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February 8, 2025

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मोहनिया अनुमंडलीय अस्पताल में नौ करोड़ की लागत से बनेगा ट्राॅमा सेंटर

मोहनिया शहर. स्थानीय अनुमंडलीय अस्पताल परिसर में ही ट्रॉमा सेंटर का निर्माण होगा, जिसको लेकर विभाग द्वारा निविदा निकाला गया हैं. इसका निर्माण 9 करोड़ एक लाख 59 हजार की लागत से किया जायेगा. कयास लगाया जा रहा हैं कि प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा ट्राॅमा सेंटर के निर्माण के लिए शिलान्यास भी किया जा सकता है. हालांकि, इसकी अभी प्रशासनी घोषणा नहीं हुई है. मालूम हो कि काफी दिनों से मोहनिया में ट्राॅमा सेंटर के लिए मांग की जा रही थी. ट्राॅमा सेंटर खोलने के लिए विभाग द्वारा स्थल चयन करने की बात कही गयी थी, जिसमें मोहनिया अनुमंडलीय अस्पताल परिसर में स्थल चयन कर विभाग को रिपोर्ट भेजी गयी थी. इसके आलोक में स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूरे बिहार में चार जगह पर ट्रॉमा सेंटर खोलने के लिए निविदा जारी किया है. कैमूर जिला अंतर्गत अनुमंडलीय अस्पताल मोहनिया में ट्रॉमा सेंटर का भवन निर्माण शामिल हैं. इसके निर्माण पर 9 करोड़ एक लाख 59 हजार रुपया खर्च करने की बात कही गयी हैं. मालूम हो कि मोहनिया विधायक संगीता कुमारी द्वारा विधानसभा में मामला उठाने के साथ-साथ स्वास्थ्य मंत्री से मिलकर ट्राॅमा सेंटर खोलने की मांग की गयी थी. # आठ वर्ष पहले अनुमंडल अस्पताल में खुला था मिनी ट्राॅमा सेंटर मोहनिया अनुमंडलीय अस्पताल में इसके पहले लाखों रुपये खर्च कर 25 अप्रैल 2017 को तत्कालीन डीएम राजेश्वर प्रसाद द्वारा मिनी ट्रामा सेंटर का विधिवत उद्घाटन किये थे. उस दौरान अस्पताल परिसर में ही उद्घाटन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. उस समय अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ अशोक कुमार व सीएस कृष्ण बल्ब प्रसाद सिंह थे. उस समय छह एक्सक्लूसिव बेड के साथ मिनी ट्राॅमा सेंटर की शुरुआत हुई थी, जिससे लोगों में काफी खुशी थी. लेकिन बेहतर सुविधा व विशेषज्ञ डॉक्टर के अभाव में दम तोड़ते गया और इसका कोई भी लाभ गंभीर रूप से घायलों को नहीं मिल सका था. # ट्राॅमा सेंटर खुलने से लोगों को मिलेगा लाभ मोहनिया अनुमंडल अस्पताल में ट्राॅमा सेंटर खोलने के लिए निविदा जारी होने के बाद लोगों में काफी खुशी देखी जा रही है. मोहनिया सहित कैमूर-रोहतास के लोगों को सीधे इसका लाभ मिलेगा. मालूम हो कि सड़क दुर्घटना व रेल दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल लोगों का बेहतर इलाज नहीं हो पता था, जहां लोगों को बेहतर इलाज के लिए वाराणसी के ट्राॅमा सेंटर जाना पड़ता था, लेकिन अब कैमूर जिले के मोहनिया अनुमंडलीय अस्पताल में ही ट्राॅमा सेंटर खुल जाने के बाद लोगों को इससे काफी लाभ मिलेगा. # अस्पताल के पुराने भवन को तोड़कर बनेगा ट्राॅमा सेंटर मोहनियाअनुमंडलीय अस्पताल परिसर में स्थित पुराने भवन को तोड़ कर ट्राॅमा सेंटर का निर्माण किया जायेगा. हालांकि, अनुमंडलीय अस्पताल का नया भवन पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा. इसमें पुराने भवन में संचालित इमरजेंसी सह मिनी ट्राॅमा सेंटर भवन की जगह पांच मंजिला ट्राॅमा सेंटर का निर्माण किया जाना है, जिसको लेकर अस्पताल प्रशासन द्वारा पहले से ही जगह चिह्नित कर विभाग को भेजा गया था. इसके आलोक में अब पुराने भवन को तोड़ कर पांच मंजिला ट्राॅमा सेंटर के लिए भवन का निर्माण किया जायेगा. # क्या कहते हैं अस्पताल उपाधीक्षक इस संबंध में अस्पताल उपाधीक्षक डॉ विजय कुमार ने बताया कि अनुमंडलीय अस्पताल परिसर में ट्रॉमा सेंटर खोलने के लिए जमीन चिह्नित कर रिपोर्ट की मांग की गयी थी. इसके आलोक में अस्पताल के पुराने भवन की जमीन को चिह्नित कर विभाग को रिपोर्ट भेजी गयी थी. इसके आलोक में ट्राॅमा सेंटर निर्माण के लिए स्वीकृति के साथ-साथ निविदा भी जारी किया गया है. ट्राॅमा सेंटर खुलने के बाद कैमूर-रोहतास सहित कई जिले के गंभीर रूप से घायलों का इलाज का लाभ मिलेगा. # क्या कहती हैं मोहनिया विधायक इस संबंध में मोहनिया विधायक संगीता कुमारी ने बताया कि लोगों की परेशानी को देखते हुए विधानसभा में मोहनिया में ट्राॅमा सेंटर खोलने की मांग की गयी थी. साथ ही स्वास्थ्य मंत्री और उप मुख्यमंत्री से मिलकर ट्राॅमा सेंटर खोलने की बात कही गयी थी, जिसको लेकर ट्राॅमा सेंटर के लिए निविदा जारी कर दिया गया है. बहुत जल्द टेंडर होने के बाद निर्माण किया जायेगा, जिससे कैमूर के साथ-साथ अन्य जिले के लोगों को भी काफी लाभ मिलेगा. # क्या कहते हैं सिविल सर्जन # इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ चंदेश्वरी रजक ने बताया मोहनिया अनुमंडलीय अस्पताल में ट्राॅमा सेंटर निर्माण के लिए पत्र मिला है. उस पर 9 करोड़ 1 लाख 59 लाख रुपये खर्च किये जाने हैं. अनुमंडलीय अस्पताल के पुराने भवन की जगह अब पांच मंजिला ट्राॅमा सेंटर के भवन का निर्माण किया जायेगा. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post मोहनिया अनुमंडलीय अस्पताल में नौ करोड़ की लागत से बनेगा ट्राॅमा सेंटर appeared first on Naya Vichar.

