Hot News

January 31, 2025

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

कल पेश होगा बजट, जानें क्या कहता है पंचांग

Union Budget 2025: हर वर्ष बजट से देश के विभिन्न वर्गों के लोगों को अनेक अपेक्षाएँ होती हैं. देश की आर्थिक स्थिति के संदर्भ में बजट का विवरण पूर्व निर्धारित होता है, किंतु इस वर्ष का बजट विशेष महत्व रखता है. मोदी प्रशासन 1 फरवरी 2025 को बजट (Budget 2025) प्रस्तुत करेगी, पंचांग के अनुसार इस दिन कौन से महत्वपूर्ण संयोग बन रहे हैं, आइए जानते हैं. कल 1 फरवरी 2025 का अशुभ मुहूर्त यमगण्ड – दोपहर 1:56 से 3:18 तकगुलिक काल – सुबह 7:09 से 8:31 तकभद्रा काल – रात 10:26 से सुबह 7:09, 2 फरवरी तक पंचक – पूरे दिन माघ शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि- 01 फरवरी 2025 दोपहर पहले 11 बजकर 39 मिनट तक रहेगी, उसके बाद चतुर्थी तिथि लग जाएगी परिघ योग- 01 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 25 मिनट तक पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र- 01 फरवरी को देर रात 2 बजकर 33 मिनट तक 01 फरवरी 2025 व्रत-त्यौहार- वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी व्रत आज का उपाय विनायक चतुर्थी के अवसर पर जीवन के समस्त संकटों को समाप्त करने के लिए भगवान गणेश की पूजा के दौरान सिंदूर अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है. किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले बप्पा को नारियल अर्पित करना चाहिए. The post कल पेश होगा बजट, जानें क्या कहता है पंचांग appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

Sikh for Justice: सिख्स फॉर जस्टिस पर 5 साल का प्रतिबंध बरकरार, देश तोड़ने की साजिशों का खुलासा

Sikh for Justice: दिल्ली हाई कोर्ट के ट्राइब्यूनल ने खालिस्तानी आतंकी संगठन “सिख्स फॉर जस्टिस” पर लगाए गए 5 साल के प्रतिबंध को बरकरार रखा है. यह प्रतिबंध केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा लगाया गया था, जिसे अब कानूनी मान्यता मिल गई है. सुनवाई के दौरान केंद्र प्रशासन ने कुछ अहम सबूत पेश किए, जिनमें दिखाया गया कि यह संगठन मणिपुर में ईसाई समुदाय को हिंदुस्तान से अलग होने के लिए भड़काने की कोशिश कर रहा था. इसके साथ ही, संगठन ने पंजाब को खालिस्तान के रूप में अलग देश बनाने की मांग की और मुसलमानों, तमिलों, तथा मणिपुर के ईसाइयों को देशविरोधी गतिविधियों के लिए उकसाया. ट्राइब्यूनल के आदेश में बताया गया कि “सिख्स फॉर जस्टिस” ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को धमकियां भी दीं. खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट्स के अनुसार, इस संगठन ने हिंदुस्तान के खिलाफ हिंसा भड़काने और अलगाववादी आंदोलन तेज करने की कोशिशें कीं. रिपोर्ट में कहा गया कि संगठन ने पंजाब के लोगों को भड़काने के अलावा तमिलों को “द्रविड़िस्तान” और मुसलमानों को “उर्दूस्थान” की मांग करने के लिए प्रेरित किया. इसे भी पढ़ें: कंपनी ने कर्मचारियों को दिया 70 करोड़ रुपए का छप्परफाड़ बोनस, वीडियो वायरल संगठन पर दलित समुदाय को भी उकसाने का आरोप है, जिसमें कहा गया कि प्रशासन उनके साथ अन्याय कर रही है और उन्हें अलग देश की मांग का समर्थन करना चाहिए. इसके अलावा, “सिख्स फॉर जस्टिस” ने पंजाब और हरियाणा के किसानों को कृषि कानूनों के खिलाफ भड़काने की कोशिश की थी. मणिपुर में भी इस संगठन ने ईसाई और मुस्लिम समुदायों के बीच तनाव फैलाने की कोशिश की, खासतौर पर कुकी और मैतेई (पंगल) समुदायों को उकसाया. यह प्रतिबंध पहली बार जुलाई 2020 में लगाया गया था, और संगठन के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू को भी आतंकवादी घोषित किया गया था. अब इस प्रतिबंध को 5 साल के लिए और बढ़ा दिया गया है. इसे भी पढ़ें: डोनाल्ड ट्रंप ने BRICS को दी धमकी, डॉलर छोड़ने की सोची तो… The post Sikh for Justice: सिख्स फॉर जस्टिस पर 5 साल का प्रतिबंध बरकरार, देश तोड़ने की साजिशों का खुलासा appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

