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January 28, 2025

समस्तीपुर

किन्नरों ने मारपीट मामले में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करते हुए किया प्रदर्शन, पुलिस से भी की मारपीट

नया विचार सरायरंजन : समस्तीपुर जिले के मुसरीघरारी थाना क्षेत्र में सैकड़ो कि संख्या में किन्नरों ने पुलिस की लापरवाही को लेकर जमकर प्रदर्शन किया ।जिस दौरान मुसरीघरारी चौराहा बाधित कर प्रदर्शन किया जिस बजह से यातायात भी प्रभावित हुआ ।वही पुलिस के समझाने बुझाने के घण्टो बाद प्रदर्शन समाप्त किया गया ।पूरा मामला मुसरीघरारी थाना क्षेत्र के हरपुर एलौथ में शिशु के जन्मदिन पर बधाई मांगने पहुंचे किन्नरों की एक टोली पर गृहस्वामी ने जानलेवा हमला कर दिया। इसमें करीब आधा दर्जन किन्नर गंभीर रूप से जख्मी हो गये । स्थानीय लोगों के सहयोग से जख्मियों को इलाज के लिए सदर अस्पताल भर्ती कराया गया है. जख्मियों की पहचान मुसरीघरारी थाना क्षेत्र के हरपुर ऐलौथ निवासी रूपा किन्नर, सुहाना किन्नर, खुशी किन्नर, रूबी किन्नर, नैना किन्नर, सानिया किन्नर, नेहा किन्नर के रूप में बताई गई है. जख्मी रूपा किन्नर के बताया कि वह किन्नरों की गुरु है. हरपुर एलौथ स्थित अल्फा विद्यालय के पास एक मकान में सभी किन्नर रहते हैं ।जहां गृहस्वामी समेत आठ-दस लोगों ने लाठी और लोहे के राॅड से जानलेवा हमला कर दिया. बाद में स्थानीय लोगों ने बीच-बचाव कर मामले को शांत कराया. जख्मियों ने स्थानीय पुलिस से घटना की शिकायत की थी वही आज गृहस्वामी के खिलाफ कोई कार्यवाई नही होने से नाराज किन्नरों ने सैकड़ो की संख्या में मुसरीघरारी थाना का पहले घेराव किया उसके बाद मुसरीघरारी चौराहे को जाम कर जमकर प्रदर्शन किया उस प्रदर्शन के दौरान पुलिसकर्मियों पर भी किन्नरों ने हमला किया । वही एएसपी संजय पांडे ने बताया कि आवेदन मिलते ही पुलिस कार्रवाई कर रही थी लेकिन पुलिस की कार्यवाही न करने की गलत अफवाह को लेकर किन्नरों ने प्रदर्शन किया है ।पुलिस जांच कर जल्द ही उचित कार्यवाही करेगी ।

बिहार

पर्यटकों से गुलजार हुआ बिहार का डल झील, अब तक पहुंची 41 प्रजातियों की विदेशी पक्षियां

