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January 16, 2025

ताजा ख़बर, बिहार, समस्तीपुर

बिहार के महान नाटककार डॉ.चतुर्भुज की जयंती मुकेश कुमार की अध्यक्षता गूगल मीट के माध्यम से की गई।

नया विचार समस्तीपुर : मुकेश आर्ट एंड कल्चर के बैनर तले मुकेश कुमार की अध्यक्षता में महान नाटककार डाक्टर चतुर्भुज की जयंती गूगल मीट के माध्यम से आयोजित किया गया।वर्चुअल बैठक की शुरुआत संगीतज्ञ मंगलेश कुमार के द्वारा किया गया। इस अवसर पर विषय प्रवेश करते हुए कुमार अनुपम ने कहा कि बिहार के नाट्य जगत में डॉ.चतुर्भुज गुरु जी के नाम से विख्यात थे।उन्होंने ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के एम.ए. के कोर्स में नाट्य शास्त्र की पढ़ाई की शुरुआत करवाया। वहीं महान रंगकर्मी,शिक्षाविद और फिल्म निर्माता अनिल पतंग ने कहा की गुरु जी बचपन से ही रंगमंच को जिया। वे हम लोग के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं।रंगकर्मी विनय सिन्हा ने गुरु जी के जीवन को अनुकरणीय बताया। जबकी किस्सा जाफरी इमाम जबकि साहित्यकार व शिक्षाविद् शाह जाफर इमाम ने स्वयं के द्वारा डाक्टर चतुर्भुज के नाटकों के मंचन के दिनों को याद कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया। मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए डाक्टर चतुर्भुज के बड़े पुत्र रंगकर्मी, साहित्यकार, उद्घोषक डॉ.अशोक प्रियदर्शी ने गुरु जी के जीवन के जाने अनजाने पहलुओं को पटल पर रखा। उन्होंने कहा कि वेबसाइट पर चतुर्भुज ड्रामा डॉट कॉम पर उनकी रचनाओं, नाट्य शिल्प विज्ञान, चतुर्भुज रचनावली,उपन्यास आदि पढ़ा जा सकता है।मौके पर शिक्षाविद यशवंत चौधरी,अरुण कुमार राम,मणि भूषण प्रसाद, नरेश कुमार आदि ने कार्यक्रम को आगे बढ़ाने ने सहयोग किया।अंत में धन्यवाद ज्ञापन शिक्षाविद कौशल किशोर क्रांति ने किया।

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गुड मॉर्निंग इंडिया! अंतरिक्ष में गले मिली ISRO की 2 सैटेलाइट्स, SpaDeX मिशन सफल, दुनिया का चौथा देश बना भारत

नया विचार – हिंदुस्तान अंतरिक्ष में दो स्पेसक्राफ्ट को सक्सेसफुली डॉक करने वाला चौथा देश बन गया है। इससे पहले रूस, अमेरिका और चीन ही ऐसा करने में सफल रहे हैं। इसरो ने बताया कि 16 जनवरी को सुबह डॉकिंग एक्सपेरिमेंट को पूरा किया गया। हिंदुस्तानीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने गुरुवार को ‘स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट’ (SpaDex) के तहत सेटेलाइट्स की ‘डॉकिंग’ सफलतापूर्वक की. इसरो ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा,’हिंदुस्तान ने अंतरिक्ष इतिहास में अपना नाम दर्ज कर लिया है. गुड मॉर्निंग हिंदुस्तान, इसरो के स्पेडेक्स मिशन ने ‘डॉकिंग’ में ऐतिहासिक कामयाबी हासिल की है. इस लम्हे का गवाह बनकर गर्व महसूस हो रहा है.’ इससे पहले 12 जनवरी को इसरो ने उपग्रहों को ‘डॉक’ करने के परीक्षण के तहत दो अंतरिक्ष यान को तीन मीटर की दूरी पर लाकर और फिर सुरक्षित दूरी पर वापस भेजा था. इसरो ने 30 दिसंबर 2024 को ‘स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट’ (स्पेडेक्स) मिशन को कामयाबी के साथ शुरू किया था. दो छोटी सेटेलाइट्स, एसडीएक्स01 (चेजर) और एसडीएक्स02 (टारगेट) को 24 पेलोड के साथ ले जाने वाले पीएसएलवी सी60 रॉकेट ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले ‘लॉन्चपैड’ से उड़ान भरी थी. उड़ान भरने के करीब 15 मिनट बाद लगभग 220 किलोग्राम वजन वाले दो छोटे अंतरिक्ष यान के टार्गेटेड तरीके से 475 किलोमीटर की गोलाकार कक्षा में प्रक्षेपित किया गया था. इसरो के मुताबिक स्पेडेक्स मिशन दो छोटे अंतरिक्ष यान का उपयोग कर अंतरिक्ष में ‘डॉकिंग’ के लिए एक किफायती टेक्नोलॉजी मिशन है जिसे पीएसएलवी के जरिये लॉन्च किया गया था. क्यों जरूरी है यह टेक्नोलॉजी ? अंतरिक्ष में ‘डॉकिंग’ तकनीक तब जरूरी होती है जब सामान्य मिशन उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए कई रॉकेट लॉन्च की जरूरत होती है. यह टेक्नोलॉजी हिंदुस्तान की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं जैसे चंद्रमा पर हिंदुस्तानीय मिशन, चंद्रमा से नमूने वापस लाना, हिंदुस्तानीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) बनाने और चलाने वगैरह के लिए बेहद जरूरी है. इस मिशन के ज़रिए हिंदुस्तान अंतरिक्ष डॉकिंग टेक्नोलॉजी रखने वाला दुनिया का चौथा देश बनने की बन गया है.

