के लिए निचली अदालत से मामले के अभिलेख की मांग करते हुए 27 जनवरी की अगली तिथि निश्चित की है। इस बीच मामले के शिकायतकर्ता रविभूषण प्रसाद वर्मा भी अदालत में उपस्थित हुए जिन्हें पुनरीक्षण याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता रविभूषण प्रसाद वर्मा ने हिंदुस्तानीय दंड विधान की धारा 332, 500 और 505 के तहत शिकायती मुकदमा दायर किया था। अदालत ने शिकापती मुकदमा संख्या 4908/2023 दर्ज करते हुए जांच के लिए विशेष न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत को सौंपा था। जांच के बाद विशेष न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने केजरीवाल के खिलाफ हिंदुस्तानीय दंड विधान की धारा 500 और 505 के तहत मामला प्रथमदृष्टया सही पाते हुए उनकी उपस्थिति के लिए सम्मन जारी करने का आदेश दिया था।

बिहार, शिक्षा

इंटर प्रैक्टिकल परीक्षा के लिए कल से कंट्रोल रूम काम करने लगेगा 

नया विचार पटना – इंटर प्रैक्टिकल परीक्षा के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति का कंट्रोल रूम 9 जनवरी से काम करने लगेगा। परीक्षा 10 जनवरी से होगी। 20 जनवरी को परीक्षा की समाप्ति तक कंट्रोल रूम काम करेगा। किसी भी तरह की परेशानी होने पर छात्र-छात्राएं फोन नंबर 0612-2232227, 2232257 पर संपर्क कर सकते हैं। प्रैक्टिकल परीक्षा का केंद्र परीक्षार्थियों का शिक्षण संस्थान ही होगा। संस्थान के प्रधान केंद्राधीक्षक के दायित्व में होंगे। परीक्षा में उपयोग होने वाली सामग्री सभी जिलों को भेज दी गई है। कोई सामग्री अप्राप्त हो, तो इसकी सूचना तुरंत जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के साथ-साथ परीक्षा नियंत्रक उच्च माध्यमिक को भी देनी होगी।

बिहार, शिक्षा

बिहार बोर्ड : आज जारी होगा मैट्रिक परीक्षा का एडमिट कार्ड

प्रैक्टिकल 21 जनवरी, सैद्धांतिक परीक्षा 17 फरवरी से नयाविचार पटना –  बिहार विद्यालय परीक्षा समिति बुधवार को मैट्रिक वार्षिक परीक्षा 2025 का प्रवेश पत्र जारी कर देगी। प्रायोगिक और आंतरिक परीक्षा 21 से 23 जनवरी तक, जबकि सैद्धांतिक (मुख्य लिखित) परीक्षा 17 से 25 फरवरी तक होगी। दोनों परीक्षा के लिए यही प्रवेश पत्र मान्य होगा। प्रवेश पत्र समिति की वेबसाइट http:// secondary.biharboardonline.com पर जाकर डाउनलोड कर सकते हैं। सभी मान्यता प्राप्त विद्यालयों के प्रधान समिति की वेबसाइट पर जाकर अपने यूजर आईडी एवं पासवर्ड से लॉग-इन करके प्रवेश पत्र डाउनलोड कर सकते हैं। इसके बाद प्रवेश पत्र पर हस्ताक्षर और मुहर लगाकर छात्र-छात्राओं को देंगे। मैट्रिक वार्षिक परीक्षा 2025 में 16 लाख से अधिक परीक्षार्थी शामिल होंगे। इसके लिए 1525 से अधिक सेंटर बनाए जाएंगे। प्रवेश पत्र में किसी प्रकार का संशोधन नहीं किया जा सकेगा। परीक्षा केंद्राधीक्षक द्वारा किसी परीक्षार्थी के प्रवेश पत्र में संशोधन किया जाता है अथवा संशोधित बिंदु की स्वीकृति दी जाती है और प्रवेश पत्र से भिन्न विषयों की परीक्षा ली जाती है। श्रुति लेखक के लिए एक सप्ताह पहले करें आवेदन दृष्टिबाधित परीक्षार्थियों के लिए विज्ञान के स्थान पर संगीत एवं गणित के स्थान पर गृह विज्ञान विषय की परीक्षा आयोजित की जाएगी। दिव्यांग अभ्यर्थियों को लेखक की सुविधा जिला शिक्षा पदाधिकारी के स्तर से उपलब्ध कराई जाएगी। लेखक की सुविधा के लिए परीक्षा से एक सप्ताह पहले जिला शिक्षा पदाधिकारी के पास आवेदन देना होगा। समिति के कहा है कि दिव्यांग परीक्षार्थियों जो स्वयं से लिखने में असमर्थ हैं, उन्हें अनुरोध के आधार पर श्रुति लेखक उपलब्ध कराया जाएगा।

