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January 29, 2025

ताजा ख़बर, राजनीति

PM मोदी ने बीजेपी प्रत्याशी के छुए पैर, देखें Video

Delhi Election 2025: दिल्ली में चुनावी प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने पटपड़गंज से बीजेपी प्रत्याशी के पैर छुए हैं. पीएम मोदी आज करतार नगर में चुनावी सभा को संबोधित किया. पीएम मोदी बीजेपी प्रत्याशी रविंद नेगी के समर्थन में प्रचार करने पहुंचे थे. सोशल मीडिया पर सवाल होने लगा है कि आखिर रवींद्र नेगी हैं कौन जिनका पैर पीएम मोदी ने छुआ है. मंच पर सभा के दौरान सबसे पहले रवींद्र नेगी ने पीएम मोदी का पैर छुआ था जिसके बाद पीएम ने तीन बार पैर छुआ. VIDEO | Delhi Elections 2025: PM Modi (@narendramodi) meets BJP candidates during ‘Sankalp Rally’ at Kartar Nagar.#DelhiElectionsWithPTI #DelhiElections2025 (Full video available on PTI Videos – https://t.co/n147TvrpG7) pic.twitter.com/H3sM0z63h3 — Press Trust of India (@PTI_News) January 29, 2025 कौन हैं रवींद्र नेगी? रवींद्र नेगी पटपड़गंज से बीजेपी के उम्मीदवार हैं और पिछले चुनाव में उन्होंने मनीष सिसोदिया को कड़ी टक्कर दी थी. रवींद्र नेगी मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले हैं. इस बार उनका सामना लोकप्रिय शिक्षक अवध ओझा से होना है. रवींद्र नेगी का पूर्वी दिल्ली इलाके में अच्छा प्रभाव माना जाता है. यमुना के पानी को लेकर पीएम मोदी ने बोला हमला पीएम मोदी ने दिल्ली में पानी की समस्या को लेकर AAP की आलोचना करते हुए कहा कि दिल्ली में आज भी लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं और यहां की हालात में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली की पहचान बदलने की जरूरत है, क्योंकि पिछले 14 और 11 सालों में जो प्रशासनें रहीं, उनका कोई प्रभावी बदलाव नहीं दिखा. इसके अलावा, पीएम मोदी ने अरविंद केजरीवाल के उस बयान पर भी निशाना साधा, जिसमें उन्होंने हरियाणा पर यमुना नदी में जहरीला अमोनिया मिलाने का आरोप लगाया था. मोदी ने कहा कि यह बयान हरियाणा या दिल्ली के लोगों के लिए नहीं, बल्कि हिंदुस्तान के लिए अपमानजनक है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या कोई विश्वास कर सकता है कि दिल्ली में रहने वाले लोग, जो यमुना का पानी पीते हैं, उनकी जान लेने के लिए हरियाणा यमुना में जहर मिलाएगा? यह भी पढ़ें.. PM Modi Ghonda Rally: पीएम मोदी ने महाकुंभ हादसे पर जताया दुख, 8 फरवरी को दिल्ली में बीजेपी प्रशासन बनने की भविष्यवाणी की यह भी पढ़ें.. मैं खुद यमुना का पानी पीता हूं… यमुना विवाद पर पीएम मोदी ने केजरीवाल पर साधा निशाना The post PM मोदी ने बीजेपी प्रत्याशी के छुए पैर, देखें Video appeared first on Naya Vichar.

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बिहार बीजेपी चीफ ने बताया आखिर क्यों मची भगदड़, जायसवाल बोले- हमने सोचा था कि इतनी…