ताजा ख़बर, बिहार

बिहार में कौन सा जिला किस फसल के लायक, डिजिटल सर्वे कराएगी सरकार

नया विचार – बिहार में किस फसल के लिए कौन सा जिला उपयुक्त है, इसका पता लगाने के लिए बिहार प्रशासन डिजिटल सर्वे करायेगी. कृषि विभाग ने 28 जिलों में यह काम शुरू कर दिया है. जल्द ही पूरे प्रदेश में सर्वे शुरू किया जाएगा. इस सर्वे के बाद बिहार में जलवायु परिवर्तन के अनुसार फसल चयन और योजना बनाने में आसानी होगी. इस सर्वे के बाद क्षेत्रवार फसलों को लगाने और कहां कैसी फसल लगाने के लिए उपयुक्त जलवायु है, इन सबका भी सहजता से पता चल सकेगा. 13 हजार गांवों में होगा डिजिटल क्राप सर्वे विभाग ने इस साल 13 हजार गांवों में डिजिटल क्राप सर्वे करने की कार्ययोजना बनायी है. संबंधित जिलों के जिलाधिकारी इसकी निगरानी करेंगे. अभी रबी फसलों का सर्वे चल रहा है. पिछले दिनों इसको लेकर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने उच्चस्तरीय बैठक की थी. इसमें उन्होंने विभाग को 36 जिलों में फसलों के डिजिटल सर्वे का काम शुरू करने को कहा था. उन्होंने जिलाधिकारियों को इसकी निगरानी का टास्क सौंपा है. डीएम इसकी नियमित समीक्षा करेंगे. किसान बनेंगे प्रशासनी योजना में सहभागी मुख्य सचिव के निर्देश के बाद कृषि विभाग ने सर्वे को लेकर कार्ययोजना बनायी है. इसके तहत 28 जिलों में इसकी शुरुआत की गयी है. शेष 10 जिलों में भी इसके कार्यान्वयन को लेकर काम शुरू किया जाएगा. विभाग इसको लेकर अलग से योजना बनाएगा और फिर उसका कार्यान्वयन होगा. विभाग का कहना है कि सर्वे से किसानों को न केवल योजनाओं का समुचित लाभ मिलेगा बल्कि वे प्रशासनी योजनाओं के कार्यान्वयन में भी सहयोगी की भूमिका में रहेंगे. एक क्लिक में मिलेगी फसल संबंधी जानकारी डिजिटल क्रॉप सर्वे से जलवायु परिवर्तन के अनुसार फसल चक्र की योजना बनाने में मदद मिलेगी. जिलेवार बीज, खाद आवंटन और फसल आदि में मदद मिलेगी. यही नहीं कृषि क्षेत्र में उच्चस्तरीय तकनीक के उपयोग का रास्ता भी प्रशस्त हो सकेगा. इस सर्वे के बाद सभी गांवों में फसलों को लेकर प्रशासन के पास अद्यतन और वैज्ञानिक आंकड़े उपलब्ध होंगे. किस गांव में कितने रकबे में कौन सी फसल है, इन सबकी जानकारी एक क्लिक में उपलब्ध हो सकेगी. शेखपुरा जिले में हो चुका है ट्रायल बिहार में फसलों के डिजिटल सर्वे का ट्रायल शेखपुरा जिला में हुआ था. उस समय देश के कुछ चुनिंदा जिलों में प्रायोगिक तौर पर बिहार के शेखपुरा जिले का चयन किया गया था. यहां किया गया सर्वे व उसका परिणाम बेहद सफल रहा था. इसके बाद उसी मॉडल को बिहार के अन्य जिलों में कार्यान्वित करने का निर्णय लिया गया है. इसके बाद 28 जिलों को लेकर विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गयी. उस पर काम शुरू किया गया. शीघ्र इसे सभी जिलों में विस्तारित किया जाएगा.

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