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February 20, 2025

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Dhanbad news: बेटे ने मां के साथ जाने से किया इनकार

Dhanbad news: लोयाबाद थाना क्षेत्र में 11 वर्षीय पितृहीन शिशु को लेकर मंगलवार को सीडब्ल्यूसी (चाइल्ड वेलफेयर कमेटी) और लोयाबाद पुलिस को करीब पांच घंटे तक मशक्कत करनी पड़ी. शिशु के पिता का निधन कोरोना काल में हो गया था. बच्चा और उसकी बड़ी बहन डीएवी अलकुशा के छात्र हैं. शिशु की मां आंगनबाड़ी में कार्यरत है. बच्चा अपनी मां के साथ रहने को तैयार नहीं था और चाचा के साथ जाने की जिद पर अड़ा था, जबकि उसकी मां और बड़ी बहन चाहती थीं कि वह उनके साथ रहे. शिशु के चाचा औरंगाबाद में रहते हैं और शादी समारोह में शामिल होने धनबाद आये थे. इससे पहले, बच्चा कुछ दिन अपनी बुआ के पास श्रीनगर, पुटकी में भी रह चुका था. मामले की गंभीरता को देखते हुए सीडब्ल्यूसी ने पहले शिशु को बोकारो में आश्रय देने का निर्णय लिया था. बाद में, सभी की सहमति से उसे कतरास स्थित रिश्तेदार के पास अस्थायी रूप से रखने का फैसला किया गया. फिलहाल अस्थायी शेल्टर, सीडब्ल्यूसी ने मां को आवेदन देने का दिया निर्देश : सीडब्लूसी चेयरपर्सन उत्तम मुखर्जी ने बताया कि सभी की सहमति से शिशु को कतरास में उसके रिश्तेदार के पास रखा गया है. संबंधित परिवार को आवश्यक जांच के बाद फिट डिक्लेयर किया गया है. पुलिस और चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट को निर्देश दिया गया है कि वे शिशु की स्थिति पर निगरानी बनाए रखें और परिवार से संबंधित रिपोर्ट प्रस्तुत करें. सीडब्लूसी ने शिशु की पढ़ाई को ध्यान में रखते हुए उसे हॉस्टल में रखने का निर्देश दिया है. मां को आवेदन करने के लिए कहा गया है, ताकि दोनों बच्चों के लिए प्रतिमाह चार-चार हजार रुपये की प्रायोजन (स्पॉन्सरशिप) का लाभ दिलाया जा सके. चूंकि अभी शिशु की परीक्षा 24 फरवरी से प्रस्तावित है, इसलिए यह व्यवस्था अस्थायी रूप से की गयी है. परीक्षा के बाद शिशु को पुनः सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत करने को कहा गया है. इस दौरान सीडब्ल्यूसी सदस्य डॉ मीरा सिन्हा, ममता अरोड़ा, संध्या सिंह, लोयाबाद थाना प्रभारी राहुल सिंह, चाइल्डलाइन की पूनम कुमारी, लखी जी समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post Dhanbad news: बेटे ने मां के साथ जाने से किया इनकार appeared first on Naya Vichar.

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Dhanbad News: जमीन विवाद में मारपीट, तीन गंभीर रूप से घायल