नया विचार बेगूसराय– बिहार के बेगूसराय जिले स्थिति कावर झील आजकल पर्यटकों से गुलजार है. एशिया का यह दूसरा सबसे बड़ा पक्षी अभयारण्य है. यह अभयारण्य प्रकृति के सौंदर्य और पक्षी संरक्षण के लिए प्रसिद्ध है. इस पक्षी अभयारण्य में इस साल 107 प्रजाति के देसी और करीब 40 प्रजाति के विदेशी पक्षी प्रवास करने आये हैं. इस कारण यह जगह पक्षी प्रेमियों के लिए खास बन गया है. यहां लोगों को कई प्रवासी पक्षी और देसी पक्षी की प्रजाति देखने को मिल रही है. इन पक्षियों को कावर का स्वच्छ जल, कम ठंड एवं धान के अवशेष के रूप में चारा की पर्याप्त उपलब्धता के कारण रुकने में आसानी होती है. सात समंदर पार से आती हैं प्रवासी पक्षियां ठंड बढ़ते ही कावर झील पक्षी विहार में प्रवासी मेहमान पक्षियों का आगमन शुरू हो गया है. सात समंदर पार से मीलों दूर सफर तय कर रंग-बिरंगे पक्षियों का झील में उतरना शुरू हो गया है. पक्षियों की चहचहाहट व कलरव से लोगों का मन प्रफुल्लित हो रहा है. वहीं झील की रमणीयता बढ़ गई है. रंग-बिरंगे पक्षियों की कलरव से झील की सुंदरता में चार चांद लग गया है. प्रत्येक वर्ष दर्जनों प्रजाति के पक्षी यहां आते हैं. आनेवाले पक्षियों की संख्या सैकड़ों में नहीं बल्कि कई हजारों में होती है. इस झील में पांच माह के प्रवास के बाद गर्मी शुरू होते ही अपने वतन को लौट जाते हैं. यहां दिखती हैं 40 से ज्यादा प्रवासी प्रजातियां इस जगह को 20 जनवरी 1989 को कावर पक्षी बिहार घोषित किया गया. दो जनवरी 1989 को वन मंत्रालय ने कावर को देशभर के 10 रामसर साइट में शामिल किया. इस झील में मुख्य रूप से लालसर, दीघौंच, कसुरार, डुमर, निलसर, डार्टर, ब्लैक नेकेड स्टाक, कूट, किगफिशर, मूर हेन, ग्रै हेरान, कामन इगरेट, लार्ज इगरेट, स्नालर इगरेट, लिटिस इगरेट, नाइट हेरान, लिटिल ग्रीब, शावलर, शिकरा, इजिप्शियन वल्चर, बार हेडेड गीज, पर्पल हेरान, टिल, पर्पल हेरान आदि प्रजाति के मेहमान पक्षी ठंडे इलाके वाले देश साइबेरिया, स्विट्जरलैंड, इंडो तिब्बत, वर्मा, थाईलैंड, जापान, रूस, अफगानिस्तान, मंगोलिया, इंडोनेशिया आदि देशों से यहां पहुंचते हैं. पर्यटकों को भा रही है प्रकृति की सुंदरता पर्यटकों के लिए प्रशासनी स्तर पर कोई खास व्यवस्था नहीं है, लेकिन स्थानीय लोगों ने निजी स्तर पर नाव के साथ-साथ अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की कोशिश की है. कावर झील में पक्षी देखने आयी चंदा सिंह कहती हैं कि पक्षी अभयारण्य एक ऐसी जगह है, जहां आप सुंदर पक्षियों के साथ प्रकृति के मनोरम दृश्य का भी आनंद उठा सकते हैं. यहां मौजूद प्रवासी पक्षियां अपनी ओर आकर्षित करती है. सुविधाओं की कमी के बावजूद उनका कहना है कि यह जगह दोस्तों और परिवार के साथ घूमने के लिए शानदार पर्यटन स्थल है. नेचर फोटोग्राफी के शौकीन अभिनव सिन्हा कहते हैं कि रंग-बिरंगे पक्षियों की खूबसूरती और प्रकृति की सुंदरता को अपनी नजरों में कैद करना हमें यहां अच्छा लगता है. कैसे आएं कावर झील पक्षी अभयारण्य बेगूसराय में स्थित कावर झील पक्षी अभ्यारण एक प्राकृतिक पर्यटन स्थल है. यहां आने के लिए आप रेल, सड़क और हवाई मार्ग का उपयोग कर सकते हैं. रेल मार्ग – इस पक्षी अभ्यारण तक आने के लिए सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन बेगूसराय स्टेशन है, जिसकी दूरी कावर झील से मात्र 30 किलोमीटर है. वायु मार्ग – कावर झील पक्षी अभयारण्य का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा पटना एयरपोर्ट है. इस एयरपोर्ट से पक्षी अभयारण्य तक की दूरी केवल 160 किलोमीटर है. पटना एयरपोर्ट तक पहुंच कर आप बेगूसराय के लिए बस या कैब लेकर कावर झील पक्षी अभयारण्य तक आ सकते हैं. सड़क मार्ग – पटना को बेगूसराय से जोड़ने वाली सड़क हिंदुस्तान के प्रमुख शहरों से जुड़ी हुई है. इसलिए आप सड़क मार्ग से भी कावर झील पक्षी अभयारण्य तक आ सकते हैं.

