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February 17, 2025

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Video Viral: नई पीढ़ी की बेशर्मी? वायरल वीडियो से मचा तहलका

Video Viral: हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें 12-13 साल के तीन शिशु एक लड़का और दो लड़कियां एक-दूसरे को गले लगाते नजर आ रहे हैं. वीडियो में दिखाया गया है कि पहले वे गले मिलते हैं, फिर लड़का एक लड़की को किस करता है और उसे गोद में उठा लेता है. इसी दौरान, एक पास के घर से एक व्यक्ति उन पर पानी फेंककर उन्हें वहां से जाने के लिए कहता है. जब शिशु नहीं मानते, तो वह व्यक्ति गुस्से में आकर उन पर जूता भी फेंकता है और डांटता है. इसके बाद लड़कियां वहां से भाग जाती हैं, लेकिन लड़का अपनी स्कूटी लेने के लिए वापस आता है. सोशल मीडिया पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया वीडियो के वायरल होने के बाद इस पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. कुछ लोग इसे बच्चों की अनुचित हरकत बता रहे हैं और कह रहे हैं कि उनके साथ और भी सख्ती से पेश आना चाहिए था. वहीं, कुछ लोग इसे समाज में बढ़ती अश्लीलता का संकेत मान रहे हैं. यह कुत्ते या कुत्तिया नहीं है है तो इंसान ही हैं बस हरकतें जानवरों वाली है pic.twitter.com/wbfOBQxaQG — Kikki Singh (@singh_kikki) February 14, 2025 कुछ यूजर्स का कहना है कि आज के दौर में बच्चों पर सही मार्गदर्शन और शिक्षा की कमी है, जिससे वे इस तरह की हरकतें कर रहे हैं. दूसरी ओर, कुछ लोगों को वीडियो में दिखाए गए व्यक्ति द्वारा बच्चों पर पानी फेंकने और जूता मारने जैसी हरकतों पर भी आपत्ति है. उनका मानना है कि बच्चों को सही राह दिखाने के लिए उनके साथ हिंसा या दुर्व्यवहार करना गलत है. बच्चों के मार्गदर्शन की जरूरत यह घटना समाज में बढ़ते डिजिटल प्रभाव और बच्चों की स्वतंत्रता को लेकर बहस को भी जन्म दे रही है. जहां कुछ लोग इसे संस्कारों की गिरावट मान रहे हैं, वहीं कुछ लोग माता-पिता और शिक्षकों से बच्चों को सही दिशा देने की अपील कर रहे हैं. बच्चों को नैतिक शिक्षा देना और उन्हें सही-गलत का ज्ञान कराना जरूरी है, ताकि वे अपने कार्यों के परिणाम को समझ सकें. इस तरह के मामलों से यह स्पष्ट होता है कि बच्चों की परवरिश और शिक्षा में संतुलन बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है. साथ ही, समाज को भी यह समझना होगा कि गलत व्यवहार को सुधारने के लिए हिंसा या अपमानजनक भाषा का सहारा लेना उचित नहीं है. इसे भी पढ़ें: सेना प्रमुख और पुलिस DGP में कौन ज्यादा शक्तिशाली? जानें इनकी सैलरी इसे भी पढ़ें: 17 से 21 फरवरी तक भारी बारिश-आंधी-तूफान हाई अलर्ट The post Video Viral: नई पीढ़ी की बेशर्मी? वायरल वीडियो से मचा तहलका appeared first on Naya Vichar.

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Army Chief vs Police DGP: सेना प्रमुख और पुलिस DGP में कौन ज्यादा शक्तिशाली? जानें इनकी सैलरी