धनबाद. गिरिडीह के बिरनी में बुधवार को जमीन विवाद में जमकर मारपीट हुई. इसमें एक ही परिवार के तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गये. सभी घायलों का इलाज धनबाद के एसएनएमएमसीएच में चल रहा है. घटना के बारे में भुवनेश्वर यादव (55 वर्ष) ने बताया कि चीना यादव (60) व रामेश्वर यादव दोनों चचेरे भाई के बीच लंबे समय से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था. इसने बुधवार को हिंसक रूप ले लिया. घायल चीना यादव ने आरोप लगाया है कि वे लोग सभी परिवार बुधवार की सुबह अपने दरवाजे पर बैठे थे. तभी उनके चचेरे भाई रामेश्वर, बालेश्वर यादव, टेकन यादव अन्य 10 लोगों के साथ मिलकर लाठी-डंडे से उन लोगों पर हमला कर दिया. इसमें चीना यादव के भाई केशव यादव (58) व बेटा बीरेंद्र यादव (20) गंभीर रूप से जख्मी हो गये. घायल अवस्था में ही सभी बिरनी थाना गये जहां उन्हें पुलिस ने पहले इलाज कराने को कहा. इस पर सभी बिरनी के प्रशासनी अस्पताल गये, जहां से उन्हें धनबाद रेफर कर दिया गया. भुवनेश्वर यादव एम्बुलेंस से सभी को इलाज के लिए धनबाद ले आये, यहां उनका प्राथमिक इलाज हुआ. डॉक्टरों ने अनुसार चीना व केशव के सिर पर गंभीर चोट है. वहीं बीरेंद्र को इलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post Dhanbad News: जमीन विवाद में मारपीट, तीन गंभीर रूप से घायल appeared first on Naya Vichar.

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Dhanbad news: कारीगरों, शिल्पकारों के लिए केंदुआ में जागरूकता कार्यक्रम

केंदुआ. प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाने के लिए केंदुआ हटिया स्थित सामुदायिक भवन में बुधवार को जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यह आयोजन एमएसएमई धनबाद की ओर से किया गया. इसमें प्रमुख रूप से जिला उद्योग केंद्र धनबाद के जीएम राजेंद्र प्रसाद ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य परंपरागत व्यवसाय करनेवाले आर्थिक रूप से कमजोर और हुनरमंद कारीगरों को सशक्त बनाना है. एमएसएमई के सहायक निदेशक सुजीत कुमार ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की जानकारी दी. कहा कि इसमें 18 ट्रेड्स जैसे कारपेंटर, सोनार, दर्जी, मिस्त्री, नाई, लोहार, धोबी, खिलौना बनानेवाले, मूर्तिकार आदि के लिए पंजीकरण किया जा सकता है. इसके तहत कारीगरों को तीन लाख रुपये तक का बिना जमानत ऋण मिलेगा और प्रशिक्षण के दौरान 500 रुपये प्रतिदिन का भत्ता, 15,000 रुपये तक का उपकरण अनुदान भी प्रदान किया जायेगा. योजना का उद्देश्य पूरे हिंदुस्तान में 30 लाख कारीगरों को जोड़ने का है. अग्रणी जिला प्रबंधक अमित कुमार ने योजना की पात्रता संबंधी दिशा-निर्देश दिये. संचालन एमएसएमई धनबाद के सहायक डायरेक्टर सुजीत कुमार व यंग प्रोफेशनल कुणाल ने किया. जागरूकता अभियान में लगभग दो दर्जन से ज्यादा लोगों ने पंजीकरण कराया और योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन किया. कार्यक्रम में सीएससी जिला प्रबंधक मो अंजर, सुनील कुमार, वार्ड 12 के पार्षद प्रतिनिधि गोविंद राउत, बीआरपी रेखा रानी सिंह आदि शामिल थे. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post Dhanbad news: कारीगरों, शिल्पकारों के लिए केंदुआ में जागरूकता कार्यक्रम appeared first on Naya Vichar.

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Dhanbad news: चार नंबर पर खड़े थे यात्री, तीन नंबर आ गयी कुंभ स्पेशल, अफरातफरी