Maha Kumbh: जब अंग्रेजों ने कुंभ पर लगाया था प्रतिबंध, प्रयागराज को बना दिया था छावनी; छुपकर गंगाजल लेने जाते थे पंडे

Maha Kumbh: इस बात से तो हम सब वाकिफ हैं कि हर 12 साल बाद त्रिवेणी संगम प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होता है. चाहे वो सल्तनत काल हो, मुगल काल हो या ब्रिटिश काल. हिंदुस्तान में किसी का भी शासन रहा हो, कुंभ मेले का आयोजन बड़े धूम धाम से होता था. बड़ी संख्या में साधु-संत, नागा संन्यासियों और श्रद्धालु त्रिवेणी संगम पहुंचते थे. यहां श्रद्धालु कल्प वास करने के साथ-साथ अमृत स्नान (शाही स्नान) करते थे. लेकिन, ब्रिटिश काल में एक समय ऐसा भी था, जब संगम का किनारा श्रद्धालुओं के जमावड़े की जगह अंग्रेज सैनिकों की छावनी बन गई थी. उस समय तीर्थयात्री नहीं, चारों तरफ सिर्फ बंदूकधारी अंग्रेज सैनिक दिखाई देते थे. प्रयागराज में ऐसी स्थिति जनवरी, 1858 के कुंभ में था. कुंभ के योग बनने के बाद भी ब्रिटिश प्रशासन की सख्ती के कारण कुंभ का आयोजन नहीं हुआ था. जिसकी वजह से न ही अखाड़ों का आगमन हुआ था और न ही श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आ रही थी. हिन्दू मेला पर लगा था प्रतिबंध Rev. James C. Moffat की किताब The Story of A Dedicated Life के पृष्ठ संख्या 139 में लिखते है कि पुराने मिशनरी ओवेन 19 जनवरी, 1858 को इसाई धर्म के प्रचार के लिए कोलकाता से इलाहाबाद के लिए रवाना होते हैं, तो वह देखते हैं कि सैन्य अभियानों का केंद्र बनया जा रहा था, क्योंकि पूरा शहर उस समय क्रांति के दौर से गुजर रहा था. जिसकी वजह से चारो तरफ सैन्य गतिविधियां ही चल रही थी. हर दिशा में बदलाव हो रहा था. सब कुछ अस्थिर था. मिशन का काम भी ठीक तरह से नहीं चल रहा था. ऐसे में हिन्दू मेला भी पूरी तरह से स्थगित था. जिसकी वजह से समूह के रूप में संगम की ओर जाना पूरी तरह से प्रतिबंध था. अंग्रेज सैनिकों के डर के कारण स्थानीय प्रागवाल यानी पंडा अपने-अपने मुहल्ले (प्रागवालिटोला) छोड़कर भाग गए थे. ब्रिटिश सैनिकों का खौफ इतना था कि शहर के कुलीन और अमीर वर्ग के लोग भी संगम स्नान के लिए नहीं गए थे. हालांकि, कुछ पंडे एक-दो करके संगम पर जाते और लोटा में जल लेकर वापस लौटकर दारागंज के किनारे गंगा की धारा में मिला देते. इसी तरह पंडे लोग सैनिकों से बच-बचाकर स्थानीय लोगों को धार्मिक स्नान की व्यवस्था करा रहे थे. यह भी पढ़ें- Maha Kumbh 2025: इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए खोला परिसर, खाने की भी गई व्यवस्था जानें क्यों लगाया गया प्रतिबंध दरअसल, 1857 के जून महीने में अंग्रेजों के खिलाफ प्रयागराज में क्रांति भड़की थी. इस दौरान क्रांतिकारियों द्वारा इलाहाबाद का मिशन कम्पाउंड जला दिया गया था. इस दौरान अमेरिकन प्रेसबिटेरियन चर्च मिशन का प्रिंटिग प्रेस पूरी तरह से तहस-नहस हो गया था. जिसकी वजह से सभी यूरोपीय मिशनरी यहां से कलकत्ता भाग गए और मिशन की गतिविधि 6-7 महीने बंद थी। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि ब्रिटिश प्रशासन को यह डर था कि बड़ी संख्या में एक जगह लोगों के मौजूद रहने पर विद्रोह फिर से भड़क सकता है. इसी वजह से अंग्रेजों ने 1858 के कुंभ के आयोजन पर प्रतिबंध लगा दिया था. इस आर्टिकल को लिखने में मदद इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मध्यकालीन और आधुनिक इतिहास विभाग के शोधार्थी प्रांजल बरनवाल ने की है. The post Maha Kumbh: जब अंग्रेजों ने कुंभ पर लगाया था प्रतिबंध, प्रयागराज को बना दिया था छावनी; छुपकर गंगाजल लेने जाते थे पंडे appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