Army Chief vs Police DGP: हमने अक्सर फिल्मों, टीवी और समाचारों में हिंदुस्तानीय सेना के जनरल और पुलिस विभाग के डीजीपी (Director General of Police) का जिक्र सुना है. दोनों ही पद उच्चतम स्तर के होते हैं और अपने-अपने क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दोनों पदों की शक्तियों और जिम्मेदारियों में क्या अंतर है? आइए जानते हैं कि आर्मी जनरल और डीजीपी में कौन अधिक शक्तिशाली होता है और उनके अधिकार क्षेत्र क्या हैं. पद और जिम्मेदारियां हिंदुस्तानीय सेना का जनरल पूरे देश की बाहरी सुरक्षा का जिम्मा संभालता है. यह सेना का सर्वोच्च पद होता है और यह सीधे रक्षा मंत्रालय और राष्ट्रपति को रिपोर्ट करता है. जनरल का मुख्य कार्य देश की सीमाओं की रक्षा करना, युद्ध के समय रणनीति तैयार करना और सशस्त्र बलों का नेतृत्व करना होता है. वहीं, एक डीजीपी किसी राज्य में पुलिस विभाग का सर्वोच्च अधिकारी होता है. वह राज्य की आंतरिक कानून व्यवस्था बनाए रखने और अपराध नियंत्रण की जिम्मेदारी संभालता है. डीजीपी राज्य प्रशासन के गृह सचिव और मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करता है. कौन अधिक शक्तिशाली? अगर शक्ति की तुलना करें, तो हिंदुस्तानीय सेना का जनरल डीजीपी से कहीं अधिक शक्तिशाली होता है. इसका मुख्य कारण यह है कि जनरल का संबंध राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता से होता है, जबकि डीजीपी सिर्फ राज्य की कानून व्यवस्था को संभालता है. सेना का जनरल युद्ध और सीमाओं की सुरक्षा का प्रभारी होता है, जिसके आदेश पर देश में सैन्य कार्रवाई की जा सकती है. वहीं, डीजीपी की शक्तियां राज्य के दायरे तक सीमित होती हैं. वह केवल अपराध और कानून व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल का नेतृत्व करता है. हालांकि, आपातकालीन परिस्थितियों में डीजीपी राज्य में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए विशेष शक्तियों का इस्तेमाल कर सकता है, लेकिन उसकी शक्ति सेना के जनरल के मुकाबले कम होती है. वेतन और सुविधाएं अगर वेतन की बात करें, तो हिंदुस्तानीय सेना के जनरल का वेतन ₹2,50,000 प्रति माह होता है, साथ ही उन्हें कई अन्य प्रशासनी सुविधाएं मिलती हैं, जैसे कि प्रशासनी आवास, वाहन, सुरक्षा, मेडिकल सुविधाएं, कैंटीन सेवाएं और उच्च पेंशन. वहीं, डीजीपी का वेतन ₹2,25,000 प्रति माह होता है. उन्हें भी कई प्रशासनी सुविधाएं मिलती हैं, जैसे प्रशासनी आवास, वाहन, सुरक्षा, मेडिकल सुविधाएं, महंगाई भत्ता (DA) और पेंशन. हालांकि, सुविधाओं और शक्ति के मामले में सेना के जनरल को अधिक अधिकार और सुविधाएं प्राप्त होती हैं. आर्मी जनरल और डीजीपी दोनों ही अपने-अपने क्षेत्रों में सर्वोच्च पदों पर होते हैं, लेकिन आर्मी जनरल की शक्ति, अधिकार और प्रभाव डीजीपी से अधिक होते हैं. एक जनरल राष्ट्रीय स्तर पर कार्य करता है और देश की रक्षा की जिम्मेदारी संभालता है, जबकि डीजीपी केवल राज्य स्तर पर कानून व्यवस्था को बनाए रखने का कार्य करता है. हालांकि, दोनों ही पद देश और समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और अपनी-अपनी जिम्मेदारियों में अहम भूमिका निभाते हैं. इसे भी पढ़ें: 17 से 21 फरवरी तक भारी बारिश-आंधी-तूफान हाई अलर्ट The post Army Chief vs Police DGP: सेना प्रमुख और पुलिस DGP में कौन ज्यादा शक्तिशाली? जानें इनकी सैलरी appeared first on Naya Vichar.

