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February 6, 2025

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Repo Rate: मिडिल क्लास को राहत? RBI 7 फरवरी को कर सकता है रेपो दर में कटौती

Repo Rate: बैंक ऑफ बड़ौदा की एक रिपोर्ट के अनुसार, हिंदुस्तानीय रिजर्व बैंक (RBI) आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में 7 फरवरी को रेपो दर में 25 आधार अंकों (bps) की कटौती कर सकता है. रिपोर्ट में संकेत दिया गया है कि मुद्रास्फीति में नरमी के चलते RBI इस फैसले पर विचार कर सकता है. मुद्रास्फीति के दबाव में कमी रिपोर्ट में बताया गया है कि हाल के महीनों में मुद्रास्फीति के स्तर में गिरावट देखी गई है. टमाटर, प्याज और आलू जैसी आवश्यक सब्जियों की कीमतों में कमी के कारण उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) में स्थिरता आई है. बेहतर आपूर्ति के चलते मूल्य अस्थिरता कम हुई है, जिससे RBI को ब्याज दरों में कटौती करने का अवसर मिल सकता है. हालांकि, यह प्रक्रिया चरणबद्ध होगी और आर्थिक आंकड़ों पर निर्भर करेगी. वैश्विक और घरेलू कारकों का प्रभाव मौद्रिक नीति पर निर्णय लेते समय RBI को कई वैश्विक और घरेलू चुनौतियों को ध्यान में रखना होगा. रिपोर्ट के अनुसार, हाल के दिनों में वित्तीय बाजारों में अस्थिरता बढ़ी है, जिससे हिंदुस्तानीय रुपया प्रभावित हुआ है. अमेरिका, कनाडा, मैक्सिको और चीन जैसे देशों की व्यापार नीतियों और संभावित टैरिफ वृद्धि के कारण वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता बनी हुई है. अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने से हिंदुस्तानीय मुद्रा पर दबाव पड़ा है. घरेलू बैंकिंग और आर्थिक स्थिति घरेलू तरलता की स्थिति भी चुनौतीपूर्ण बनी हुई है. बैंकों को धीमी जमा वृद्धि का सामना करना पड़ रहा है, जिससे ऋण प्रवाह प्रभावित हुआ है. वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही के कॉर्पोरेट परिणाम बताते हैं कि बाजार में मांग स्थिर नहीं है, जिससे कंपनियों की बिक्री पर असर पड़ा है. इसके अलावा, विनिर्माण क्षेत्र के सकल मूल्य वर्धित (GVA) में भी मंदी देखी जा सकती है. RBI की संभावित रणनीति इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, रिपोर्ट का सुझाव है कि RBI संतुलित नीति अपनाते हुए 25 आधार अंकों की कटौती कर सकता है. इसका उद्देश्य वित्तीय स्थिरता बनाए रखते हुए आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना होगा. साथ ही, भविष्य में केंद्रीय बैंक सतर्क और डेटा-आधारित दृष्टिकोण अपनाएगा, ताकि बाजार की परिस्थितियों के अनुसार उचित नीतिगत निर्णय लिए जा सकें. Also Read : सर्राफा बाजार में उथल-पुथल, सोना-चांदी की कीमतों में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी The post Repo Rate: मिडिल क्लास को राहत? RBI 7 फरवरी को कर सकता है रेपो दर में कटौती appeared first on Naya Vichar.

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खाना बनाते समय किस ओर मुंह करना सबसे शुभ, जानें सही वास्तु नियम