Patna News: पटना शहर को जाम से मिलेगी मुक्ति, ऑटो और इ-रिक्शा के लिए अलग रूट, नई व्यवस्था जल्द

Patna News: पटना शहर में जाम की समस्या को दूर करने के लिए इ-रिक्शा व ऑटो के रूट का निर्धारण होगा. प्रमंडलीय आयुक्त मयंक वरवडे ने कहा कि अवैध पार्किंग के खिलाफ कार्रवाई होगी. पटना की सड़कों पर अतिक्रमण के खिलाफ नियमित रूप से अभियान चलाया जायेगा. डीटीओ को ओवरलोडिंग व अवैध वाहनों के परिचालन खिलाफ स्पेशल ड्राइव चला कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया. मयंक वरवडे ने जाम को लेकर पदाधिकारियों, ऑटो व इ-रिक्शा संघों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. आयुक्त ने कहा कि कॉमर्शियल वाहन संगठनों के साथ साथ अंतर्विभागीय समन्वय स्थापित कर ट्रैफिक नियमों का पालन सुनिश्चित करना आवश्यक है. इस दिशा में अल्पकालीन और दीर्घकालीन कार्ययोजना पर निर्णय हो रहा है. मयंक वरवडे ने दिए कई निर्देश प्रमंडलीय आयुक्त मयंक वरवडे ने कहा कि ट्रैफिक जाम व प्रदूषण से मुक्त रखना सभी की जिम्मेदारी है. आयुक्त ने ऑटो रिक्शा व ई-रिक्शा संघों के प्रतिनिधियों से भी सुझाव मांगे. उन्होंने परिवहन, जिला नियंत्रण कक्ष, एसडीओ और एसडीपीओ, नगर निकाय को ट्रैफिक व्यवस्था के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया. इ-रिक्शा और अऑटो के नियमों के अनुसार सुगम परिचालन करने के लिए संघ के प्रतिनिधियों को कहा गया. आयुक्त ने कहा कि समय का निर्धारण कर वाहनों को अलग-अलग अंतराल पर छोड़े. अनावश्यक कट को बंद करें. जेब्रा क्रॉसिंग का निर्माण करें. नियम नहीं मानने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई जाम वाले जगहों को चिह्नित कर व्यवस्था होगी बैठक में रेलवे स्टेशन, कारगिल चौक, राजेंद्रनगर टर्मिनल स्टेशन, सिपारा पुल, राजा बाजार, पाटलिपुत्र बस टर्मिनल, अशोक राजपथ, नेहरू पथ फ्लाइओवर आदि स्थलों पर जाम के समाधान के लिए प्रस्तावों पर चर्चा की गई. इसके लिए वेंडिंग जोन, नो वेंडिंग जोन की पहचान, ऑटो पार्किंग स्थल चिह्नित करना, सड़क की चौड़ाई बढ़ाने, जाम व दुर्घटना का कारण खोजने, अतिक्रमण हटाने आदि पर अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा हुई, सीसीटीवी के माध्यम से नियमों का उल्लंघन करने वालों की पहचान कर उनके विरुद्ध कार्रवाई कर जुर्माना लगाने की भी बात कही गई. बिहार की ताजा समाचारों के लिए क्लिक करें चार्जिंग प्वाइंट और प्रीपेड बूथ बनाने की मांग बैठक में सभी ऑटो और इ-रिक्शा यूनियन की तरफ से नियम लागू करने से पहले ऑटो और इ-रिक्शा की पार्किंग और ठहरने का स्थान रूट पर संख्या के आधार पर सुनिश्चित करने और चार्जिंग प्वाइंट बनाने की मांग की गयी. साथ ही पार्किंग और पैसेजर के उतरने- चढ़ाने की जगह चिह्नित करने के बाद ही रूट कलर कोड में चलाने की मांग की गयी. साथ ही ऑटो को घर से आने-जाने, गैस भराने, गैराज जाने, अपने घर-परिवार और मरीजों को लेकर दूसरे रूट में आने-जाने की अनुमति देने की मांग की गयी. इसे भी पढ़ें: Ring Road: बिहार के इस जिले में बनने जा रहा है दो-दो रिंग रोड, बजट और रूट भी हो गया तय The post Patna News: पटना शहर को जाम से मिलेगी मुक्ति, ऑटो और इ-रिक्शा के लिए अलग रूट, नई व्यवस्था जल्द appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

