बिहार में जातीय जनगणना में की गई खानापूर्ति : नागमणि
23 फरवरी को गाँधी मैदान पटना कोईरी आक्रोश महारैली नया विचार सरायरंजन । बिहार प्रशासन ने बिहार में जातीय गणना करायी, लेकिन कहीं धरातल पर नहीं कराके कुछ खास पदाधिकारियों की मिलीभगत से मनमाने तरीके से जातियों की गणना कर खानापूर्ति की गई है। उक्त बातें शुक्रवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि ने मुसरीघरारी स्थित उजियारपुर गेस्ट हाउस में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा। उन्होंने भाजपा देश को बेचने का काम कर रही है। कहां कि बिहार का बच्चा बच्चा जानता है कि हमारे कोईरी समाज की 12 प्रतिशत जनसंख्या है, जबकि इसे घटाकर केवल साढ़े 4 प्रतिशत कर दिया गया। यहां तक कि हमारा दांगी समाज भी कम से कम साढ़े 2 प्रतिशत है, उसे भी घटाकर सिर्फ आधा प्रतिशत कर दिया। भूमिहार, राजपूत, ब्राह्मण की जनसंख्या भी प्रत्येक की कम से कम 5.5 प्रतिशत होनी चाहिए, उन्हें भी महज 2 से 3 प्रतिशत के बीच सीमित कर दिया गया। कलाल मुसलमान होते है, सर्वे में हिन्दू बताया गया है। यह साबित करता है कि बिहार में गाँव में सर्वेक्षण हुआ ही नहीं, सिर्फ कागज पर खानापूर्ति करने की बात कही। उन्होंने कहा किबिहार प्रशासन ने जो नीति अपनाई है कि जिसकी जितनी जनसंख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी दी जायेगी, ऐसी स्थिति में इस घटे हुए आंकडें से हमारे समाज को काफी नुकसान होगा। यादव समाज को 14 प्रतिशत बताया गया है, जिसे मैं बिलकुल सही मानता हूँ। यादव से कोईरी समाज ज्यादा से ज्यादा 3-4 प्रतिशत ही कम होगा, अतः कोईरी समाज को कम-से-कम 10 प्रतिशत तो होना ही चाहिए। नीतीश प्रशासन ने खासकर कोईरी समाज को जलील और अपमानित करने का काम किया है। नीतीश कुमार ने जानबूझकर योजना के तहत हमें नीचा दिखाने का पूरा प्रयास किया है। आज पूरे बिहार के कोईरी समाज में जबरदस्त आक्रोश है। कोईरी समाज का हर व्यक्ति इस अपमान का बदला लेना चहता है, जरूरत सिर्फ उन्हें एकजुट करने की है। उन्होंने इस दौरान सांसद पप्पू यादव पर भी करार निशाना साधा है। मौके पर धर्मेंद्र कुमार देश प्रेमी, दिलीप कुमार सिंह, उमेश मणि कुशवाहा सहित दर्जनों लोग मौजूद थे।