Mahakumbh Stampede: बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने बुधवार को प्रयागराज में महाकुंभ क्षेत्र में हुए हादसे पर दुख प्रकट किया. उन्होंने कहा कि उम्मीद से ज्यादा श्रद्धालु संगम के तट पर आए, उत्तर प्रदेश प्रशासन और भी अच्छे इंतजाम कर रही है. दिलीप जायसवाल ने कहा, “प्रयागराज की घटना दुखद है. भगवान उन पुण्य आत्माओं को शांति दे, जिनके साथ यह घटना घटी है. उत्तर प्रदेश की प्रशासन ने महाकुंभ को लेकर बहुत अच्छा इंतजाम किया है. लेकिन करोड़ों की भीड़ आई है, जिसके कारण यह घटना घटी है. प्रशासन और भी कोशिश कर रही है कि कुंभ में क्या इंतजाम किया जा सकता है. इस बार कुंभ में उम्मीद से ज्यादा भीड़ आई है. हमने सोचा था कि इतनी ज्यादा भीड़ शायद नहीं आएगी, लेकिन लोगों की श्रद्धा के कारण इतनी भीड़ हुई.” कांग्रेस पर साधा निशाना बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “जिस तरह से कांग्रेस ने हिंदू धर्म पर सवाल उठाया और लोगों का मजाक उड़ाया कि गंगा स्नान करके क्या होगा, तो ऐसे में सभी सनातनी गंगा स्नान करने जाएंगे. वे कांग्रेस को इस देश में धोने का काम करेंगे. हम इस बात को लेकर चिंतित हैं कि नेतृत्वक लोग धर्म का भी मजाक उड़ाते हैं. अगर उनको हिम्मत है तो किसी दूसरे धर्म के बारे में बोलकर दिखाएं. उनको यह बोलने की हिम्मत है कि – हज में लोग क्यों जाते हैं, इससे क्या गरीबी दूर हो जाएगी?” बिहार की ताजा समाचारों के लिए क्लिक करें घटना पर क्या बोले पीएम महाकुंभ मेले में मची भगदड़ पर पीएम मोदी ने X पर लिखा, “प्रयागराज महाकुंभ में हुआ हादसा अत्यंत दुखद है. इसमें जिन श्रद्धालुओं ने अपने परिजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं. इसके साथ ही मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हरसंभव मदद में जुटा हुआ है. इस सिलसिले में मैंने मुख्यमंत्री योगी जी से बातचीत की है और मैं लगातार राज्य प्रशासन के संपर्क में हूं. इसे भी पढ़ें: महाकुंभ भगदड़ पर आई सीएम नीतीश की प्रतिक्रिया, बोले- घटना दुर्भाग्यपूर्ण, जानें आधी रात को क्या हुआ The post Mahakumbh Stampede: बिहार बीजेपी चीफ ने बताया आखिर क्यों मची भगदड़, जायसवाल बोले- हमने सोचा था कि इतनी… appeared first on Naya Vichar.

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भागलपुर में सांसद ने पत्रकारों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, दी भद्दी भद्दी गालियां…जानिए क्या है पूरा मामला

नया विचार – भागलपुर में सांसद अजय मंडल ने बुधवार को संभावित मुख्यमंत्री दौरे की तैयारी की समाचार कवरेज कर रहे पत्रकारों की जमकर पिटाई की। साथ ही पत्रकारों को भद्दी भद्दी गालियां दी। पत्रकारों को वीडियो बनाते देख सांसद भड़के मिली जानकारी के अनुसार, घायल पत्रकारों की पहचान कुणाल शेखर और सुमित के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि सांसद का बोर्ड लगा हुआ गाड़ी हवाई अड्डा में प्रवेश करती है जिसको पत्रकार कवरेज कर रहे थे। सांसद हवाई अड्डा में ही चल रहे तैयारी की जायजा ले रहे थे। इसके बाद सांसद गाड़ी में बैठकर वापस हवाई अड्डा से बाहर निकले उसके बाद अपने पांच गुर्गों को अपने स्कॉर्पियो में बैठाकर फिर से हवाई अड्डा पहुंचे। जिसका वीडियो पत्रकार बना रहे थे। वहीं,वीडियो बनाते देख सांसद भड़क उठे और गाली गलौज करना शुरू कर दिया, उसके बाद पत्रकार को दौड़ा-दौड़ा कर उसकी पिटाई की। इस घटना में दोनों पत्रकारों को गंभीर चोट लगी है। जिसका इलाज सदर अस्पताल में करवाया जा रहा है। इस घटना के बाद, भागलपुर के पत्रकारों में इसको लेकर खासा नाराजगी जाहिर की है। पत्रकारों ने सासंद पर कार्रवाई की मांग की है।

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महाकुंभ के समापन के बाद कहां चले जाते हैं नागा साधु, यहां से जानें

