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January 30, 2025

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IND vs ENG: इस युवा खिलाड़ी के फैन हैं सचिन, मैदान के हर कोने में छक्के लगाते देखना है पसंद

IND vs ENG: महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर से तारीफ मिलना किसी भी उभरते हुए क्रिकेटर के लिए बड़े सम्मान की बात है. सबसे महान बल्लेबाज सचिन जब भी कोई प्रतिभा देखते हैं तो उसके बारे में एक-दो बातें जरूर करते हैं. टीम इंडिया के युवा सलामी बल्लेबाज अभिषेक शर्मा को सचिन से तारीफ मिली है. सचिन ने 2012 में विराट कोहली को अपना रिकॉर्ड तोड़ने के लिए प्रेरित किया था, जब किसी ने भी यह नहीं सोचा था कि कोहली वाकई उनका शतकों का रिकॉर्ड तोड़ देंगे. सचिन अब तक क्रिकेट के एक बेंचमार्क हैं. अभिषेक शर्मा की तारीफ में सचिन ने कही यह बात मैदान से दूर हिंदुस्तानीय क्रिकेट पर नजर रखने वाले सचिन तेंदुलकर प्रतिभा को पहचान लेते हैं और इस अवसर पर उनकी तारीफ बटोर रहे हैं युवा अभिषेक शर्मा, जो अपनी शानदार बल्लेबाजी से लोगों को प्रभावित कर रहे हैं. तेंदुलकर ने स्टार स्पोर्ट्स से बातचीत में कहा, ‘उनका बल्ला आसानी से घूमता है. उनके पास सभी तरह के शॉट हैं. वह अविश्वसनीय मात्रा में ताकत पैदा करते हैं. वह अभी बहुत बड़े खिलाड़ी नहीं हैं, लेकिन उनकी टाइमिंग बहुत अच्छी है.’ हिंदुस्तानीय क्रिकेटर बनने के लिए क्या करना पड़ेगा? मासूम के सवाल पर विराट कोहली का जवाब, Video वरुण चक्रवर्ती की लंबी छलांग, तिलक को भी मिला ईनाम, आईसीसी की ताजा रैंकिंग में दोनों ने मचाया धमाल अभिषेक को छक्के लगाता देखना चाहते हैं सचिन सचिन ने आगे कहा, ‘मुझे उन्हें देखना बहुत पसंद है. जिस तरह से वह स्पोर्ट्सते हैं, मैदान के सभी हिस्सों में छक्के और चौके लगाते हैं. यह देखना आनंददायक है.’ अभिषेक ने दुनिया भर में हिंदुस्तानीय क्रिकेट प्रशंसकों के दिलों में बस गए हैं. वह टीम के टी20 आई सेट-अप में शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल जैसे खिलाड़ियों को टक्कर दे रहे हैं. पिछले साल जिम्बाब्वे के खिलाफ अपना डेब्यू करते हुए, अभिषेक ने अपने दूसरे ही मैच में शतक जड़ा और दो अर्द्धशतक भी लगाए. युवराज सिंह के चेले हैं अभिषेक शर्मा महान युवराज सिंह के शिष्य अभिषेक को हिंदुस्तानीय क्रिकेट में अगले बड़े खिलाड़ियों में से एक के रूप में देखा जा रहा है. उन्होंने आईपीएल 2024 में धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए 484 रन बनाए और सनराइजर्स हैदराबाद को फाइनल तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई. अभिषेक का सिर्फ 15 टी20 मैचों में 182.75 का स्ट्राइक रेट उनकी बड़ी हिटिंग क्षमताओं के बारे में बहुत कुछ बताता है, जिसका जिक्र तेंदुलकर ने बहुत सटीक ढंग से किया. The post IND vs ENG: इस युवा खिलाड़ी के फैन हैं सचिन, मैदान के हर कोने में छक्के लगाते देखना है पसंद appeared first on Naya Vichar.

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Basant Panchami: विद्या की देवी सरस्वती को प्रिय हैं ये फूल, अर्पित कर पाएं असीम कृपा