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अमेरिका भारतीयों के साथ कर हा है अमानवीय व्यवहार

फोटो-1-विरोध करते कांग्रेस के नेता. प्रतिनिधि, अररिया अररिया के पूर्व विधायक सह कांग्रेस के जिलाध्यक्ष जाकिर अनवर के निर्देश पर शनिवार को जिला कांग्रेस कार्यालय गांधी आश्रम अररिया में कांग्रेसी नेताओं ने अमेरिका की तानाशाही और अमानवीय व्यवहार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. जिसका नेतृत्व कांग्रेस के पूर्व जिला उपाध्यक्ष अवेश यासीन ने की. मौके पर सभी मौजूद कांग्रेसी नेता हाथों में तख्ती लिये अमेरिका के विरोध नारा लगा रहे थे. मौके पर अवेश यासीन ने कहा कि हथकड़ियों में हिंदुस्तान नहीं सहेगा ये अपमान. हर हिंदुस्तानी का स्वाभिमान यही है. न्याय दो जंजीर से ये नारे लगाते दिखे कांग्रेस के नेता तख्ती पर ये नारे लिखे थे. जिलाध्यक्ष जाकिर अनवर ने कहा कि अमेरिका दादागिरी कर हिंदुस्तानीयों का अपमान कर रही है. इतना ही हिन्दुस्तानी के साथ अमानवीय व जानवरों के जैसा व्यवहार किया जा रहा है. जिसका कांग्रेस पार्टी विरोध करती है. उन्होंने कहा केंद्र की मोदी प्रशासन अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप को एक ओर अपना मित्र कहते हैं. वहीं दूसरी ओर हिंदुस्तानीय के हाथों में हथकड़ी व पांवों में जंजीर से जकड़ कर हिंदुस्तान भेजा जा रहा है. मोदी प्रशासन चुप्पी साधे हुए हैं. अवेश यासीन ने बताया कि 205 हिंदुस्तानीयों को हिंदुस्तान वापस भेज चुकी है. जिसको लेकर कांग्रेस पार्टी पूरे देश में अमेरिका के इस अमानवीय हरकत की घोर निंदा करती है. मौके पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में खालिद हुसैन, चंगेज अंसारी,पवन काश्यप, उमानंद मंडल, अलीम उद्दीन, मोहन जायसवाल, अफसाना हसन, पंचम ठाकुर, सहदेव ठाकुर, आबिद अंसारी, मो आमिर, अशरफ हुसैन, विनोद यादव, तनवीर आलम सहित अन्य कार्यकर्ता शामिल थे. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post अमेरिका हिंदुस्तानीयों के साथ कर हा है अमानवीय व्यवहार appeared first on Naya Vichar.

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श्रद्धालुओं की बस का शीशा तोड़कर 2.15 लाख रुपये व सामान की चोरी

वरीय संवाददाता, देवघर : राजस्थान के उदयपुर से देवघर पूजा करने आये श्रद्धालुओं की बस का शीशा तोड़कर तीन मोबाइल, 2.15 लाख रुपये व अन्य सामान की चोरी कर ली गयी. इस घटना नगर थाना क्षेत्र के शिवराम झा चौक के समीप की बतायी जा रही है. घटना को लेकर उदयपुर के बेदला तेलीवाड़ा निवासी विष्णु प्रजापत ने नगर थाने में लिखित शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की है. श्रद्धालु विष्णु प्रजापत ने बताया कि शुक्रवार रात में उनलोगों की बस शिवराम झा चौक के समीप खड़ी थी और वे सभी यात्री मानसरोवर वसंती विहार के समीप स्थित एक आश्रम में कमरे लेकर ठहरे. उसी दौरान रात के समय अज्ञात बदमाशों ने उनलोगों की बस के पीछे का शीशा तोड़कर अंदर प्रवेश किये और यात्री खमानी बाई के बैग से 50,000 रुपये सहित आधार कार्ड, विष्णु प्रजापत के बैग से 1,65,000 रुपये व तीन नये जैकेट, चालक लेहरु लाल के 15000 रुपये व मोबाइल, नारायणी बाई के मोबाइल के अलावा अन्य यात्रियों के कपड़े व सामान की चोरी कर ली. घटना की जानकारी उनलोगों को सुबह में हुई. उसके बाद वे लोग शिकायत देने नगर थाना पहुंचे. नगर थाने की पुलिस से इन श्रद्धालु यात्रियों ने कार्रवाई का आग्रह किया है. हाइलाइट्स – नगर थाना क्षेत्र के शिवराम झा चौक के समीप हुई घटना – उदयपुर के बेदला तेलीवाड़ा निवासी विष्णु प्रजापत ने दी नगर थाने में शिकायत डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post श्रद्धालुओं की बस का शीशा तोड़कर 2.15 लाख रुपये व सामान की चोरी appeared first on Naya Vichar.