Mahakumbh 2025 Naga Sadhu: प्रयागराज में गंगा, युमना और सरस्वती नदी के संगम तट पर आयोजित होने वाला महाकुंभ, जो कि विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक मेला है, में अब तक नौ करोड़ से अधिक श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं. यह महाकुंभ 13 जनवरी 2025 से प्रारंभ होकर 26 फरवरी 2025 तक चलेगा. इस बार महाकुंभ में 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. महाकुंभ में नागा साधु विशेष रूप से आकर्षण का केंद्र होते हैं, जिन्हें सनातन धर्म में धर्म का रक्षक माना जाता है. नागा साधुओं को 12 वर्षों की कठोर तपस्या करनी होती है और वे भगवान शिव के वैरागी स्वरूप की पूजा करते हैं. इस महाकुंभ में देशभर से नागा साधु उपस्थित हैं, जो अपनी अनोखी उपस्थिति और श्रद्धा के कारण लोगों का ध्यान आकर्षित करते हैं. नागा साधु, जो बिना वस्त्र के होते हैं और उनके शरीर पर भस्म तथा लंबी जटाएं होती हैं, भीड़ में सबसे अलग दिखाई देते हैं. नागा साधु बनने में कितना तपस्या करनी पड़ती है ? और किस प्रकार पूर्ण होता है नागा साधु बनने के लिए 12 वर्षों की कठोर तपस्या आवश्यक होती है. नागा साधुओं का जीवन अत्यंत जटिल और कठिन होता है. यह मान्यता है कि किसी व्यक्ति को नागा साधु बनने में 12 वर्ष का समय लगता है. नागा साधु बनने के पश्चात, वे शहरी जीवन की भीड़-भाड़ को छोड़कर पहाड़ों और जंगलों में निवास करते हैं, जहां उनका ठिकाना ऐसा होता है जहाँ कोई अन्य व्यक्ति नहीं आता. अखाड़ों में नागा साधुओं को अनुशासन और संगठित जीवन जीने की शिक्षा दी जाती है. मौनी अमावस्या पर करें भगवान विष्णु के नामों का जप करें नागा साधु बनने की प्रक्रिया में 6 वर्ष का समय अत्यंत महत्वपूर्ण होता है. इस अवधि के दौरान, साधु महत्वपूर्ण ज्ञान प्राप्त करते हैं और केवल लंगोट पहनते हैं. कुंभ मेले में वे प्रण लेते हैं और लंगोट का त्याग करते हैं, साथ ही अपने जीवन को निर्वस्त्र रहने का संकल्प करते हैं. एक विशेष बात यह है कि वे बिस्तर पर नहीं सोते हैं. इस प्रक्रिया की शुरुआत में साधु को ब्रह्मचर्य की शिक्षा दी जाती है. जब वह इसमें सफल होते हैं, तब उन्हें महापुरुष की दीक्षा प्राप्त होती है, जिसके बाद यज्ञोपवीत संस्कार किया जाता है. इस प्रक्रिया को पूरा करने के बाद, साधु अपने और अपने परिवार का पिंडदान करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप उनका कोई परिवार या माता-पिता नहीं रहते, जिसे बिजवान कहा जाता है. नागा साधुओं को एक दिन में केवल सात घरों से भिक्षा मांगने की अनुमति होती है. यदि इन घरों से भिक्षा नहीं मिलती है, तो उन्हें भूखा रहना पड़ता है. नागा संन्यासी दिन में केवल एक बार भोजन ग्रहण करते हैं. ये साधु हमेशा नग्न रहते हैं और युद्ध कला में निपुण होते हैं, तथा विभिन्न अखाड़ों में निवास करते हैं. नागा साधू अपना भोजन स्वयं तैयार करते हैं और अपने दिगंबर स्वरूप के कारण प्रसिद्ध होते हैं. नागा साधुओं के शृंगार की विशेषताएं नागा साधु का मानना है कि धरती उनका बिछौना और आकाश उनका ओढ़ना है. कुंभ मेले के दौरान वे दिगंबर स्वरूप में आते हैं, जिससे उनका अद्वितीय प्रभाव उत्पन्न होता है. वे मुख्यतः 17 प्रकार के शृंगार करते हैं, जिनमें लंगोट, भभूत, चंदन, अंगूठी, लोहे या चांदी के कड़े, पंचकेश, कमर में माला, माथे पर रोली, कुंडल, चिमटा, डमरू, कमंडल, गुथी हुई जटाएं, तिलक, काजल, हाथों में कड़ा, और बाहों में रुद्राक्ष की माला शामिल हैं, साथ ही उनके शरीर पर भस्म भी होती है. कुंभ के बाद नागा साधु कहां चले जाते हैं? कुंभ के दौरान हजारों की संख्या में उपस्थित नागा साधु अचानक गायब हो जाते हैं या बहुत कम दिखाई देते हैं. महाकुंभ के समय, नागा साधु विभिन्न अखाड़ों में निवास करते हैं, लेकिन कुंभ समाप्त होने के बाद वे अपने-अपने अखाड़ों में लौट जाते हैं, जहां वे गहन ध्यान और साधना में लीन रहते हैं. इस दौरान, वे धार्मिक शिक्षा भी प्रदान करते हैं और तपस्वी जीवन जीते हैं. The post महाकुंभ के समापन के बाद कहां चले जाते हैं नागा साधु, यहां से जानें appeared first on Naya Vichar.

