फ्री के रेवड़ी पर कैसे भारी पड़ी BJP, जानें जीत के 5 कारण
Delhi Election Result 2025: दिल्ली में चुनाव के नतीजे आज आए हैं. बीजेपी के प्रत्याशियों ने आम आदमी पार्टी के की बड़े नेताओं को पटखनी दी है. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक बीजेपी अभी 48 सीटों पर आगे है. केजरीवाल के मुफ़्त के दावों के आगे दिल्ली जी जनता ने इस बार कड़ा जवाब दिया है. केजरीवाल का शीशमहल दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास को बीजेपी ने ‘शीशमहल’ करार दिया, और आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल ने इस आवास को सजाने पर करोड़ों रुपये खर्च किए. बीजेपी का यह आरोप था कि केजरीवाल ने अपनी ‘आम आदमी’ की छवि को तोड़ते हुए एक आलीशान जीवनशैली अपनाई। यह मुद्दा लंबे समय से बीजेपी के एजेंडे में था और चुनावी प्रचार में इसका विशेष ध्यान रखा गया। बीजेपी ने इसे अपनी सबसे बड़ी आलोचना का हथियार बनाया और इस पर आधारित नारों और अभियानों के जरिए केजरीवाल को जनता के सामने घेरा। यमुना का गंदा पानी यमुना नदी का गंदा पानी भी इस चुनाव का प्रमुख मुद्दा बना. बीजेपी ने यह मुद्दा उछालते हुए आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी के शासन में दिल्ली की सबसे महत्वपूर्ण नदी की हालत दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है. पिछले साल दिसंबर में अरविंद केजरीवाल ने एक प्रशासनी फ्लैट में जाकर पानी पीने की कोशिश की थी, जिससे उन्होंने दिल्ली जल बोर्ड की सफाई और जल आपूर्ति को साबित करने की कोशिश की। लेकिन बीजेपी ने इस पर पलटवार करते हुए राजधानी के विभिन्न हिस्सों में गंदे पानी को चुनावी मुद्दा बना लिया। इसने बीजेपी को चुनावी लाभ दिलाया. स्त्रीओं को 2500 रुपये बीजेपी ने दिल्ली की स्त्रीओं को ₹2500 प्रति माह देने का वादा किया. इसके अलावा, गरीब परिवारों को एलपीजी सिलेंडर पर ₹500 की सब्सिडी और त्योहारों के दौरान एक मुफ्त सिलेंडर देने की घोषणा की.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी रैलियों में इस घोषणा को लेकर भरोसा जताया कि बीजेपी के सत्ता में आने पर ये वादे जल्द पूरे होंगे. इस कदम ने बीजेपी को आम आदमी पार्टी की घोषणाओं से कहीं अधिक तवज्जो दिलाई और स्त्रीओं के बीच में पार्टी की पकड़ मजबूत की. बीजेपी का आक्रामक चुनाव प्रचार दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी के प्रचार का चेहरा खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रहे. उन्होंने समय-समय पर दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में रैलियाँ की और आम आदमी पार्टी की प्रशासन पर तीखे हमले किए. बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ परवेश वर्मा, और सीएम आतिशी के खिलाफ रमेश बिधूड़ी को मैदान में उतारा. इन नेताओं की लोकप्रियता और नेतृत्वक अनुभव का इस्तेमाल किया गया, ताकि आम आदमी पार्टी के बड़े नेताओं पर दबाव बनाया जा सके। इस आक्रामक प्रचार ने भाजपा को नेतृत्वक लाभ दिलाया. बिना CM के चेहरे के चुनाव लड़ना बीजेपी ने इस बार भी दिल्ली विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का नाम नहीं घोषित किया. इस रणनीति ने दिल्ली के विभिन्न समुदायों, जैसे पूर्वांचली, पहाड़ी और पंजाबी वोटरों को एकजुट किया. बीजेपी ने इस फॉर्मूले को कई राज्यों में सफलतापूर्वक लागू किया है, और दिल्ली में भी इसका फायदा उन्हें मिला. वोटरों ने एकजुट होकर बीजेपी को समर्थन दिया और इसने पार्टी को चुनावी फायदा पहुंचाया यह भी पढ़ें.. Delhi Election Result 2025: कौन हैं तरविंदर सिंह मारवाह? जिन्होंने जंगपुरा विधानसभा सीट पर मनीष सिसोदिया को दी पटखनी The post फ्री के रेवड़ी पर कैसे भारी पड़ी BJP, जानें जीत के 5 कारण appeared first on Naya Vichar.