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February 12, 2025

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संजय सुरेका की 210.07 करोड़ की अचल संपत्ति की गयी कुर्क

एक्शन. कॉनकास्ट ग्रुप के सीएमडी के खिलाफ इडी की कार्रवाई करीब छह हजार करोड़ रुपये का बैंक ऋण जालसाजी का है मामला संवाददाता, कोलकाता करोड़ों रुपये के बैंक ऋण जालसाजी मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के कोलकाता जोनल कार्यालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मेसर्स कॉनकास्ट स्टील एंड प्राइवेट लिमिटेड एंड पावर लिमिटेड के मालिक, कॉनकास्ट ग्रुप के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) संजय कुमार सुरेका की करीब 210.07 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है. उक्त निजी संस्थान व उससे जुड़े संस्थानों पर करीब छह हजार करोड़ रुपये की बैंक ऋण जालसाजी का आरोप है और उक्त मामले की जांच इडी कर रही है. इडी द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, अचल संपत्तियों की कुर्की धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के तहत की गयी है. पिछले साल दिसंबर महीने में इडी अधिकारी ने बैंक ऋण जालसाजी के उक्त मामले की जांच के सिलसिले में दक्षिण कोलकाता के बालीगंज में सुरेका के आवास पर मैराथन छापेमारी और तलाशी अभियान चलाया था. उस छापेमारी और तलाशी अभियान के बाद इडी अधिकारियों ने उनके आवास से करीब दो करोड़ रुपये की नकदी, करीब 4.5 करोड़ रुपये के आभूषण और दो वाहन जब्त किये थे. इसके बाद इडी के अधिकारियों ने सुरेका को भी गिरफ्तार कर लिया था. सुरेका के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने कई बैंक खातों के माध्यम से वाणिज्यिक बैंकों के एक संघ से करीब छह हजार करोड़ रुपये का ऋण लेने के बाद, जब भुगतान का समय आया तो उन्होंने भुगतान नहीं किया. उनपर यह भी आरोप लगाया गया कि सुरेका के कॉरपोरेट इकाई के कर्मचारियों और व्यावसायिक सहयोगियों के नाम पर पंजीकृत बैंक खातों का उपयोग भी ऋण प्राप्त करने में किया गया. इसके अलावा, सुरेका अपने आवास से बरामद नकदी का विवरण देने में भी असमर्थ रहे, साथ ही महंगे आभूषणों और विदेशी निर्मित लग्जरी कारों की खरीद के लिए धन के स्रोतों के बारे में भी नहीं बता सके थे. इस वर्ष जनवरी में इडी अधिकारियों ने कोलकाता और उसके आसपास के दो अन्य स्थानों पर छापे मारे और तलाशी अभियान चलाये, जिनमें से एक स्थानीय व्यवसायी दीपक जैन का आवास था. इडी अधिकारियों ने पूरे कथित घोटाले में धन के लेन-देन का पता लगाया, जिससे उन्हें स्पष्ट जानकारी मिली कि जालसाजी कैसे हुई. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post संजय सुरेका की 210.07 करोड़ की अचल संपत्ति की गयी कुर्क appeared first on Naya Vichar.

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Kumbh Mela Special Train 2025: झारखंड से महाकुंभ जाना होगा आसान, चलेगी ये स्पेशल ट्रेन