Vastu Tips For Kitchen: वास्तु शास्त्र का हमारे जीवन में अत्यधिक महत्व है, विशेष रूप से जब हम घर का निर्माण कर रहे होते हैं. यदि वास्तु का पालन नहीं किया जाता है, तो घर में अशांति, आर्थिक समस्याएं और अन्य कई कठिनाइयाँ उत्पन्न हो सकती हैं. वास्तु शास्त्र के अनुसार, रसोई घर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि यहीं से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है या नकारात्मकता का संचार होता है. यह जानना आवश्यक है कि खाना बनाते समय कौन-सी दिशा शुभ मानी जाती है और रसोई से संबंधित किन गलतियों से बचना चाहिए. रसोई में वास्तु दोष का प्रभाव यदि रसोई सही दिशा में नहीं बनी है या वहां वास्तु दोष मौजूद हैं, तो यह परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. कहा जाता है, “जैसा अन्न, वैसा मन.” इसलिए रसोई में न केवल सही दिशा का ध्यान रखना आवश्यक है, बल्कि वहां का वातावरण भी सकारात्मक होना चाहिए. वैलेंटाइन वीक 2025 पर बन रहा है ग्रहों का महासंयोग, इन राशि के जातकों की खुल सकती है किस्मत खाना बनाते समय निम्नलिखित दिशाओं से बचना चाहिए दक्षिण दिशा – दक्षिण की ओर मुंह करके खाना बनाने से घर में आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं और परिवार के सदस्यों को सिरदर्द, जोड़ों में दर्द और माइग्रेन जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. पश्चिम दिशा – पश्चिम दिशा में खाना बनाने से वैवाहिक जीवन में तनाव और असंतोष बढ़ सकता है. उत्तर दिशा – उत्तर दिशा में खाना बनाने से आर्थिक कठिनाइयों और धन की हानि की संभावना बढ़ जाती है. रसोई की उचित दिशा खाना बनाते समय पूर्व दिशा की ओर मुंह करना सबसे शुभ माना जाता है. पूर्व दिशा में सूर्य देव का निवास होता है, जो सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत माने जाते हैं. इस दिशा में तैयार किया गया भोजन घर में सुख और शांति लाता है, झगड़ों को कम करता है और मानसिक एकाग्रता को बढ़ाता है, जिससे आर्थिक उन्नति में भी सहायता मिलती है. रसोई के लिए महत्वपूर्ण वास्तु नियम रसोई की सही स्थिति – रसोई को हमेशा दक्षिण-पूर्व (अग्नि कोण) या उत्तर-पश्चिम में होना चाहिए. गैस स्टोव की दिशा – खाना बनाते समय इसका मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए. सिंक (बर्तन धोने का स्थान) – इसे उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करना उचित है. रसोई में खिड़कियां – वेंटिलेशन के लिए खिड़कियां पूर्व या पश्चिम दिशा में होनी चाहिए. सजावट – रसोई में फलों और हरी सब्जियों की तस्वीरें लगाना शुभ माना जाता है. साफ-सफाई – चूल्हा, गैस स्टोव और संपूर्ण रसोई को स्वच्छ रखना आवश्यक है, इससे घर में समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का निवास होता है. रसोई की गोपनीयता – रसोई का चूल्हा मुख्य दरवाजे से दिखाई नहीं देना चाहिए. यदि ऐसा हो, तो पर्दे का उपयोग करें. रसोई की स्थिति – रसोई को कभी भी शौचालय, सीढ़ियों या पूजा कक्ष के ऊपर या नीचे नहीं होना चाहिए. जल और अग्नि का संतुलन – पानी (सिंक) और आग (गैस स्टोव) को निकटता में न रखें, इससे मानसिक तनाव और गृह क्लेश बढ़ सकता है. रसोई केवल भोजन तैयार करने का स्थान नहीं है, बल्कि यह घर की समृद्धि और खुशहाली का मुख्य केंद्र भी है. उचित वास्तु के अनुसार रसोई का निर्माण और उपयोग करने से परिवार में सुख और शांति बनी रहती है, आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और स्वास्थ्य भी बेहतर होता है. इसलिए, रसोई से संबंधित वास्तु नियमों का पालन करना आवश्यक है ताकि आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सके. जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्राज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ8080426594/9545290847 The post खाना बनाते समय किस ओर मुंह करना सबसे शुभ, जानें सही वास्तु नियम appeared first on Naya Vichar.

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वैलेंटाइन वीक 2025 पर बन रहा है ग्रहों का महासंयोग, इन राशि के जातकों की खुल सकती है किस्मत

Valentine Week 2025 Rashi Parivartan: प्यार के महीने फरवरी के महीने में कई ग्रहों का परिवर्तन हो रहा है, जो इस माह में सकारात्मक परिणाम देने वाला है. वैलेंटाइन वीक का आरंभ 7 फरवरी से हो रहा है और इसके साथ ही कुछ ग्रहों के बदलाव का प्रभाव न केवल दैनिक जीवन पर, बल्कि वायुमंडल पर भी स्पष्ट रूप से दिखाई देगा, जिससे कई राशियों को विशेष लाभ प्राप्त होगा. फरवरी का महीना रोमांटिक माना जाता है, क्योंकि इस महीने में ऋतुराज बसंत का आगमन होता है. खेतों में फसलें खिल उठती हैं और कुछ फसलों की कटाई भी शुरू हो जाती है. इस स्थिति में ग्रहों के शुभ राशि और नक्षत्र में गोचर से लाभकारी परिणाम मिलते हैं, जो फरवरी के प्रारंभ से ही बन रहा है. कौन कौन सा ग्रह परिवर्तन करेंगे 04 फरवरी को देवगुरु मार्गी होंगे, 06 फरवरी को सूर्य नक्षत्र परिवर्तन करेगा, सूर्य मंगल की नक्षत्र घनिष्ठा में गोचर करेगा. इस नक्षत्र की राशि मकर है, जो शनि की राशि है, जिससे द्विद्वादश योग का निर्माण होगा. 07 फरवरी को सूर्य और मंगल आमने-सामने आएंगे, जिससे षडाष्टक योग का निर्माण होगा. इसी दिन बुध नक्षत्र परिवर्तन करके मंगल के नक्षत्र घनिष्ठा में गोचर करेगा. घनिष्ठा नक्षत्र में सूर्य और बुध की युति होगी. खाना बनाते समय किस ओर मुंह करना सबसे शुभ, जानें सही वास्तु नियम  08 फरवरी 2025 को शुभ संयोग बनेगा 08 फरवरी 2025 को ग्रहों के परिवर्तन के कारण कई शक्तिशाली योग बनेंगे. मंगल, सूर्य और बुध एक साथ आएंगे. इस दिन शनि और बुध 30 डिग्री की दूरी पर रहेंगे. काल पुरुष चक्र में शनि और बुध दूसरे और बारह भाव में होते हैं, जिसे द्विद्वादश कहा जाता है. इस दिन सूर्य और मंगल 150 डिग्री एक-दूसरे के सामने रहेंगे, जिससे कुछ राशियों को लाभ होगा. मेष मेष राशि के जातकों के लिए यह समय कार्यक्षेत्र में अत्यंत लाभकारी रहेगा. ऊर्जा का संचार होगा और आर्थिक लाभ की संभावना भी प्रबल है. व्यापार में निवेश करना और साझेदारी में कार्य करना आपके लिए फायदेमंद साबित होगा. जो पुरानी परियोजनाएँ रुकी हुई थीं, वे पुनः आरंभ होंगी और करियर में प्रगति के अवसर मिलेंगे. वृष वृष राशि के लोगों के लिए यह समय बहुत ही अनुकूल रहेगा. परिवार के सभी सदस्य आपका समर्थन करेंगे और आपस में संवाद स्थापित करेंगे, जो पारिवारिक विकास के लिए एक सकारात्मक संकेत है. स्थायी संपत्ति की खरीदारी संभव है और भूमि-भवन से संबंधित कार्यों में सफलता प्राप्त होगी. व्यापार में भी अच्छा लाभ होगा और स्वास्थ्य सामान्य रहेगा. कन्या कन्या राशि के जातकों के लिए यह समय अत्यंत लाभकारी रहेगा. मेहनत के अनुसार लाभ की कहावत इस समय सही साबित होगी. किसी के बहकावे में न आएं और अपने कार्य पर ध्यान केंद्रित रखें. समाज में आपकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी. नौकरी में पद और मान-सम्मान की प्राप्ति होगी. विद्यार्थियों के लिए भी यह समय बहुत अच्छा है. वृश्चिक वृश्चिक राशि के जातकों के लिए यह समय अत्यंत लाभकारी रहेगा. वे ऊर्जा के साथ अपने कार्यों में जुटेंगे और परिवार के सदस्य उनका समर्थन करेंगे. कार्यक्षेत्र में प्रगति की संभावना है और जो धन रुका हुआ था, वह अचानक प्राप्त होगा. यदि किसी ने नई नौकरी के लिए योजना बनाई है, तो उन्हें सफलता मिलेगी. व्यापार में भी लाभ की संभावना है, मेहनत करने पर पुरानी हानि की भरपाई होगी. मकर मकर राशि के जातकों के लिए यह समय बहुत ही अनुकूल है. उन्हें स्थायी संपत्ति का लाभ प्राप्त होगा और भाई-बहनों के साथ सुखद संबंध बने रहेंगे. परिवार में मांगलिक कार्यों का आयोजन होगा. छात्रों को अपने करियर पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होगी, और वे उत्साहित रहेंगे. दांपत्य जीवन में भी अनुकूलता बनी रहेगी, और पत्नी के साथ घूमने-फिरने की योजना बन सकती है. जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्राज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ8080426594/9545290847 The post वैलेंटाइन वीक 2025 पर बन रहा है ग्रहों का महासंयोग, इन राशि के जातकों की खुल सकती है किस्मत appeared first on Naya Vichar.