Basant Panchami: माघ महीने में आने वाली वसंत पंचमी का विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिन विद्या और ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है. मां सरस्वती को विशेष रूप से सफेद और पीले रंग के फूल प्रिय होते हैं. इन फूलों को अर्पित करने से मां की कृपा प्राप्त होती है और बुद्धि, ज्ञान, और कला में सफलता मिलती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां सरस्वती को कमल, कनेर, गुलाब, चांदनी, गेंदा, चमेली, चंपा, जूही, और अपराजिता जैसे फूल अत्यधिक पसंद हैं. आइए जानते हैं इन फूलों का महत्व और मां सरस्वती की पूजा में इनका उपयोग कैसे किया जाए. Maa Saraswati ke priya phool:  मां सरस्वती को प्रिय फूल और उनका महत्व Basant panchami: विद्या की देवी सरस्वती को प्रिय हैं ये फूल, अर्पित कर पाएं असीम कृपा कमल का फूलमां सरस्वती के हाथों में विराजमान सफेद कमल उनकी पवित्रता और ज्ञान का प्रतीक है. कमल का फूल चढ़ाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और विद्यार्थियों को विशेष लाभ मिलता है. कनेर का फूलपीले और सफेद रंग के कनेर के फूल मां सरस्वती को प्रिय हैं. यह फूल समृद्धि और विद्या प्राप्ति में सहायक माने जाते हैं. गुलाब का फूललाल गुलाब भले ही देवी लक्ष्मी को समर्पित होता है, लेकिन सफेद गुलाब मां सरस्वती की पूजा में विशेष महत्व रखता है. यह शांति और सौम्यता का प्रतीक है. चांदनी का फूलसफेद चांदनी का फूल देवी सरस्वती की पूजा में शुभ माना जाता है. यह फूल ज्ञान के प्रकाश और आध्यात्मिक शुद्धता का प्रतीक है. गेंदा का फूलपीले रंग का गेंदा फूल मां सरस्वती को अत्यधिक प्रिय होता है. यह सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने और विद्या के क्षेत्र में उन्नति दिलाने वाला माना जाता है. चमेली और चंपा के फूलइन सुगंधित फूलों को मां सरस्वती को अर्पित करने से मन की एकाग्रता और ध्यान शक्ति बढ़ती है. जूही और अपराजितासफेद जूही और नीले रंग की अपराजिता का फूल देवी सरस्वती को अर्पित करने से विद्या और कला में उन्नति होती है. जो भी भक्त श्रद्धा और भक्ति से मां सरस्वती को इन फूलों को अर्पित करता है, उसे विद्या, बुद्धि, और सफलता का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त होता है. इस वसंत पंचमी, आप भी मां को प्रिय फूल अर्पित करें और उनकी असीम कृपा पाएं. Also Read: 7 Edible Flowers: 7 देसी फूल जो खाने योग्य भी हैं, आप भी बना सकते है इनसे स्वादिष्ट व्यंजन Also Read:Tips For Gifting Flowers to Girlfriend:  गर्लफ्रेंड के लिए ले जा रहे हैं फूल? जान लें ये जरूरी बातें The post Basant Panchami: विद्या की देवी सरस्वती को प्रिय हैं ये फूल, अर्पित कर पाएं असीम कृपा appeared first on Naya Vichar.

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Ranji Trophy: विराट कोहली को देखने के लिए कक्षा 2 की छात्रा ने किया स्कूल बंक

Ranji Trophy: गुरुवार को रणजी ट्रॉफी मैच के दौरा अरुण जेटली स्टेडियम दर्शकों से गुलजार रहा, क्योंकि हिंदुस्तान के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली दिल्ली की ओर से रणजी स्पोर्ट्स रहे थे. रेलवे के खिलाफ एलीट ग्रुप डी मैच में 12 साल से अधिक समय के बाद विराट कोहली को घरेलू क्रिकेट में वापसी करते देखा गया. इस घटना के गवाह 15000 से अधिक फैंस बनें. मैच के दौरान पूरा स्टेडियम कोहली-कोहली के नारे से गुंजता रहा. गुरुवार को कोहली का समर्थन करने वालों में स्कूली शिशु और गृहिणियां भी स्टेडियम में मौजूद थे. कुछ लोग रात से ही कतारों में लगे थे. पहले दिन विराट की बल्लेबाजी नहीं देख पाए फैंस समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार कक्षा दो में पढ़ने वाली एक बच्ची ने कहा, ‘हम कोहली को देखने के लिए स्कूल बंक कर स्टेडियम आए हैं.’ दिल्ली के कप्तान आयुष बदोनी ने जैसे ही टॉस जीता, जोरदार शोर मचा. दर्शकों को बाद में पता चला कि कोहली पहले दिन शायद बल्लेबाजी नहीं कर पाए, क्योंकि दिल्ली ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया था. हालांकि रेलवे की टीम 241 के स्कोर पर ढेर हो गई. Watch: ‘कोहली को बॉलिंग दो’, रणजी ट्रॉफी मैच के दौरान फैंस ने लगाया नारा, फिर हुआ कुछ ऐसा हिंदुस्तानीय क्रिकेटर बनने के लिए क्या करना पड़ेगा? मासूम के सवाल पर विराट कोहली का जवाब, Video दूसरे दिन कोहली कर सकते हैं बल्लेबाजी पहले दिन दिल्ली ने अपना एक विकेट गंवा दिया. दूसरे दिन कोहली चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने आ सकते हैं. एक गृहिणी ने कहा, ‘मैं अपने बेटे के साथ सुबह छह बजे यहां आई थी. हमें नहीं पता था कि किस गेट से अंदर आना है. कहने की जरूरत नहीं कि हम यहां कोहली के लिए आए हैं.’ ‘गौतम गंभीर स्टैंड’ पहले से ही खचाखच भरा हुआ था और ‘बिशन सिंह बेदी स्टैंड’ के निचले हिस्से को भरने में भी समय नहीं लगा. लगभग 15000 से अधिक दर्शक स्टेडियम में मौजूद थे. सुरक्षा घेरा तोड़ कोहली के पास पहुंचा फैन कोहली दूसरे स्लिप में फील्डिंग कर रहे थे. इस दौरान दर्शकों की तालियां बजती रही और 12वें ओवर में एक अति उत्साही प्रशंसक सुरक्षा घेरा तोड़कर ‘किंग’ की ओर दौड़ पड़ा. वह किसी तरह कोहली के पैर छूने में कामयाब रहा. तुरंत ही सुरक्षाकर्मियों मामले को संभाला और उस फैंस को पकड़कर बाहर ले गए. इस दौरान कोहली अपने फैंस का लगातार अभिवादन स्वीकार करते रहे और उनका भरपूर मनोरंजन किया. The post Ranji Trophy: विराट कोहली को देखने के लिए कक्षा 2 की छात्रा ने किया स्कूल बंक appeared first on Naya Vichar.

