Hot News

January 9, 2025

खेल, ताजा ख़बर

बिहार में हॉकी, फुटबॉल, बैडमिंटन, टेनिस जैसे खेलों के खिलाड़ी कैसे उभरेंगे

स्पोर्ट्स विभाग के गठन का एक साल – सबसे अधिक खर्च एथलेटिक्स, रग्बी और सेपक टाकरा पर, अन्य स्पोर्ट्सों के विकास पर ध्यान ही नहीं बिहार में हॉकी, फुटबॉल, बैडमिंटन, टेनिस जैसे स्पोर्ट्सों के खिलाड़ी कैसे उभरेंगे नया विचार पटना-  बिहार में स्पोर्ट्स और खिलाड़ियों के विकास के लिए 9 जनवरी 2024 को स्पोर्ट्स विभाग का गठन हुआ। विभाग के गठन का एक साल पूरा हो गया, लेकिन फुटबॉल, बैडमिंटन, वॉलीबॉल, हॉकी, खो-खो जैसे चर्चित स्पोर्ट्स अब भी उपेक्षित हैं। विभाग की ओर से इन स्पोर्ट्सों के विकास के लिए कोई पहल नहीं हुई। विभाग बनने के बाद सबसे अधिक खर्च एथलेटिक्स, रग्बी और सेपक टाकरा पर किया गया। इनमें खिलाड़ियों ने मेडल भी जीते। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को नौकरी भी मिली। पहले साल के लिए स्पोर्ट्स विभाग को 482 करोड़ का बजट मिला था, जिसमें से अभी तक 63 प्रतिशत खर्च हुए हैं। एथलेटिक्स में बिहार का परफॉर्मिस सुधरा है। हाल में कई मेडल आए हैं। अब पांच जगहों पर सिंथेटिक ट्रैक हैं। एक पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, दूसरा बीएमपी 5 कैंपस और तीसरा राजगीर स्पोटर्स एकेडमी कैंपस में है। दी और सिंथेटिक ट्रैक का पूर्णिया और छपरा में निर्माण फाइनल स्टेज में है। हालांकि पटना के बीएमपी-5 के सिंथेटिक ट्रैक पर आम खिलाड़ियों को प्रैक्टिस की अनुमति नहीं है। जबकि ट्रैक निर्माण के दौरान बिहार प्रशासन ने इसी शर्त पर पैसा दिया था कि बाहरी खिलाड़ी भी प्रैक्टिस के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं। यही नहीं कभी स्पोर्ट्स- खिलाड़ियों से गुलजार रहने वाले बीएमपी-5 कैंपस में करीब चार साल से अधिकांश स्पोर्ट्स बंद हैं। सिंथेटिक