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Muzaffarpur News: मां-बाप ने नवजात को सड़क किनारे फेंका, सिपाही ने सीने से लगाया, गोद भी लेंगे

Muzaffarpur News: जिले के ब्रह्मपुरा थाना क्षेत्र से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां किसी ने एक नवजात शिशु को माड़ीपुर सड़क किनारे छोड़ दिया था. बच्चा लावारिश स्थिति में सड़क किनारे पड़ा मिला. शिशु की आवाज सुनकर मौके पर भीड़ इकट्ठा हो गई. इसी दौरान वहां से ब्रह्मपुरा थाना के सिपाही राम पुकार कुमार, जो सदर बी अंचल के साहब की गाड़ी के चालक हैं, वे वहां से गुजर रहे थे उन्होंने शिशु को उठाया और अपने सीने से लगा लिया. उन्होंने अपने खर्च पर शिशु को अस्पताल में भर्ती कराया. जानकारी के अनुसार, शिशु का इलाज कराने के बाद अब सिपाही राम पुकार कुमार उसे गोद भी लेना चाहते हैं.  क्या है हिंदुस्तान में शिशु को गोद लेने की प्रक्रिया? हिंदुस्तान में शिशु गोद लेने की प्रक्रिया केंद्रीय गोद लेने संसाधन प्राधिकरण (CARA) द्वारा नियंत्रित की जाती है, जो स्त्री और बाल विकास मंत्रालय के तहत काम करता है. गोद लेने की प्रक्रिया इस प्रकार होती है: 1. योग्यता मानदंड:    – हिंदुस्तानीय नागरिकों के लिए: गोद लेने वाले माता-पिता की आयु कम से कम 25 वर्ष होनी चाहिए और शिशु और माता-पिता के बीच आयु का अंतर कम से कम 21 वर्ष होना चाहिए. दंपत्तियों को कम से कम 2 साल तक वैवाहिक जीवन बिता हुआ होना चाहिए, लेकिन कुछ विशेष श्रेणी के बच्चों (जैसे विकलांग बच्चों) के लिए इसमें छूट हो सकती है.    – विदेशी नागरिकों के लिए: उन्हें हिंदुस्तान में एक साल तक रहना आवश्यक है या फिर यदि वे विदेश में रहते हैं और हिंदुस्तानीय शिशु को गोद लेना चाहते हैं, तो वे आवेदन कर सकते हैं. 2. पंजीकरण:    – संभावित गोद लेने वाले माता-पिता को CARA या एक मान्यता प्राप्त गोद लेने एजेंसी के साथ पंजीकरण करना होता है. इसके लिए एक आवेदन पत्र भरना होता है, जिसमें व्यक्तिगत, वित्तीय और पारिवारिक जानकारी दी जाती है. 3. होम स्टडी:    – पंजीकरण के बाद, एजेंसी गोद लेने वाले माता-पिता का होम स्टडी करती है. इसमें साक्षात्कार, घर की जांच और बैकग्राउंड चेक शामिल होता है. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि माता-पिता भावनात्मक, शारीरिक और वित्तीय रूप से शिशु को गोद लेने के लिए सक्षम हैं. 4. शिशु का संदर्भ:    – एक बार मंजूरी मिलने के बाद, माता-पिता को उनके द्वारा निर्धारित किए गए मानदंडों (जैसे आयु, लिंग, स्वास्थ्य स्थिति) के अनुसार शिशु का संदर्भ दिया जाता है. वे शिशु के विवरण की समीक्षा करते हैं, और यदि वे सहमत होते हैं, तो वे अगले कदम की ओर बढ़ते हैं. 5. कानूनी प्रक्रिया:    – संदर्भ स्वीकार करने के बाद, गोद लेने वाले माता-पिता को अदालत में गोद लेने का आदेश प्राप्त करने के लिए आवेदन करना होता है. यह एजेंसी के माध्यम से या सीधे जिला अदालत में किया जा सकता है. 6. पोस्ट-गोद लेने अनुवीक्षण:    – गोद लेने के बाद, एजेंसी द्वारा कुछ समय (आमतौर पर 2 साल तक) तक फॉलो-अप किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि शिशु की भलाई और उसकी देखभाल सही तरीके से हो रही है. 7. गोद लेने का अंतिमकरण:    – जब अदालत संतुष्ट हो जाती है कि बच्चा और माता-पिता के बीच स्थिति ठीक है, तो वह एक अंतिम गोद लेने का आदेश जारी करती है, जिससे बच्चा कानूनी रूप से गोद लेने वाले माता-पिता का बच्चा बन जाता है. यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि गोद लेना एक सुरक्षित और कानूनी तरीके से किया जाए, जिसमें शिशु की भलाई को सर्वोपरि रखा जाए. The post Muzaffarpur News: मां-बाप ने नवजात को सड़क किनारे फेंका, सिपाही ने सीने से लगाया, गोद भी लेंगे appeared first on Naya Vichar.