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Bharat Rang Mahotsav: विश्व के सबसे बड़ा नाट्य महोत्सव का दूसरा दिन, लोक कलाकारों ने मोहा मन

Bharat Rang Mahotsav: हिंदुस्तान के सबसे बड़े रंगमंच महोत्सव, हिंदुस्तान रंग महोत्सव का दूसरा दिन कला और संस्कृति के रंगों से सराबोर रहा. इस दिन देश के विभिन्न कोनों से आई लोक कलाओं ने दर्शकों का मन मोह लिया. दिन के कार्यक्रमों में हिंदुस्तान की लोक कला शैलियों की प्रस्तुति, रूसी लेखक एंटोन चेखव की 165वीं जयंती का स्मरण, और रंगमंच की बारीकियां सिखाने वाले व्याख्यान-प्रदर्शन का विशेष आयोजन शामिल था. राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी ) ने हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (हुड्को) के साथ लोक और शास्त्रीय नाट्य कला के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए. यह समझौता राजीव गर्ग (क्षेत्रीय प्रमुख, हुड्को) और चित्तरंजन त्रिपाठी (निदेशक, एनएसडी) की ओर से हस्ताक्षरित किया गया. इस महत्वपूर्ण अवसर पर संजय कुलश्रेष्ठ (सीएमडी हुडको), एम नागराज (निदेशक, कॉर्पोरेट प्लानिंग,हुडको ), राजीव शर्मा (कार्यकारी निदेशक, हुडको),पीके महांती (रजिस्ट्रार, एनएसडी) तथा हुडको की सक्रिय सीएसआर टीम की उपस्थिति रही. ‘लोकरंगम’ एक विशेष मंच है, जो हिंदुस्तान की समृद्ध कलात्मक विरासत और लोक कला की जीवंतता को संरक्षित एवं बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. इस खंड का उद्घाटन मुख्य अतिथि, पद्म मालिनी अवस्थी, प्रसिद्ध लोक गायिका, द्वारा किया गया. उन्होंने इस अवसर पर लोक नाटकों की शक्ति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लोक कला एक ही कथा के माध्यम से विभिन्न रसों को जागृत करने की क्षमता रखती है. भोजपुरी के शेक्सपियर’ कहे जाने वाले भिखारी ठाकुर के प्रसिद्ध नाटक ‘बिदेसिया’ का मंचन किया गया. यह नाटक प्रवासन की त्रासदी और पीछे छूट गए लोगों की व्यथा को मार्मिक रूप से प्रस्तुत करता है. इसका मंचन संजय उपाध्याय के कुशल निर्देशन में प्रस्तुत किया.संबद्ध आयोजन भारंगम के समांतर प्रस्तुतियों का एक अभिन्न हिस्सा हैं, जिनमें सेमिनार, कार्यशालाएँ, छात्र प्रस्तुतियाँ और अन्य शैक्षणिक आदान-प्रदान शामिल होते हैं. ये कार्यक्रम रंगमंच के विविध आयामों को समझने और सीखने के अवसर प्रदान करते हैं. आज, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी ) ने रूसी विज्ञान और संस्कृति केंद्र के सहयोग से महान रूसी लेखक एंटोन चेखव की 165वीं जयंती पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया. “चेखव की विरासत: कल, आज और कल” शीर्षक वाली इस संगोष्ठी में चेखव के जीवन, कृति और उनकी समकालीन प्रासंगिकता पर चर्चा की गई. संगोष्ठी में प्रख्यात विद्वानों, लेखकों और नाट्य कलाकारों ने भाग लिया. मीता वशिष्ठ, निहारिका सिंह, और विक्रम शर्मा जैसे अनुभवी रंगकर्मियों ने चेखव के नाटकों में यथार्थवादी अभिनय तकनीकों के उपयोग पर प्रकाश डाला और अपने अनुभव साझा किए. वक्ताओं ने चेखव की कहानियों, नाटकों, और उनके लेखन शैली का विस्तृत विश्लेषण किया, साथ ही उन्होंने चेखव की रचनाओं का आज के समय में क्या महत्व है, इस पर भी चर्चा की.