Ranchi News: 4 साल से महिला की बच्चेदानी में थी इतनी हड्डियां, ऐसे मिली मुक्ति

Ranchi News: झारखंड और पश्चिम बंगाल की सीमा पर झालदा के पास के एक गांव की स्त्री की शिशुदानी में 4 साल से कई हड्डियां पड़ीं थीं. इसकी वजह से उसका मासिक धर्म गड़बड़ा गया था. बहुत ज्यादा सफेद स्राव हो रहा था. दोबारा मां नहीं बन पा रही थी. कई डॉक्टरों को दिखाया. इलाज करवाया, लेकिन समस्या का निदान नहीं हुआ. न तो मासिक धर्म का चक्र ही ठीक हो पाया, न सफेद स्राव (White Discharge) होना बंद हुआ. स्त्री इलाज कराने के लिए रांची आई. रांची में डॉ अपेक्षा साहू ने उनकी जांच की और अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी. गर्भ में शिशु की मौत के बाद से शिशुदानी में पड़ी थी हड्डियां स्त्री की अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट में पता चला कि उसके गर्भाशय में कई हड्डियां हैं. स्त्री ने डॉक्टर को बताया कि कोरोना संक्रमण के दौरान वह आखिरी बार गर्भवती हुई थी. 5 महीने बाद उसका गर्भपात हो गया. गर्भ में ही शिशु की मौत हो गयी. स्त्री ने वहीं के किसी डॉक्टर को दिखाया और उसने गर्भाशय की सफाई कर दी. इसके बाद से उसका मासिक धर्म ठीक से नहीं हो रहा था. साथ ही काफी ज्यादा सफेद स्राव होने लगा था. डॉ अपेक्षा साहू (सबसे दायें). साथ में हैं दो नर्सें ज्योति और रीना. दूरबीन पद्धति से डॉ अपेक्षा ने निकाली शिशुदानी में फंसी हड्डियां डॉ अपेक्षा साहू ने जरूरी जांच करने के बाद स्त्री की शिशुदानी में फंसी सारी हड्डियों को निकाल दिया. बिना पेट में कोई चीरा लगाये दूरबीन पद्धति से स्त्री का उपचार किया गया. दो नर्सों की मदद से डॉ अपेक्षा साहू ने स्त्री की शिशुदानी से सारी हड्डियां निकालीं. हड्डियां निकाले जाने के बाद स्त्री पूरी तरह से स्वस्थ है. सुबह में उसका उपचार करने के बाद शाम में अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई. झारखंड की ताजा समाचारें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें फिर मां बन सकेगी स्त्री डॉ अपेक्षा ने कहा है कि स्त्री पूरी तरह से स्वस्थ है. उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. कुछ ही दिनों बाद वह फिर से मां बन सकेगी. शिशुदानी में हड्डियों की वजह से वह इतने दिनों से मां नहीं बन पा रही थी. उन्होंने कहा कि दूरबीन पद्धति से स्त्री की शिशुदानी से कई सारी हड्डियां निकाली गईं हैं. इसे भी पढ़ें शिशुदानी में थीं 15 गांठें, 35 साल की स्त्री नहीं बन पा रही थी मां, ऐसे मिला नया जीवन 31 जनवरी को आपको कितने में मिलेगा 14.2 किलो का गैस सिलेंडर, यहां जानें एक अकाउंट और 94-95 लोगों के नाम से आवेदन, ऐसे हो रहा मंईयां सम्मान के लिए फर्जीवाड़ा झारखंड का अधिकतम तापमान 34 डिग्री के करीब, न्यूनतम तापमान भी चढ़ा, जानें कैसा रहेगा कल का मौसम The post Ranchi News: 4 साल से स्त्री की शिशुदानी में थी इतनी हड्डियां, ऐसे मिली मुक्ति appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