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कब से लग रहा साल 2025 का दूसरा खरमास, यहां जानें सही डेट

Kharmas 2025 Date: हमारे सनातन धर्म में खरमास का अपना एक अलग स्थान होता है. इस समय लोग मंगलकार्य क्रम नहीं करते ऐसा करना अशुभ माना जाता हैं.वहीं खरमास पूरे एक महीने तक लगता है, जब यह खत्म हो जाता है तो फिर से लोग अपने शुभ कार्य मंगल काम आरंभ कर देते हैं. ज्योतिषी शास्त्रों के मानें तो जब सूर्य धनु और मीन राशि में प्रवेश करता हैं तो खरमास लगजता है, इस समय सूर्य दक्षिणायन मे विराजमान रहते हैं .ऐसे में कोई भी शुभ कार्य नहीं होता है. कब से कब तक लगेंगा खरमास दोष वैदिक पंचांग के अनुसार, 12 फरवरी 2025 को सूर्य देव कुंभ राशि में गोचर करंगे हैं, इसके बाद वहीं 13 मार्च 2025 तक विराजित रहेंगे साथ ही इसके बाद अगले दिन मतलब 14 मार्च 2025 को सूर्य देव मीन राशि में गोचर करेंगे, सूर्य के इसी गोचर के साथ 14 मार्च 2025 से खरमास दोष आरंभ हो जाएगा. इसके बाद कोई मंगलकार्य एक महीने तक नहीं होगा. फिर उसके बाद सूर्य देव 14 अप्रैल 2025 को मीन राशि से निकलकर मेष राशि में विराजमान होंगे और इसी के साथ खरमास समाप्त होगा. माघ पूर्णिमा के दिन करें इन मंत्रों का जाप, दूर हो सकती है सारी परेशानियां आत्मनिर्भर होते हैं इस तारीख को जन्में लोग, कठिन चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है इन्हें गुरुवार के दिन जरूर पढ़ें ये व्रत कथा, भगवान विष्णु करेंगे हर काम पूरा क्यों खरमास में नहीं होते मंगलकार्य धार्मिक और ज्योतिषी मान्यताओं के मुताबिक ऐसा मानना है कि खरमास के दौरान सूर्य देव अपना तेज धैर्य खो देते हैं, और सूर्य देव के अवतार के बाद ही सृष्टि पर जीवन की उत्पत्ति हुई थी, इतना ही नहीं इस समय पर गुरु का प्रभाव भी समाप्त हो जाता है.जिससे गुरु को शुभ और मंगलकार्य दायक का कारक माना जाता है, वहीं ऐसे में खरमास के समय कोई भी मंगलकार्य भूलकर भी नहीं करना चाहिए. मंगलकारी कार्यों के लिए गुरु के उदय होना विशेष महत्व रखता है.शास्त्रों के अनुसार, जब सूर्य धनु और मीन राशि में गोचर करते हैं तो खरमास प्रारंभ होता है और जब मकर राशि में जाते हैं तो खरमास का सम्पन्न हो जाता हैं. The post कब से लग रहा साल 2025 का दूसरा खरमास, यहां जानें सही डेट appeared first on Naya Vichar.