संगोष्ठी की शुरुआत और समापन संबोधन शांतनु बोस,( अकादमिक डीन), एनएसडी ने दिए. इस चर्चा सत्र में स्वानंद किरकिरे भी उत्साही प्रतिभागी के रूप में शामिल हुए. पैनल ने चेखव के यथार्थवाद में योगदान और उनकी समकालीन कहानी कहने की प्रासंगिकता पर विचार किए. एक प्रमुख आकर्षण रही मीता वशिष्ठ की “थ्री सिस्टर्स” के निर्देशन और आधुनिक दर्शकों के लिए चेखव की थीम्स को रूपांतरित करने पर उनके विचार, जिन्होंने इस नाटक को नई दृष्टि से प्रस्तुत किया. हिंदुस्तान रंग महोत्सव 2025 के तहत, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) ने थिएटर एप्रिशिएशन कोर्स (TAC) के 14वें संस्करण का उद्घाटन किया. इस ओरिएंटेशन समारोह में श्री चित्तरंजन त्रिपाठी (निर्देशक, एनएसडी ), श्री शांतनु बोस(अकादमिक डीन) और श्री अमितेश ग्रोवर (कोर्स क्यूरेटर) ने 28 जनवरी 2025 को अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई. TAC 2025 के हिस्से के रूप में, आसिफ अली हैदर ने नाटक लेखन, अनुवाद और रूपांतरण पर एक सत्र का नेतृत्व किया, जिसमें स्क्रिप्ट विकास और मंच के लिए पाठों को बदलने पर चर्चा की. अजय कुमार ने ‘परफॉर्मर एज़ स्टोरीटेलर’वर्कशॉप का संचालन किया, जिसमें आवाज, शारीरिक अभिव्यक्ति और एकल प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित किया. इन सत्रों ने प्रतिभागियों को रंगमंच लेखन और प्रदर्शन में आवश्यक कौशल प्रदान किए. अद्वितीय के दूसरे दिन जो छात्रों द्वारा संचालित समानांतर उत्सव था, दो प्रभावशाली स्ट्रीट प्ले दिखाए गए,देशबंधु कॉलेज, दिल्ली द्वारा ‘अंदेखी अनसुनी’, जो विकलांग व्यक्तियों के संघर्ष और संकल्प को उजागर करता है, और दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी द्वारा ‘ख्वाहिश-ए-नूर’, जो एक गहरी और मार्मिक कहानी प्रस्तुत करता है. अद्वितीय ओपन स्टेज पर प्रदर्शन की एक जीवंत श्रृंखला देखी गई, जिसमें स्टैंड-अप कॉमेडी, एकल और समूह शास्त्रीय नृत्य शामिल थे, जिन्होंने अपनी कलात्मक चमक से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. इस कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी ) के रजिस्ट्रार, प्रदीप के मोहंती द्वारा प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र देकर किया गया, जिससे उनके समर्पण और प्रदर्शन कला में उनके प्रतिभा की सराहना की गई. अंकल वान्या , जिसका निर्देशन नॉशद मोहम्मद कुंजू ने किया है और जिसे प्रसिद्ध रूसी नाटककार एंटन चेखव ने लिखा है, एक मार्मिक त्रासद-व्यंग्य है जो नपुंसक प्रेम, अस्तित्वगत निराशा और समय के बीतने के विषयों को छूता है. यह विश्व साहित्य का एक उत्कृष्ट काव्य है, जो अपनी ग्रामीण रूसी संपत्ति में सेट होने के बावजूद मानव स्थिति पर एक सार्वभौमिक प्रतिबिंब प्रस्तुत करता है. यह शो अभिमंच ऑडिटोरियम, एनएसडी परिसर में प्रदर्शित हुआ और इसे हैदराबाद विश्वविद्यालय के थिएटर आर्ट्स विभाग के कुशल छात्रों ने प्रस्तुत किया. प्रदर्शन के बाद, निर्देशक नॉशद मोहम्मद कुंजू ने नाटक के शोध और रचनात्मक प्रक्रिया पर अपने विचार साझा किए. तीसरे दिन, भारंगम में समानांतर कार्यक्रमों के तहत श्रुति नामक साहित्यिक सत्र का आयोजन किया गया. इस दौरान थिएटर कलाकार और प्रसिद्ध अभिनेता श्री अखिलेंद्र मिश्रा द्वारा लिखित पुस्तक ‘अभिनय, अभिनेता और आध्यात्म’ का विमोचन समारोह हुआ, जिसके बाद एक चर्चा का आयोजन किया गया. इस चर्चा में श्री अनिल गोयल ने लेखक के साथ संवाद किया. अलाइड इवेंट्स सेक्शन में, ‘ख्वाब-ए-हस्ती’, जो अगा हश्र कश्मीरी की एक उत्कृष्ट कृति है, का मंचन किया गया. इस नाटक को हेमा सिंह ने पारसी अभिनय शैली में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के दूसरे वर्ष के छात्रों के साथ तैयार किया था. यह नाटक दर्शकों को अपनी जटिल कथा के माध्यम से मानवीय भावनाओं, सामाजिक समस्याओं और परंपरा व आधुनिकता के संघर्ष को उजागर करता हुआ मंत्रमुग्ध कर गया. सूर्य की अंतिम किरण से सूर्य की पहली किरण तक’, उपासना स्कूल ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स, गुजरात विश्वविद्यालय द्वारा प्रस्तुत किया गया. यह नाटक, जो सुरेंद्र वर्मा