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Holding Tax: काॅमर्शियल होल्डिंग टैक्स में वृद्धि का प्रस्ताव खारिज, पढ़िए निगम बोर्ड ने क्यों लिया यह फैसला

Holding Tax कॉमर्शियल होल्डिंग टैक्स में फिलहाल कोई वृद्धि नहीं होगी. शनिवार को पटना के मौर्या होटल में निगम बोर्ड की हुई बैठक में पार्षदों ने सर्वसम्मति से इसे जनविरोधी बता कर पारित करने से इन्कार कर दिया. बैठक में कुल 24 प्रस्ताव प्रस्तुत किये गये, जिनमें अन्य 23 प्रस्तावों को पास कर दिया गया. इनमें सड़क पर कचरा फेंकने की स्थिति में पांच हजार रुपये तक जुर्माना लेने के साथ-साथ एक करोड़ की योजना की सूची जल्द प्रस्तुत करना, पर्यावरण और बागवानी शाखा को सुदृढ़ करना, नंदगोला घाट पर शवदाह गृह के निर्माण के लिए 1.09 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति, कदमकुआं वेंडिंग जोन के निर्माण के लिए शेष राशि की व्यवस्था आदि शामिल है. इनमें कुछ योजना बिना बहस के पारित कर ली गयी, जबकि कुछ योजनाओं को गर्मागर्म बहस और नोकझोंक के बीच पारित किया गया. बैठक में मेयर सीता साहू , डिप्टी मेयर रेशमी कुमार, नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर, डाॅ आशीष सिन्हा और इंद्रदीप चंद्रवंशी समेत सशक्त स्थायी समिति के सभी सदस्य और वार्ड पार्षद शामिल थे. होल्डिंग टैक्स में वृद्धि से पहले नगर निगम से बात करे राज्य प्रशासन गैर आवासीय (कॉमर्शियल) होल्डिंग के टैक्स वृद्धि के प्रस्ताव पर निगम बोर्ड में सबसे अधिक गर्मागर्म बहस हुई. मालूम हो कि बीते वर्ष नगर विकास एवं आवास विभाग ने पटना नगर निगम को भेजा था, जिसे स्टैंडिंग कमेटी की पिछली बैठक में शामिल सशक्त स्थायी समिति के सदस्यों ने विचार के लिए निगम बोर्ड को भेजा था. बैठक में एक सुर से सभी पार्षदों ने इस तरह की वृद्धि का विरोध किया और इसे स्वीकृति देने से मना कर दिया. सशक्त स्थायी समिति के वरीय सदस्य डॉ आशीष सिन्हा ने कहा कि इस तरह के किसी प्रस्ताव को बनाते समय नगर विकास एवं आवास विभाग को पटना नगर निगम से मशविरा करना चाहिए. पहले कचरा उठाव की पुख्ता व्यवस्था हो, फिर जुर्माना लगाये नगर निगम सड़क पर इधर उधर कचरा फेंकने वालों पर जुर्माना लगाये जाने के प्रस्ताव पर भी पार्षदों में तीखी बहस हुई. एक स्त्री पार्षद इस आधार पर जुर्माना लेने का विरोध कर रही थीं कि उनके वार्ड में टिपर हर सेक्टर में नहीं जा रहा है और इ-रिक्शा भी पर्याप्त नहीं हैं. ऐसे में कई क्षेत्राें में कई दिन कचरा का उठाव नहीं हो पाता है और लोग इधर-उधर कचरा फेंकने पर मजबूर होते हैं. ऐसे में यदि उन पर जुर्माना लगाया गया, तो हमें गालियां सुननी पड़ेंगी. एक स्त्री पार्षद यह कह कर जुर्माना लगाने के प्रावधान पर सवाल उठा रही थी कि बाजार क्षेत्र में यह कैसे चिह्नित होगा कि किस सब्जी वाले ने कचरा फेंका है. कुछ पार्षद जुर्माने की राशि और भी कम करने की मांग कर रहे थे. पार्षद संजीव ने तो यहां तक कहा कि उनके क्षेत्र के लोग कह रहे हैं कि वे जुर्माना तभी देंगे, जब नगर निगम की गाड़ी नहीं आने पर वह भी उन्हें मुआवजा दे. बाद में नगर आयुक्त द्वारा यह आश्वासन देने के बाद कि बाजार क्षेत्रों में शाम में भी कचरा उठाने के लिए गाड़ी भेजी जायेगी और शुरुआती जुर्माने की राशि मात्र 200 रुपये हैं, पार्षद इसे पारित करने पर राजी हुए. ये भी पढ़ें.. Delhi Chunav Result 2025: दिल्ली चुनाव में नीतीश और चिराग की पार्टी हारी, बिहार में तेज हुई सियासी हलचल The post Holding Tax: काॅमर्शियल होल्डिंग टैक्स में वृद्धि का प्रस्ताव खारिज, पढ़िए निगम बोर्ड ने क्यों लिया यह फैसला appeared first on Naya Vichar.