Dhanbad news: स्पेशल ट्रेन की सही जानकारी साझा नहीं होने के कारण यात्रियों में अफरातफरी का माहौल देखने को मिला. बुधवार की रात हजारों की संख्या में पहुंचे यात्री कुंभ स्पेशल के इंतजार में प्लेटफॉर्म संख्या चार पर खड़े थे.आरपीएफ की टीम मुस्तैद थी कि चलती ट्रेन में कोई नहीं चढ़े. रस्सी लगा दिया गया. ट्रेन के रात 10.20 बजे तक आने की बात कही जाने लगी, लेकिन इसी बीच रात करीब 9.35 बजे हावड़ा की ओर से प्लेटफॉर्म संख्या तीन पर कुंभ स्पेशल ट्रेन लगा दी गयी. इसकी सूचना ना ही पहले रेलवे की ओर से साझा की गयी और ना ही यात्रियों व सुरक्षा में तैनात जवानों को इसकी जानकारी थी. इसके बाद यात्रियों में अफरा तफरी मच गयी. लोग रस्सी को हटा कर ट्रैक पर उतर गये. ट्रेन पर चढ़ने की होड़ मच गयी. सुरक्षा जवानों ने कहा – नहीं जायेगी कुंभ, फिर अनाउंसमेंट हुआ की ये ट्रेन भी जायेगी कुंभसुरक्षा में तैनात जवान बार-बार तीन नंबर पर लगी कुंभ स्पेशल ट्रेन के नहीं चलने की बात कहते रहे. लेकिन यात्री कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे. सभी यात्री ट्रेन पर सवार हो गये. सुरक्षा जवानों की टीम तीन नंबर प्लेटफॉर्म पर पहुंची और यात्रियों को बताया गया कि यह ट्रेन कुंभ नहीं जायेगी. कुंभ जाने वाली ट्रेन चार नंबर प्लेटफॉर्म पर आने वाली है. इसके बाद आधे यात्री ट्रेन से उतर कर ओवरब्रिज के माध्यम से चार नंबर प्लेटफॉर्म पर चले गये. लेकिन तभी अनाउंसमेंट किया गया कि तीन नंबर पर लगी स्पेशल ट्रेन भी कुंभ जायेगी. यात्रियों में दिखा रोष : समन्वय की कमी के कारण यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है. इसके कारण यात्रियों में रोष भी देखा गया. यात्री सुरक्षा जवानों द्वारा गलत जानकारी देने पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते दिखे. बाद में ट्रेन पर यात्री सवार हो गये. 10.30 में पहुंची स्पेशल ट्रेन : धनबाद से स्पेशल ट्रेन को 10.30 बजे प्लेटफॉर्म संख्या चार लगाया गया. ट्रेन के लगते ही यात्री इसमें सवार होने लगे. कुछ ही मिनटों में पूरी ट्रेन फुल हो गयी. अधिकारी प्लेटफॉर्म पर पहुंचे : अफरातफरी की घटना के बाद धनबाद रेल मंडल के एडीआरएम विनीत कुमार, सीनियर डीसीएम अमरेश कुमार और वरीय कमांडेंट अनुराग मीणा धनबाद स्टेशन पहुंचे. स्टेशन पर व्यवस्थाओं का जायजा लिया. भीड़ को कंट्रोल करने के लिए जरूरी निर्देश भी सुरक्षा में तैनात जवानों को दिया गया. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post Dhanbad news: चार नंबर पर खड़े थे यात्री, तीन नंबर आ गयी कुंभ स्पेशल, अफरातफरी appeared first on Naya Vichar.

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Dhanbad News: खाली जमीन पर की जा रही घेराबंदी गार्डों ने तोड़ी, हंगामा

दीवार को ध्वस्त कराते सुरक्षा कर्मी. Dhanbad News: जोड़ापोखर थाना क्षेत्र के जामाडोबा चार नंबर संतोषी मंदिर के निकट डबलू नामक युवक द्वारा अपने घर के सामने खाली जमीन पर घेराबंदी की सूचना पर टाटा के सुरक्षा गार्ड पहुंचे और दीवार को गिरा दिया. इसके बाद आस-पड़ोस के कुछ ग्रामीणों के बीच बहस होने लगी. देखते ही देखते सुरक्षा गार्ड व ग्रामीणों के बीच तू-तू मैं-मैं हो गयी. कुछ लोगों ने सुरक्षा कर्मियों को खदेड़ दिया. भागने के क्रम में एक सुरक्षा गार्ड को ग्रामीणों ने बैठा लिया. इसकी जानकारी मिलते ही काफी संख्या में गार्ड पहुंच गये और निर्माण कार्य को ध्वस्त कर दिया. ऐसा देख ग्रामीण उग्र हो गये और लाठी डंडा लेकर सभी को खदेड़ना शुरू कर दिया. स्त्रीओं ने किया विरोध स्त्रीएं काफी आक्रोशित थी. घटना में कोई घायल नहीं हुआ है. सुरक्षा गार्ड्स का कहना था कि यह जमीन टाटा की है. लोग अवैध निर्माण कर रहे थे. रोकने गये थे, तो विरोध करना शुरू कर दिया. वहीं ग्रामीणों का कहना था कि यह टाटा की जमीन नहीं है. टाटा ने अपनी जमीन पर चहारदीवारी की है. यह जमीन उनके घर के बाहर परती थी. इसपर वे लोग शौचालय व बाथरूम बनवा रहे थे.Dhanbad News: जामाडोबा चार नंबर संतोषी मंदिर के निकट घर के पास खाली जमीन पर की जा रही घेराबंदी टाटा के सुरक्षा गार्डों ने तोड़ दी. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post Dhanbad News: खाली जमीन पर की जा रही घेराबंदी गार्डों ने तोड़ी, हंगामा appeared first on Naya Vichar.