ट्रैक का उपयोग कुछ अधिकारी मॉर्निंग और इवनिंग वॉक के लिए करते हैं। अभी पांच जगहों पर ही सिंथेटिक ट्रैक, सभी जिलों में हो तो राह होगी आसान अभी इन स्पोर्ट्सों की स्थिति बेहतर रग्बी, सेपक टाकरा, कबड्डी, कुश्ती, बॉक्सिंग, बेटलिफ्टिंग और एथलेटिक्स की स्थिति अच्छी है। बिहार के कई खिलाड़ियों ने राज्य के बाहर और इंटरनेशनल लेवल के इवेंट्स में मेडल जीते। स्पोर्ट्स विभाग के अस्तित्व में आने के बाद बिहार में कई स्पोर्ट्सों की नेशनल चैंपियनशिप भी हुई। बीते नवंबर में राजगीर में वीमेंस एशियन चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन हुआ। बीते साल बिहार राज्य स्पोर्ट्स प्राधिकरण और बिहार एथलेटिक्स संघ की ओर से राष्ट्रीय अंडर-23 एथलेटिक्स चैंपियनशिप भी आयोजित हुई। अब मेंस एशियन हॉकी और वीमेंस वर्ल्ड कप कबड्डी होने वाली है। साथ ही अप्रैल में स्पोर्ट्सो इंडिया यूथ गेम्स समेत कई अन्य आयोजनों की भी तैयारी है। बिहार राज्य स्पोर्ट्स प्राधिकरण के डीजी रवींद्रण शंकरण के अनुसार इधर दो-तीन साल में काफी कुछ बदला है। कुछ वक्त और लगेगा बाकी स्पोर्ट्सों की स्थिति भी बेहतर होगी। सभी स्पोर्ट्स-खिलाड़ियों की बेहतरी के लिए समग्रता में काम चल रहा है। स्पोर्ट्स विभाग के गठन से राज्य में स्पोर्ट्स के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव हुए हैं। राज्य भर में 6000 से अधिक स्पोर्ट्स मैदान शुरू हैं। वीमेंस एशियन हॉकी चैंपियंस ट्रॉफी समेत कई बड़े आयोजनों से राज्य में स्पोर्ट्स का माहौल बना है। इस साल मार्च में वीमेंस वर्ल्ड कप कबड्डी, फिर स्पोर्ट्सो इंडिया यूथ गेम्स एवं पैरा गेम्स समेत कई आयोजन होंगे। बेगूसराय में राष्ट्रीय स्तर की फुटबॉल चैंपियनशिप भी होगी। एक-दो साल में बिहार की गिनती भी स्पोर्ट्स के क्षेत्र में अग्रणी राज्यों में होगी। सुरेंद्र मेहता, स्पोर्ट्स मंत्री, बिहार