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माघ पूर्णिमा के दिन करें इन मंत्रों का जाप, दूर हो सकती है सारी परेशानियां

Magh Purnima 2025 Mantra : धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाकुंभ के अमृत स्नान के बाद अब माघ पूर्णिमा का स्नान होगा जो 12 फरवरी 2025 को माघ पूर्णिमा की तिथि पर मनाई जाएगी. हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का अत्यधिक महत्व होता है ,इस दिन श्रीहरि, मां लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा करने का विधि-विधान माना जाता है,धार्मिक शास्त्र मान्यताओं के मुताबिक, इस तिथि पर अपने घरों में सत्यनारायण भगवान की पूजा और कथा सुनते ,करते हैं,साथ ही माना गया है कि इस तिथि पर गंगा व अन्य पवित्र नदी स्नान और दान-पुण्य करने की मान्यता है. महत्व होता है ,इस दिन श्रीहरि, मां लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा करने का विधि-विधान माना जाता है,धार्मिक शास्त्र मान्यताओं के मुताबिक, इस तिथि पर अपने घरों में सत्यनारायण भगवान की पूजा और कथा सुनते ,करते हैं,साथ ही माना गया है कि इस तिथि पर गंगा व अन्य पवित्र नदी स्नान और दान-पुण्य करने की मान्यता है. कब मनाई जाएगी माघ पूर्णिमा और क्या है मुहूर्त? ज्योतिषी पंचांग के अनुसार की मानें तो माघ पूर्णिमा की तिथि 11 फरवरी 2025 की संध्या 06 बजकर 55 मिनट से लगकर, अगले दिन 12 फरवरी 2025 को 07बजकर 22 मिनट तक रहेगी.हिंदू धर्म के अनुसार उदया तिथि की मान्यता होती है, ऐसे में 12 फरवरी 2025 को माघ पूर्णिमा तिथि मनाई जाएगी. साथ ही चंद्रोदय संध्या.05 बजकर 59 मिनट पर लगेगा. आत्मनिर्भर होते हैं इस तारीख को जन्में लोग, कठिन चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है इन्हें गुरुवार के दिन जरूर पढ़ें ये व्रत कथा, भगवान विष्णु करेंगे हर काम पूरा माघ पूर्णिमा 2025 तिथि पर करें इन मंत्रों का जप जो लोग माघ पूर्णिमा के अवसर पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का वरदान प्राप्त करना चाहते हैं तो उन्हें माघ पूर्णिमा के तिथि के दिन इन विशेष मंत्रों का भी उच्चारण अवश्य करें. श्री हरि विष्णु मंत्र ॐ नमोः नारायणाय ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि,तन्नो विष्णुः प्रचोदयात् शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम्वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम् मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजःमङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः मां लक्ष्मी मंत्र ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद, ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम: The post माघ पूर्णिमा के दिन करें इन मंत्रों का जाप, दूर हो सकती है सारी परेशानियां appeared first on Naya Vichar.

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आत्मनिर्भर होते हैं इस तारीख को जन्में लोग, कठिन चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है इन्हें