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Delhi Election Result: 67 सीटों पर कांग्रेस की जमानत जब्त, लगातार तीसरी बार ‘गोल्डन डक’

Delhi Election Result: दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के नेतृत्व में 15 साल तक प्रशासन चलाने के बाद सत्ता से जो बाहर हुई, अबतक वापसी नहीं हो पाई है. हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार कांग्रेस की वोट हिस्सेदारी में दो प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है. कांग्रेस को करीब 6.4 प्रतिशत वोट हासिल हुई. जबकि 2020 के विधानसभा चुनाव में उसे 4.26 प्रतिशत वोट मिले थे. कांग्रेस के केवल तीन उम्मीदवार जमानत बचाने में सफल कांग्रेस के जो तीन उम्मीदवार दिल्ली में अपनी जमानत बचाने में सफल रहे उनमें प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव भी शामिल हैं जिन्हें 40 हजार से अधिक मत और 27 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले. वह तीसरे स्थान पर रहे. दिल्ली के कस्तूरबा नगर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक दत्त अपनी जमानत बचाने में सफल रहे. जबकि नांगलोई जाट तीसरी ऐसी सीट है जहां कांग्रेस जमानत बचाने में सफल रही. यहां से पार्टी के उम्मीदवार रोहित चौधरी ने 31918 वोट और 20.1 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया. यह भी पढ़ें: फ्री के रेवड़ी पर कैसे भारी पड़ी BJP, जानें जीत के 5 कारण संदीप दीक्षित सहित 67 नेता जमानत बचाने में विफल संदीप दीक्षित, अलका लांबा, कृष्णा तीरथ, मुदित अग्रवाल, हारून यूसुफ और राजेश लिलोठिया ऐसे नेता रहे जो अपनी जमानत बचाने में विफल रहे. यह भी पढ़ें: Delhi Election Big Faces Result: केजरीवाल, आतिशी समेत बड़े चेहरों का क्या हुआ? कौन हारे, किसने मारी बाजी लगातार तीसरी बार कांग्रेस का खाता नहीं खुला दिल्ली की नेतृत्व में 1998 से 2013 तक अपना सुनहरा दौर देखने वाली कांग्रेस के लिए यह लगातार तीसरा विधानसभा चुनाव था जिसमें उसे एक भी सीट नहीं मिली. इस चुनाव में 12 सीटें ऐसी हैं जहां आम आदमी पार्टी को भाजपा से जितने मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा उससे अधिक मत कांग्रेस को मिले हैं. ऐसी एक सीट नई दिल्ली हैं जहां आप के संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल को भाजपा उम्मीदवार प्रवेश वर्मा से 4089 मतों के अंतर से हार का मुंह देखना पड़ा, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी संदीप दीक्षित को इस सीट पर 4568 वोट मिले. कांग्रेस 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में भी अपना खाता नहीं खोल सकी थी. The post Delhi Election Result: 67 सीटों पर कांग्रेस की जमानत जब्त, लगातार तीसरी बार ‘गोल्डन डक’ appeared first on Naya Vichar.

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Bihar News: बोधगया में बगैर नक्शा घर बनाने पर रोकने पर कार्यपालक पदाधिकारी पर हमला

Bihar News बोधगया नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी अभिषेक आनंद पर पथराव कर उन्हें घायल कर देने का मामला सामने आया है. वह शनिवार की दोपहर धर्मारण्य के पास प्रशासनी जमीन पर व बगैर नक्शा पारित कराये दो भवनों के निर्माण कार्य को बंद कराने पहुंचे थे. इसी दौरान भवन निर्माण कराने वालों ने उनकी गाड़ी पर पथराव कर दिया. इस पथराव में कार्यपालक पदाधिकारी के बायें हाथ की कलाई पर चोट आयी और उनकी गाड़ी के शीशे भी टूट गये. इसके बाद किसी तरह वह मौके से भाग कर जान बचायी. इस बारे में कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि बोधगया नगर पर्षद के पुराने वार्डों में बगैर नक्शा पारित कराये निर्माण पर रोक लगी हुई है. लेकिन, उत्क्रमित वार्डों में नक्शा पारित कराने के बाद निर्माण किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि वार्ड संख्या 31 के अंतर्गत धर्मारण्य के पास प्रशासनी जमीन पर दो भवनों का निर्माण होने की सूचना पर वह पहुंचे थे. इसमें से एक भवन के निर्माण को लेकर नगर पर्षद के माध्यम से पहले ही नोटिस जारी किया हुआ था, पर दूसरे भवन के निर्माण पर उन्होंने रोक लगाने का निर्देश देकर आगामी 13 फरवरी को बतसपुर गांव में प्रस्तावित सीएम के कार्यक्रम को लेकर साफ-सफाई इत्यादि की जांच व निर्देश देने चले गये. लेकिन, वापसी में उक्त निर्माणाधीन स्थल पर चार-पांच लोग मौजूद थे व उनकी गाड़ी के पहुंचते ही पथराव कर दिया. इससे गाड़ी के पीछे का शीश टूट गया व उनकी कलाई पर पत्थर लगने के कारण वह घायल हो गये. इसके बाद वह बोधगया थाने को सूचित करते हुए सीएचसी में उपचार कराया है. इसके बाद बेहतर इलाज के लिए मगध मेडिकल अस्पताल रेफर कर दिया गया है. पुराने वार्डों में बगैर नक्शा पारित कराये निर्माण पर है रोक इस संबंध में बोधगया थाने में आवेदन दिया जा रहा है. मामले के संबंध में बोधगया थानाध्यक्ष ने बताया कि आवेदन के आधार पर आरोपितों पर कार्रवाई की जायेगी. फिलहाल मामले की जांच-पड़ताल शुरू कर दी गयी है. उल्लेखनीय है कि बोधगया नगर पर्षद क्षेत्र के पुराने वार्डों में बगैर नक्शा पारित कराये निर्माण पर रोक लगाने को लेकर सख्ती बरती जाने का निर्देश दिया गया है. इसी के तहत कार्यपालक पदाधिकारी ने अवैध रूप से हो रहे निर्माण पर रोक लगाने पहुंचे थे. The post Bihar News: बोधगया में बगैर नक्शा घर बनाने पर रोकने पर कार्यपालक पदाधिकारी पर हमला appeared first on Naya Vichar.