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काटने व चलने के निशान से दोषी तक पहुंची पुलिस : सीपी

बच्ची से यौन शोषण में दोषी को फांसी की सजा दिलवाना उपलब्धि सीपी ने इस मामले के जांच अधिकारी समेत एसआइटी के पूरे सदस्यों को दिया धन्यवाद कहा : कोलकाता पुलिस के इतिहास में यह पहली घटना, जिसमें पीड़िता के जीवित रहते दोषी को फांसी की सजा मिली हो संवाददाता, कोलकाता बड़तला इलाके में सात महीने की बच्ची का अपहरण करने के बाद उसके साथ यौन शोषण करने के मामले में दोषी करार दिये गये युवक राजीव घोष फांसी की सजा दिलवाना कोलकाता पुलिस की बड़ी उपलब्धियों में से एक है. बुधवार को कोलकाता पुलिस मुख्यालय लालबाजार में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कोलकाता पुलिस आयुक्त मनोज वर्मा ने इस घटना को एक विरल घटना बताया. सीपी ने कहा- पीड़ित बच्ची अभी भी अस्पताल में इलाजरत है. वह धीरे-धीरे स्वस्थ होने का प्रयास कर रही है. इसके बावजूद यह पहली घटना है जब कोलकाता के बैंकशाल कोर्ट ने इस घटना में शामिल आरोपी को दोषी करार दिया. मंगलवार को उसे मौत की सजा सुनायी गयी. बलात्कार के मामलों में पीड़िता के जीवित होने के बाद भी दोषी को मौत की सजा दिया जाना दुर्लभ है. इस तरह की घटना में दोषी को फांसी की सजा सुनाया जाना समाज में सख्त संदेश देगा. सीपी ने कहा, राजीव घोष को सबूतों के आधार पर झाड़ग्राम से गिरफ्तार किया गया. हमने इस घटना की जांच के लिए एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम बनायी. पुलिस इस घटना के 28 दिन के अंदर आरोप पत्र दायर करने में सफल रही. इसके बाद आरोपी को दोषी करार दिया गया. यह शायद बलात्कार का पहला मामला है, जहां पीड़िता के जीवित रहने के बावजूद दोषी को मौत की सजा दी गयी है. जांच अधिकारी, डीसी (नॉर्थ) और संयुक्त आयुक्त (अपराध) के नेतृत्व वाली इस टीम को धन्यवाद. जांचकर्ताओं ने अपराधी की पहचान कैसे की? इस पर सीपी ने कहा कि घटना के बाद पहले दो दिनों तक जांच को आगे बढ़ाना मुश्किल था. घटना वाले दिन और रात में बारिश हुई. इस कारण जानकारी नहीं मिल सकी. बाद में पुलिस के हाथ कुछ फुटेज लगे, जिससे आरोपी की पहचान हुई. शिशु के शरीर पर काटने के कई निशान मिले. इनका मिलान आरोपी के दांतों से किया गया. आरोपी के चलने के तरीके को भी चिन्हित किया गया. इसके अलावा जांचकर्ताओं ने डीएनए नमूने और रक्त के नमूने भी देखे. इससे उन्हें आरोपी के इस अपराध में शामिल होने के बारे में पुलिस को यकीन हो गया. गौरतलब है कि फुटपाथ पर रहने वाले एक दंपत्ति ने 30 नवंबर को बड़तला थाने में बच्ची के लापता होने की सूचना दी थी. कुछ घंटों बाद बच्ची को फुटपाथ से ढूंढ निकाला गया. चार दिसंबर को 34 वर्षीय राजीव पुलिस के जाल में फंस गया. लालबाजार सूत्रों के अनुसार, वह झाड़ग्राम के गोपीवल्लभ पुर का रहने वाला है. बच्ची के गुप्तांगों पर कई चोट के निशान पाये गये. चिकित्सकों ने उसके यौन शोषण का शिकार होने की जानकारी पुलिस को दी. अदालत परिसर में खड़े होकर, प्रशासनी वकील ने दावा किया कि जिस तरह से शिशु को प्रताड़ित किया गया वह ””””दुर्लभ से दुर्लभतम”””” मामला है. वकील ने दावा किया कि डॉक्टरों ने भी इस बात को स्वीकार किया है. अगले दिन कोर्ट ने आरोपी को मौत की सजा सुनायी. हिंदुस्तानीय दंड संहिता और पॉक्सो अधिनियम उसका अपराध सिद्ध पाया गया. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post काटने व चलने के निशान से दोषी तक पहुंची पुलिस : सीपी appeared first on Naya Vichar.