Numerology Predictions: अंक ज्योतिष, ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक एक महत्वपूर्ण शाखा की मान्यता है, जो किसी व्यक्ति के जन्म की डेट से जुड़े अंकों के माध्यम से उनके स्वभाव और जीवनऔर भविष्य से जुड़ी विभिन्न आदतों की विशेषताओं को दर्शाती है वहीं यह प्राचीन विधान यह मानती है कि प्रत्येक अंक का जीवन में विशेष अपना अपना महत्व होता है. जन्म तिथि से मिले अंक को मूलांक कहा जाता है, जो व्यक्ति के भाग्य, व्यक्तित्व और जीवन, भविष्य के अन्य पहलुओं को हमारे जीवन से जोड़ता है. आज हम मूलांक 7 के प्रभाव और विशेषताओं के बारे में विस्तार से जानेंगे, जो अंक ज्योतिष के अनुसार बेहद प्रभावशाली और शुभ अंक माना जाता है. मूलांक 07 वाले जातकों का महत्व अंक ज्योतिष पंचांग में 01 से 09 तक के अंकों का विश्लेषण किया गया है, जिसमें अंक 07 को एक विशेष महत्व स्थान मिलता है.साथ ही किसी व्यक्ति का जन्म 07, 16 या 25 तारीख को हुआ होता है, तो उनका मूलांक 07 माना जाता है.इस अंक से प्रभावित जातकों को अलग सोच-विचार और विशेष गुणों से युक्त होते हैं, यह अंक भाग्यशाली अंक मे माना जाता है और इससे जुड़े जातक अपने जीवनकाल में कई अनोखे अनुभव की प्राप्ति करते हैं. गुरुवार के दिन जरूर पढ़ें ये व्रत कथा, भगवान विष्णु करेंगे हर काम पूरा 07 मूलांक जातकों का केतु ग्रह का प्रभाव अंक ज्योतिष के अनुसार, मूलांक 07 का संबंध केतु ग्रह से माना जाता है, केतु ग्रह को एक रहस्यमय और प्रभावशाली ग्रह होता है, जो मूलांक 07 वाले जातकों को आंतरिक शक्ति और आत्मनिरीक्षण की क्षमता को प्रभावित करता है, साथ ही इस ग्रह के प्रभाव के कारण कभी-कभी इन्हें अप्रत्याशित तौर पर कई कठिन चुनौतियों का भी सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि ये लोग स्वाभाविक रूप से लोगों पर जल्दी विश्वास कर लेते हैं. मूलांक 07 के जातकों की व्यक्तित्व स्वभाव की विशेषताएं मूलांक 07 वाले जातक स्वतंत्र विचारधारा के होते हैं और आत्मनिर्भर जीवन जीना पसंद करते हैं, वे किसी भी प्रकार के बाहरी हस्तक्षेप को सहन नहीं करते और अपना स्वयं निर्णय लेने में विश्वास रखते हैं,इनके विचार दृढ़ संकल्प के होते हैं, वहीं ये सरलता से प्रभावित नहीं होते.और कठिन परिस्थितियों का सामना ये धैर्य और शांति आत्मविश्वास के साथ करते हैं,इनके भाग्य में सफलता निहित होती है, और इन्हें जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में अच्छे उन्नति मिलती हैं. मूलांक 07 के जातकों की सफलता और समृद्धि मूलांक 07 वाले जातक अपने जीवन मे निरंतर प्रगति के कार्य करते हैं और अपने बौद्धिक प्रयासों से जीवन में सफलता अर्जित करते हैं. इन्हें समाज में अधिक मान-सम्मान प्राप्त होता है और आर्थिक मन रूप से भी ये लोग संपन्न होते हैं. इनका विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण और कल्पनाशक्ति उन्हें भविष्य की संभावनाओं को पहले ही समझने में सक्षम बनाते हैं, जिससे वे सही दिशा में आगे बढ़ उन्नति प्राप्त कर सकते हैं साथ ही ये संवेदनशील और परोपकारी स्वभाव के होते हैं. ये सामाजिक कार्यों में अत्यधिक रुचि रखते हैं और दूसरों की सहायता करने में हमेशा आगे रहतें हैं. इनका व्यवहार मिलनसार होता है और ये अपने आसपास के लोगों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखते हैं.इनके व्यक्तित्व की विशेषताएँ इन्हें समाज में प्रतिष्ठा और सम्मान हमेशा बनिए रखती हैं. The post आत्मनिर्भर होते हैं इस तारीख को जन्में लोग, कठिन चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है इन्हें appeared first on Naya Vichar.

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गुरुवार के दिन जरूर पढ़ें ये व्रत कथा, भगवान विष्णु करेंगे हर काम पूरा

