Sajjan Kumar Life Imprisonment: पूरी जिंदगी जेल में रहेंगे सज्जन कुमार, कोर्ट ने सुनाई सजा, इस कारण नहीं मिला मृत्य दंड
Sajjan Kumar Life Imprisonment: 1984 के सिख विरोधी दंगे से जुड़े दिल्ली के सरस्वती विहार हिंसा मामले में दोषी सज्जन कुमार को कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है. जबकि, दिल्ली पुलिस और पीड़ित परिजनों ने कोर्ट से केस को रेयरेस्ट ऑफ रेयर कैटेगरी में मानते हुए दोषी के खिलाफ फांसी की सजा मांगी थी. विशेष न्यायाधीश जस्टिस कावेरी बावेजा ने एक नवंबर, 1984 को जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह की हत्या मामले में यह फैसला सुनाया है. इससे पहले दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 12 फरवरी को सज्जन कुमार को अपराध के लिए दोषी ठहराया था. क्यों नहीं मिली मौत की सजा हत्या के अपराध में अधिकतम सजा मृत्युदंड होती है, जबकि न्यूनतम सजा आजीवन कारावास है. शिकायतकर्ता जसवंत की पत्नी और अभियोजन पक्ष ने सज्जन कुमार के लिए मौत की सजा की ही मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, फैसले में न्यायाधीश ने लिखा कि मृत्युदंड इसलिए नहीं दिया गया है क्योंकि, सज्जन कुमार 80 साल के हो चुके हैं. वो कई बीमारियों से भी ग्रस्त हैं. एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए भी उन्हें सहारे की जरूरत होती है. ऐसे में कोर्ट ने अधिकतम सजा के तौर पर कारावास कारावास की सजा सुनाई है. अधिवक्ता फुल्का ने क्या कहा राउज एवेन्यू कोर्ट के बाहर एडवोकेट एचएस फूल्का ने 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने पर कहा “2 आजीवन कारावास भी बहुत बड़ी बात है. जज ने अपने फैसले में लिखा है कि हमारी और प्रशासन की मांग थी कि सज्जन कुमार को फांसी की सजा सुनाई जाए, लेकिन वह नहीं दी गई क्योंकि उनकी उम्र 80 साल है. वे बीमार हैं और खुद को संभाल भी नहीं सकते हैं. यह कानून है कि 80 साल के ऊपर और बीमार व्यक्ति को फांसी की सजा नहीं सुनाई जाती.” #WATCH दिल्ली: एडवोकेट एच.एस. फूल्का ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने पर कहा, “… 2 आजीवन कारावास भी बहुत बड़ी बात है। जज ने अपने फैसले में लिखा है कि हमारी और प्रशासन की मांग थी कि सज्जन कुमार को फांसी की सजा सुनाई जाए मगर वह नहीं… pic.twitter.com/PaZEhV97vn — ANI_HindiNews (@AHindinews) February 25, 2025 कई सिख नेताओं ने की मृत्युदंड देने की अपील कई सिख नेताओं ने सज्जन कुमार के लिए मृत्युदंड की सजा की मांग की है. सिख नेता गुरलाद सिंह ने कहा “हमें मौत की सजा से कम कुछ भी मंजूर नहीं है. हम अदालत के फैसले से खुश नहीं हैं. हम प्रशासन से अपील करेंगे कि वह हाई कोर्ट जाएं और सज्जन कुमार के लिए मौत की सजा की घोषणा करें.” दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव जगदीप सिंह कहलों ने कहा “हम इस बात से नाराज हैं कि सज्जन कुमार जैसे व्यक्ति को मौत की सजा नहीं दी गई. मेरा मानना है कि अगर उन्हें मौत की सजा दी गई होती, तो बेहतर होता और हमें संतुष्टि महसूस होती. 41 साल बाद, भले ही उन्हें उम्रकैद की सजा मिली, लेकिन न्याय की जीत हुई है. मैं अदालत के फैसले का सम्मान करता हूं. #WATCH | Delhi: Sikh leader Gurlad Singh says, “We will not accept anything less than the death penalty. We are not happy with the verdict of the court. We will appeal to the govt to go to a higher court and announce death penalty for Sajjan Kumar…” https://t.co/2DU9Ktrl2e pic.twitter.com/TnB6e5JlIc — ANI (@ANI) February 25, 2025 सिख दंगों में की गई थी लो लोगों की निर्मम हत्या बता दें कि 1 नवंबर 1984 को दिल्ली के सरस्वती विहार इलाके में दो सिखों जसवंत सिंह और उनके बेटे तरूणदीप सिंह की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी. दिल्ली के पंजाबी बाग थाने ने घटना के खिलाफ मामला दर्ज किया था. इसके बाद एक विशेष जांच दल ने जांच अपने हाथ में ले ली. कोर्ट ने 16 दिसंबर 2021 को सज्जन कुमार के खिलाफ आरोप तय किए और उनके खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला पाया. इस मामले में अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि हथियारों से लैस एक बड़ी भीड़ ने बदला लेने के लिए बड़े पैमाने पर लूटपाट, आगजनी और सिखों की संपत्ति को नष्ट किया. अभियोजन पक्ष ने यह भी दावा किया कि भीड़ ने शिकायतकर्ता जसवंत की पत्नी के घर पर हमला किया, जिसमें सामान लूटने और उनके घर को आग लगाने के अलावा पुरुषों की हत्या कर दी गई. दिल्ली दंगों में दर्ज की गई 587 प्राथमिकी दिल्ली में हिंसा की जांच के लिए नानावटी आयोग का गठन किया गया था. आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक दंगों को लेकर दिल्ली में 587 प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसमें 2,733 लोग मारे गए थे. इनमें करीब 240 प्राथमिकी को पुलिस ने अज्ञात बताकर बंद कर दिया और 250 मामलों में आरोपी बरी हो गए. 587 प्राथमिकी में से केवल 28 मामलों में ही सजा हुई और लगभग 400 लोगों को दोषी ठहराया गया. सज्जन कुमार सहित करीब 50 लोगों को हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था. Also Read: क्या बॉलीवुड वालों का बोरिया–बिस्तर बांध देंगे साउथ वाले? दर्शकों के ना जुड़ पाने का यहां जानें कारण The post Sajjan Kumar Life Imprisonment: पूरी जिंदगी जेल में रहेंगे सज्जन कुमार, कोर्ट ने सुनाई सजा, इस कारण नहीं मिला मृत्य दंड appeared first on Naya Vichar.