ताजा ख़बर, पटना

सावधान ! बिजली उपभोक्ताओं का डाटा लीक मीटर अपडेट के नाम पर खाते में लगा रहे सेंध

उपभोक्ताओं को ज्यादातर कॉल मोबाइल नंबर 8354918163 व 91989901146 से आ रही नया विचार मुजफ्फरपुर।  बिजली उपभोक्ताओं को सावधान रहने की जरूरत है। बिजली उपभोक्ताओं का डाटा लीक हो चुका है। उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर के साथ मीटर नंबर तक साइबर फ्रॉड के पास पहुंच गया है। जिसके कारण बिजली उपभोक्ताओं के मोबाइल पर लगातार साइबर फ्रॉड की कॉल आ रही है। उपभोक्ताओं का डाटा कैसे लीक हुआ, इस पर एनबीपीडीसीएल अधिकारी बोलने से बच रहे हैं। सबसे ज्यादा कॉल 8354918163 से आ रही है। मोतीझील के जूता कारोबारी अब्दुल मजीद तो ठगी का शिकार होने से बच गए। लेकिन कंपनीबाग के बर्तन कारोबारी को साइबर फ्रॉड ने इसी मोबाइल नंबर से एक ही समय में चंद सेकेंड के अंतराल पर तीन बार कॉल कर चूना लगा दिया। बुधवार को बर्तन कारोबारी ने साइबर थाने पहुंच कर लिखित शिकायत की। लेकिन, एक लाख रुपए से ज्यादा का साइबर फ्रॉड होने पर ही प्राथमिकी दर्ज करने की बात कह टाल दी गई। जिसके बाद कारोबारी ने नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल के नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराई। इससे पूर्व भी शहर के कई बिजली उपभोक्ताओं को साइबर फ्रॉड की कॉल आ चुकी है। • बर्तन कारोबारी के 3 खाते से साइबर फ्रॉड ने साढ़े 82 हजार रुपए उड़ाए बर्तन कारोबारी अब्दुल समी कादरी को 6 जनवरी की सुबह 10:55 बजे मोबाइल नंबर 8354918163 व 91989901146 से कॉल आई। जिसमें साइबर फ्रॉड ने बिजली मीटर का केवाईसी अपडेट कराने का झांसा देकर ऐप इंस्टॉल कराया। एक मीटर दुकान और दो घर में लगा हुआ है। केवाईसी नहीं कराने पर बिजली कटने की बात कही। साइबर फ्रॉड ने झांसे में लेकर तीनों मीटर पर क्रमशः 13 रुपए, 10 रुपए व 5 रुपए का ट्रांजेक्शन करवाया। ट्रांजेक्शन होते ही उनके तीन खाते से कुल साढ़े साढ़े 82 हजार रुपए साइबर फ्रॉड ने उड़ा लिए। बैंक में चेक कराने पर तीनों खाते से पर लुधियाना में चांद सिंह के नाम पर खुले खाते में ट्रांजेक्शन बताया गया। साइबर फ्रॉड से बचाव को गाइडलाइन • दोपहर बाद बिजली- नहीं काटी जाती • डिपार्टमेंट कोई लिंक- नहीं भेजता है • कोई अनजान ऐप- डाउनलोड न करें • बकाए का फोन आए- तो ऑफिस आएं। बचाव : किसी के कॉल करने पर ऐप डाउनलोड मत करें केस-1: मालीघाट निवासी रमेश कुमार को मीटर अपडेट करने के लिए साइबर फ्रॉड की कॉल आई। झांसे में लेकर फ्रॉड ने ऐप इंस्टॉल कराया। ऐप इंस्टॉल कर 16 रुपए ट्रांसफर करने के कुछ देर तक उनका मोबाइल काम करना बंद हो गया। जब मोबाइल सही से काम करना शुरू किया, तब तक खाते से 3500 रुपए गायब हो चुके था। ऑनलाइन शिकायत दर्ज की। लेकिन, अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। केस-2: अहियापुर निवासी समाचार पत्र विक्रेता कुमार गौरव को पिछले दिनों एक कॉल आई। जिसने बताया कि आपका स्मार्ट मीटर अपडेट नहीं हुआ है। अपडेट नहीं कराएंगे तो ज्यादा बिल आएगा। इसके बाद बिहार सुगम ऐप खोलने के लिए बोला। इसके बाद एक लिंक भेजा। जिस पर क्लिक करते ही उनके बैंक खाते से 32 हजार 405 रुपए साइबर फ्रॉड ने उड़ा लिया। केस-3: मोतीझील के जूता कारोबारी अब्दुल मजीद को कॉल करने वाले ने झांसे में लेकर बिहार सुगम ऐप खुलवाया और कहा कि आपके मीटर की तीन-चार दिन की रीडिंग एक तरह की है या अलग। जब बताया कि थोड़ा बहुत अंतर है तो फ्रॉड ने कहा कि मीटर अपडेट नहीं होने से ऐसा हुआ। इस पर उन्हें साइबर फ्रॉड की आशंका हुई।