Guruwar Vrat Katha: गुरुवार व्रत के दिन पूजा कथा में कई ऐसी बातें बताई या समझाई गई हैं, जिन्हें मनुष्य को ध्यान पूर्वक अपनी दिनचर्या मे अपनाना चाहिए. वहीं कहते हैं जो व्यक्ति श्रद्धा भाव से गुरुवार को भगवान विष्णु की पूजा- आराधना करता है और साथ ही गुरुवार व्रत की कथा कहता और सुनता है उसकी गरीबी और कष्ट दूर हो जाते है. जीवन में सुख समृद्धि के लिए गुरुवार के दिन आप भी इस गुरुवार व्रत कथा को अवश्य सुनें या पढ़ना चाहिए. आत्मनिर्भर होते हैं इस तारीख को जन्में लोग, कठिन चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है इन्हें गुरुवार के दिन इस कथा को अवश्य सुनें और पढ़ें यह इस प्रकार से है कि प्राचीन काल के समय की घटना है. हिंदुस्तानवर्ष में एक राजा राज्य करता था. वह बड़ा प्रतापी और दानी राजाओं में से एक था था. वह नित्य गरीबों और ब्राह्मणों की सेवा-सहायता करता था. वह प्रतिदिन मंदिर में भगवान दर्शन करने जाता था लेकिन यह बात उसकी रानी को भाती नहीं थी.वह न ही पूजन करती थी और न ही दान करने की उनकी इच्छा होती थी .एक दिन राजा शिकार स्पोर्ट्सने वन को ओर गए हुए थे तो रानी और दासी महल में अकेली थी. उसी समय बृहस्पतिदेव साधु भेष में राजा के महल में भिक्षा के लिए गए और भिक्षा मांगी तो रानी ने भिक्षा देने से मन कर दिया.रानी ने कहा कि हे साधु महाराज मैं तो दान पुण्य से तंग आ गई हूं. इस कार्य के लिए मेरे पतिदेव ही बहुत है अब आप ऐसी कृपा करें कि सारा धन नष्ट हो जाए तथा मैं आराम से रह सकूं. साधु ने कहा- देवी तुम तो बड़ी निस्वार्थ हो.धन और संतान से भला कौन ही दुखी होता है.इसकी तो सभी कामना करते हैं. पापी भी पुत्र और धन की इच्छा करते हैं, अगर तुम्हारे पास अधिक धन है तो भूखे मनुष्यों को भोजन कराओ, प्याऊ लगवाओ, ब्राह्मणों को दान दो, कुआं, तालाब, बावड़ी बाग-बगीचे आदि का निर्माण कराओ. मंदिर, पाठशाला धर्मशाला बनवाकर दान दो, निर्धनों की कुंवारी कन्याओं का विवाह कराओ,साथ ही यज्ञ आदि कर्म करो अपने धन को शुभ कार्यों में खर्च करो. ऐसे करने से तुम्हारा नाम परलोक में सार्थक होगा एवं स्वर्ग की प्राप्ति होगी.लेकिन रानी पर उपदेश का कोई प्रभाव न पड़ा.वह बोली- महाराज मुझे ऐसे धन की आवश्यकता नहीं जिसको मैं अन्य लोगों को दान दूं, जिसको रखने और संभालने में ही मेरा सारा समय नष्ट हो जाए अब आप ऐसी कृपा करें कि सारा धन नष्ट हो जाए तथा मैं आराम चयन से रह सकूं. गुरुवार पूजा नियम विधि साधु ने उत्तर दिया यदि तुम्हारी ऐसी इच्छा है तो जैसा मैं तुम्हें बताता हूं तुम वैसा ही करना बृहस्पतिवार को घर को गोबर से लीपना अपने केशों को पीली मिट्टी से धोना,राजा से कहना वह बृहस्‍पतिवार को हजामत बनवाए, भोजन में मांस- मदिरा खाना और कपड़ा धोबी के यहां धुलने डालना.ऐसा करने से सात बृहस्पतिवार में ही आपका सारा धन नष्ट हो जाएगा. इतना कहकर वह साधु महाराज वहां से अंतर्धान हो गये. इसके बाद रानी ने वही किया जो साधु ने बताया था. तीन बृहस्पतिवार ही बीते थे कि उसका समस्त धन- संपत्ति नष्ट हो गया और भोजन के लिए राजा-रानी तरसने लगे. तब एक दिन राजा ने रानी से कहा कि तुम यहां पर रहो मैं दूसरे देश में चाकरी के लिए चला जाउं क्योंकि यहां पर मुझे सभी मनुष्य जानते हैं इसलिए कोई कार्य नहीं कर सकता. देश चोरी परदेश भीख बराबर है ऐसा कहकर राजा परदेश चला गया वहां जंगल को जाता और लकड़ी काटकर लाता और शहर में बेंचता इस तरह जीवन व्यतीत करने लगा इधर, राजा के बिना रानी और दासी दुखी रहने लगीं . किसी दिन भोजन मिलता और किसी दिन जल पीकर ही रह जाती. एक समय जब रानी और दासियों को सात दिन बिना भोजन के रहना पड़ा, तो रानी ने अपनी दासी से कहा, हे दासी,पास ही के नगर में मेरी बहन रहती है.वह बड़ी धनवान है, तू उसके पास जा आ और 5 सेर बेझर मांग कर ले आ ताकि कुछ समय के लिए थोड़ा-बहुत गुजर-बसर हो जा‌ए. दासी रानी की बहन के पास ग‌ई .उस दिन बृहस्‍पतिवार का दिन था.रानी का बहन उस समय बृहस्‍पतिवार की कथा सुन रही थी.दासी ने रानी की बहन को अपनी रानी का संदेश दिया, लेकिन रानी की बहन ने को‌ई उत्तर नहीं दिया. जब दासी को रानी की बहन से को‌ई उत्तर नहीं मिला तो वह बहुत दुखी हु‌ई .उसे क्रोध भी आया , दासी ने वापस आकर रानी को सारी बात बता दी,सुनकर, रानी ने कहां की है दासी इसमें उसका कोई दोष नहीं है जब बुरे दिन आते हैं तब कोई सहारा नही अच्छे-बुरे का पता विपत्ति में ही लगता है जो ईश्वर की इच्छा होगी वही होगा यह सब हमारे भाग्य का दोष है.यह सब कहकर रानी ने अपने भाग्य को कोसा, उधर, रानी की बहन ने सोचा कि मेरी बहन की दासी आ‌ई थी. लेकिन मैं उससे नहीं बोली, इससे वह बहुत दुखी हु‌ई होगी. कथा सुनकर और पूजन समाप्त कर वह अपनी बहन के घर ग‌ई और कहने लगी, हे बहन. मैं बृहस्‍पतिवार का व्रत कर रही थी. तुम्हारी दासी ग‌ई लेकिन जब तक कथा होती है, तब तक न उठते है और न बोलते है, इसीलिये मैं नहीं बोली.कहो, दासी क्यों ग‌ई थी,रानी बोली, बहन हमारे घर अनाज नहीं था.ऐसा कहते-कहते रानी की आंखें भर आ‌ई. उसने दासियों समेत 7 दिन तक भूखा रहने की बात भी अपनी बहन को बता दी,इसीलिए मैंने दासी को तुम्हारे पास 5 सेर बेझर लेने के लिए भेजा था,रानी की बहन बोली, बहन देखो बृहस्‍पति देव सबकी मनोकामना पूर्ण करते है.देखो, शायद तुम्हारे घर में अनाज रखा हो. पहले तो रानी को विश्वास नहीं हुआ परंतु बहन के आग्रह करने पर उसने दासी को अंदर भेजा.दासी घर के अंदर ग‌ई तो वहां पर उसे एक घड़ा बेझर से भरा मिल गया. उसे बड़ी हैरानी हु‌ई.उसने बाहर आकर रानी को बताया. दासी रानी से कहने लगी, हे रानी जब हमको भोजन नहीं मिलता तो हम व्रत ही तो करते है, इसलिये क्यों न