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Budget 2025: लाखों किसानों को मिल सकती है सौगात, पीएम किसान सम्मान निधि में बढ़ोतरी की उम्मीद

Budget 2025: केंद्रीय बजट 2025-26 की तैयारियां जोरों पर हैं और इस बार प्रशासन किसानों को बड़ी सौगात दे सकती है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan Samman Nidhi) के तहत किसानों को मिलने वाली आर्थिक सहायता में बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है. अगर ऐसा होता है, तो देशभर के 11 लाख से अधिक किसानों को इसका सीधा लाभ मिलेगा. बढ़ सकती है पीएम किसान योजना की रकम वर्तमान में पीएम किसान योजना के तहत पात्र किसानों को सालाना 6,000 रुपये दिए जाते हैं, जिसे तीन किस्तों में 2,000-2,000 रुपये के रूप में वितरित किया जाता है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रशासन इस राशि को बढ़ाकर 8,000 या 10,000 रुपये कर सकती है. इससे किसानों को अतिरिक्त आर्थिक सहायता मिलेगी और खेती से जुड़े खर्चों को पूरा करने में मदद मिलेगी. क्यों जरूरी है पीएम किसान योजना में बढ़ोतरी? हिंदुस्तान की कृषि व्यवस्था छोटे और सीमांत किसानों पर टिकी हुई है, जो कुल किसानों की 85% आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं. हाल के वर्षों में खाद, बीज, डीजल और अन्य कृषि इनपुट की कीमतों में तेजी से इजाफा हुआ है, जिससे किसानों पर वित्तीय दबाव बढ़ा है. ऐसे में पीएम किसान सम्मान निधि की राशि में वृद्धि से उन्हें राहत मिल सकती है. प्रशासन के लिए चुनौती और समाधान हालांकि, पीएम किसान योजना के तहत दी जाने वाली राशि में बढ़ोतरी प्रशासन के लिए एक वित्तीय चुनौती भी हो सकती है. इस योजना का सालाना बजट पहले से ही लगभग 60,000 करोड़ रुपये का है. अगर इसमें बढ़ोतरी की जाती है, तो प्रशासन को अतिरिक्त बजटीय आवंटन करना होगा. इसके लिए प्रशासन अन्य योजनाओं में खर्चों में कटौती कर सकती है या नए वित्तीय स्रोतों की तलाश कर सकती है. पीएम किसान योजना में संशोधन की संभावना प्रशासन पीएम किसान योजना में कुछ नए नियम भी जोड़ सकती है. यह भी हो सकता है कि किसानों की आय सीमा को ध्यान में रखते हुए इसे और बेहतर बनाया जाए, जिससे इसका लाभ केवल जरूरतमंद किसानों को मिले. क्या कहती हैं रिपोर्ट्स? वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, इस बार का बजट पूरी तरह से लोकलुभावन हो सकता है, क्योंकि 2024 के आम चुनावों के बाद यह प्रशासन का पहला पूर्ण बजट होगा. ऐसे में किसानों, स्त्रीओं और युवाओं को ध्यान में रखकर घोषणाएं की जा सकती हैं. इसे भी पढ़ें: Budget 2025: स्त्रीओं और छात्रों को क्या मिल सकती हैं सौगातें? शिक्षा, रोजगार और वित्तीय राहत पर खास उम्मीदें! लाखों किसानों को मिलेगी राहत अगर प्रशासन पीएम किसान योजना की राशि में बढ़ोतरी करती है, तो यह देश के लाखों किसानों के लिए राहत भरी समाचार होगी. कृषि क्षेत्र को मजबूत करने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए यह कदम बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है. अब देखना यह होगा कि 1 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने बजट भाषण में किसानों के लिए क्या बड़ी घोषणाएं करती हैं. इसे भी पढ़ें: प्रशासनी कर्मचारियों की सैलरी में जल्द होगी बढ़ोतरी, 1 फरवरी को बजट में हो सकता है बड़ा ऐलान! किसानों को और क्या मिल सकता है बजट 2025 में? बजट 2025-26 में किसानों को केवल पीएम किसान योजना में बढ़ोतरी ही नहीं, बल्कि कुछ अन्य बड़े ऐलान भी हो सकते हैं. फसल बीमा योजना में सुधार: किसानों को फसल नुकसान पर अधिक मुआवजा देने का ऐलान हो सकता है. कृषि क्षेत्र में सब्सिडी: खाद, बीज और कीटनाशकों पर मिलने वाली सब्सिडी को बढ़ाया जा सकता है. सिंचाई योजनाओं का विस्तार: ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई सुविधा को बेहतर बनाने के लिए नए प्रोजेक्ट्स लाए जा सकते हैं. किसानों के लिए सस्ते लोन: कृषि लोन पर ब्याज दर में कटौती की घोषणा हो सकती है. इसे भी पढ़ें: Budget 2025-26: सीनियर सिटीजन को फिर से मिल सकती है ट्रेन टिकट में छूट, सफर होगा सस्ता! The post Budget 2025: लाखों किसानों को मिल सकती है सौगात, पीएम किसान सम्मान निधि में बढ़ोतरी की उम्मीद appeared first on Naya Vichar.

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Basant Panchami Bhog Ideas: मां सरस्वती को लगाएं इन 5 चीजों का भोग, जानें कौन से हैं ये शुभ व्यंजन