ताजा ख़बर, पटना

कंधार हाईजैक के दो दशक बाद, पटना रचेगा इतिहास, ऐसा क्या होने जा रहा, जानिए

नया विचार पटना– बिहार की राजधानी पटना के एयरपोर्ट से 26 साल बाद मई में फिर से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू होंगी। नए टर्मिनल का काम फरवरी तक पूरा होगा और अप्रैल में उद्घाटन होगा। सिंगापुर, बैंकॉक, काठमांडू और म्यांमार के लिए सीधी उड़ानें मिलेंगी। इससे बिहार के लोगों को दिल्ली या कोलकाता जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। समय और पैसे की बचत होगी। कार्गो सेवा से व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। पटना से 26 साल बाद विदेश के लिए डायरेक्ट फ्लाइट JDU ने इसे बिहार के विकास में एक स्वर्णिम अध्याय बताया है। JDU ने कहा है कि ‘बिहार के विकास में एक और स्वर्णिम अध्याय! माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में बिहार का एयरपोर्ट अब अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए हो रहा तैयार। यह कदम न केवल राज्य की कनेक्टिविटी को नई ऊंचाई देगा, बल्कि व्यापार, पर्यटन और रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा देगा।’ कंधार हाईजैक के बाद से बंद थी इंटरनेशनल फ्लाइट कंधार हाईजैक के बाद से ही पटना से इंटरनेशनल फ्लाइट्स बंद कर दी गई थीं। आपको बता दें कि अब फिर से पटना एयरपोर्ट से जल्द ही इंटरनेशनल फ्लाइट्स उड़ेंगीं। नए टर्मिनल का निर्माण तेजी से चल रहा है। फरवरी में निर्माण पूरा होने की उम्मीद है। अप्रैल में नए टर्मिनल का उद्घाटन होगा। इसके बाद मई से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू हो सकती हैं। नए टर्मिनल के साथ इमिग्रेशन काउंटर पटना एयरपोर्ट पर नए टर्मिनल के बनने के बाद इमिग्रेशन काउंटर भी शुरू हो जाएंगे। इससे विदेश यात्रा और आसान होगी। 1999 से पटना से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद थीं। 26 साल बाद फिर से ये उड़ानें शुरू होंगी। मई से पटना से काठमांडू, म्यांमार, बैंकॉक और सिंगापुर के लिए सीधी उड़ानें शुरू हो सकती हैं। अभी तक बिहार के लोगों को इन देशों में जाने के लिए दिल्ली या कोलकाता जाना पड़ता था। सीधी उड़ानें शुरू होने से समय और पैसे दोनों की बचत होगी। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया प्लानिंग में जुटी AAI पटना एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए तैयार करने में जुटी है। कई विमानन कंपनियां पटना से उड़ानें शुरू करने में रुचि दिखा रही हैं। यात्रा मार्ग और यात्रियों की संख्या का सर्वे किया जा रहा है। पटना से सीधी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू होने से यात्रियों का समय और पैसा बचेगा। इसके अलावा, विदेशों में कार्गो भेजने की भी योजना है। इससे बिहार के व्यापारियों और उद्यमियों को अपने उत्पाद विदेशी बाजारों में भेजने में आसानी होगी। पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन नए टर्मिनल का उद्घाटन अप्रैल में होगा। उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे। 1999 में इंडियन एयरलाइंस के एक विमान के अपहरण के बाद पटना से नेपाल के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद कर दी गई थीं। तब से पटना एयरपोर्ट सिर्फ नाम का ही अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट रह गया था। अब 26 साल बाद फिर से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू होने से बिहार के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।

ताजा ख़बर, बिहार, राजनीति

नीतीश की बीमारी कहीं NDA में राजनीतिक उठापटक की नींव न डाल दे, टूट चुकी है 19 साल की परम्परा!