Economic Survey: वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए व्यापार लागत में लानी होगी कमी, सुविधाओं में सुधार जरूरी

Economic Survey: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार 31 जनवरी 2025 को आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 को संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में पेश कर दिया है. आर्थिक सर्वेक्षण के के अनुसार, हिंदुस्तान को वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए व्यापार लागत को कम करने और व्यापार सुविधाओं में सुधार करने की आवश्यकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं में हिंदुस्तान की भागीदारी बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए, जिससे निर्यात प्रतिस्पर्धा को मजबूती मिलेगी. हिंदुस्तान को रणनीतिक व्यापार रोडमैप अपनाने की जरूरत आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, बढ़ते व्यापार संरक्षणवाद और वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता के बीच हिंदुस्तान को एक रणनीतिक व्यापार रोडमैप अपनाने की जरूरत है. हाल के वर्षों में वैश्वीकरण की प्रवृत्ति धीमी हुई है, जिससे अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में नई चुनौतियां उत्पन्न हो रही हैं. व्यापार लागत घटाने से हिंदुस्तान बनेगा मजबूत रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए हिंदुस्तान को लॉजिस्टिक्स, कस्टम प्रक्रिया और व्यापारिक बुनियादी ढांचे में सुधार करना होगा. सर्वेक्षण में कहा गया है कि हिंदुस्तान के पास अपनी व्यापार प्रतिस्पर्धा को मजबूत करने की पूरी क्षमता है. इसके लिए प्रशासन और निजी क्षेत्र दोनों को सक्रिय भूमिका निभानी होगी. रिपोर्ट में कहा गया है, “राज्य शासन का निर्माण करता है और निजी क्षेत्र वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन करता है. यदि ये दोनों ही गुणवत्ता और दक्षता पर ध्यान केंद्रित करें, तो वैश्विक व्यापार में हिंदुस्तान की स्थिति मजबूत हो सकती है, भले ही व्यापारिक तनाव और संरक्षणवाद बना रहे.” हिंदुस्तान का बाहरी क्षेत्र बना मजबूत, सेवा क्षेत्र ने निभाई बड़ी भूमिका सर्वेक्षण के मुताबिक, हिंदुस्तान ने प्रतिकूल भू-नेतृत्वक परिस्थितियों के बावजूद मजबूत आर्थिक प्रदर्शन किया है. हालांकि वैश्विक मांग में सुस्ती के कारण निर्यात में मामूली वृद्धि दर्ज की गई है, लेकिन मजबूत घरेलू मांग के चलते आयात में वृद्धि हुई है. इसके अलावा, बढ़ते विदेशी प्रेषण और सेवा क्षेत्र की मजबूती ने व्यापार घाटे के प्रभाव को कम करने में मदद की है. रिपोर्ट के अनुसार, यदि हिंदुस्तान व्यापार लागत कम करने और दक्षता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करता है, तो वैश्विक बाजारों में इसकी स्थिति और मजबूत होगी. इसे भी पढ़ें: Economic Survey: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में पेश किया आर्थिक सर्वेक्षण व्यापार सुधारों से दीर्घकालिक आर्थिक विकास को मिलेगी गति आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 इस बात का भी जिक्र किया गया है कि प्रशासन और उद्योग जगत के संयुक्त प्रयास से हिंदुस्तान उभरते वैश्विक व्यापार परिदृश्य की चुनौतियों का सामना कर सकता है. रिपोर्ट के अनुसार, व्यापार बाधाओं को दूर कर हिंदुस्तान उच्च पूंजी निर्माण और निरंतर आर्थिक विकास हासिल कर सकता है. आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 से स्पष्ट है कि व्यापार लागत में कमी और व्यापारिक प्रक्रियाओं के सरलीकरण से हिंदुस्तान वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ सकता है. निर्यात को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन और निजी क्षेत्र दोनों को मिलकर व्यापार सुधारों को लागू करना होगा, जिससे हिंदुस्तान वैश्विक बाजार में अपनी मजबूत पकड़ बना सके. इसे भी पढ़ें: Economic Survey: वित्त वर्ष 2024-25 में 6.3% से 6.8% के बीच रहेगी हिंदुस्तान की जीडीपी वृद्धि, पढ़ें प्रमुख बातें The post Economic Survey: वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए व्यापार लागत में लानी होगी कमी, सुविधाओं में सुधार जरूरी appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