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कोर्ट ने राज्य सरकार की ‘तुच्छ’ याचिका पर जतायी नाराजगी

कोलकाता/नयी दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने एक व्यक्ति को 18 साल तक सेवानिवृत्ति बकाया का भुगतान न करने संबंधी राज्य प्रशासन की तुच्छ याचिका पर नाराजगी जतायी और 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया. न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक आदेश के खिलाफ राज्य प्रशासन द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया. पीठ ने कहा, ‘हम पश्चिम बंगाल राज्य द्वारा दायर इन याचिकाओं को देरी के साथ-साथ गुण-दोष के आधार पर खारिज करते हैं और प्रतिवादी को आज से चार सप्ताह के भीतर 10 लाख रुपये का जुर्माना अदा किये जाने का आदेश भी देते हैं.’ पीठ ने कहा कि उसने मामले पर गुण-दोष के आधार पर विचार किया, जबकि याचिका ‘391 दिन की काफी देरी’ से दायर की गयी थी और राज्य द्वारा कोई संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दिया गया था. न्यायालय ने 14 फरवरी को अपने आदेश में कहा, ‘हम पाते हैं कि यह पश्चिम बंगाल राज्य द्वारा उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली एक पूरी तरह से तुच्छ और परेशान करने वाली याचिका है.’ उच्च न्यायालय ने 2007 में सेवानिवृत्त हुए व्यक्ति के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही को रद्द कर दिया था और उसे सभी बकाया राशि जारी करने का निर्देश दिया था. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post कोर्ट ने राज्य प्रशासन की ‘तुच्छ’ याचिका पर जतायी नाराजगी appeared first on Naya Vichar.

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पिलर को जोड़ने के लिए सड़क बंद करने की नहीं मिल रही अनुमति