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Delhi: दिल्ली में अब एलजी-सीएम के बीच नहीं होगी तकरार, जानें भाजपा नेताओं ने क्या किया दावा

Delhi: दिल्ली में मुख्यमंत्री (सीएम) और उपराज्यपाल (एलजी) के बीच टकराव होना कोई नया मामला नहीं है. 1998 में शीला दीक्षित के मुख्यमंत्री बनने के बाद से अब तक कई बार दिल्ली के निर्वाचित प्रशासन और उपराज्यपाल के बीच अधिकारों और प्रशासनिक नियंत्रण को लेकर संघर्ष हुआ है. लेकिन, 2025 के विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत मिलने के बाद भाजपा के नेताओं की ओर से दावा किया जा रहा है कि अब एलजी और सीएम के बीच तकरार होने की आशंका नहीं है. आइए, जानते हैं कि दिल्ली में एलजी और सीएम के बीच 1998 से लेकर 2025 तक कब-कब किन मुद्दों पर तकरार हुई और भाजपा नेताओं का दावा क्या है? शीला दीक्षित बनाम उपराज्यपाल विजय कपूर (1998-2004) साल 1998 से लेकर 2004 तक शीला दीक्षित प्रशासन और उपराज्यपाल विजय कपूर के बीच कई नीतिगत मामलों को लेकर मतभेद रहे. मुख्य रूप से दिल्ली पुलिस के नियंत्रण, सीलिंग ड्राइव और मास्टर प्लान जैसे मुद्दों पर दोनों के बीच विवाद हुआ. उस समय दिल्ली की शीला दीक्षित प्रशासन चाहती थी कि उसे अधिक स्वायत्तता मिले, लेकिन केंद्र प्रशासन के अधीन उपराज्यपाल ने कई बार योजनाओं पर अड़ंगा लगाया. अरविंद केजरीवाल बनाम नजीब जंग (2013-2016) 2013 में आम आदमी पार्टी की प्रशासन बनने के बाद एलजी और सीएम के बीच पहली बड़ी तकरार शुरू हुई. केजरीवाल प्रशासन ने दिल्ली पुलिस, भूमि और कानून-व्यवस्था पर अधिक नियंत्रण की मांग की. नजीब जंग ने दिल्ली प्रशासन के अधिकारियों की नियुक्तियों में दखल दिया, जिससे विवाद बढ़ा. केजरीवाल प्रशासन ने बिना LG की मंजूरी के विधायिका में बिल पेश करने की कोशिश की, जिसे रोक दिया गया. केजरीवाल ने नजीब जंग को “मोदी प्रशासन का एजेंट” कहा और एलजी ऑफिस पर धरना तक दिया. अरविंद केजरीवाल बनाम अनिल बैजल (2016-2021) मुख्यमंत्री कार्यालय ने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल बिना मुख्यमंत्री की सहमति के फ़ाइलों को मंजूरी दे रहे थे. मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर आप विधायकों की ओर से कथित हमले के बाद अफसरों ने हड़ताल कर दी. केजरीवाल ने एलजी अनिल बैजल पर अफसरों को हड़ताल पर रखने का आरोप लगाया. सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में फैसला दिया कि “एलजी को मुख्यमंत्री की सलाह पर कार्य करना होगा,” लेकिन कुछ शक्तियां केंद्र प्रशासन के पास ही रहीं. इसे भी पढ़ें: शीला की लाज नहीं बचा पाए संदीप दीक्षित! परवेश वर्मा ने हनक के साथ बचाई पिता की साख अरविंद केजरीवाल बनाम वीके सक्सेना (2022 से अब तक) शराब नीति घोटाला विवाद: दिल्ली प्रशासन की नई आबकारी नीति को लेकर एलजी और सीएम में तीखी झड़प हुई. एलजी वीके सक्सेना ने इस नीति की सीबीआई जांच की सिफारिश की, जिससे दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर कानूनी शिकंजा कसा गया. दिल्ली सेवा बिल (2023): केंद्र प्रशासन ने “दिल्ली प्रशासन को अफसरों की नियुक्ति का अधिकार नहीं होगा” कहते हुए एक नया कानून लागू किया, जिससे सीएम और एलजी में फिर से तकरार बढ़ गई. आप विज्ञापन फंडिंग विवाद: एलजी ने आप प्रशासन पर प्रशासनी विज्ञापन के लिए सार्वजनिक धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया. इसे भी पढ़ें: भाजपा की आंधी में वोटकटवा भी नहीं बन पाई कांग्रेस, 70 में से 67 उम्मीदवारों की जमानत जब्त क्या कहते हैं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अब जबकि दिल्ली में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला है, तो उसके नेताओं का मानना है कि दिल्ली में 26 साल बाद पार्टी की सत्ता में वापसी से एक ऐसी प्रशासन बनेगी, जिसके उपराज्यपाल कार्यालय के साथ सौहार्दपूर्ण और सहयोगात्मक संबंध होंगे. मीडिया से बातचीत करते हुए भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि उनकी पार्टी संवैधानिक प्राधिकारियों का सम्मान करती है और उनके साथ हमेशा समन्वय और सहयोग सुनिश्चित करके लोगों की सेवा करने का लक्ष्य रखती है. सचदेवा ने कहा, ‘‘उपराज्यपाल ने हमेशा दिल्ली के लोगों के हितों को सुनिश्चित करने के लिए काम किया है जो भाजपा का भी लक्ष्य है. उनके मार्गदर्शन में दिल्ली में हमारी प्रशासन अच्छी गुणवत्ता वाली सेवाओं और सुविधाओं तक लोगों की पहुंच सुनिश्चित करेगी.’’ उन्होंने कहा कि भाजपा अपने चुनाव घोषणापत्र के अनुसार, दिल्ली को ‘‘विकसित राजधानी’’ बनाने के लिए काम करेगी. इसे भी पढ़ें: दिल्ली में 26 साल पहले प्याज-ड्रॉप्सी से ड्रॉप हुई थी भाजपा, आप’दा को हराकर आई वापस The post Delhi: दिल्ली में अब एलजी-सीएम के बीच नहीं होगी तकरार, जानें भाजपा नेताओं ने क्या किया दावा appeared first on Naya Vichar.