Basant Panchami Bhog Ideas: बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा का विशेष महत्व होता है. इस दिन मां सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए विशेष भोग अर्पित किए जाते हैं. मान्यता है कि पीले और सफेद रंग के मीठे व्यंजन मां सरस्वती को प्रिय होते हैं. अगर आप इस बसंत पंचमी पर मां सरस्वती का आशीर्वाद पाना चाहते हैं, तो पूजा में इन 5 चीजों का भोग जरूर लगाएं. Basant panchami bhog ideas: मां सरस्वती को लगाएं इन 5 चीजों का भोग, मिलेगा आशीर्वाद 1. मीठी पूरी बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को मीठी पूरी का भोग लगाना शुभ माना जाता है. इसे बनाने के लिए आटे में गुड़ या चीनी मिलाकर गूंथा जाता है और फिर पूरियां तलकर तैयार की जाती हैं. यह स्वाद में मीठी और कुरकुरी होती है. मां सरस्वती को यह व्यंजन अर्पित करने से जीवन में ज्ञान, सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा आती है. 2. पीला चावल/पुलाव पीले रंग का भोजन बसंत पंचमी का प्रतीक होता है. इस दिन मां सरस्वती को केसर और हल्दी मिले हुए पीले चावल या मीठे पुलाव का भोग चढ़ाया जाता है. इसे घी, इलायची, चीनी और ड्राई फ्रूट्स डालकर बनाया जाता है. यह भोग जीवन में सौभाग्य और समृद्धि लाने वाला माना जाता है. 3. कद्दू की खीर कद्दू की खीर एक विशेष प्रसाद है जिसे मां सरस्वती को अर्पित किया जाता है. यह खीर दूध, चीनी, कद्दू और केसर डालकर बनाई जाती है. इसमें बादाम और काजू डालने से इसका स्वाद और अधिक बढ़ जाता है. कद्दू की खीर का भोग लगाने से मां सरस्वती कृपा बनाए रखती हैं और बुद्धि प्रखर होती है. 4. गाजर की बर्फी गाजर की बर्फी का स्वाद जितना लाजवाब होता है, उतना ही यह मां सरस्वती को अर्पित करने के लिए शुभ भी मानी जाती है. इसे दूध, खोया, चीनी और घी से तैयार किया जाता है. इस मिठाई का भोग लगाने से शिक्षा और करियर में उन्नति होती है. 5. केसर वाली खीर खीर को देवी-देवताओं का प्रिय भोग माना जाता है. मां सरस्वती को केसर और चावल से बनी खीर चढ़ाने से विद्या, बुद्धि और कला में उन्नति होती है. इसे दूध, चीनी, इलायची और मेवे डालकर तैयार किया जाता है, जिससे इसका स्वाद दिव्य हो जाता है. बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की कृपा पाने के लिए इन विशेष व्यंजनों का भोग जरूर अर्पित करें. यह न सिर्फ मां सरस्वती को प्रसन्न करता है, बल्कि आपके जीवन में ज्ञान, बुद्धि और सौभाग्य को भी बढ़ाता है. इस बसंत पंचमी पर श्रद्धा और भक्ति से मां सरस्वती की पूजा करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें. Also Read: Pumpkin Pudding Recipe: बसंत पंचमी पर प्रसाद के लिए बनाएं स्वादिष्ट कद्दू की खीर Also Read: 2 या 3 फरवरी, जानें कब है बसंत पंचमी, जानें मां सरस्वती की पूजा का समय Also Read: Weight loss Recipe of Pumpkin Soup: वजन घटाने के लिए पंपकिन सूप है बेहद फायदेमंद जानें रेसिपी और फायदे The post Basant Panchami Bhog Ideas: मां सरस्वती को लगाएं इन 5 चीजों का भोग, जानें कौन से हैं ये शुभ व्यंजन appeared first on Naya Vichar.

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Health Tips:- हजारों बीमारियों का एक इलाज है नीम का पत्ता

हम सभी ने बचपन से लेकर अब तक कभी ना कभी नीम के पत्ते चबाने के बारे में जरूर विचार किया होगा क्योंकि बचपन से हम लोग बड़े बुजुर्गों के मुंह से नीम के पत्तों का बखान सुना है. आज भी हमारे बड़े बुजुर्ग और गांव में लोग नीम के टहनियों से दातुन करते दिख जाएंगे. हमारे प्राचीन आयुर्वेद में भी नीम को अति महत्वपूर्ण औषधीय पौधे के रूप में जाना जाता है. जिसका उपयोग कई शारीरिक कष्टों को दूर करने और शरीर को निरोग रखने में किया जाता है. आपको बता दें की नीम के पत्तों में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फ़ंगल, एंटी-वायरल, और एंटी-ऑक्सीडेंट होने के साथ इसमें विटामिन ई, एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन सी और लिमोनोइड्स,कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम जैसे पोषक तत्व भी होते हैं. आई नीम के पत्ते की कुछ हैरान कर देने वाले गुणों के बारे में जानते हैं. फंगल इन्फेक्शन में रामबाण नीम में एंटीफंगल और एंटीबैक्‍टीर‍ियल गुण होते हैं. शरीर के किसी हिस्से पर इंफेक्शन होने पर नीम के पत्तों का पेस्ट बनाकर लगाया जा सकता है. पानी में नीम के पत्ते डालकर उबालने और ठंडा होने पर उसी पानी से स्नान करने से फंगल इन्फेक्शन से राहत मिल सकता है. नीम के पत्तों में मौजूद एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण इंफेक्शन वाले जगह पर मौजूद बैक्टीरिया और फंगस को खत्म कर देता है. नीम का तेल भी इन्फेक्शन खत्म करने में कारगर होगा. मुंहासे का खात्मा करता है नीम पत्ता अगर आप अपने चेहरे पर कील ,मुंहासे और एक्ने जैसी समस्याओं से परेशान है तो आज से नीम के पत्ते इस्तेमाल करना शुरू कर दीजिए इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण चेहरे पर पिंपल्स और मुंहासे उत्पन्न करने वाले बैक्टीरिया को खत्म करने में सक्षम होते हैं. नीम के पत्तों में एंटीऑक्सीडेंट गुण होता है जो चेहरे के दाग धब्बे और एजिंग को कंट्रोल करता है.इसके लिए आप नीम के पेस्ट को चेहरे पर लगा सकते हैं. पानी में नीम के पत्तों को उबालकर ठंडा होने पर उसी पानी से चेहरे को धोने से भी लाभ मिलेगा . सुंदर स्वस्थ त्वचा और बालों के लिए अगर आप स्किन के एजिंग या बालों के टूटने से परेशान है या आप स्वस्थ, ग्लोइंग स्किन और स्वस्थ, मजबूत ,घने काले बालों के लिए कोई आयुर्वेदिक और प्राकृतिक निदान चाहते हैं तो नीम के पत्तों से बेहतर कोई और विकल्प नहीं हो सकता है. नीम में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फ़ंगल, एंटी-इंफ़्लेमेटरी, और एंटीऑक्सीडेंट गुण ही स्वस्थ त्वचा के साथ बालों के स्वास्थ्य केलिए जरूरी होता है. नीम में मौजूद विटामिन ई एंटी एजिंग एजेंट के रूप में काम करता है वही नीम के पत्ते खुजली , डैंड्रफ को जड़ से खत्म करता है. जिससे बालों की ग्रोथ अच्छी होती है. शरीर के टॉक्सिन को साफ करता है नीम का पत्ता नीम में मौजूद एंटीऑक्सिडेंटल और एंटीबैक्टीरियल गुण हमारे शरीर के भीतर मौजूद टॉक्सिंस को खत्म करता है. नीम के पत्तों का नियमित सेवन हमारे खून को साफ करता है. अगर हमारा शरीर डिटॉक्सिफाई होगा और हमारा ब्लड साफ रहेगा तो इससे बीमारियां होने का खतरा कम हो जाता है. डायबिटीज करता है कंट्रोल नीम के पत्तों को चबाना डायबिटीज में राहत दे सकता है. नीम हमारे शरीर के भीतर जाकर पैनक्रियाज को उत्तेजित करता है जिससे कि इंसुलिन का उत्पादन होता है. यह शरीर को डिटॉक्सिफाई रखता है जिससे कि शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल नहीं बन पाता है और डायबिटीज के रोगियों को बहुत लाभ मिल पाता है. इसलिए नीम के पत्तों को चबाने की आदत डालें. घाव को भरने में सहायक नीम के पत्तों में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जिससे कि शरीर के किसी हिस्से में अगर घाव है तो इसका इस्तेमाल घाव को भरने में मदद करता है. लीवर के लिए लाभकारी नीम के पत्तों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण हमारे शरीर को डिटॉक्सिफाई करता है और ब्लड को प्यूरिफाई करता है यानी शरीर से टॉक्सिन को निकालता है. पत्तों के इन कार्यों के कारण लीवर स्वस्थ रहता है. The post Health Tips:- हजारों बीमारियों का एक इलाज है नीम का पत्ता appeared first on Naya Vichar.