ताजा ख़बर, पटना

बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार 15 के बाद संभव, भाजपा के 4 मंत्री होंगे

मंत्रिमंडल में 36 मंत्री हो सकते हैं…. अभी मुख्यमंत्री सहित 30; 6 की वैकेंसी •कई विभाग के चेहरे बदलेंगे, मौजूदा मंत्रियों के विभाग घटेंगे नया विचार पटना–  15 जनवरी के बाद कभी भी बिहार में मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। 30 जनवरी के पहले यह काम पूरा हो जाएगा। भाजपा के 4 नए चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल होंगे। इस क्रम में भाजपा के जिन मंत्रियों के पास अधिक विभाग हैं, उन्हें कम किया जाएगा। ये विभाग कैबिनेट में शामिल होने वाले मंत्रियों के बीच बंटेंगे। कैबिनेट विस्तार में पटना, तिरहुत व सारण प्रमंडल के विधायकों को स्थान देने की तैयारी है। फिलहाल बिहार प्रशासन में सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा सहित 30 मंत्री हैं। इसमें दो डिप्टी सीएम सहित 15 मंत्री भाजपा के कोटे से हैं। कैबिनेट में ‘हम’ से संतोष कुमार सुमन और निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह शामिल हैं। विधानसभा की कुल सदस्य संख्या के मुताबिक 36 मंत्री हो सकते हैं। इस हिसाब से मंत्री पद की 6 वैकेंसी है। तिरहुतः 39 विधानसभा सीट है। इसमें 26 सीट पर भाजपा और 6 सीट पर जदयू ने जीत दर्ज की है। समझिए… पटना, तिरहुत व सारण को तवज्जो क्यों बिहार में 9 प्रमंडल हैं। इसमें पटना, तिरहुत व सारण प्रमंडल के ही विधायकों के कैबिनेट विस्तार में शामिल होने के आसार हैं। इसकी वजह, इन प्रमंडलों में विधानसभा चुनाव में भाजपा द्वारा जीती गई सीटों की संख्या अधिक है। 2020 के विधानसभा चुनाव में तिरहुत में सबसे अधिक सीटों पर भाजपा की जीत हुई थी। विस्तार में उन प्रमंडलों को भी अहमियत मिलेगी, जहां भाजपा ने कम सीटें जीतीं हैं। पटनाः 43 विधानसभा सीट है। इसमें 8 पर भाजपा की जीत हुई है। 5 सीट पर जदयू जीता है। फॉर्मूलाः चेहरा नया पर जाति वही मंत्रिमंडल के विस्तार में 3-4 विभागों के मंत्री भी बदलेंगे। जिस जाति के मंत्री हैं, उसी जाति के विधायक या एमएलसी उन्हें रिप्लेस करेंगे। कई ऐसे मंत्री हैं, जिनके पास एक से अधिक विभाग हैं। ये कैबिनेट में शामिल होने नए चेहरों के बीच बंटेंगे। सारणः 24 सीट में से पिछले चुनाव में 7 सीट पर भाजपा और 2 पर जदयू के प्रत्याशी जीते हैं। 18 को भाजपा अध्यक्ष भरेंगे पर्चा इस बीच प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का भी चुनाव होना है। सूचना के मुताबिक 18 जनवरी को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल नामांकन करेंगे। उनका निर्वाचन भी तय है। उनका नया कार्यकाल 2028 तक होगा। अभी भाजपा के मंत्री और उनके विभाग सम्राट चौधरी (डिप्टी सीएम) वित्त एवं वाणिज्य कर। विजय कुमार सिन्हा (उप मुख्यमंत्री) पथ निर्माण, खान एवं भूतत्व, कला संस्कृति एवं युवा। प्रेम कुमार- सहकारिता, पर्यावरण एवं वन। रेणु देवी- पशु एवं मत्स्य संसाधन । मंगल पांडेय – स्वास्थ्य एवं कृषि। नीरज कुमार सिंह बबलू-लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण। नीतीश मिश्रा- उद्योग एवं पर्यटन। नितिन नवीन नगर विकास एवं आवास और विधि। दिलीप जायसवाल- राजस्व एवं भूमि सुधार। जनक राम- एससी एसटी कल्याण। हरि सहनी- पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग। कृष्णनंदन पासवान – गन्ना उद्योग। केदार प्रसाद गुप्ता- पंचायती राज। सुरेंद्र मेहता- स्पोर्ट्स। संतोष सिंह- श्रम संसाधन।

ताजा ख़बर, राजनीति

दिल्ली विधानसभा चुनाव – बिहार की पार्टियां बढ़ाएंगी BJP कांग्रेस की टेंशन? दिल्ली में 24% पूर्वांचल के वोटर्स