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Weather Forecast: झारखंड में फिर बदलेगा मौसम, गरज के साथ होगी बारिश, वज्रपात का येलो अलर्ट

Weather Forecast: रांची-झारखंड के अलग-अलग हिस्सों में एक बार फिर मौसम का मिजाज बदलेगा. आसमान में बादल छाए रहेंगे और गरज के साथ बारिश हो सकती है. 19 फरवरी से झारखंड में बारिश के आसार हैं. 22 फरवरी तक बारिश की संभावना है. गर्जन और बारिश के दौरान वज्रपात भी हो सकता है. इसे लेकर मौसम केंद्र ने येलो अलर्ट जारी किया है. 18 फरवरी से आसमान में छाया रहेगा बादल मौसम केंद्र ने अपने पूर्वानुमान में बताया है कि 18 फरवरी से बादल छाया रहेगा. 22 फरवरी तक अलग-अलग हिस्सों में बारिश हो सकती है. 19 फरवरी को दक्षिण-पूर्वी हिस्से में बारिश हो सकती है. 20 फरवरी को दक्षिण तथा निकटवर्ती मध्य हिस्से में बारिश के आसार हैं. इस दौरान अधिकतम तापमान 28-29 और न्यूनतम तापमान 14 से 16 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है. मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान 12 डिग्री सेल्सियस रहा रांची का न्यूनतम तापमान राजधानी रांची का न्यूनतम तापमान रविवार को 12 डिग्री सेल्सियस रहा. अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. जमशेदपुर, बोकारो, चाईबासा, डालटनगंज का अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा. न्यूनतम तापमान 11 से 13 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा. सबसे गर्म सरायकेला रहा. वहां का अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा. झारखंड के सभी जिलों में न्यूनतम और अधिकतम तापमान मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान ये भी पढ़ें: Delhi Station Stampede: दिल्ली भगदड़ से सबक, कोरस कमांडो ने झारखंड के इस स्टेशन पर संभाला मोर्चा ये भी पढ़ें: Hemant Soren Gift: झारखंड के 11.80 लाख बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों को पेंशन की सौगात, एक साथ मिलेंगे इतने महीने के पैसे ये भी पढ़ें: Jharkhand Village Story: झारखंड का अनोखा गांव, जहां भीषण गर्मी में भी होता है ठंड का अहसास ये भी पढ़ें: Jharkhand Village Story: झारखंड का एक गांव, जहां बरसो पानी जोर से कहने और ताली बजाने पर होने लगती है बारिश The post Weather Forecast: झारखंड में फिर बदलेगा मौसम, गरज के साथ होगी बारिश, वज्रपात का येलो अलर्ट appeared first on Naya Vichar.

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बिहार का भूजल देश की तुलना में बेहतर, फ्लोराइड का दायरा घटा तो क्लोराइड, यूरेनियम ने दी दस्तक