Kumbh Mela Special Train 2025: धनबाद-महाकुंभ जाने के लिए ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ कम नहीं हो रही है. इसके लिए रेलवे की ओर से विशेष ट्रेनें चलायी जा रही हैं. रेलवे की ओर से धनबाद-टूंडला-धनबाद के लिए कुंभ मेला विशेष ट्रेन चलायी जायेगी. रेलवे ने इसकी घोषणा कर दी है. यह ट्रेन 15 फरवरी को धनबाद स्टेशन से खुलेगी, वहीं 16 फरवरी को टूंडला से प्रस्थान करेगी. 15 फरवरी की दोपहर में खुलेगी ट्रेन ट्रेन संख्या 03697 धनबाद-टूंडला स्पेशल 15 फरवरी से दोपहर 12.40 बजे प्रस्थान करेगी. 01.38 बजे पारसनाथ, 02.25 बजे कोडरमा, 03.55 बजे गया, शाम 05.01 बजे अनुग्रह नारायण रोड, 05.18 बजे डेहरी ऑन सोन, 05.35 बजे सासाराम, 06.10 भभुआ रोड, 6.40 बजे चंदौली मांझवर, 07.40 बजे पंडित दीन दयाल उपाध्याय, चुनार में रात 08.50 बजे, मिर्जापुर 09.38 बजे, प्रयागराज में रात 22.35 बजे, फतेहपुर में रात 01.35 बजे, गोविंदपुरी में दूसरे दिन सुबह 04.30 बजे, इटावा में 6.30 बजे और टूंडला में दिन के नौ बजे पहुंचेगी. वापसी में ट्रेन संख्या 03698 टूंडला-धनबाद स्पेशल 16 फरवरी को टूंडला से प्रस्थान करेगी. ट्रेन शाम चार बजे टूंडला से खुलेगी. दूसरे दिन 12.40 बजे धनबाद पहुंचेगी. ट्रेन में सीटों की बुकिंग शुरू इस विशेष ट्रेन को 18 कोच के साथ चलाया जायेगा. इसमें सात जनरल, नौ स्लीपर क्लास के साथ दो एसएलआरडी कोच होंगे. ट्रेन में सीटों की बुकिंग शुरू हो गयी है. ये भी पढ़ें: Mahakumbh Special Train: माघ पूर्णिमा पर महाकुंभ स्नान के लिए धनबाद स्टेशन पर उमड़ी भीड़, स्पेशल ट्रेन हुई रवाना ये भी पढ़ें: LOC के पास IED ब्लास्ट में झारखंड के लाल कैप्टन सरदार करमजीत सिंह बक्शी शहीद, पांच अप्रैल को होनी थी शादी ये भी पढ़ें: Viral Video: Monalisa को पढ़ाते बॉलीवुड फिल्म निर्देशक सनोज मिश्रा का वीडियो वायरल The post Kumbh Mela Special Train 2025: झारखंड से महाकुंभ जाना होगा आसान, चलेगी ये स्पेशल ट्रेन appeared first on Naya Vichar.

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CM Chandrababu Naidu: महिलाओं को वर्क फ्रॉम होम देने की तैयारी में ये राज्य, सीएम ने खुद किया ऐलान 

CM Chandrababu Naidu: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने घोषणा की है कि उनकी प्रशासन राज्यभर में स्त्रीओं के लिए वर्क फ्रॉम होम की नीति लागू करने की योजना बना रही है. यह पहल सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) नीति 4.0 के तहत की जा रही है, जिससे स्त्रीओं को बड़े पैमाने पर घर से काम करने के अवसर मिलेंगे. हालांकि, नायडू ने इस योजना के क्रियान्वयन की सटीक समय-सीमा साझा नहीं की. नायडू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) क्षेत्रों में कार्यरत स्त्रीओं और लड़कियों को ‘अंतरराष्ट्रीय स्त्री एवं बालिका विज्ञान दिवस’ की शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि उनकी प्रशासन इन क्षेत्रों में स्त्रीओं के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. उनके पोस्ट से यह संकेत मिलता है कि इस वर्क फ्रॉम होम सुविधा का लाभ विशेष रूप से तकनीकी, गणित और विज्ञान के क्षेत्र में कार्यरत स्त्रीओं को मिल सकता है. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि COVID-19 महामारी के दौरान कार्य संस्कृति में बड़ा बदलाव आया है और तकनीक ने ‘घर से काम’ करने की अवधारणा को आसान बना दिया है. उन्होंने कहा कि रिमोट वर्क, कोवर्किंग स्पेस (CWS) और नेबरहुड वर्कस्पेस (NWS) जैसी अवधारणाएं व्यवसायों और कर्मचारियों को अधिक लचीला और उत्पादक कार्य वातावरण बनाने में मदद कर सकती हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि इन पहलों से कार्य-जीवन संतुलन को बेहतर बनाने में सहायता मिलेगी और आंध्र प्रदेश में इस परिवर्तन को अपनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं. नायडू ने बताया कि राज्य प्रशासन आईटी और जीसीसी नीति 4.0 के तहत इस परिवर्तन को बढ़ावा दे रही है. प्रशासन डेवलपर्स को हर शहर, कस्बे और मंडल में आईटी कार्यालय स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन दे रही है और स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन के लिए आईटी और जीसीसी फर्मों का समर्थन कर रही है. इस योजना के माध्यम से स्त्री कार्यबल की भागीदारी बढ़ाने की उम्मीद जताई जा रही है, खासकर वे स्त्रीएं जो लचीले रिमोट या हाइब्रिड कार्य विकल्पों की तलाश में हैं. वर्तमान में, देशभर में कोई राष्ट्रव्यापी वर्क फ्रॉम होम नीति नहीं है, लेकिन कुछ विशेष कंपनियां और सेक्टर्स अभी भी अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधा दे रहे हैं. आंध्र प्रदेश प्रशासन की यह पहल एक बड़ी नीतिगत क्रांति हो सकती है, जिससे स्त्रीओं को अधिक स्वतंत्रता और कार्य संतुलन मिल सकेगा. इसे भी पढ़ें: अगले 48 घंटे 7 राज्यों में भारी बारिश-आंधी और तूफान का हाई अलर्ट इसे भी पढ़ें: आज स्कूल-बैंक और मांस-शराब की दुकानें बंंद, जानें कारण  The post CM Chandrababu Naidu: स्त्रीओं को वर्क फ्रॉम होम देने की तैयारी में ये राज्य, सीएम ने खुद किया ऐलान  appeared first on Naya Vichar.