बिहार में बढ़ेगी गर्मी या फिर सताएगी ठंड, आखिर क्यों शनिवार का मौसम कर रहा सब को कन्फूज

Bihar Weather: पटना. बिहार का मौसम इस बार सबको कन्फूज कर रहा है. जनवरी में मौसम का उतार-चढ़ाव देखने को मिला ही, अब फरवरी को लेकर भी मौसम विभाग स्पष्ट भविष्यवाणी करने में असमर्थ दिख रहा है. मौसम विभाग का कहना है कि फरवरी की शुरुआत कोहरे की सफेद चादर से ढकी होने वाली है. उत्तर बिहार में घना कोहरा रहेगा, जबकि दक्षिण बिहार के जिलों में हल्के से मध्यम स्तर का कुहासा छाया रहेगा, लेकिन दिन में धूप निकलेगी. इससे ठंड का असर कम होगा. मौसम वैज्ञानिक कुमार गौरव के अनुसार समुंद्र तल से 12.6 किमी उपर एक पश्चिमी जेट स्ट्रीम पूर्वोत्तर हिंदुस्तान पर हावी है. एक ट्रफ रेखा समुंद्र तल से 0.9 किमी उपर दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी पर बनी हुई है. 1 और 3 फरवरी से दो नए पश्चिमी विक्षोभ उत्तर पश्चिम हिंदुस्तान को प्रभावित करेगा. 1 और 3 फरवरी को सक्रिय होंगे पश्चिमी विक्षोभ बिहार के ज्यादातर जिलों में इन दिनों सुबह के समय शीतलहर का प्रकोप दिख रहा है. हालांकि दिन के वक्त निकल रही धूप की वजह से लोगों को थोड़ी राहत है. मौसम विभाग ने वैसे 1 फरवरी को बिहार के कुछ इलाकों घने कोहरे का अलर्ट जारी किया है. इसके अलावा 1 से 5 फरवरी तक बिहार के कई जिलों में बारिश होने की संभावना व्यक्त की है. बिहार में फिलहाल पछुआ हवा का प्रवाह बना हुआ है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, 1 और 3 फरवरी को दो नए पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने वाले हैं. इसके कारण कोहरे का स्तर बढ़ेगा और आंशिक बादल छाए रहने से तापमान में गिरावट की संभावना है. इन 19 जिलों में जारी हुआ अलर्ट एक फरवरी को उत्तरी बिहार के सभी 19 जिलों जैसे पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सीवान, सारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, वैशाली, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सुपौल, अररिया, किशनगंज, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया और कटिहार में घने स्तर का कुहासा छाया रहेगा. पटना, गया, नवादा, नालंदा, शेखपुरा, बेगुसराय, जहानाबाद सहित अन्य जिलों के भागों में हल्के से मध्यम स्तर का कोहरा छाया रहेगा. धूप निकलने से कोहरे का असर कम होगा. इस दौरान उत्तर बिहार के जिलों में दिन का अधिकतम तापमान 22°C से 24°C के बीच, जबकि दक्षिण बिहार के जिलों में 24°C से 26°C के बीच रहने का पूर्वानुमान है. Also Read : बिहार में बदले मौसम का दिखेगा असर, शुक्रवार से बढ़ेगा तापमान पर नहीं होगी अभी ठंड की विदाई The post बिहार में बढ़ेगी गर्मी या फिर सताएगी ठंड, आखिर क्यों शनिवार का मौसम कर रहा सब को कन्फूज appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

Numerology: इस मूलांक के लोगों पर शनि की बरसती है कृपा, समाज में मिलता है खूब मान-सम्मान