Ground Water in Bihar : पटना, प्रह्लाद कुमार. देश के अन्य राज्यों की तुलना में बिहार में पानी अब भी बेहतर स्थिति में है. भूजल में फ्लोराइड की मौजूदगी यूपी के 27 जिलों, झारखंड के आठ जिलों, राजस्थान के 31, गुजरात के 25, तेलंगाना के 28, तमिलनाडु के 21 जिलों में है. वहीं, बिहार में महज छह जिलों में फ्लोराइड है. साथ ही, सैलेनिटी (खारापन) की समस्या आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान व उत्तर प्रदेश में बहुत है, लेकिन बिहार की बात करें, तो यहां पानी में खारापन की स्थिति में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं है. आर्सेनिक प्रभावित जिलों में बिहार नंबर दो आर्सेनिक प्रभावित जिलों में बिहार उत्तर प्रदेश के बाद दूसरा राज्य है. बिहार के 20 जिलों के भूजल में आर्सेनिक की मात्रा अनुमान्य सीमा से काफी अधिक है. वहीं, यूरेनियम की उपस्थिति केवल सीवान में मिली है. बिहार प्रशासन के दिशा-निर्देश पर गुणवत्ता प्रभावित इलाकों में रहने वाले परिवारों को पानी से हो रही बीमारियों से बचाने के लिए पीएचइडी लगातार हर घर नल का जल पहुंचाने में जुटा है. प्रदूषण वाले इलाके में विभाग जल शुद्धिकरण संयंत्र लगा कर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया है. मुख्य बातें -तेजी से बढ़ते भूजल संक्रमण को रोकने के लिए यह समेकित प्रयास जरूरी पीएचइडी द्वारा 123 जल जांच प्रयोगशाला चलायी जा रही हैं, लेकिन अधिकतर पद खाली रहने के कारण जल जांच कम हो रहे हैं. शहरी जलापूर्ति व्यवस्था के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग के पास की लैब नहीं है. समुदाय स्तर पर फील्ड टेस्ट किट के माध्यम से पेयजल गुणवत्ता की निगरानी जरुरी है. इसके लिए पीएचइडी ने किट खरीदने के लिए निविदा जारी की गयी है. कृषि में जैविक खाद को प्रोत्साहन देने के लिए काम किया जायेगा. कचरा जल प्रबंधन और मल प्रबंधन के लिए नयी नीति बनायी जायेगी, ताकि दूषित पानी का क्षेत्र में बढ़ोतरी नहीं हो. भूजल में नाइट्रेट, क्लोराइड, यूरेनियम ने दी दस्तक पीएचइडी के मुताबिक राज्य के 30,207 ग्रामीण वार्डों के भूजल में आर्सेनिक, फ्लोराइड व आयरन अनुमान्य सीमा से अधिक है. इसके बावजूद इसे जल शुद्धिकरण संयंत्र लगा कर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया है, साथ ही, भूजल में नाइट्रेट, क्लोराइड, यूरेनियम व सैलेनिटी (खारापन) ने नयी चुनौती के रूप में दस्तक दी है. आयरन की चुनौती 10 जिलों तक ही नहीं, 33 जिलों में पहुंची है. वहीं, फ्लोराइड का दायरा घटा है. फ्लोराइड मात्र छह जिलों बांका, गया, जमुई, नालंदा, नवादा व शेखपुरा में ही रिपोर्ट हुई है. आर्सेनिक गंगा नदी के समीप वाले जिलों से आगे बढ़कर अररिया, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, किशनगंज, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, पश्चिम चंपारण में भी रिपोर्ट हुई है, जिसको लेकर पीएचइडी ने नये सिरे से नीति बनाने का निर्देश अधिकारियों को दिया है. Also Read: नीतीश की इस योजना से बिहार में बना स्वरोजगार का माहौल, 44 हजार से ज्यादा युवा बने उद्यमी The post बिहार का भूजल देश की तुलना में बेहतर, फ्लोराइड का दायरा घटा तो क्लोराइड, यूरेनियम ने दी दस्तक appeared first on Naya Vichar.