बिहार

राज्य में एक साल के दौरान 7.94 लाख मतदाता बढ़े

सूची में 12 लाख 3 हजार 900 नाम जोड़े, 4 लाख 9 हजार 343 काटे गए नया विचार पटना। राज्य में इस वर्ष अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन कर दिया गया है। हिंदुस्तान निर्वाचन आयोग के निर्देश पर राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एच आर श्रीनिवास ने मंगलवार को सभी 243 विधानसभा सीटों के लिए निर्वाचक सूची जारी की। इसके अनुसार राज्य में एक साल में 7 लाख 94 हजार 466 मतदाता बढ़े हैं। राज्य में अब 7 करोड़ 80 लाख 22 हजार 933 मतदाता हो गए। इसमें पुरुष 4 करोड़ 7 लाख 63 हजार 352 तथा स्त्री 3 करोड़ 72 लाख 57 हजार 477 है। सूची में सबसे ज्यादा 2 करोड़ 4 लाख 24 हजार 920 मतदाता 30 से 39 वर्ष आयु वर्ग के हैं। सबसे कम 8 लाख 8 हजार 857 मतदाता 18-19 वर्ष के हैं। गौर हो कि बिहार में वोटर लिस्ट के प्रारूप का प्रकाशन 29 अक्टूबर 2024 को किया गया था। इसके बाद से अब तक वोटर लिस्ट में 12 लाख 3 हजार 900 वोटरों के नाम जोड़े गए। जबकि, 4 लाख 9 हजार 343 के नाम कटे गए। राज्य में अब 7  करोड़ 80 लाख 22 हजार 933 हो गए कुल वोटर। लिंगानुपात बढ़कर 910 से 914 हुआ प्रारूप प्रकाशन में लिंगानुपात 910 से बढ़कर 914 हो गया है। अंतिम सूची में तृतीय लिंग की संख्या में 67 की कमी आयी। यह 2 हजार 171 से घटकर 2 हजार 104 हो गई है। सेवा वोटरों (सेवा क्षेत्र से जुड़े वोटर) की संख्या में भी 578 की कमी आई है। यह 1 लाख 66 हजार 71 से घटकर 1 लाख 65 हजार 493 हो गई है। राज्य में 80 वर्ष से ऊपर के 16 लाख से अधिक मतदाता हैं। जबकि 4 लाख 9 हजार 3 सौ 43 नाम काटे गए। इस तरह वास्तविक रूप से कुल 7 लाख 94 हजार 466 वोटरों को जोड़ा गया है। इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या में 3 लाख 25 हजार 298 तथा स्त्री वोटरों की संख्या में 4 लाख 69 हजार 235 की  बढ़ोतरी हुई है। नवंबर महीने में चला था विशेष अभियानः विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण 2025 में सक्रिय सहभागिता के लिए 2024 के नवंबर महीने में 2, 3, 23 और 24 तारीख को विशेष अभियान चलाया गया था। जारी रहेगा निर्वाचन सूची में पंजीकरण निर्वाचन सूची में पंजीकरण के लिए अर्हता तिथि इस वर्ष 1 जनवरी के अलावा 1 अप्रैल, 1 जुलाई और 1 अक्टूबर को रखी गई है। विधानसभा चुनाव के पहले इन तारीखों में वोटर लिस्ट में कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन माध्यम से अपना नाम, पता समेत अन्य चीजें हटा या जोड़ सकते हैं या इसमें किसी तरह का बदलाव कर सकते हैं। अंतिम वोटर लिस्ट प्रकाशन के बाद भी निरंतर अपडेट की प्रक्रिया जारी रहेगी। मतदाता हेल्पलाइन नंबर 1950 पर कोई भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। विशेष अभियान दिवस का आयोजन राज्य के 239 विधानसभा क्षेत्रों के सभी मतदान केंद्रों में किया गया था। चार विधानसभा क्षेत्रों में पिछले वर्ष 30 नवंबर और 8 दिसंबर को विशेष अभियान चलाया गया था।  

बिहार

बीपीएससी मामले में सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई से इन्कार

नया विचार पटना : सुप्रीम कोर्ट ने बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा आयोजित 70वीं संयुक्त प्रतियोगी प्रारंभिक परीक्षा में कथित रूप से पेपर लीक के आधार पर चुनौती देने वाली रिट याचिका पर विचार करने से इन्कार कर दिया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से अनुच्छेद-226 के अधिकार क्षेत्र के तहत पटना हाई कोर्ट जाने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायाधीश संजय कुमार व न्यायाधीश केवी विश्वनाथन की पीठ ने सुनवाई करते हुए उक्त आदेश दिया। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील अभिजीत आनंद ने कहा, पूरे देश ने देखा है कि बिहार पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर किस तरह से लाठीचार्ज किया है। राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक और गड़बड़ी के बार-बार वाले मुद्दे का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह से पेपर लीक हो रहे हैं, अब यह एक नियमित बात हो गई है। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि यह मामला सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष प्रथमदृष्टया नहीं लाया जा सकता, क्योंकि अब तक उच्च न्यायालय के समक्ष कोई अन्य याचिका दायर नहीं की गई है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि विरोध स्थल, जहां लाठीचार्ज हुआ, पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के आवास के पास था और उच्च न्यायालय मामले का स्वतः संज्ञान ले सकता था।

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