जेडीयू का कहना है कि नीतीश कुमार के चेहरे को जनता देश के स्तर पर पसंद करती है. आरजेडी ने लालू-तेजस्वी की लोकप्रियता का जिक्र किया है नया विचार – दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर तारीखों का ऐलान हो चुका है. बिहार की पार्टियां भी दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी ताकत दिखाने के लिए तैयार हैं. दिल्ली में करीब 24 फीसद पूर्वांचल के वोटर्स हैं. पूर्वांचल के करीब 40 लाख वोटर्स दिल्ली में कई सीटों पर असर डालते हैं. ऐसे में सवाल है कि क्या बिहार की पार्टियां दिल्ली में बीजेपी और कांग्रेस की टेंशन बढ़ाने वाली हैं? जेडीयू और एलजेपी रामविलास के साथ उधर आरजेडी भी दिल्ली में लड़ना चाहती है. सवाल यह भी है कि पूर्वांचल के वोटर्स की संख्या अधिक होने के कारण क्या दोनों राष्ट्रीय पार्टियां सहयोगी दलों की अनदेखी कर पाएंगी? जेडीयू के प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि नीतीश कुमार के चेहरे को जनता देश के स्तर पर पसंद करती है. नीतीश के कारण बीजेपी को हर जगह लाभ होता है. दिल्ली में बड़ी संख्या में बिहारी वोटर रहते हैं जो नीतीश कुमार की विचारधारा और उनके कामकाज को पसंद करते हैं. दिल्ली चुनाव में जेडीयू की इस बार पहले के मुकाबले मजबूत धमक रहेगी. पिछली बार दो सीट मिली थी. इस बार सीट कितनी होगी यह एनडीए के नेता तय करेंगे, लेकिन इस बार पहले से बेहतर रहेगा. हर पार्टी चाहती है गठबंधन के अंदर उसको ज्यादा सीट मिले. दिल्ली चुनाव से पहले ही इंडिया गठबंधन बिखरता दिख रहा है. इस पर उन्होंने कहा कि जब नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन से अलग हुए थे उसके बाद ये डूबने लगा था. खुद को बचाने के लिए यह लोग एक नाव पर सवार हो गए थे, लेकिन हर विधानसभा चुनाव में इन लोगों का असली चेहरा दिख रहा है. सब एक दूसरे की पोल खोल रहे हैं. क्या कांग्रेस से बात करेगी लालू की पार्टी? दिल्ली विधानसभा चुनाव के मसले पर आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ मिलकर हम लोग लड़े थे. चार सीट कांग्रेस ने हम लोगों को दी थी. दिल्ली में प्रशासन बनाने और बिगाड़ने में पूर्वांचल वोटरों की अहम भूमिका रहती है. दिल्ली में पूर्वांचल के वोटर्स के बीच लालू-तेजस्वी की लोकप्रियता है. हमारा आलाकमान कांग्रेस आलाकमान से क्या बातचीत करेगा, क्या तय होगा, यह बताया जाएगा. आरजेडी जहां भी लड़ती है उसका लाभ गठबंधन को मिलता है. झारखंड में बीजेपी का सफाया हो गया. दिल्ली में बीजेपी का सफाया होगा और उसमें आरजेडी की बड़ी भूमिका होगी. कितनी सीट पर लड़ेंगे, कौन सी सीटें होंगी, ये सब तय होगा. दिल्ली चुनाव से पहले क्या इंडिया गठबंधन बिखर गया है? ममता बनर्जी की पार्टी बोली बीजेपी को हराए आम आदमी पार्टी, अखिलेश ने आम आदमी पार्टी का समर्थन किया, आरजेडी का कांग्रेस की ओर झुकाव है. इस पर मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि हर राज्यों की परिस्थितियां अलग हैं. दिल्ली में कांग्रेस व आप अलग-अलग लड़ रही है. राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया गठबंधन एकजुट था व लोकसभा चुनाव बीजेपी के खिलाफ लड़े. बीजेपी के 400 पार नारे की हवा निकाल दी. दिल्ली में बीजेपी की प्रशासन नहीं आएगी. उधर एलजेपी रामविलास के प्रवक्ता राजू तिवारी ने कहा कि पूर्वांचल के वोटर्स में चिराग सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं. दलित वोट 17 फीसद है जो चिराग के साथ है. इसका लाभ दिल्ली में एनडीए को मिलेगा. पिछली बार हम लोग दिल्ली में एनडीए में एक सीट पर लड़े थे. इस बार कितनी सीट पर लड़ेंगे इस पर बातचीत चल रही है. एक दो दिन में ही फैसला हो जाएगा.

ताजा ख़बर, पटना

अब समझ आया खेसारी ग्राउंड पर क्यों नहीं…?, भोजपुरी एक्टर ने BPSC छात्रों को समझाया, कहा- आपका मुद्दा खो गया

भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव ने पोस्ट कर बीपीएससी छात्रों को समझाया है कि अपनी लड़ाई खुद लड़िए. उन्होंने पीके पर तंज कसते हुए कहा कि बीपीएससी का अहम मुद्दा पीछे चला गया. नया विचार पटना। भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव (Khesari Lal Yadav) पटना में चल रहे BPSC परीक्षा के विरोध में छात्रों का समर्थन कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने ने इस सवाल का जवाब दिया है कि वो छात्रों की लड़ाई में ग्राउंड पर क्यों नहीं आए. इसको लेकर उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर फिर से पोस्ट किया है. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा है कि अगर वो लड़ाई में उतरते तो पूरी मीडिया कवरेज उन्हीं को मिलती और अभ्यर्थियों का मुद्दा गौण हो जाता. उन्होंने प्रशांत किशोर का नाम लिए बिना कहा कि मीडिया में सिर्फ बस एम्बुलेंस, हॉस्पिटल, थाना और जो नए-नए नेता बने हैं उनकी समाचारें छप रही हैं. खेसारी लाल ने क्या पोस्ट में क्या लिखा  खेसारी लाल ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, “पिछले कुछ समय से यह सवाल उठ रहा है कि खेसारी ग्राउंड पर क्यों नहीं आया? इसका जवाब अब स्पष्ट हो गया न! खेसारी अगर ग्राउंड पर आता, तो खेसारी को मीडिया पहले दिखाती, आपको और आंदोलन को बाद में! आपके मुद्दे दब जाते और खेसारी को मीडिया हाईलाइट कराती. यह ठीक वैसे ही हुआ जैसे आज बीपीएससी का अहम मुद्दा पीछे चला गया. मीडिया किसी और को दिखा रही है. खेसारी ने आगे लिखा, “सोचिए, आज बीपीएससी के मुद्दे को कितनी मीडिया कवरेज मिल रही है? हर तरफ बस एम्बुलेंस, हॉस्पिटल, थाना और जो नए नए नेता बने है उनकी समाचारें छप रही हैं. यह वही स्थिति है, जिसके बारे में हम पहले से आगाह किये थे, “अपना झंडा और डंडा लेकर आगे बढ़ो!” लेकिन आज हम दूसरों के झंडे के पीछे चले और नतीजा यह हुआ कि बीपीएससी का मूल मुद्दा कहीं खो गया. इसलिए सवारी नहीं, गाड़ी बन जाओ, बिहार के लिए बस एक बार बिहारी बन जाओ”! लॉलीपॉप लेके बुड़बक मत बनिएगा’ इससे पहले भी खेसारी ने अपनी एक पोस्ट में लिखा था, “ना फलनवा कामे आई, ना चिलनवा… उल्टा आप सब के इमोशन के वैल्यू देने के बजाए, आपके इमोशन को बझायेगा लोग. आ तब तक बझायेगा लोग जब तक आप कोई नया नेता ना पैदा कर दें या और कमजोर ना हो जाये. इसलिए किसी के सहारे नहीं रहिये, अपना डंडा और उसमे अपना झंडा हर जिले में मजबूत कीजिए और हां, लॉलीपॉप लेके बुड़बक मत बनियेगा. लड़ाई हक़ की हैं. ठीक हैं !”

ताजा ख़बर, बिहार, स्वास्थ्य

सदर अस्पताल में मरीज के परिजनों के लिए बनाए जा रहे धर्मशाला तैयार, 30 रुपए शुल्क देकर मरीज के परिजन यहां ठहर सकेंगे

  नया विचार मुजफ्फरपुर : सदर अस्पताल में अब इलाज के लिए आने वाले मरीज के भर्ती होने पर उनके परिजनों को अन्य स्थानों पर रात नहीं बितानी पड़ेगी। क्योंकि अब मरीज के परिजनों के ‌ठहरने के लिए अस्पताल कैंपस में ही एक मॉडर्न गेस्ट हाउस बनाया गया है। जिसमें ठहरने के लिए अस्पताल की ओर से निर्धारित राशि जमा कर रूम बुक कराया जा सकता है। बताया जाता है कि सेंट्रल ड्रग स्टोर के समीप ऊर्जा विभाग न के सीआरएस फंड से जी-4 बिल्डिंग का निर्माण किया गया है। मंगलवार को निर्माण एजेंसी ने इस नवनिर्मित भवन को अस्पताल प्रबंधन को हैंडओवर कर दिया। अधीक्षक डॉ. बाबू साहेब झा ने बताया कि इस गेस्ट हाउस में मरीजों के परिजन को सस्ते दर पर ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था होगी। 30 रुपए शुल्क में ठहरने के लिए बेड मिलेगा। इसके अलावा 30 रुपए में भोजन और 15 रुपए में नाश्ता मिलेगा।  