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Health Tips:- घर के किचन में मौजूद मेथी दाना आपको रखेगा कई बीमारियों से दूर

हम सब के घरों के किचन में मेथी दाना मौजूद होता है.जिसका इस्तेमाल सब्जी ,रेसिपी और अन्य कई तरह के पकवान बनाने में किया जाता है. लेकिन क्या आपको पता है की मेथी दाना पकवान को स्वादिष्ट बनाने के साथ-साथ शरीर को निरोग रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है? जी हां सही सुना आपने मेथी में मौजूद औषधीय गुण इंसानी शरीर से संबंधित कई बीमारियों और कष्टों को दूर करने की क्षमता रखता है.अगर नही पता तो जान लीजिए की मेथी दाना में कैल्शियम, आयरन, एंटी-ऑक्सीडेंट,फ़ॉस्फ़ोरस,फ़ाइबर, विटामिन ए, विटामिन डी, विटामिन ई जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. इतना ही नही मेथी में एंटी-इंफ़्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण भी होते हैं. आज के इस लेख में मेथी दाना के आश्चर्यजनक फायदे के बारे में बताएंगे। पेट से जुड़ी परेशानियों में लाभदायक मेथी में हाई फाइबर होता है जो इंसान के आतों में गहराई से सफाई करता है. पेट के कब्ज ,गैस और एसिडिटी में मेथी तुरंत राहत देता है. मेथी दाना पाचन सुधार कर भूख बढ़ाने में मदगार होता है. डायबिटीज में राहत देता है मेथी दाना अगर आप डायबिटीज को कंट्रोल करने वाला आयुर्वेदिक नुस्खे की तलाश में है तो आप मेथी दाना का इस्तेमाल कर सकते हैं. मेथी में मौजूद फाइबर शरीर के कार्बोहाइड्रेट को अवशोषित करके ब्लड में शुगर के लेवल को मेंटेन रखता है जिसे डायबिटीज के नियंत्रण में मदद मिलता है. कोलेस्ट्रॉल को करता है कम रात भर मेथी दाना को पानी में भिगोकर सुबह इस पानी को पीने से शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल (LDL) का लेवल कम होता है. मेथी दाना शरीर में कार्बोहाइड्रेट को जमा नहीं होने देता है ,जिसके परिणामस्वरूप शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने नही पाता है. अल्सर में मेथी दाना है लाभदायक मेथी के बीजों में मौजूद साइटोप्रोटेक्टिव शरीर की कोशिकाओं को हानिकारक बैक्टीरिया से सुरक्षित रखते हैं. इसके साथ ही मेथी दानों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण पेट के अल्सर जैसी समस्याओं को रोकने में मदद करता है. The post Health Tips:- घर के किचन में मौजूद मेथी दाना आपको रखेगा कई बीमारियों से दूर appeared first on Naya Vichar.

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Mahakumbh 2025: स्वामी रामदेव की ऐसी डुबकी देख हंस पड़ी हेमा मालिनी, वीडियो हो रहा वायरल