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Chanakya Niti: घर में आएगी लक्ष्मी और धन की कभी नहीं होगी कमी, बस अपनायें चाणक्य की यह नीतियां

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य जिन्हें एक महान अर्थशास्त्री और कुशल कूटनीतिज्ञ के तौर पर जाना जाता है, अपनी नीतियों और जीवन के गहरे दृष्टिकोण के लिए प्रसिद्ध हैं. यह माना जाता है कि जो व्यक्ति चाणक्य नीति को समझकर उसकी गहराई में जाता है वह जीवन की किसी भी परिस्थिति का सामना करने में सक्षम हो जाता है. आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतिशास्त्र में कुछ ऐसी विशेष नीतियां बताई हैं जिन्हें अपनाकर व्यक्ति अपने जीवन में आर्थिक समृद्धि ला सकता है. इन नीतियों को अपनाने से घर में नए पैसे के स्रोत बनते हैं और धन आपके पास स्वतः आने लगता है. कर्म की अहमियत : चाणक्य कहते हैं कि किसी भी व्यक्ति के जीवन में उसकी स्थिति चाहे वह अमीर हो या गरीब उसके कर्मों पर निर्भर करती है. जो व्यक्ति मेहनत और सही कर्मों में विश्वास रखते हैं वे कभी भी पैसों की कमी नहीं महसूस करते.इसलिए अपने कर्मों को सुधारें और उन्नति के मार्ग पर चलने की कोशिश करें. दान-पुण्य की आदत : चाणक्य के अनुसार दान और पुण्य करने वाले व्यक्ति के पास कभी भी धन की कमी नहीं होती. वे अपने अच्छे कार्यों से न केवल समाज का भला करते हैं बल्कि उनके जीवन में मां लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहती है. जो लोग परोपकार करते हैं वे हमेशा आशीर्वाद से धन्य रहते हैं. अन्न की बर्बादी से बचें : चाणक्य की नीति के अनुसार जिस घर में अन्न की बर्बादी होती है वहां कभी भी समृद्धि का वास नहीं होता. अन्न को व्यर्थ करने से लक्ष्मी नाराज होती हैं. यदि आप धन की कमी से बचना चाहते हैं तो हमेशा अन्न की बर्बादी से बचें और उसका सही तरीके से उपयोग करें. हमारी संस्कृति में अन्न को देवता के समान माना जाता है इसलिए इसका सम्मान करें. मेहमानों का आदर-सत्कार : चाणक्य नीतिशास्त्र में मेहमानों के सम्मान को बेहद महत्वपूर्ण बताया गया है. चाणक्य के अनुसार जो घर अपने मेहमानों का आदर करता है वहां कभी भी धन की कमी नहीं होती.मेहमानों का सत्कार भगवान के रूप में करना चाहिए और जब भी कोई आपके घर आए उनका स्वागत सम्मानपूर्वक करें. इससे न केवल मां लक्ष्मी खुश होती हैं बल्कि घर में सुख-समृद्धि का वास भी होता है. Also Read : Chanakya Niti for Successful Life : चाणक्य की सफलता पाने के 3 रहस्यमयी मंत्र, जो बदल सकते हैं आपकी जिंदगी Also Read : Chanakya Niti: अगर आप भी बनना चाहते है अमीर तो इन जगहों से रहें दूर,मिलेगी तरक्की Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. नया विचार किसी भी तरह से इनकी पुष्टि नहीं करता है. The post Chanakya Niti: घर में आएगी लक्ष्मी और धन की कभी नहीं होगी कमी, बस अपनायें चाणक्य की यह नीतियां appeared first on Naya Vichar.

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Bank Holidays: फरवरी 2025 में बैंक कब और कहां रहेंगे बंद? देखें छुट्टियों की सूची