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विधानसभा चुनाव के लिए एक्टिव हुई कांग्रेस, राहुल गांधी के बाद अब मल्लिकार्जुन खरगे आ रहे बिहार

Congress: पटना. बिहार में इस साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पूरी तरह एक्टिव हो गई है. पहले लोकसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी 20 से 25 दिनों के भीतर दो बार पटना के दौरेपर आ चुके हैं. अब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे 22 फरवरी को एक दिवसीय बिहार दौरे पर आ रहे हैं. पार्टी नेताओं से मिली जानकारी के अनुसार वे बक्सर में पार्टी की ओर से आयोजित जय बापू-जय भीम- जय संविधान कार्यक्रम में शामिल होंगे. राहुल गांधी ने जाति गणना को बताया था फेक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के संभावित बिहार आगमन को देखते हुए प्रदेश नेतृत्व की ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है. इससे पहले जब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पटना दौरे पर आए थे, तो बिहार की जातीय जनगणना को फेक और लोगों को बेवकूफ बनानेवाला बताया था. साथ ही आरजेडी चीफ लालू यादव से मिलने उनके आवास भी गए थे. इस दौरान पूर्व सीएम राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव भी मौजूद रहे थे. अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बिहार दौरे को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में भी उत्साह है. बिहार में गठबंधन को लेकर स्थिति साफ नहीं बिहार में राजद के साथ गठबंधन को लेकर स्थिति साफ नहीं है. पिछले दिनों लालू यादव ने ममता बनर्जी को इंडिया ब्लॉक का नेता बनाने की वकालत की, तो तेजस्वी ने इंडिया गठबंधन को सिर्फ लोकसभा चुनाव तक सीमित रहने की बात कही थी. राहुल गांधी के बिहार प्रवास के दौरान लालू परिवार से मुलाकात के जरिए इंडिया गठबंधन में सबकुछ ठीक बताने की कोशिश की गई थी. ये मुलाकात इसलिए अहम मानी जा रही थी क्योंकि बिहार में सीट बंटवारे को लेकर आरजेडी और कांग्रेस के बीच पिछले दिनों काफी तल्खियां बढ़ी रहीं थी. 20 को पटना आयेंगे नये प्रदेश कांग्रेस प्रभारी प्रदेश कांग्रेस प्रभारी के रूप में नियुक्ति के बाद कृष्णा अल्लवारू पहली बार 20 फरवरी को बिहार के तीन दिवसीय दौरे पर पटना पहुंचेंगे. यह जानकारी देते हुए बिहार कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने बताया कि कृष्णा अल्लवारू तीन दिनों के अपने प्रवास में पार्टी नेताओं से भी मुलाकात करेंगे. साथ ही यहां प्रस्तावित विभिन्न नेतृत्वक कार्यक्रमों में भी शामिल होंगे. उनके कार्यक्रम को लेकर पार्टी के कार्यकर्ता पूरी तरीके से उत्साहित हैं. उनके आगमन पर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में स्वागत कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा. Also Read: नीतीश की इस योजना से बिहार में बना स्वरोजगार का माहौल, 44 हजार से ज्यादा युवा बने उद्यमी The post विधानसभा चुनाव के लिए एक्टिव हुई कांग्रेस, राहुल गांधी के बाद अब मल्लिकार्जुन खरगे आ रहे बिहार appeared first on Naya Vichar.