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Delhi Election Result: बीजेपी के साथ Exit Polls की भी हुई जीत, अधिकतर अनुमान सटीक

Delhi Election Result: दिल्ली विधानसभा में अधिकतर सर्वेक्षण एजेंसियों के एग्जिट पोल वास्तविक नतीजों के नजदीक रहे. इनमें भी सबसे चर्चित चुनावी सर्वेक्षण एजेंसियों ‘एक्सिस मॉय इंडिया’ और ‘टुडेज चाणक्य’ के अनुमान सटीक रहे. बीजेपी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए आम आदमी पार्टी को सत्ता से बाहर कर 27 साल बाद वापसी की है. एक्सिस मॉय इंडिया का अनुमान ‘एक्सिस मॉय इंडिया’ का अनुमान था कि दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को 45-55 सीट मिल सकती है, जबकि आप को 15-25 सीट से ही संतोष करना पड़ सकता है. कांग्रेस को अधिकतम एक सीट मिल सकती है. ‘टुडेज चाणक्य’ का एग्जिट पोल ‘टुडेज चाणक्य’ के एग्जिट पोल में कहा गया था कि भाजपा को 49 प्रतिशत वोट के साथ 51 (छह कम या ज्यादा) सीट हासिल हो सकती हैं, वहीं आप को 41 प्रतिशत वोट, 19 सीट (छह कम या ज्यादा) मिलने का अनुमान है. अन्य को 10 प्रतिशत वोट और अधिकतम तीन सीट मिलने का अनुमान लगाया गया था. मैट्रिज का एग्जिट पोल ‘मैट्रिज’ के सर्वेक्षण में कहा गया था भाजपा 35 से 40 सीट जीतकर प्रशासन बना सकती है. इस एजेंसी ने आप को 32 से 37 तथा कांग्रेस को शून्य से दो सीट मिलने का अनुमान जताया था. यह भी पढ़ें: ‘दिल्ली में सुशासन की हुई जीत’ नतीजों पर पीएम मोदी का आया रिएक्शन ‘पी-मार्क’ का एग्जिट पोल ‘पी-मार्क’ के एग्जिट पोल में संभावना जताई गई थी कि भाजपा 39-49 सीट जीतकर पूर्ण बहुत की प्रशासन बना सकती है. इस सर्वेक्षण में आप को 21 से 31 और कांग्रेस को 0-1 सीट मिलने की संभावना जताई गई थी. यह भी पढ़ें: PM Modi On Delhi Result: ‘शॉटकट नेतृत्व का शॉट सर्किट हो गया’, बीजेपी की जीत पर बोले पीएम मोदी पीपुल्स इनसाइट का एग्जिट पोल ‘पीपुल्स इनसाइट’ के सर्वेक्षण में कहा गया था कि भाजपा को 40-44 सीट मिल सकती हैं. जबकि आप को 25-29 तथा कांग्रेस को 0-2 सीट मिल सकती है. पीपुल्स प्लस का एग्जिट पोल पीपुल्स प्लस के एग्जिट पोल में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिलने का अनुमान जताया गया था. भाजपा को 51-60, आप को 10-19 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया था. जबकि कांग्रेस को सर्वे में एक भी सीटें नहीं मिलने का अनुमान लगाया गया था. चाणक्य स्ट्रेटजीज का एग्जिट पोल चाणक्य स्ट्रेटजीज के सर्वेक्षण में कहा गया था कि भाजपा को 39 से 44 सीटें मिलने का अनुमान है. उसने कहा था कि आप को 25 से 28 और कांग्रेस को दो से तीन सीटें मिल सकती हैं. इन दो सर्वे के अनुमान गलत साबित हुई “माइंड ब्रिंक” के सर्वेक्षण में आम आदमी पार्टी को बहुमत मिलने की संभावना जताई गई थी. उसका अनुमान था कि आप को 44 से 49 सीटें मिल सकती हैं और भाजपा को 21 से 25 और कांग्रेस को अधिकतम एक सीट मिलने का अनुमान है. वहीं “वी प्रीसाइड” के एग्जिट पोल में आप को 46 से 52 मिलने की संभावना जताई गई थी. इस सर्वे में कहा गया था कि भाजपा को 18 से 23 सीटें मिल सकती हैं और कांग्रेस के लिए खाता खोलना मुश्किल हो सकता है. The post Delhi Election Result: बीजेपी के साथ Exit Polls की भी हुई जीत, अधिकतर अनुमान सटीक appeared first on Naya Vichar.