Numerology: किसी के व्यवहार, स्वभाव और भविष्य की गणना सिर्फ कुंडली के हिसाब से ही नहीं जाती है. अंक ज्योतिष शास्त्र में जन्मांक से भी व्यक्ति की तकदीर को बताया जा सकता है. लेकिन सबसे जन्म की तारीख से मूलांक निकाला जाता है. यह मूलांक 1-9 की संख्या के बीच होता है. जिसमें से हर संख्या का संबंध किसी न किसी ग्रह से होता है, जो कि उस मूलांक का ग्रह स्वामी होता है. ऐसे में आज हम उस मूलांक की बात करने वाले हैं, जिन पर शनि देव की कृपा बरसती है. यह भी पढ़ें- Numerology: प्यार के मामले में बहुत बदकिस्मत होते हैं इस मूलांक के लोग, जीवन भर नहीं मिलती सच्ची मोहब्बत यह भी पढ़ें- Numerology: जन्मजात बुद्धिमान होते हैं इस मूलांक के लोग, हर क्षेत्र में मिलती है सफलता जिस व्यक्ति का जन्म किसी भी महीने के 8, 17 या 26 तारीख को जन्म हुआ होता है. उनका मूलांक 8 होता है. इस मूलांक का ग्रह स्वामी शनि होते हैं. जिसकी वजह से इन लोगों पर शनि देव की विशेष कृपा रहती है. शनि देव इन लोगों की हर जगह मदद करते हैं. शनि देव को न्याय का देवता माने जाने के कारण इस मूलांक के लोगों न्याय प्रिय होते हैं. ऐसे में आइए मूलांक 8 में जन्मे लोगों की खासियत के बारे में जानते हैं. मूलांक 8 वाले लोगों की खासियत शनि का प्रभाव होने के कारण इन्हें कड़ी मेहनत करना पड़ता है. इसी वजह सफलता के लिए इस मूलांक के लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ता है. इस मूलांक के लोगों को न्याय पसंद होता है. ये लोग ऐसा काम कभी नहीं करते, जो कि अन्याय को बढ़ाती हो. मूलांक 8 वाले लोगों को अपने कर्मों पर विश्वास होता है. इसी वजह से ये लोग कर्मों के हिसाब से फल प्राप्त करना पसंद करते हैं. इस तारीख में जन्मे लोग पैसों के लेनदेन को अच्छी तरह से मैनेज कर लेते हैं. जिन लोगों का मूलांक 8 होता है, वे बहुत ही खुशमिजाज होते हैं. ये लोग हर परिस्थिति में आसानी से ढल जाते हैं. इस मूलांक में जन्मे लोगों को किसी काम में लापरवाही पसंद नहीं होती है. जिसकी वजह से ये लोग समाज में बहुत मान-सम्मान कमाते हैं. मूलांक 8 वाले लोग बहुत सादगी से जीवन जीते हैं. इन लोगों को दिखावा पसंद नहीं होता है. यह भी पढ़ें- Numerology: इस मूलांक के लोगों में कूट-कूटकर भरी होती है लीडरशिप क्वालिटी, समाज को बदलने का रखते हैं माद्दा Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. नया विचार इसकी पुष्टि नहीं करता है. The post Numerology: इस मूलांक के लोगों पर शनि की बरसती है कृपा, समाज में मिलता है खूब मान-सम्मान appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

Sonia Gandhi Statement : सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति को बताया बेचारी, भड़की बीजेपी

Sonia Gandhi Statement : कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी के बयान पर हंगामा मच गया है. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘राष्ट्रपति का ऐसा अपमान कभी नहीं किया गया. कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के खिलाफ जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया, मैं उसकी कल्पना भी नहीं कर सकता. उनसे और क्या उम्मीद की जा सकती है? #WATCH | Delhi: On Congress MP Sonia Gandhi’s statement, Union Minister Dharmendra Pradhan says, “Such an insult of the President was unprecedented. The kind of words Congress MP Sonia Gandhi and his son and LoP Rahul Gandhi used against the President, I cannot even imagine. What… https://t.co/VGnuNY5J63 pic.twitter.com/gpOjW1olEv — ANI (@ANI) January 31, 2025 क्या कहा सोनिया गांधी ने? कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने संसद के बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन पर टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति अंत तक ‘बहुत थकी हुई’ दिखीं. सोनिया गांधी ने कहा, ”वह बहुत थकी हुई नजर आ रहीं थीं, अंत में मुश्किल से बोल पा रही थीं. बेचारी स्त्री…वहीं राहुल गांधी ने भी राष्ट्रपति के भाषण को बोरिंग बताया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति का भाषण बहुत ज्यादा उबाऊ था. The post Sonia Gandhi Statement : सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति को बताया बेचारी, भड़की बीजेपी appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