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एसपीजी की तर्ज पर बिहार में भी मिलेगी विशेष सुरक्षा, जिलों में होगा ‘सिक्योरिटी पोल’ का गठन

Security Pole: पटना. आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अभी से ही तैयारी की जा रही है. इसे लेकर अब बिहार के सभी जिलों में वीआईपी, वीवीआईपी की सुरक्षा के लिए एसपीजी की तर्ज पर सिक्योरिटी पोल तैयार किए जाएंगे. 13 अप्रैल तक हर हाल में सिक्योरिटी पोल सभी जिले के पुलिस अधीक्षक को तैयार कर इसकी सूची पुलिस मुख्यालय भेजने का निर्देश दिया गया है. दरअसल, 2023 में ही पुलिस मुख्यालय से सिक्योरिटी पोल का गठन किया गया था. यह अपने मूल प्रभाव में अभी तक नहीं आपाया. हर हाल में लागू होगा सिक्योरिटी पोल पुलिस मुख्यालय को लगातार वीआईपी की सुरक्षा में गड़बड़ी की सूचनाएं मिल रही थीं. इस वजह से सिक्योरिटी पोल को हर हाल में लागू करने का आदेश दिया गया है. बताया जा रहा है कि 14 फरवरी से सिक्योरिटी पोल को लेकर कई जिलों के एसपी ने काम भी शुरू कर दिया है. पोल के सदस्य खाकी में नहीं, सादी कमीज, काली पैंट, काले चमड़े के बेल्ट व जूते और काले या ब्लू रंग के मौजे में तैनात रहेंगे. इस दौरान वीआईपी की सुरक्षा में जो कारकेड रहेंगे, उसके ड्राइवर भी सिक्योरिटी पोल के सदस्य की तरह ही ड्रेस पहनेंगे. प्रत्येक सिक्योरिटी पोल 6, 12 से 30 की संख्या की एक सेट में होगी. कई जिलों में शुरू हुई गठन की प्रक्रिया भागलपुर संवाददाता के अनुसार वहां के आईजी ने सभी एसपी को सिक्योरिटी पोल में तेज तर्रार पुलिसकर्मियों को तैनात करने का आदेश दिया है. पूर्णिया और कोसी प्रमंडलों के पुलिस अधीक्षकों ने कपड़ा, जूता समेत अन्य सामान की खरीदारी करने का भी आदेश दे दिया है. वीआईपी की सुरक्षा में परिधान को लेकर अक्सर असमंजस की स्थिति हो जाती थी. कई पुलिसकर्मी जो सुरक्षा में लगे रहते थे, वे बेतरतीब तरीके से पुलिस ड्रेस पहनकर रहते थे. इस संबंध में पूर्णिया रेंज के डीआईजी प्रमोद कुमार मंडल कहते हैं कि सीमांचल के सभी जिले के एसपी ने सिक्योरिटी पोल के गठन पर काम शुरू कर दिया है. इस मामले पर बारीकी से ध्यान रखा जा रहा है. विधानसभा चुनाव मेंमिलेगा सीधा लाभ इसी वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं. इसमें प्रदेश के अलावा देश के कई अन्य राज्यों से भी वीआईपी आएंगे. इस दौरान सुरक्षा में कोई चूक नहीं हो, इसका ध्यान रखा जा रहा है. बिहार के कई ऐसे इलाके हैं जहां पर किसी भी वीआईपी के आगमन होने पर सुरक्षा को लेकर अक्सर चुनौती बनी रहती है. सिक्योरिटी पोल के सदस्य स्थानीय पुलिसकर्मी और बाहर से आए अन्य सुरक्षा बलों के सदस्य मिलकर वीआईपी की सुरक्षा का कमान संभालेंगे. Also Read: देश को भाया नीतीश कुमार का बिहार मॉडल, स्कूली शिक्षा व्यवस्था में आया बुनियादी बदलाव The post एसपीजी की तर्ज पर बिहार में भी मिलेगी विशेष सुरक्षा, जिलों में होगा ‘सिक्योरिटी पोल’ का गठन appeared first on Naya Vichar.

