वायु के समान जीवनी शक्ति है देश के युवा: डॉ.सच्चिदानंद
युवा दिवस, स्वामी विवेकानंद जयंती, नव वर्ष और मकर संक्रान्ति पर कवि सम्मेलन हास्य गीतों पर लोटपोट हुए छात्र एवं प्राध्यापक नया विचार सरायरंजन : वायु के समान जीवनी शक्ति है देश के युवा। यह बातें सुप्रसिद्ध गीतकार एवं साहित्यकार डॉ .सच्चिदानंद पाठक ने केएसआर महाविद्यालय सराय रंजन में आयोजित युवा दिवस, स्वामी विवेकानंद जयंती, नव वर्ष एवं मकर संक्रांति मिलन समारोह पर आयोजित कवि सम्मेलन को संबोधित करते हुएकहीं । डॉ. पाठक ने स्पष्ट किया कि युवा शब्द का उल्टा वायु है, और वायु शब्द का उल्टा युवा होता है। इस प्रकार युवा और वायु दोनों में अन्योन्याश्रय संबंध है। इसीलिए अपने आध्यात्मिक तेज़ के बल पर , अपने चरणों में सारे संसार को नतमस्तक करते हुए हिंदुस्तान को संपूर्ण विश्व का गुरु बनाने वाले स्वामी विवेकानंद ने हिंदुस्तानीय युवाओं को तन, मन और आत्मा से सशक्त होने का आह्वान किया, ताकि सदा सर्वदा के लिए हिंदुस्तान संपूर्ण विश्व का गुरु बना रहे। डॉ. पाठक ने शिकागो के विश्व धर्म सम्मेलन में हिंदुस्तानीय संन्यासी स्वामी विवेकानंद को शून्य विषय दिए जाने पर, शून्य के अंदर छिपे हिंदुस्तानीय वेद , उपनिषद वेदांत के भरपूर ज्ञान से अखिल ब्रह्मांड के ज्ञान का दर्शन करा कर ,हिंदुस्तान की धर्म पताका को संपूर्ण विश्व में लहरा कर देश को गौरवान्वित कर दिया था। स्वामी विवेकानंद के ज्ञान से जहां सारा विश्व चमत्कृत हो उठा, वहीं गुलाम हिंदुस्तान को अति शीघ्र आजादी दिलाने के लिए अंग्रेजों को भी झकझोर कर रख दिया था। डॉ. पाठक ने छात्र-छात्राओं को स्वामी विवेकानंद के जीवन से प्रेरित होने का आह्वान किया। महाविद्यालय के हिंदी विभाग एवं एनएसएस के तत्वावधान में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने स्वामी विवेकानंद को युगादर्श बताया। हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो .अवधेश कुमार के संचालन एवं प्राचार्य डॉ. विपिन कुमार झा की अध्यक्षता में आयोजित युवा दिवस जयंती सह कवि सम्मेलन में बेगुसराय जिला से आये समाज सुधार परक सुप्रसिद्ध हास्य गीत कार डा. सच्चिदानन्द पाठक के हास्य गीतों पर श्रोता लोट-पोट होते रहे। अपने गीतों दहेज लेकर होने वाले शादियों से उत्पन्न विकृतियां बताते हुए डॉ .पाठक ने कहमा से चलि ऐल हे राधिका,कहमा चलि जाय हो राम,कौने बाबा दरवजवा हे राधिका बाजैई छई मृदंग हो राम, मुर्दा जरै भाइ नई जरै,जिलेबी के चूल्हा,जरै के चाही, बाबा अबियौ ने हमरा कवरेज एरिया आदि गीतों से शमां बांध दिया। वहीं विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार सह गीतकार चांद मुसाफिर के ग़ज़ल एवं गीतों से शिक्षक एवं छात्र लोट पोट होते रहे। इसके पूर्व मुख्य अतिथि डॉ.सच्चिदानंद पाठक, विशिष्ट अतिथि चांद मुसाफिर,प्राचार्य डॉ. विपिन कुमार झा, पूर्व प्राचार्य डॉ .बैद्यनाथ चौधरी, शिक्षक प्रतिनिधि अभय कुमार झा,प्रो .नीलमणि झा, विभागाध्यक्ष प्रो. अवधेश कुमार झा एवं डॉ .उषा कुमारी द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का उद्घाटन किया गया। प्राचार्य डॉ.विपिन कुमार झा एवं विभागाध्यक्ष प्रो .अवधेश कुमार झा के द्वारा मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि को चादर, माला,पाग,नव वर्ष का कैलेंडर,अंबर मणि पत्रिका एवं गुरु वंदना पुस्तक देकर सम्मानित किया गया। स्वामी विवेकानंद के तैल चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।संगीत विभागाध्यक्ष प्रो.विभा कुमारी एवं शोभा कुमारी के द्वारा जय जय भैरवी गीत से समारोह का शुभारंभ किया। छात्र अमन कुमार ने स्वागत गीत से अतिथियों का स्वागत किया।एनएसएस नोडल अधिकारी प्रो .रमेश कुमार,ने एनएसएस के द्वारा युवाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला।प्रो. मनोज कुमार झा, प्रो .शेखर प्रसाद चौधरी,छात्रा संध्या सुमन एवं दिव्या कुमारी ने स्वामी विवेकानंद के ओजस्वी चरित्र पर प्रकाश डाला।अंजना कुमारी ने विवेकानंद पर गीत प्रस्तुत किया, कुमारी कनक लता,अंशु कुमारी, रश्मि कुमारी,सत्यम कुमार,पायल कुमारी, रागिनी कुमारी, अनुष्का कुमारी, कंचन कुमारी आदि ने संबोधित किया। मौके पर डॉ.शर्देन्दु कुमार झा,डॉ. सुवंश कुमार चौधरी, डॉ. चंद्रशेखर झा,प्रो .पवन कुमार चौधरी,प्रो. प्रभात कुमार चौधरी,प्रो .मणि कांत चौधरी,प्रो. अशोक कुमार ठाकुर, प्रो. अनिल कुमार झा,डॉ .किरण कुमारी,प्रो .शबनम कुमारी,प्रो .वर्षा कुमारी, दयानंद झा, बबलू कुमार, विनय कुमार झा सहित महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक एवं कर्मी मौजूद थे।