Bank Holidays In February: फरवरी 2025 में बैंक अवकाश का पूरा विवरण जानने से आप अपनी बैंकिंग गतिविधियों की योजना पहले से बना सकते हैं. इस महीने में कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और क्षेत्रीय छुट्टियां हैं, जो हिंदुस्तान के विभिन्न राज्यों में बैंकों के बंद होने का कारण बनती हैं. फरवरी 2025 में बैंकों के बंद रहने की तिथियां फरवरी 2025 में, विभिन्न राज्य-विशिष्ट त्योहारों और सार्वजनिक छुट्टियों के कारण बैंकों में कई बंदी दिवस होंगे. यह जानना महत्वपूर्ण है कि आपके राज्य में किस दिन बैंक बंद रहेंगे, ताकि आप अपनी वित्तीय गतिविधियों को बेहतर तरीके से प्रबंधित कर सकें. राष्ट्रीय और क्षेत्रीय छूटियां 2 फरवरी, 2025 (रविवार): पूरे देश में साप्ताहिक रविवार की छुट्टी होगी 3 फरवरी, 2025 (सरस्वती पूजा): त्रिपुरा में सरस्वती पूजा के कारण बैंक बंद रहेंगे 8 फरवरी, 2025 (दूसरा शनिवार): देशभर के सभी बैंक दूसरे शनिवार की छुट्टी मनाएंगे 9 फरवरी, 2025 (रविवार): साप्ताहिक रविवार अवकाश, सभी बैंकों में बंदी 11 फरवरी, 2025 (थाई पूसम): तमिलनाडु में थाई पूसम के कारण बैंक बंद रहेंगे 12 फरवरी, 2025 (गुरु रविदास जयंती): हिमाचल प्रदेश में गुरु रविदास की जयंती पर बैंक बंद रहेंगे 15 फरवरी, 2025 (लुई-नगाई-नी): मणिपुर में लुई-नगाई-नी के पर्व पर बैंक बंद रहेंगे 16 फरवरी, 2025 (रविवार): साप्ताहिक रविवार अवकाश, सभी बैंकों में बंदी 19 फरवरी, 2025 (छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती): महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी की जयंती के कारण बैंक बंद रहेंगे 20 फरवरी, 2025 (राज्य का दर्जा दिवस): मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश में राज्य का दर्जा दिवस मनाया जाएगा, जिससे बैंकों में अवकाश होगा 22 फरवरी, 2025 (चौथा शनिवार): चौथा शनिवार होने के कारण पूरे देश में बैंक बंद रहेंगे 23 फरवरी, 2025 (रविवार): साप्ताहिक रविवार अवकाश, सभी बैंकों में बंदी 26 फरवरी, 2025 (महा शिवरात्रि): कुछ राज्यों में महा शिवरात्रि पर बैंक बंद रहेंगे 28 फरवरी, 2025 (लोसार): गंगटोक में लोसार के लिए बैंक बंद रहेंगे Also Read: Budget 2025: फिक्की सदस्यों की मांग, कर संरचना में सुधार से बढ़ेगी आर्थिक मांग The post Bank Holidays: फरवरी 2025 में बैंक कब और कहां रहेंगे बंद? देखें छुट्टियों की सूची appeared first on Naya Vichar.

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Bihar Teacher: सरकारी स्कूलों के लिए शिक्षा विभाग ने बदला नियम, हर क्लास में अब इतने शिक्षक जरूरी