कोलकाता. न्यू गरिया-एयरपोर्ट मेट्रो का काम रुक गया है, क्योंकि प्रशासन ने तीन आवेदनों के बावजूद चिंगड़ीघाटा के पास सड़क को बंद करने और गार्डर को उठाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. मेट्रो अधिकारियों ने आरोप लगाया कि सभी आवश्यक शर्तों को पूरी करने के लिए कोलकाता नगर निगम और यातायात विभाग के साथ विचार-विमर्श करने के बावजूद अंतिम समय में अनुमति नहीं मिली. मेट्रो अधिकारियों का कहना है कि कोलकाता यातायात पुलिस द्वारा गार्डर उठाने के आवश्यक सड़क बंद करने की अनुमति नहीं मिलने से काम पिछले एक साल से रुका पड़ा है. मेट्रो सूत्रों के अनुसार चिंगड़ीघाटा चौराहे के पास मेट्रो लाइन के पिलर 317, 318 और 319 पर गार्डर सेट करने के लिए यातायात बंद करना पड़ेगा. तभी इन पिलर के 366 मीटर हिस्से को गार्डर से जोड़ा जा सकेगा. जानकारी के अनुसार उक्त कार्य के प्रारंभ करने के लिए पिछले एक वर्ष के दौरान रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) और कोलकाता पुलिस के साथ कई दौर की बैठक हो चुकी है. राज्य प्रशासन के डिमांड के अनुसार आरवीएनएल ने उक्त स्थान पर सड़क का निर्माण (इएम बाइपास के पास स्थित जलाशय से लेकर धापा पंपिंग स्टेशन तक) अपने खर्च पर करवा दिया है. उसके बाद भी यातायात बंद करने की अनुमित नहीं मिली. गत 16 जनवरी को आरवीएनएल ने 25 जनवरी से तीन फरवरी के बीच दो चरणों में काम कराने की अनुमति मांगी थी. इस संबंध में 20 जनवरी को आरवीएनएल और यातायात विभाग के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से वैकल्पिक व्यवस्था का निरीक्षण किया था. हालांकि अनुमति नहीं मिली. इसके बाद आरवीएनएल ने फिर तीन से 12 फरवरी तक रात में दो चरणों में काम पूरा करने की अनुमति मांगी थी. 11 फरवरी को दोनों पक्षों की बैठक हुई. आरवीएनएल का आरोप है कि इसके बाद भी अनुमति नहीं दी गयी. मेट्रो के एक अधिकारी ने बताया कि 16 फरवरी को कोलकाता मेट्रो के महाप्रबंधक और अग्निशमन मंत्री सुजीत बसु ने एक साथ इलाके का दौरा किया था. साथ ही यातायात विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से भी कई बार बैठक हुई. लेकिन सभी बैठकें बेनतीजा रहीं. राज्य प्रशासन के सूत्रों के अनुसार, चिंगड़ीघाटा चौराहे का प्रस्तावित कार्य शुरू होने से यातायात काफी प्रभावित होगी. यदि उस क्षेत्र में सड़क बंद कर दी गयी, तो महानगर के यातायात प्रबंधन पर इसका बड़ा प्रभाव पड़ सकता है. वीवीआइपी लोग अक्सर उस सड़क से यात्रा करते हैं. परिणामस्वरूप, सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद आवश्यक अनुमति प्रदान की जायेगी. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post पिलर को जोड़ने के लिए सड़क बंद करने की नहीं मिल रही अनुमति appeared first on Naya Vichar.

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उत्तर बंगाल की समस्याओं के लिए भाजपा के मुख्य सचेतक से पहल का आह्वान

कोलकाता. उत्तर बंगाल के पहाड़ी क्षेत्रों की समस्याओं का स्थायी समाधान करने के लिए पश्चिम बंगाल विधानसभा ने नयी दिल्ली में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने का प्रस्ताव रखा है. बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी ने भाजपा के मुख्य सचेतक शंकर घोष को इस संबंध में पहल करने का आह्वान किया. हालांकि, सिलीगुड़ी से भाजपा विधायक शंकर घोष ने कहा कि इस मामले पर अंतिम निर्णय पार्टी लेगी. गौरतलब है कि विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी निलंबन के कारण विधानसभा में चल रहे बजट सत्र में शामिल नहीं हो रहे हैं. बुधवार को राज्य के सिंचाई मंत्री मानस भुइयां ने अलीपुरदुआर से विधायक सुमन कांजीलाल के एक सवाल के जवाब में कहा कि उत्तर बंगाल में अचानक आने वाली बाढ़ के कारण खतरा लगातार बढ़ रहा है. इस स्थिति में, हमें नयी दिल्ली एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजना चाहिए, जो सम्मिलित रूप से इस समस्या को वहां रख सके. इस संबंध में राज्य के संसदीय मामलों के मंत्री शोभनदेव चटर्जी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस इसके लिए प्रयासरत है, लेकिन विपक्षी दल के असहयोग के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा है. वहीं, विस अध्यक्ष विमान बनर्जी ने कहा कि राज्य के हित में सभी पार्टियों का एक साथ वहां जाना जरूरी है. गौरतलब है कि इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की थी कि वह इस मुद्दे पर हिंदुस्तान-भूटान संयुक्त नदी आयोग बनाने की पहल करेंगी. उन्होंने यह भी कहा था कि इस संबंध में केंद्र से अपील करने के लिए एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजा जायेगा. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post उत्तर बंगाल की समस्याओं के लिए भाजपा के मुख्य सचेतक से पहल का आह्वान appeared first on Naya Vichar.