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Gold-Silver Price: सर्राफा बाजार में उथल-पुथल, सोना-चांदी की कीमतों में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी

Gold-Silver Price:सर्राफा बाजार के लिए बेहद उथल-पुथल भरा साबित हो रहा है. सोने की कीमतें लगातार नए रिकॉर्ड बना रही हैं, जबकि चांदी भी ऊंचे स्तर पर बनी हुई है. इस तेजी के चलते आम उपभोक्ताओं के लिए सोना-चांदी खरीदना मुश्किल हो गया है. बाजार में ग्राहकों की आवाजाही कम हो रही है, जिससे व्यापारियों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है. सोने की कीमत ने रचा नया इतिहास पटना के सर्राफा बाजार में 24 कैरेट सोने की कीमत में जबरदस्त उछाल देखा गया. यह 83,500 रुपये प्रति 10 ग्राम से बढ़कर 84,600 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया. जीएसटी जोड़ने के बाद इसकी कीमत 87,138 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है. 22 कैरेट सोने की कीमत भी बढ़कर 79,200 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है, जबकि 18 कैरेट सोना 66,900 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच चुका है. चांदी के दामों में भी रिकॉर्ड तेजी चांदी की कीमतों में भी भारी उछाल देखने को मिला है. पटना के सर्राफा बाजार में आज चांदी की कीमत 96,000 रुपये प्रति किलोग्राम दर्ज की गई. जीएसटी जोड़ने के बाद इसकी कीमत 98,880 रुपये प्रति किलो हो गई है. पुराने चांदी के आभूषणों का एक्सचेंज रेट भी बढ़कर 89,000 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है. पुराने आभूषणों का एक्सचेंज रेट भी बढ़ा पुराने सोने के आभूषणों की एक्सचेंज दर में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई. आज 22 कैरेट पुराने सोने का एक्सचेंज रेट 77,700 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया, जबकि 18 कैरेट के पुराने आभूषणों का दाम 65,400 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया. होली से पहले सोना छू सकता है 90 हजार का आंकड़ा सर्राफा बाजार के विशेषज्ञों के अनुसार, सोने की कीमतें लगातार नए रिकॉर्ड बना रही हैं. मौजूदा बढ़ोतरी को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि होली से पहले सोने की कीमत 90,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती है. निवेशकों के लिए यह स्थिति फायदेमंद साबित हो रही है. Also Read: SWP नहीं बनाता करोड़पति! SIP से 8 साल में मालामाल, जानें कैसे The post Gold-Silver Price: सर्राफा बाजार में उथल-पुथल, सोना-चांदी की कीमतों में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी appeared first on Naya Vichar.

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Pragati Yatra: 49 करोड़ की लागत से किऊल नदी पर बनने वाले पुल का शिलान्यास करेंगे सीएम नीतीश, लोगों को लंबे समय से था इंतजार

Pragati Yatra: बिहार के सीएम नीतीश कुमार इन दिनों प्रगति यात्रा पर हैं. इसके तहत वह बीते दिन यानी बुधवार को मुंगेर के दौरे पर थें. यहां उन्होंने मुंगेर की जनता को करीब 440 करोड़ की योजनाओं की सौगात दिया. वहीं आज वह प्रगति यात्रा के तहत लखीसराय पहुंचेंगे. लखीसराय में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 450 करोड़ की विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे. सीएम के आज के दौरे को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. जानकारी के अनुसार, लखीसराय आने से पहले सीएम नीतीश शेखपुरा जाएंगे. यहां वह अलग-अलग योजनाओं का उद्घाटन करेंगे. सीएम नीतीश इन योजनाओं का करेंगे शिलान्यास  Pragati yatra: 49 करोड़ की लागत से किऊल नदी पर बनने वाले पुल का शिलान्यास करेंगे सीएम नीतीश, लोगों को लंबे समय से था इंतजार 2 जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री नीतीश का काफिला दोपहर 12 बजे सबसे पहले लखीसराय के बालगुदर गांव पहुंचेगास, जहां वे म्यूजियम का लोकार्पण और शिवगंगा तालाब का शिलान्यास करेंगे. इसके साथ ही वे पंचायत प्रशासन भवन का निरीक्षण, स्पोर्ट्स मैदान और जल जीवन हरियाली योजना के तहत बने तालाब का उद्घाटन करेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अलग-अलग विभागों के स्टॉल का जायजा लेने के साथ जीविका दीदियों से संवाद भी करेंगे. किऊल नदी पर बने पुल का करेंगे शिलान्यास इसके बाद सीएम किऊल नदी पर बनने वाले पुल का शिलान्यास करेंगे, जिसकी कुल लागत 49 करोड़ है. इसके बाद सीएम नीतीश समाहरणालय स्थित मंत्रणा कक्ष में जिले के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर विकास कार्यों का जायजा लेंगे. सीएम के दौरे को लेकर जिला प्रशासन ने पूरी तैयारियां कर ली हैं. डीएम मिथिलेश मिश्र ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा का कार्यक्रम गुरुवार को बालगुदर पंचायत में होगा. बिहार की ताजा समाचारों के लिए यहां क्लिक करें उपमुख्यमंत्री ने प्रगति यात्रा को बताया ऐतिहासिक बता दें, उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने सीएम की प्रगति यात्रा को ऐतिहासिक बताया है साथ ही उनके आज के लखीसराय आगमन पर उनका स्वागत किया. सुरक्षा को देखते हुए लखीसराय में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात किया गया है. बुधवार को गांधी मैदान में मजिस्ट्रेट और पुलिस पदाधिकारियों की संयुक्त ब्रिफिंग के बाद एनएच-80 पेट्रोल पंप के पास हेलिपैड स्थल पर मॉक ड्रिल भी किया गया. ALSO READ: Muzaffarpur News: ACS एस सिद्धार्थ ने सभी हेडमास्टरों के लिए जारी किया सख्त निर्देश, करना होगा ये जरूरी काम The post Pragati Yatra: 49 करोड़ की लागत से किऊल नदी पर बनने वाले पुल का शिलान्यास करेंगे सीएम नीतीश, लोगों को लंबे समय से था इंतजार appeared first on Naya Vichar.