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दिल्ली में 26 साल पहले प्याज-ड्रॉप्सी से ड्रॉप हुई थी भाजपा, आप’दा को हराकर आई वापस

Delhi Assembly Election: दिल्ली के विधानसभा चुनाव में भाजपा को प्रचंड जीत मिली है. आज से 26 साल पहले साल 1998 के दौरान दिल्ली में प्याज की बढ़ती कीमतों और ड्रॉप्सी नामक बीमारी की वजह से भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा था. 1998 में इन्हीं दो कारणों से कांग्रेस ने भाजपा को हराकर पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के नेतृत्व में प्रशासन बनाई थी. उसके बाद से भाजपा हमेशा विपक्ष में ही बैठती रही. 26 साल बाद 2025 में भाजपा ने आप’दा (आम आदमी पार्टी) को हराकर दिल्ली की सत्ता में वापसी की है. 1998 में शीला दीक्षित के नेतृत्व में जीती थी कांग्रेस 1998 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने शीला दीक्षित के नेतृत्व में जबरदस्त जीत हासिल की थी. उस समय भाजपा प्रशासन के खिलाफ जनता में नाराजगी थी, जिसका एक बड़ा कारण प्याज की बढ़ती कीमतें और ड्रॉप्सी नामक बीमारी का फैलना था. प्याज की कीमतों ने बदला चुनावी गणित 1998 में दिल्ली में प्याज की कीमतें 50-60 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई थीं, जो उस समय बहुत ज्यादा थी. प्याज आम आदमी की रोजमर्रा की जरूरतों में शामिल होता है और इसकी कीमतें बढ़ने से जनता में भाजपा प्रशासन के प्रति असंतोष बढ़ गया. सरसों तेल में मिलावट से दिल्ली में फैली थी ड्रॉप्सी की बीमारी ड्रॉप्सी एक खाद्य विषाक्तता (Food Poisoning) से जुड़ी बीमारी थी, जो मिलावटी सरसों के तेल के कारण फैली थी. दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में इस बीमारी से सैकड़ों लोग बीमार पड़ गए थे और कई मौतें भी हुई थीं. इस मुद्दे ने भी भाजपा प्रशासन की छवि को नुकसान पहुंचाया था. शीला दीक्षित की ऐतिहासिक जीत इन दोनों बड़े मुद्दों के चलते भाजपा को भारी नुकसान हुआ और कांग्रेस ने 70 में से 52 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया. शीला दीक्षित मुख्यमंत्री बनीं और लगातार 15 साल (1998-2013) तक सत्ता में रहीं. 2025 में भाजपा को जीत कैसे मिली पीएम मोदी की लोकप्रियता का लाभ: 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 26 साल बाद सत्ता में वापसी की, जो नेतृत्वक रूप से ऐतिहासिक जीत मानी जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और केंद्र प्रशासन की नीतियों ने भाजपा को मजबूत समर्थन दिलाया. 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की शानदार जीत के बाद दिल्ली में भी पार्टी को इसका सीधा फायदा मिला. अरविंद केजरीवाल और आप के खिलाफ नाराजगी: दिल्ली में भाजपा की प्रचंड जीत के पीछे अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के खिलाफ मतदाताओं की नाराजगी अहम कारण है. आम आदमी पार्टी की प्रशासन पर शराब नीति में घोटाले के आरोप लगे, जिससे जनता में नकारात्मक माहौल बना. कई आप नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे और कुछ को गिरफ्तार भी किया गया. इसका भाजपा ने चुनाव प्रचार में जोरदार इस्तेमाल किया. पहले जिन योजनाओं (फ्री बिजली-पानी, मोहल्ला क्लीनिक, शिक्षा मॉडल) से आप को समर्थन मिलता था, उन पर भी सवाल उठे. हिंदुत्व और राष्ट्रवाद की लहर: भाजपा ने चुनाव प्रचार में राम मंदिर, कश्मीर और राष्ट्रवाद जैसे मुद्दों को प्रमुखता दी. इससे मतदाता खासकर शहरी और मध्यम वर्ग भाजपा की ओर झुका. कांग्रेस का कमजोर प्रदर्शन: कांग्रेस अपनी स्थिति मजबूत करने में असफल रही और 70 में से 67 सीटों पर उनके उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई. इससे भाजपा को विपक्ष-विहीन माहौल मिला और एंटी-आप वोट भाजपा में शिफ्ट हो गया. इसे भी पढ़ें: शीला की लाज नहीं बचा पाए संदीप दीक्षित! परवेश वर्मा ने हनक के साथ बचाई पिता की साख आप कमजोर रणनीति और गवर्नेंस पर सवाल: पूरे चुनाव के दौरान भाजपा ने यह प्रचार किया कि आम आदमी पार्टी मुफ्त योजनाओं से सिर्फ वोटबैंक की नेतृत्व कर रही है, जबकि भाजपा ने ‘विकास’ और ‘सशक्तिकरण’ की बात की. पार्टी के कई नेता असंतुष्ट थे, जिससे चुनाव में भाजपा को फायदा मिला. भाजपा का आक्रामक चुनाव प्रचार: भाजपा ने दिल्ली में फुल कैंपेनिंग मशीनरी लगाई. इसमें प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह और योगी आदित्यनाथ जैसे बड़े नेता लगातार रैलियां कर रहे थे. उनके ‘डोर-टू-डोर’ कैंपेन और सोशल मीडिया रणनीति भी जबरदस्त रही. मतदाताओं का ध्रुवीकरण: भाजपा ने खासकर पूर्वांचली, पंजाबी, बनिया और गुजराती मतदाताओं को एकजुट किया, जो दिल्ली में बड़ा वोट बैंक हैं. शाहीन बाग और सीएए जैसे मुद्दों पर जोर दिया, जिससे कुछ खास वर्गों का समर्थन भाजपा को मिला. इसे भी पढ़ें: भाजपा की आंधी में वोटकटवा भी नहीं बन पाई कांग्रेस, 70 में से 67 उम्मीदवारों की जमानत जब्त The post दिल्ली में 26 साल पहले प्याज-ड्रॉप्सी से ड्रॉप हुई थी भाजपा, आप’दा को हराकर आई वापस appeared first on Naya Vichar.