नया विचार पटना– बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीमार क्या हुए, राज्य में नई नेतृत्वक उठापटक की कहानी शुरू हो गई। कुछ हो न हो, पर नीतीश कुमार कुछ इसी तरह से बीमार रहे तो एनडीए की नेतृत्व किंतु-परंतु के घेरे में तो चली ही जाएगी। इसके साथ ही एनडीए के छोटे दल जो बड़ा चेहरा दिखाने लगे हैं, उनकी टकराहट की गूंज कुछ बढ़ भी सकती है। सबसे ज्यादा चिंता की बात भाजपा के लिए ही हो जाएगी, क्योंकि बिहार में ‘कुर्सी की नेतृत्व’ में नीतीश कुमार उनके लिए तो तुरुप का इक्का ही हैं। दिलचस्प तो यह है कि बीमारी के कारण नीतीश कुमार जिन महत्वपूर्ण कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हुए, विपक्ष इसे एनडीए में खटपट के रूप में देखने लगा है। आइए जानते हैं कि विपक्ष को बोलने का मौका कब-कब नीतीश कुमार ने दिया… …और तोड़ दी 19 साल की परम्परा अपने नेतृत्वक करियर में नीतीश कुमार के चिंतन में सबसे ज्यादा दलित पीड़ित ही रही है। लेकिन, इस बार नीतीश कुमार के जीवन का नकारात्मक ही सही पर एक रिकॉर्ड बन गया। दरअसल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गणतंत्र दिवस के मौके पर दलित टोला जाते रहे हैं। लेकिन खुद के रचे इतिहास को खुद नीतीश कुमार ने ही इस बार बदल दिया। दरअसल होता यह था कि गणतंत्र दिवस पर नीतीश कुमार गांधी मैदान आते थे, और यहां से किसी दलित टोले में उनकी उपस्थिति में झंडोत्तोलन होता था। इस गणतंत्र दिवस पर भी दलित टोला में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जाने का कार्यक्रम तय था। मुख्यमंत्री को फुलवारी शरीफ प्रखंड के महुली गांव के महादलित टोले में जाना था। प्रशासनिक तैयारी की जा रही थी। बड़ा मंच बना। सजावट की सारी व्यवस्था की गई। नीतीश कुमार पटना के गांधी मैदान भी गए, पर सीएम झंडोत्तोलन के बाद सीधे अपने आवास चले गये। सीएम नीतीश कुमार के बदले मंत्री विजय चौधरी महुली गांव में पहुंचे। विजय चौधरी की मौजूदगी में महादलित टोले के बुजुर्ग सुभाष रविदास ने झंडोत्तोलन किया।इसके अलावा भी कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के नहीं जाने से नेतृत्वक गलियारा अफवाहों से भर गया था। पीठासीन पदाधिकारियों की बैठक में भी नहीं पहुंचे सीएम गत माह जनवरी को पटना में देश भर के पीठासीन पदाधिकारियों का सम्मेलन हुआ था। इसमें लोकसभा के अध्यक्ष समेत सारे राज्यों के विधानसभा अध्यक्ष मौजूद थे। कार्यक्रम में नीतीश कुमार को आना था और संबोधन भी करना था। लेकिन नीतीश कुमार कार्यक्रम में नहीं गए। कर्पूरी ठाकुर की जयंती कार्यक्रम में नहीं आए नीतीश ज्ञात हो कि 24 जनवरी को कर्पूरी जयंती मनाई जाती है। इस मौके पर उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पटना और समस्तीपुर के दौरे पर आये थे। प्रोटोकॉल तो यही कहता है के नीतीश कुमार को पटना एयरपोर्ट पर ही उप-राष्ट्रपति का स्वागत करना चाहिए था, लेकिन वे वहां नहीं गए। तय यह हुआ था कि स्व. कर्पूरी ठाकुर के गांव में आयोजित कार्यक्रम में उप राष्ट्रपति और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ नीतीश कुमार भी मौजूद रहेंगे। लेकिन नीतीश कुमार मुख्य समारोह में शामिल नहीं हुए। बीमार हुए नीतीश तो NDA में बिखराव? वरिष्ट पत्रकार का मानना है कि नीतीश कुमार का ही वह चेहरा है, जो भाजपा को सत्ता के करीब लाता है। और यह बीमारी जिसके कारण महत्वपूर्ण कार्यक्रम तक छूट जा रहे हैं। ऐसे में चुनाव प्रचार से भी अगर नीतीश कुमार दूर रह गए तो एनडीए में दरार तो पड़ेगी ही, जदयू भी विभाजित हो सकती है। सेकंड लाइनर नहीं होने के कारण पार्टी बिखर भी सकती है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही एनडीए में शामिल छोटे दलों ने पहले से ही डिमांड का पहाड़ खड़ा कर रखा है। तब ये सौ फीसदी स्ट्राइक रेट वाली पार्टियां हिस्सेदारी की सीमा हर हाल में पाना चाहेंगी। और ये स्थितियां महागठबंधन की लड़ाई को अतिरिक्त ताकत दे जाएगा। एनडीए में नीतीश कुमार के विकल्प को ले कर कोई चेहरा भी नहीं है। यह एक यक्ष प्रश्न तो खड़ा हो जाएगा।