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फीस वृद्धि के मामले में क्यों नहीं कानून बना रही है राज्य सरकार

सुनवाई के दौरान न्यायाधीश विश्वजीत बसु ने की टिप्पणी, कहा – यहां क्यों नहीं अपनाया जा रहा है राजस्थान मॉडल? कोलकाता. कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश विश्वजीत बसु ने बुधवार को राज्य के निजी स्कूलों की मासिक फीस वृद्धि पर चिंता व्यक्त की है. एक मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति विश्वजीत बसु ने सवाल उठाया कि राज्य प्रशासन कानून पारित करके इस शुल्क वृद्धि को सीधे नियंत्रित क्यों नहीं कर रही है. उन्होंने इस मामले पर राज्य के शिक्षा मंत्री से जवाब तलब किया है. निजी स्कूल फीस में अनियंत्रित वृद्धि के संबंध में दायर एक मामले की सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा कि राज्य में कई निजी स्कूलों में स्कूल फीस में वृद्धि के संबंध में कई आवेदन प्रस्तुत किये गये हैं. कई मामलों में शुल्क में वृद्धि अनुचित है. उन्होंने राज्य से पूछा कि इस पर नियंत्रण करने के लिए राज्य प्रशासन क्यों कोई कदम नहीं उठा रही? उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल प्रशासन को इस राज्य में शिक्षा प्रणाली के संबंध में कुछ कदम उठाने की जरूरत है. उनकी टिप्पणी है कि राजस्थान मॉडल यहां क्यों नहीं अपनाया जा रहा है? न्यायमूर्ति विश्वजीत बसु ने आगे कहा कि जिस प्रकार से राजस्थान प्रशासन निजी शिक्षण संस्थानों के पूरे सिस्टम पर नजर रखती है, वैसे ही पश्चिम बंगाल प्रशासन क्यों नहीं कर सकती. उन्होंने कहा कि अदालत सभी मामलों में आदेश जारी नहीं कर सकती. उन्होंने राज्य के वकील से कहा कि राज्य प्रशासन अन्य विधेयकों की तरह इस मामले पर भी निर्णय ले सकती है. ऐसा क्यों नहीं हो रहा है? उन्होंने कहा कि राज्य के शिक्षा मंत्री इस बारे में क्यों नहीं सोच रहे हैं? अदालत ने कहा कि राज्य प्रशासन विधानसभा में विधेयक पारित कर इसे नियंत्रित कर सकती है. न्यायाधीश ने राज्य प्रशासन से पूछा कि यदि कोई शिकायत नहीं है तो भी एनसीटीइ के दिशा-निर्देशों के अनुसार शिक्षकों को शिक्षा प्रदान करने के मुद्दे पर ध्यान क्यों नहीं दिया जायेगा. न्यायाधीश ने कहा कि राज्य प्रशासन का हमेशा से यही कहना होता है कि हम उन्हें कोई आर्थिक मदद नहीं देते हैं, इसलिए हमारा उन पर कोई नियंत्रण नहीं है. लेकिन राज्य प्रशासन इस तरह से अपनी आंखें मूंद नहीं सकती. इसके बाद उन्होंने राज्य के महाधिवक्ता को निर्देश दिया कि वह मंत्री से बात करें और अगले शुक्रवार को अदालत को राज्य की स्थिति से अवगत करायें. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post फीस वृद्धि के मामले में क्यों नहीं कानून बना रही है राज्य प्रशासन appeared first on Naya Vichar.

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