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Shiv Barat: देवघर शिव बारात पर निशिकांत दुबे ने उठाए सवाल, खटखटाएंगे हाईकोर्ट का दरवाजा, महाशिवरात्रि पर कहां जाएंगे?

Shiv Barat: देवघर-पर्यटन विभाग की ओर से देवघर शिव बारात निकाले जाने पर सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने कई सवाल उठाए हैं. रविवार को देवघर स्थित अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सांसद ने कहा कि शिव बारात के नाम पर वे कभी देवघर में नेतृत्व नहीं होने देंगे. शिव बारात का टेंडर 20 फरवरी को फाइनल होना है, लेकिन उससे पहले झाकियां बनायी जा रही हैं. डढ़वा नदी से लीला मंदिर व बस स्टैंड से सारवां मोड़ तक तोरण द्वार बनाये जा रहे हैं, पर एनएच की सड़क पर तोरण द्वार बनाने के लिए हमारी कमेटी को अनुमति है. 20 फरवरी को टेंडर फाइनल होने से पहले शिव बारात के जितने भी काम चल रहे हैं, उन सारे कार्यों का वीडियो उनकी टीम बना रही है. टेंडर होने से पहले तैयारियों में किसका पैसा लग रहा है? किसे फायदा पहुंचाने की तैयारी चल रही है ? शिव बारात का आयोजन होने के बाद इन सारे मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे और सीएजी से पर्यटन विभाग के इस आयोजन में खर्चों का ऑडिट कराया जायेगा. शिवरात्रि में जाएंगे बागेश्वर धाम-निशिकांत दुबे सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि जब स्थानीय लोगों द्वारा शिव बारात का आयोजन होता रहा है, तो पर्यटन विभाग को खर्च करने की क्या जरूरत पड़ गयी? झारखंड प्रशासन का पैसा आम लोगों का पैसा है. आम आदमी के पैसे की बर्बादी नहीं होने देंगे. सारे वीडियो व साक्ष्य लोकायुक्त व सीएजी को सौंपे जायेंगे. उन्होंने कहा कि जब दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी के पैसे से शीश महल बनाया, तो सीएजी की जांच हुई और अब उन्हें जेल जाना पड़ेगा. ठीक इसी तरह जो भी गलत करेंगे उन्हें केजरीवाल के रास्ते में जाना पड़ेगा. इसका खुलासा कोर्ट में किया जायेगा. सांसद ने बताया कि वे इस वर्ष शिव बारात में देवघर में नहीं रह पायेंगे, वे बागेश्वरधाम जा रहे हैं. बागेश्वर प्रशासन शिवरात्रि में गरीब कन्याओं का विवाह करा रहे हैं, उसमें शामिल होंगे. कोविड के बाद उनकी पहल पर बगैर चंदा लिए निकली थी शिव बारात सांसद ने देवघर में शिव बारात का इतिहास बताते हुए कहा कि महाशिवरात्रि पर देवघर की शिव बारात भाजपा के वरिष्ठ नेता जेपीएन सिंह के नेतृत्व में बनी कमेटी ने 32 वर्ष पहले निकाली थी. उसके बाद इसी कमेटी ने पूर्व मेयर राजनारायण खवाड़े के नेतृत्व में बारात निकालने की परंपरा शुरू की. कोविड में शिव बारात बंद रही, तो वर्ष 2023 में मेरी पहल पर नयी कमेटी का गठन कर सबके सहयोग से शिव बारात निकाली गयी, लेकिन यह कमेटी 2023 में ही समाप्त हो गयी व वर्ष 2024 में बाबा बैद्यनाथ की अध्यक्षता में नयी कमेटी ने शिव बारात निकाली. उन्होंने कहा कि पहले शिव बारात में चंदा होता था, लेकिन जब मेरे पास यह कमेटी आयी, तो मैंने चंदा नहीं लेने का संकल्प नहीं लिया. बगैर चंदा के शिव बारात निकाली गयी. डॉ दुबे ने कहा कि शिव बारात कभी उनके लिए वोट बैंक की नेतृत्व नहीं रही है. शिव बारात सिर्फ आस्था का केंद्र रही है. शिव बारात में 2023 में हुए सक्रिय सांसद ने कहा कि वे तो शिव बारात में 2023 में सक्रिय हुए थे. इससे पहले शिव बारात में उनकी कोई भूमिका नहीं रहती थी, बावजूद देवघर की जनता ने मुझे वर्ष 2009, 2014 व वर्ष 2019 में वोट देकर सांसद चुना. इन तीन चुनावों में उन्हें देवघर विधानसभा में अधिक वोट आये, लेकिन 2024 में देवघर विधानसभा में लीड का अंतर कम गया. उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति शिवरात्रि महोत्सव समिति के अध्यक्ष थे, उन्हें भी उन्होंने देवघर की जनता की बदौलत चुनाव हराया है. वर्ष 2009 के चुनाव में भी उन्हें देवघर विधानसभा में लीड मिली थी, इसलिए अगर कोई व्यक्ति शिव बारात को लेकर उनके बारे में वोट बैंक की बात सोचता है, तो वह गलत सोच रहा है. बैद्यनाथ कॉरिडोर के नाम पर बगैर मुआवजा दिये उजाड़ने की तैयारी सांसद ने कहा कि जिस कमेटी को वर्ष 2023 की शिव बारात के बाद भंग कर दी गयी, अब भंग कमेटी के लोग मुख्यमंत्री से मिलकर दो डील कर ली. एक डील देवघर में देवोत्तर जमीन की बेचने की हुई है. देवोत्तर एक तरह से भगवान की जमीन होती है, उस जमीन की इन दिनों रजिस्ट्री हुई है. झारखंड प्रशासन के इशारे पर कुंडा इलाके में 18 बाड़ी देवोत्तर भूमि की रजिस्ट्री हुई है. दूसरी डील बैद्यनाथ मंदिर कॉरिडोर को लेकर हुई है. झारखंड प्रशासन बाबा मंदिर के आसपास लखराज जमीन का बगैर मुआवजा दिये कॉरिडोर बनाना चाहती है. लखराज की जमीन पर बसे लोगों को झारखंड प्रशासन बगैर मुआवजा दिये उखाड़ने जा रही है. लखराज जमीन का मुआवजा दिये बगैर मंदिर के आसपास खाली करने की बात पर प्रशासन को शिव बारात का आयोजन करने का जिम्मा सौंप दिया गया. पर्यटन विभाग के जरिये इस शिव बारात के आयोजन का नेतृत्वकरण कर दिया गया. ये भी पढ़ें: Delhi Station Stampede: दिल्ली भगदड़ से सबक, कोरस कमांडो ने झारखंड के इस स्टेशन पर संभाला मोर्चा The post Shiv Barat: देवघर शिव बारात पर निशिकांत दुबे ने उठाए सवाल, खटखटाएंगे हाईकोर्ट का दरवाजा, महाशिवरात्रि पर कहां जाएंगे? appeared first on Naya Vichar.

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