Economic Survey: वित्त वर्ष 2024-25 में 6.3% से 6.8% के बीच रहेगी भारत की जीडीपी वृद्धि, पढ़ें प्रमुख बातें

Economic Survey: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार 31 जनवरी 2025 को संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में वित्तीय वर्ष 2024-25 के आर्थिक सर्वेक्षण को पेश कर दिया है. संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में हिंदुस्तान की वित्तीय स्थिति के विभिन्न पहलुओं पर महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है. इसमें कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024-25 में हिंदुस्तान की जीडीपी वृद्धि दर 6.3 से 6.8 के बीच रहने का अनुमान है. आइए, इससे जुड़ी प्रमुख बातों के बारे में जानते हैं. आर्थिक सर्वेक्षण की प्रमुख बातें आर्थिक वृद्धि दर: आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में हिंदुस्तान की जीडीपी वृद्धि दर 6.3 से 6.8 के बीच रहने का अनुमान है. वित्तीय स्थिति की बुनियाद मजबूत: आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, मजबूत बाहरी खाता और स्थिर निजी खपत के साथ हिंदुस्तानीय वित्तीय स्थिति की बुनियाद मजबूत बनी हुई है. इसमें कहा गया है कि वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए रणनीतिक, सूझ-बूझ और नीतिगत प्रबंधन के साथ घरेलू बुनियाद को और मजबूत करने की जरूरत होगी. निवेश में तेजी आने की उम्मीद: आर्थिक सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि प्रशासनी खर्च में बढ़ोतरी होने और बेहतर होती कारोबारी उम्मीदों से निवेश गतिविधियों में तेजी आने की उम्मीद है. आर्थिक वृद्धि की बाधाएं: वित्त वर्ष 2025-26 के लिए हिंदुस्तान की आर्थिक संभावनाएं संतुलित हैं. भू-नेतृत्वक और व्यापार अनिश्चितताएं आर्थिक वृद्धि की राह की प्रमुख बाधाएं हैं. महंगाई दर में कमी: वित्त वर्ष 2023-24 में महंगाई दर 5.4% रही, जो पिछले वर्ष 6.7% थी. आर्थिक सवेक्षण में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में खाद्य महंगाई के नरम पड़ने की संभावना है. सब्जियों की कीमतों में गिरावट और खरीफ फसलों की आवक से महंगाई को कम करने में मदद मिलेगी. महंगाई का जोखिम: वित्त वर्ष 2025-26 में वस्तुओं की ऊंची कीमतों से महंगाई का जोखिम सीमित लगता है. भू-नेतृत्वक दबाव अब भी जोखिम पैदा कर रहा है. वैश्विक प्रतिस्पर्धा बेहतर करने की जरूरत: हिंदुस्तान को जमीनी स्तर के संरचनात्मक सुधारों और नियमन को शिथिल करते हुए अपनी वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बेहतर करने की जरूरत है. तकनीकी दुरुपयोग: एआई के लिए उचित शासन ढांचे की कमी से तकनीकी का दुरुपयोग होने की आशंका बनी हुई है. दिवाला कानून: दिवाला कानून के निवारक प्रभाव ने हजारों देनदारों को शुरुआती चरण में ही संकट से बाहर निकलने में मदद की. इसे भी पढ़ें: Economic Survey: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में पेश किया आर्थिक सर्वेक्षण The post Economic Survey: वित्त वर्ष 2024-25 में 6.3% से 6.8% के बीच रहेगी हिंदुस्तान की जीडीपी वृद्धि, पढ़ें प्रमुख बातें appeared first on Naya Vichar.

You have been successfully Subscribed! Ops! Something went wrong, please try again.

About Us

नयाविचार एक आधुनिक न्यूज़ पोर्टल है, जो निष्पक्ष, सटीक और प्रासंगिक समाचारों को प्रस्तुत करने के लिए समर्पित है। यहां राजनीति, अर्थव्यवस्था, समाज, तकनीक, शिक्षा और मनोरंजन से जुड़ी हर महत्वपूर्ण खबर को विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत किया जाता है। नयाविचार का उद्देश्य पाठकों को विश्वसनीय और गहन जानकारी प्रदान करना है, जिससे वे सही निर्णय ले सकें और समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकें।

Quick Links

Who Are We

Our Mission

Awards

Experience

Success Story

© 2025 Developed By Socify

Scroll to Top