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रोहित शर्मा के बाद भारत का टेस्ट कप्तान कौन? इनमें से किसी एक खिलाड़ी पर लग सकती है मुहर, देखें रिपोर्ट

Rohit Sharma: हिंदुस्तान के टेस्ट और वनडे कप्तान रोहित शर्मा हाल के दिनों में बल्ले और कप्तानी दोनों से जूझते रहे हैं. न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज गंवाने के साथ उनके बल्ला भी बिल्कुल खामोश रहा. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी टेस्ट से भी उन्होंने स्वयं को बाहर रखा, जिसके बाद उनके रिटायरमेंट की चर्चा होने लगी. हालांकि उन्होंने अपने संन्यास लेने से इनकार कर दिया. लेकिन 38 वर्षीय रोहित शर्मा के इंग्लैंड दौरे तक खुद को हिंदुस्तानीय टीम का नेतृत्व करने की मांग की थी. उनके बाद टीम की कमान किसको सौंपी जाए इस पर चर्चा होने लगी है. रोहित के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भविष्य को लेकर अनिश्चितता है. उन्होंने पिछले साल अपने टी20 करियर को अलविदा कह दिया, लेकिन वनडे और टेस्ट में सक्रिय हैं. रोहित के भविष्य को लेकर संदेह के बीच टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बीसीसीआई टेस्ट प्रारूप में उनकी जगह कप्तानी के लिए ऋषभ पंत और यशस्वी जायसवाल को संभावित दावेदारों के रूप में देख रहा है. जसप्रीत बुमराह एक और बड़ा नाम है जो कप्तानी के विकल्प के रूप में उभर रहा है, लेकिन रिपोर्ट में कहा गया है कि उनकी फिटनेस उनके दीर्घकालिक नेतृत्व महत्वाकांक्षाओं में बाधा बन सकती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि शुभमन गिल भी इस भूमिका के लिए उम्मीदवार हैं, लेकिन उनका फॉर्म बोर्ड को उस तरह का भरोसा नहीं दिलाता है, जैसा कि बोर्ड चाहता है. रिपोर्ट में बीसीसीआई के एक सूत्र के हवाले से बताया, “बुमराह के लंबी टेस्ट सीरीज़ या पूरा सीज़न पूरा करने की संभावना हमेशा संदेह में रहेगी. चयनकर्ता अधिक स्थिर विकल्प चाहते हैं। गिल को कप्तानी की संभावना के रूप में देखा गया है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उनका प्रदर्शन औसत रहा है. ऋषभ पंत भी एक मजबूत उम्मीदवार हो सकते हैं और शायद यशस्वी जायसवाल जैसे किसी खिलाड़ी को इस भूमिका के लिए तैयार किया जा सकता है.” हिंदुस्तानीय टीम 2025-27 के विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का साइकल जून 2025 से शुरू करेगी. 22 जून से हिंदुस्तान और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट शृंखला शुरू होगी. इस दौरे पर टीम इंडिया को कौन लीड करेगा, इसके लिए बीसीसीआई की तैयारियों पर नजर रहेगी. रोहित 6 फरवरी से नागपुर में इंग्लैंड के खिलाफ शुरू होने वाली वनडे सीरीज़ के साथ हिंदुस्तानीय क्रिकेट टीम के लिए वापसी करेंगे. श्रीलंका के खिलाफ सितंबर में स्पोर्ट्सी गई आखिरी ओडीआई सीरीज में हिंदुस्तानीय टीम को हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन आगामी चैंपियंस ट्रॉफी को देखते हुए कप्तान रोहित शर्मा कोई जोखिम नहीं लेना चाहते. इंग्लैंड के खिलाफ नागपुर में स्पोर्ट्से जाने पहले मैच से पहले उन्होंने नेट्स पर अभ्यास पर बखूबी ध्यान दिया. सूर्यकुमार ने टी20 में जबरदस्त सफलता दिलाई है, इस लिहाज से फॉर्म और कप्तानी का दबाव रोहित कैसे झेलते हैं, यह देखने वाली बात होगी. Champions Trophy के लिए कोई भी हिंदुस्तानीय पाकिस्तान नहीं जाएगा, अब अंपायर ने किया इनकार, जानें क्या है कारण Video: बाज की नजर और चीते की छलांग! 40 साल के फाफ डुप्लेसी ने डाइव लगाकर पकड़ा कैच, देखें वीडियो The post रोहित शर्मा के बाद हिंदुस्तान का टेस्ट कप्तान कौन? इनमें से किसी एक खिलाड़ी पर लग सकती है मुहर, देखें रिपोर्ट appeared first on Naya Vichar.

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