ताजा ख़बर, समस्तीपुर

रेल मंडल के स्टेशनों पर अब दिखेंगे प्लेटफार्म वेंडर

नया विचार समस्तीपुर- समस्तीपुर रेल मंडल के विभिन्न स्टेशनों पर अब प्लेटफार्म वेंडर भी यात्रियों को खानपान की सुविधा देते नजर आयेंगे. समस्तीपुर रेल मंडल ने इसके लिए स्टेटिक कैटरिंग यूनिट को प्लेटफॉर्म वेंडर रखने के लिए अनुमति दी है. साथ ही चयन प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. हालांकि इसके लिए रेल मंडल ने विभिन्न स्टेशनों के लिए अलग-अलग निर्धारित शुल्क तय किया है. जिसे कैटरिंग यूनिट संचालकों को देना होगा. इसमें वैसे कैटरिंग यूनिट संचालक भाग ले सकेंगे जो विभिन्न स्टेशनों पर पहले से ही स्टॉल संचालित कर रहे हैं. ज्यादा संख्या में अनुमति भी नहीं दी जायेगी. इसकी भी तय सीमा बनाई गई है. माइनर यूनिट को दो से तीन वेंडर रखने की अनुमति एक प्लेटफार्म पर दी गई है. जबकि मेजर यूनिट को यह संख्या 6 से 8 तक निर्धारित की गई है. समस्तीपुर के अलावा दरभंगा सहित तीन दर्जन से अधिक स्टेशनों के लिए श्रेणीवार शुल्क भी तय किया गया है. खानपान सुविधा को बेहतर बनाने के लिए निर्णय इन प्लेटफार्म वेंडर को संबंधित प्लेटफार्म पर ही खानपांच सुविधा उपलब्ध यात्रियों को करने का निर्देश दिया गया है. यह अपने पेरेंट्स यूनिट से संचालित होंगे. जहां से यह खानपान उठायेंगे. वेंडर पहले से संचालित यूनिट से टैग रहेंगे. अलग से अतिरिक्त वेंडर नहीं मिलेगा. स्टॉल संचालक ही वेंडर की तैनाती करेंगे. इन्हें ट्रेन के अंदर खाना बेचने की अनुमति नहीं होगी. यह बाहर से ही बिक्री कर सकेंगे. अगर स्टॉल संचालक का ठेका रद्द किया जाता है तो ऐसे वेंडर भी स्वत: ही बाहर हो जायेंगे.स्टॉल संचालक से संबंधित सभी दस्तावेज वेंडर के रेलवे को उपलब्ध करायेंगे. जिससे किसी तरह की आपराधिक छवि वाला वेंडर इस कार्य में नहीं आ सके. बाकायदा इसके लिए नियम तय करते हुए संचालन प्रक्रिया शुरू की गई है.

पटना, बिहार, शिक्षा, समस्तीपुर

21 से 30 जनवरी तक शिक्षकों की होगी काउंसिलिंग

नया विचार पटना : टीआरई-3 पास शिक्षकों की काउंसिलिंग की तिथि तीसरी बार बढ़ी है। अब 1 से 12वीं कक्षा के शिक्षकों की काउंसिलिंग 21 से 30 जनवरी तक होगी। यह काउंसिलिंग जिलों में ही होगी। इस दौरान प्रमाणपत्र, प्रवेशपत्र, जाति, आरक्षण कोटा का प्रमाणपत्र साथ लाना होगा। अलग अलग तिथि को 66,345 शिक्षकों की काउंसिलिंग होगी। इससे पहले शिक्षकों की काउंसिलिंग की तिथि 16 से 31 दिसंबर तक निर्धारित की गई थी। लेकिन काउंसिलिंग की तिथि में फिर बदलाव किया गया। इस बार 23 से 30 दिसंबर तक बुलाया गया। काउंसिलिंग शुरू होती उसके पहले ही फिर तारीख बदल दी गई। इस बार यह यह 9 से 16 जनवरी निर्धारित की गई। लेकिन एक बार फिर से तिथि में संशोधन किया गया। अब 21 से 30 जनवरी तक काउंसिलिंग होगी।

तकनीकी, ताजा ख़बर

इसरो रचेगा इतिहास, आज अंतरिक्ष में करेगा डॉकिंग का प्रयोग; इन देशों में हो जाएगा शामिल