Mahakumbh 2025: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 में करोड़ों श्रद्धालु ने आस्था की डुबकी लगाई है. आम लोगों से लेकर नेता-मंत्री, पंडित-पुरोहित समेत बॉलीवुड और हॉलीवुड तक कई नामचीन लोगों ने संगम में पवित्र स्नान किया है. इस शादी स्नान में मथुरा से सांसद और जानी मानी एक्ट्रेस हेमा मालिनी भी शामिल हुईं. उन्होंने मौनी अमावस्या के मौके पर संगम में डुबकी लगाई. उनके साथ योग गुरु स्वामी रामदेव भी थे. स्वामी रामदेव के बाल उछालने पर हंस पड़ी हेमा मालिनी योग गुरु स्वामी रामदेव ने महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाई. डुबकी के बाद उन्होंने पानी में भीगे अपने बाल उछाले तो हेमा मालिनी हंस पड़ी. महाकुंभ के धार्मिक माहौल में एक हल्का-फुल्का पल सा महसूस होने लगा. वहां मौजूद सभी लोग मुस्कुराने लगे. योगगुरु बाबा रामदेव के बाल उछालने की कला देख सांसद हेमा मालिनी अपनी हंसी नहीं रोक पाई. BJP MP Hema Malini, Baba Ramdev, and other seers took a dip at Triveni Sangam earlier today. Compare this to what common people are going through—losing their loved ones. For the BJP, the Mahakumbh is a spectacle for the rich & influential, while the masses suffer in silence. pic.twitter.com/U9FxY9almF — Gaurav Pandhi (@GauravPandhi) January 29, 2025 सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है वीडियो योग गुरु बाबा रामदेव की यह बाल उछालने वाला वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है. संगम में डुबकी के दौरान बाबा रामदेव के लंबे बालों को पानी में डालकर गीला करते हैं. इसके बाद बहुत तेजी ने उन्होंने अपने सिर को ऊपर किया. इस दौरान उनके बालों से पीछे खड़े लोगों के चेहरे पर पानी पड़ता है. हेमा मालिनी यह नजारा देख अपनी हंसी नहीं रोक पाईं. उन्होंने जोर से ठहाका लगा दिया. उनके साथ मौजूद दूसरे साधु लोग भी हंसने लगे. सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. The post Mahakumbh 2025: स्वामी रामदेव की ऐसी डुबकी देख हंस पड़ी हेमा मालिनी, वीडियो हो रहा वायरल appeared first on Naya Vichar.

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How to correct excess turmeric in food: खाने में हो गई है ज्यादा हल्दी? अपनाएं ये आसान नुस्खे

How to correct excess turmeric in food: हल्दी हिंदुस्तानीय खाने का अहम मसाला है, जो स्वाद और सेहत दोनों के लिए फायदेमंद होती है. लेकिन कभी-कभी खाने में हल्दी ज्यादा डालने से उसका स्वाद कड़वा या कसैला हो सकता है. अगर आपके खाने में भी हल्दी ज्यादा हो गई है और स्वाद बिगड़ गया है, तो परेशान न हों! कुछ आसान नुस्खे अपनाकर आप खाने का स्वाद संतुलित कर सकते हैं. How to correct excess turmeric in food: खाने में हो गई है ज्यादा हल्दी? अपनाएं ये आसान नुस्खे 1. नींबू या टमाटर डालें खाने में हल्दी ज्यादा हो जाने पर उसमें नींबू का रस या टमाटर का पेस्ट मिलाएं. इनका खट्टापन हल्दी की तीव्रता को कम कर देता है और स्वाद को संतुलित करता है. 2. मलाई या दही का इस्तेमाल करें अगर ग्रेवी में हल्दी ज्यादा हो गई है, तो उसमें थोड़ा सा ताजा क्रीम (मलाई) या दही डालें. ये हल्दी के कड़वेपन को कम करने में मदद करेगा और डिश का स्वाद भी बेहतर होगा. 3. नारियल दूध या बेसन डालें दक्षिण हिंदुस्तानीय व्यंजनों में नारियल दूध का खूब इस्तेमाल होता है. यह हल्दी की अधिकता को कम करने के लिए भी बेहतरीन उपाय है. इसके अलावा, ग्रेवी में थोड़ा सा बेसन डालकर भी स्वाद को संतुलित किया जा सकता है. 4. आलू या ब्रेड का उपयोग करें अगर सब्जी या ग्रेवी में हल्दी ज्यादा हो गई है, तो उसमें एक उबला हुआ आलू डाल दें और कुछ देर पकने दें. आलू हल्दी को अवशोषित कर लेगा और फिर आप इसे निकाल सकते हैं. इसी तरह, ब्रेड का एक टुकड़ा डालकर भी हल्दी की अधिकता को कम किया जा सकता है. 5. मीठे का करें हल्का प्रयोग हल्दी के अधिक स्वाद को कम करने के लिए खाने में थोड़ा-सा शहद, गुड़ या चीनी डाल सकते हैं. लेकिन इसे ज्यादा न डालें, वरना डिश का स्वाद पूरी तरह बदल सकता है. 6. अधिक मात्रा में सामग्री मिलाएं अगर कोई भी उपाय काम न करे, तो सबसे आसान तरीका है कि डिश में बाकी सामग्री की मात्रा बढ़ा दें. इससे हल्दी अपने आप संतुलित हो जाएगी. अगर गलती से आपके खाने में हल्दी ज्यादा हो गई है, तो इन घरेलू उपायों को अपनाकर स्वाद को बिगड़ने से बचा सकते हैं. अगली बार मसाले डालते समय थोड़ी सावधानी बरतें, ताकि स्वाद बना रहे और सेहत भी! Also Read: How to use Fenugreek Seed for Hair: मेथी दाने को उबालकर या पीसकर बालों पर कैसे लगाएं? जानें आसान तरीके Also Read: Benefits of Pomegranate:  सुबह खाली पेट खाएं 4 चम्मच अनार के दाने, वजन घटाने के साथ बालों और दिमाग के लिए भी है फायदेमंद The post How to correct excess turmeric in food: खाने में हो गई है ज्यादा हल्दी? अपनाएं ये आसान नुस्खे appeared first on Naya Vichar.

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