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Jharkhand High Court: झारखंड हाईकोर्ट ने इस जिले के तत्कालीन डीसी पर लगाया 50 हजार जुर्माना, ये है वजह

Jharkhand High Court: रांची-झारखंड हाईकोर्ट ने साहिबगंज के तत्कालीन उपायुक्त राम निवास यादव पर 50 हजार रुपये का दंड लगाया है. इसके साथ ही याचिकादाता प्रकाश यादव उर्फ मुंगेरी यादव को माइनिंग लीज रद्द करने की वजह से हुए नुकसान की भरपाई की वसूली के लिए कोर्ट में याचिका दाखिल करने की आजादी दी है. हाईकोर्ट ने प्रकाश यादव की याचिका की सुनवाई के बाद यह आदेश दिया है. डीसी ने कर दी थी माइनिंग लीज रद्द प्रकाश यादव की कंपनी ‘मेसर्स हिल मूवमेंट’ के नाम पर प्रशासन ने माइनिंग लीज दी थी. साहिबगंज के उपायुक्त ने आठ अगस्त 2023 को एक आदेश पारित कर कंपनी को दी गयी माइनिंग लीज रद्द कर दी थी. उपायुक्त द्वारा की गयी इस कार्रवाई को प्रकाश यादव उर्फ मुंगेरी यादव ने हाइकोर्ट में चुनौती दी. याचिका में राज्य प्रशासन, साहिबगंज के उपायुक्त और जिला खनन पदाधिकारी को प्रतिवादी बनाया गया था. याचिका पर मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्रा राव और न्यायाधीश दीपक रोशन की पीठ में सुनवाई हुई. याचिकादाता की ओर से यह कहा गया था कि माइनर मिनरल कंसेशन रूल में उपायुक्त को माइनिंग लीज रद्द करने का अधिकार नहीं है. उपायुक्त ने लीज रद्द करने के दौरान याचिकादाता का पक्ष नहीं सुना. उसे कभी कारण बताओ नोटिस नहीं जारी किया गया. हालांकि, लीज रद्द करने से संबंधित आदेश के साथ जनवरी 2022 और फरवरी 2022 में जारी किये गये नोटिस की कॉपी भेजी गयी. साथ ही यह भी कहा गया कि प्रकाश यादव की ओर से कारण बताओ नोटिस का जवाब नहीं दिया गया. न्यायालय में दायर नहीं किया गया शपथ पत्र मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने प्रतिवादियों को शपथ पत्र दायर कर अपना पक्ष पेश करने का निर्देश दिया. हालांकि, प्रतिवादी की ओर से शपथ पत्र दायर नहीं किया गया. 30 जनवरी 2025 को मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पाया कि बार-बार समय दिये जाने के बावजूद शपथ पत्र दायर नहीं किया गया. इसके बाद न्यायालय ने शपथ पत्र दायर करने के लिए और एक सप्ताह का समय दिया. हालांकि, प्रतिवादियों की ओर से न्यायालय द्वारा उठाये गये बिंदुओं के आलोक में शपथ पत्र दायर नहीं किया. सिर्फ यह कहा गया कि याचिकाकर्ता को अपील में जाने का प्रावधान है. वह उपायुक्त के आदेश के खिलाफ अपील में जा सकता है. इसके बाद न्यायालय ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि उपायुक्त को लीज रद्द करने का कोई अधिकार नहीं है. माइंस एंड मिनरल्स डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन एक्ट-1957 की धारा-4ए(2) में निहित प्रावधानों के तहत यह अधिकार राज्य प्रशासन के पास है. न्यायालय ने प्रकाश यादव की माइनिंग लीज रद्द करने से संबंधित उपायुक्त के आदेश को निरस्त कर दिया. साथ ही उपायुक्त पर 50 हजार रुपये का दंड लगाया. दंड की यह रकम याचिकादाता को देने का आदेश दिया. न्यायालय ने अपने फैसले में याचिकादाता को आजादी दी कि वह लीज रद्द करने की वजह से हुए नुकसान की भरपाई के लिए न्यायालय में जा सकता है. ये भी पढ़ें: Mahakumbh Special Train: माघ पूर्णिमा पर महाकुंभ स्नान के लिए धनबाद स्टेशन पर उमड़ी भीड़, स्पेशल ट्रेन हुई रवाना The post Jharkhand High Court: झारखंड हाईकोर्ट ने इस जिले के तत्कालीन डीसी पर लगाया 50 हजार जुर्माना, ये है वजह appeared first on Naya Vichar.

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