इसरो नौ जनवरी को इतिहास रचेगा। इसरो कक्षा में दो उपग्रहों का उपयोग करके अंतरिक्ष में डॉकिंग का अपना महत्वाकांक्षी प्रयोग करेगा। यह प्रयोग सात जनवरी को निर्धारित था लेकिन इसे गुरुवार सुबह के लिए स्थगित कर दिया गया। अगर इसरो अपने इस मिशन में सफल रहा तो हिंदुस्तान अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक रखने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। नया विचार बेंगलुरु। हिंदुस्तानीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) नौ जनवरी को कक्षा में दो उपग्रहों का उपयोग करके अंतरिक्ष में डॉकिंग का अपना महत्वाकांक्षी प्रयोग करेगा। यह प्रयोग सात जनवरी को निर्धारित था, लेकिन इसे गुरुवार सुबह के लिए स्थगित कर दिया गया। अगर इसरो अपने इस मिशन में सफल रहा तो हिंदुस्तान अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक रखने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। स्पैडेक्स एक महत्वपूर्ण परियोजना है इसरो के अनुसार, स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट (स्पैडेक्स) मिशन दोनों उपग्रहों का उपयोग करके अंतरिक्ष में डॉकिंग की किफायती प्रौद्योगिकी के प्रदर्शन का मिशन है। यह तकनीक हिंदुस्तान की अंतरिक्ष योजनाओं के लिए आवश्यक है। जैसे हिंदुस्तानीय को चंद्रमा पर भेजना, चंद्रमा से नमूने लाना, हिंदुस्तानीय अंतरिक्ष स्टेशन (बीएएस) का निर्माण और संचालन आदि। इसरो ने कहा कि स्पैडेक्स एक महत्वपूर्ण परियोजना है, इसे दो छोटे उपग्रहों के इस्तेमाल से अंतरिक्ष यानों को जोड़ने, डॉकिंग व अनडॉकिंग के लिए आवश्यक तकनीक विकसित व प्रदर्शित करने के लिए डिजाइन किया गया है। 30 दिसंबर को इसरो ने मिशन किया था लॉन्च इसरो ने 30 दिसंबर को स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (स्पैडेक्स) मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। PSLV C60 रॉकेट ने दो छोटे उपग्रहों SDX01 और SDX02 व 24 पेलोड के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लॉन्च पैड से उड़ान भरी थी। उड़ान भरने के लगभग 15 मिनट बाद करीब 220 किलोग्राम वजन वाले दो छोटे अंतरिक्ष यान को 475 किलोमीटर की गोलाकार कक्षा में प्रक्षेपित किया गया था। क्यों अहम है स्पैडेक्स मिशन? मिशन के तहत इसरो अंतरिक्ष में दो छोटे अंतरिक्ष यान के साथ डॉकिंग और अनडॉकिंग तकनीक का प्रदर्शन करेगा। इस मिशन के सफल होने पर हिंदुस्तान को कई अन्य अभियान में मदद मिलेगी। चंद्रयान-4 के मिशन के तहत हिंदुस्तान चंद्रमा से मिट्टी के नमूने लाने की तैयारी कर रहा है। अगर डॉकिंग मिशन सफल रहा तो चंद्रमा से नमूने लाना आसान होगा। हिंदुस्तान अंतरिक्ष में अपना स्टेशन बनाने की तैयारी में है। मगर स्टेशन के लिए डॉकिंग तकनीक का होना आवश्यक है।

You have been successfully Subscribed! Ops! Something went wrong, please try again.

About Us

नयाविचार एक आधुनिक न्यूज़ पोर्टल है, जो निष्पक्ष, सटीक और प्रासंगिक समाचारों को प्रस्तुत करने के लिए समर्पित है। यहां राजनीति, अर्थव्यवस्था, समाज, तकनीक, शिक्षा और मनोरंजन से जुड़ी हर महत्वपूर्ण खबर को विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत किया जाता है। नयाविचार का उद्देश्य पाठकों को विश्वसनीय और गहन जानकारी प्रदान करना है, जिससे वे सही निर्णय ले सकें और समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकें।

Quick Links

Who Are We

Our Mission

Awards

Experience

Success Story

© 2025 Developed By Socify

Scroll to Top