Bihar Teacher: शिक्षा विभाग ने कक्षा एक से पांच (प्राथमिक स्कूल) और कक्षा छह से आठ (मध्य विद्यालय) तक के प्रशासनी स्कूलों के लिए शिक्षकों की मानक संख्या तय कर दी है. इसके अनुसार प्राथमिक प्रशासनी स्कूलों में पांच और मध्य विद्यालयों में कम से कम नौ शिक्षकों की नियुक्ति अनिवार्य रूप से होनी चाहिए. नियुक्ति और पदस्थापन के लिए शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र लिख कर कहा है कि तय किये गये इन मानकों के हिसाब से राज्य के प्राथमिक और मध्य स्कूलों के लिए स्वीकृत बल और रिक्तियों की संख्या 31 जनवरी तक इ-शिक्षाकोष पोर्टल पर अपलोड करें. हर प्राथमिक स्कूल में होगा एक प्रधान शिक्षक प्राथमिक शिक्षा निदेशक पंकज कुमार की तरफ से जारी अधिसूचना के अनुसार कक्षा एक से पांच तक के ऐसे प्राथमिक स्कूल जहां 120 तक नामांकन हैं, वहां चार शिक्षक और जहां 121 से 150 तक शिशु नामांकित हैं, वहां पांच शिक्षक तैनात होंगे. 150 से अधिक नामांकन वाले स्कूलों में हर 40 विद्यार्थी पर एक शिक्षक नियुक्त होंगे, हर प्राथमिक स्कूल में एक प्रधान शिक्षक होगा, जो उक्त शिक्षक के अतिरिक्त होगा. मध्य विद्यालय में हर 35 विद्यार्थी पर एक शिक्षक होगा ऐसे मध्य विद्यालय जहां कक्षा एक से आठ तक की पढ़ाई होती है, वहां कक्षा एक से पांच तक में विद्यार्थियों के नामांकन के अनुसार प्राथमिक स्कूलों की तरह ही शिक्षक रखे जायेंगे. हालांकि कक्षा छह से आठ तक के लिए 105 तक नामांकित बच्चों पर चार शिक्षक नियुक्त होंगे. इसमें विज्ञान व गणित, सामाजिक अध्ययन, हिंदी और अंग्रेजी के एक-एक शिक्षक तैनात होंगे, जहां 105 से अधिक नामांकन हैं, वहां हर 35 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक नियुक्त होगा. हर मध्य विद्यालय में एक प्रधानाध्यापक का पद स्वीकृत है, जो शिक्षकों की संख्या के अतिरिक्त होगा. Also Read: महाकुंभ में भगदड़ के बाद भी ट्रेनों में कम नहीं हो रही तीर्थयात्रियों की भीड़, AC कोच का जनरल सा हाल शिक्षा विभाग के अहम फैसले वैसे माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूल जहां एक से आठ तक की कक्षाएं है, वहां भी शिक्षकों की संख्या का निर्धारण तय मानक के अनुसार होगा. विषयवार शिक्षकों की संख्या का निर्धारण जिलास्तर पर होगा. नामांकन अधिक होन पर विज्ञान और गणित के एक से अधिक शिक्षक रखे जा सकते है. उर्दू व संस्कृत के लिए भी प्रावधान हो सकता है. हर शिक्षक के लिए कम से कम एक वर्ग कक्ष होना चाहिए, शिक्षकों का वास्तविक मूल्यांकन स्कूल के कमरों की उपलब्धता के आधार पर होगा. मध्य विद्यालय में प्रधानाध्यापक सहित नौ शिक्षकों का प्रावधान जिन मध्य विद्यालयों में मूल कोटि के शारीरिक शिक्षक है, वहां स्वीकृत और कार्यरत बल में शारीरिक शिक्षक अंकित होंगे. बिहार की ताजा समाचारों के लिए यहां क्लिक करें The post Bihar Teacher: प्रशासनी स्कूलों के लिए शिक्षा विभाग ने बदला नियम, हर क्लास में अब इतने शिक्षक जरूरी appeared first on Naya Vichar.

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महाकुंभ में बिछड़ों को परिजनों से मिलाने के लिए बनाया जाए पैनल, भगदड़ के बाद RJD ने की मांग

Mahakumbh Stampede: महाकुंभ 2025 में भगदड़ से हुई दुर्घटना पर राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने दुख जताते हुए गहरी संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर प्रशासन से घायलों की सूची जारी करने और समुचित इलाज की व्यवस्था करने की मांग की है. साथ ही मेला क्षेत्र में बिछड़े लोगों को उनके परिजनों से मिलाने के लिए अलग से पैनल बनाने की भी मांग की. हादसे पर जताया दुख शक्ति सिंह यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘महाकुंभ में अव्यवस्था के कारण हुए हादसे में सनातन श्रद्धालुओं के हताहत होने की समाचार बेहद दुखद है. मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. सतयुग से चली आ रही इस परंपरा को पवित्र बनाने की जिम्मेदारी राज्य प्रशासन और केंद्र प्रशासन दोनों की है, यह व्यवस्था तब और भी महत्वपूर्ण हो जाती है जब देशभर से श्रद्धालु यहां आते हैं.’ महाकुंभ में अव्यवस्था के वजह से जन्म लिए हादसे में सनातन श्रद्धालुओं के हताहत होने का समाचार बेहद दुखद है।मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं! सतयुग से चले आ रहे इस परम्परा को पवित्र बनाने का जिम्मा राज्य प्रशासन और केन्द्र प्रशासन, दोनों का है, ये व्यवस्था और भी अहम तब हो जाता… pic.twitter.com/YgF5b5xeUb — Shakti Singh Yadav (@sshaktisinghydv) January 29, 2025 घायलों की सूची जारी करने की मांग शक्ति सिंह यादव ने प्रशासन से अपील करते हुए आगे लिखा, ‘मैं प्रशासन से अपील करता हूं कि घायलों की सूची जारी करें, उन्हें सुरक्षित वाहनों से उनके परिजनों तक पहुंचाने की व्यवस्था करें और उनके पूरे इलाज की जिम्मेदारी प्रशासन तुरंत उठाए. बिना किसी नेतृत्वक द्वेष के इस मामले की गंभीरता को समझना चाहिए और व्यवस्था को अभी से सुधारना चाहिए, ताकि विचलित करने वाली तस्वीरें सामने न आएं.’ Also Read : Bihar News: दर्दनाक! एक ही चिता पर जले पति-पत्नी और दो शिशु, दृश्य देख फटा लोगों का कलेजा बिछड़ों को परिजनों से मिलने के लिए बने अलग पैनल शक्ति सिंह यादव ने आगे लिखा, ‘बिछड़े लोगों को उनके परिजनों से मिलाने के लिए अलग से पैनल बनाया जाना चाहिए. गंभीर रूप से घायलों को एयर एंबुलेंस की मदद से नजदीकी बेहतरीन अस्पतालों में पहुंचाया जाना चाहिए और तत्काल चिकित्सा व्यवस्था की जानी चाहिए. ट्रेन और हवाई टिकट का किराया कम किया जाना चाहिए ताकि लोग अपने प्रियजनों से जल्दी मिल सकें और उन्हें अपने परिजनों से मिलने में आसानी हो. मैं महादेव से इस दुर्घटना में घायल श्रद्धालुओं के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं.’ Also Read : Bihar Bhumi: बिहार प्रशासन ने जमीन की ई-मापी के लिए जारी की अहम सूचना, नहीं किया ये काम तो रद्द होगा आवेदन The post Mahakumbh Stampede: महाकुंभ में बिछड़ों को परिजनों से मिलाने के लिए बनाया जाए पैनल, भगदड़ के बाद RJD ने की मांग appeared first on Naya Vichar.