ताजा ख़बर, बिहार, मौसम

बिहार के इन 8 जिलों में आज फिर बिगड़ेगा मौसम, पछुआ हवाएं बढ़ाएगी ठिठुरन

नया विचार पटना– बिहार के मौसम में लगातार बदलाव जारी है. प्रदेश में घने कोहरे और ठंड से फिलहाल लोगों को राहत मिलने की संभावना नहीं है. क्योंकि पछुआ हवा लगातार बिहार में ठंड बढ़ा रही है. हालांकि आज सुबह के समय घना कोहरा और दिन में धूप खिलेगी. आज राज्य के अधिकांश इलाके में अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 06 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है. मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले कुछ दिनों तक प्रदेश का मौसम ऐसा ही बने रहने का अनुमान है. IMD ने बिहार के 7 जिलों में 29 जनवरी तक घने कोहरे का अलर्ट जारी किया है. सर्द पछुआ हवाएं बढ़ाएगी ठिठुरन प्रदेश में सर्द पछुआ हवाएं चलने के कारण रात के समय ठिठुरन महसूस हो रही है. मौसम विभाग केंद्र का कहना है कि अगले तीन दिनों तक राज्य के न्यूनतम तापमान में कोई खास बदलाव होने की संभावना नहीं है. हालांकि इसके बाद बिहार के न्यूनतम तापमान में 3-4 डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. बिहार में अगले कुछ दिनों तक कोहरे और ठंड का असर बना रहेगा. दिन के समय धूप निकलने से लोगों को थोड़ी बहुत राहत मिलेगी. इन जिलों में घना कोहरा छाए रहने की संभावना बिहार में अगले 24 घंटे में हल्के से मध्यम गति की पछुआ हवा चलने की स्थिति जारी रहने का पूर्वानुमान है. राज्य के अधिकांश भागों के न्यूनतम तापमान में कोई उल्लेखनीय परिवर्तन की संभावना नहीं है. राज्य के उत्तरी भाग में मध्यम से घना कोहरा छाए रहने की स्थिति जारी रहने की संभावना है. प्रदेश के पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, शिवहर और किशनगंज में मंगलवार की सुबह घना कोहरा छाए रहेगा. वहीं पिछले 24 घंटों में प्रदेश में गया जिला के डुमरिया सबसे ठंडा रहा. डुमरिया का न्यूनतम तापमान 6.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. वहीं सोमवार को मुंगेर जिला के बरियारपुर प्रखंड सबसे ज्यादा गर्म रहा. यहां का अधिकतम तापमान 27.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.

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