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iTel Zeno 10 Review: सिर्फ ₹6199 में टेक्नोलॉजी का जलवा

Cheaper Affordable Smartphone: Transsion Holdings के तहत काम करनेवाली कंपनी itel Mobile एक विश्वसनीय ब्रांड के रूप में अपनी पहचान बनायी है. यह कम बजट में बढ़िया फीचर्स वाले स्मार्टफोन देने के लिए मशहूर है. इसकी नयी पेशकश itel Zeno 10, खासतौर पर उन यूजर्स के लिए है जो कम बजट में आधुनिक तकनीक का अनुभव करना चाहते हैं. इस स्मार्टफोन की खासियत है कि यह बेहतरीन फीचर्स और किफायती दाम में उपलब्ध है. itel Zeno 10 का डिजाइन और डिस्प्ले itel Zeno 10 में 6.6 इंच का IPS LCD डिस्प्ले है, जो HD+ (720 x 1612 पिक्सल) रेजॉल्यूशन के साथ बेहतरीन विजुअल एक्सपीरिएंस देता है. इसमें पानी की बूंद जैसा नॉच डिजाइन है, जिसमें 5MP का फ्रंट कैमरा फिट किया गया है. इसका डिस्प्ले स्पष्ट और रंगीन है, जो वीडियो देखने और गेमिंग के लिए एक शानदार एक्सपीरिएंस ऑफर करता है. प्रॉसेसर और स्टोरेज क्षमता itel Zeno 10 में Unisoc Tiger T603, Octa-core प्रॉसेसर है, जो स्मार्टफोन के रोजमर्रा के कामों के लिए उपयुक्त है. यह स्मार्टफोन 3GB/4GB RAM और 64GB स्टोरेज के साथ आता है, जिसे माइक्रोएसडी कार्ड के जरिये एक्सपैंड किया जा सकता है. इस फोन की स्टोरेज क्षमता उसे गेम्स और मल्टीमीडिया के लिए आदर्श बनाती है, और इसकी परफॉर्मेंस सुनिश्चित करती है कि आप बिना किसी रुकावट के इसका उपयोग कर सकें. कैमरा और बैटरी itel Zeno 10 में 8MP का ड्यूल रियर कैमरा और LED फ्लैश दिया गया है, जो अच्छी क्वॉलिटी की तस्वीरें खींचता है. इसके अलावा, 5000mAh की बड़ी बैटरी और 10W फास्ट चार्जिंग क्षमता के साथ, यह फोन पूरे दिन काम करने के लिए तैयार रहता है. यह लंबी बैटरी लाइफ उन यूजर्स के लिए आदर्श है, जो पूरे दिन अपने फोन का इस्तेमाल करते हैं. किफायती दाम और अतिरिक्त फीचर्स itel Zeno 10 की कीमत ₹6,199 से शुरू होती है, जो इसे एक बेहद किफायती स्मार्टफोन बनाती है. इसमें साइड-माउंटेड फिंगरप्रिंट सेंसर, 4G नेटवर्क सपोर्ट, Wi-Fi, Bluetooth, USB Type-C पोर्ट और ड्यूल सिम जैसे फीचर्स हैं. ये सभी विशेषताएं इसे उन लोगों के लिए आदर्श बनाती हैं, जो कम बजट में आधुनिक तकनीकी अनुभव चाहते हैं. कम कीमत में हाई क्वॉलिटी और बेहतर परफॉर्मेंस itel Zeno 10 एक किफायती स्मार्टफोन है, जो बेहतरीन प्रदर्शन और आधुनिक फीचर्स के साथ आता है. यदि आप एक बजट स्मार्टफोन ढूंढ रहे हैं, तो यह फोन आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है. यह स्मार्टफोन साबित करता है कि हाई क्वॉलिटी और बेहतर परफॉर्मेंस कम कीमत में भी संभव है. 7288 रुपये में मिल रहा सैमसंग का बेस्ट सेलिंग स्मार्टफोन, ऐसा ऑफर फिर नहीं The post iTel Zeno 10 Review: सिर्फ ₹6199 में टेक्नोलॉजी का जलवा appeared first on Naya Vichar.

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