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Bihar News: दर्दनाक! एक ही चिता पर जले पति-पत्नी और दो बच्चे, दृश्य देख फटा लोगों का कलेजा

Bihar News: महाकुंभ में स्नान कर वापस लौट रहे पंश्चिम चंपारण के दंपति और उसके दो बच्चों की सड़क हादसे में सोमवार की सुबह मौत हो गई. हादसा यूपी के आगरा के पास फतेहाबाद में हुआ है. हादसे के बाद मंगलवार को  मृत पति पत्नी व उनके दो बच्चों का शव उनके पैतृक गांव चिरैया थानाक्षेत्र के पिडारी गांव पहुंचा. शव के पहुंचते ही गांव में कोहराम मच गया. मृतकों का अंतिम दर्शन करने के लिए आसपास के गांवों के लोग वहां जमा हो गये. यहां एक ही चिता पर चारों के शव को जलाया गया. इस दृश्य को देख कर हर किसी के आंखों से आंसु आ गए.  बूढ़े पिता ने दी मुखाग्नि  शव आने की सूचना पर सीओ आराधना कुमारी, राजस्व कर्मचारी प्रेम कुमार व थानाध्यक्ष महेंद्र कुमार सहित कई पुलिस अधिकारी सुबह से ही गांव में कैंप कर रहे थे. मृतक ओमप्रकाश आर्य के पिता व रिटायर्ड शिक्षक वीर शमशेर सिंह ने एक साथ बेटा, बहू, पोती व पोता को मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया. पिता ने बताया कि बीते 26 जनवरी को बेटा कार से पत्नी पूर्णिमा कुमारी, पुत्री अवनी उर्फ अहान व पुत्र विनायक के साथ प्रयागराज में कुंभ स्नान के लिए गया था. लौटने के क्रम में कार हादसा हो गया, जिसमें सभी की मौत हो गयी. बिहार की ताजा समाचारों के लिये यहां क्लिक करें जानिए कैसे हुई घटना? जानकारी के अनुसार, यह हादसा उस समय हुआ जब प्रयागराज कुंभ स्नान कर लौट रहे परिवार की कार अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकराई और दूसरी लेन में जा घुसी. सामने से आ रहे तेज रफ्तार ट्रक ने कार को जोरदार टक्कर मार दी, जिससे कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई. हादसे के दौरान कार में सवार सभी लोगों की मौके पर ही मौत हो गई. इस हादसे के कारण एक्सप्रेसवे पर जाम लग गया. क्रेन की मदद से क्षतिग्रस्त वाहनों को हटाकर रास्ता साफ किया गया, जिसके बाद यातायात सुचारू किया गया. इस घटना ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा नियमों और सतर्कता की अहमियत को उजागर किया है. तेज रफ्तार और वाहन पर नियंत्रण खोने की वजह से ऐसी घटनाएं बार-बार सामने आ रही हैं. ALSO READ: Bihar News: जानिए क्यों बिहार के 5 अपराधियों को एक साथ मिला आजीवन कारावास, क्या था पूरा मामला? The post Bihar News: दर्दनाक! एक ही चिता पर जले पति-पत्नी और दो शिशु, दृश्य देख फटा लोगों का कलेजा appeared first on Naya Vichar.

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