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March 5, 2025

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प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति में धांधली के लिए बनाये गये थे कई फर्जी वेबसाइट

सीबीआइ ने हाइकोर्ट में रिपोर्ट पेश कर किया दावा संवाददाता, कोलकाताराज्य के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले पर सीबीआइ ने मंगलवार को कलकत्ता हाइकोर्ट में रिपोर्ट पेश की. रिपोर्ट में सनसनीखेज दावे किये गये हैं. सीबीआइ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि प्राथमिक शिक्षक पद पर नौकरी देने के नाम पर कई फर्जी वेबसाइटें बनायी गयी थीं और उन वेबसाइटों के माध्यम से करोड़ों रुपये जुटाये गये. सीबीआइ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि फर्जी वेबसाइट के माध्यम से अयोग्य व असफल अभ्यर्थियों से लाखों रुपये लेकर नियुक्ति दी गयी. सीबीआइ की रिपोर्ट में एक ऐसे अभ्यर्थी का भी उल्लेख है, जो 2014 की टीइटी परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो गया था और परीक्षा में खाली उत्तर पुस्तिका जमा करने के बाद भी अवैध रूप से नौकरी कर रहा है. सीबीआइ रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि प्राथमिक शिक्षा बोर्ड ने एक अतिरिक्त पैनल बनाया और अयोग्य अभ्यर्थियों की नियुक्तियां कर दीं. कलकत्ता हाइकोर्ट में सोमवार को पेश की गयी सीबीआइ की रिपोर्ट में कहा गया है कि पैसे के बदले अयोग्य अभ्यर्थियों को नौकरी दी गयी. कुंतल घोष और तापस मंडल ने तृणमूल नेताओं की सांठगांठ से भारी धन एकत्र किया. बताया गया है कि छह वर्षों (2016-2022) में 141 अभ्यर्थियों से लगभग चार करोड़ 13 लाख रुपये एकत्र किये गये. यह धन एजेंटों के माध्यम से एकत्र किये गये थे. कुंतल घोष ने नौकरी दिलाने के नाम पर तीन करोड़ 13 लाख रुपये उगाहे थे. गौरतलब है कि न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा ने पिछले सप्ताह 2014 की नियुक्ति पर सवाल उठाये थे. उन्होंने यह भी कहा कि यदि आवश्यक हुआ, तो 42,000 अभ्यर्थियों की नियुक्तियां रद्द भी की जा सकती हैं. उन्होंने सीबीआइ से पूछा था कि उन्होंने अब तक क्या जांच की है. सीबीआइ ने मंगलवार को मामले पर जांच प्रगति की रिपोर्ट पेश की. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति में धांधली के लिए बनाये गये थे कई फर्जी वेबसाइट appeared first on Naya Vichar.

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कल्याणी विवि : टीएमसीपी व एसएफआइ समर्थकों में झड़प, कई जख्मी

प्रतिनिधि, कल्याणी नदिया जिले के कल्याणी विश्वविद्यालय परिसर में मंगलवार को एसएफआइ और टीएमसीपी समर्थकों के बीच झड़प हो गयी. इसमें सिविक वॉलंटियर समेत दोनों पक्षों के कई लोग घायल हुए हैं. टीएमसीपी नेताओं का कहना है कि वे जादवपुर विश्वविद्यालय में शिक्षा मंत्री पर हुए हमले के खिलाफ विश्वविद्यालय के गेट के सामने प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान एसएफआइ समर्थक उन पर तंज कसने लगे. विरोध करने पर हमला कर दिया. वहीं, एसएफआइ नेताओं का कहना है कि वे जादवपुर विवि में छात्रों पर हुए हमले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. इसी दौरान बाहरी लोगों ने उन पर हमला कर दिया. उनके कई समर्थक घायल हो गये, जिन्हें जवाहरलाल नेहरू मेडिकल अस्पताल ले जाया गया. उधर, घटना के बाद इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गयी है. शिक्षक बोले- शिक्षा मंत्री पर हमला सुनियोजित कोलकाता. शनिवार को जादवपुर विश्वविद्यालय में आयोजित सम्मेलन में भाग लेने के बाद शिक्षा मंत्री ब्रात्य बासु को छात्रों ने काफी देर तक घेर कर रखा. उन्हें दो घंटे तक बंधक बनाये रखा और उनकी गाड़ी पर हमला किया. यह सब पूर्व सुनियोजित था. मंत्री पर हमला वामपंथी और अति-वामपंथी समर्थकों के एक वर्ग द्वारा योजनाबद्ध हमला था, जो उनके कार्यक्रम को बाधित करने पर आमादा था. शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों ने इस तर की शिकायत की है. डब्ल्यूबीसीयूपीए के सदस्यों ने आरोप लगाया कि छात्रों ने उन पर पानी की बोतलों और कुर्सियों से हमला किया. चप्पलें फेंकीं और काफी हुड़दंग मचाया. भीड़ दिन की कार्यवाही को बाधित करने पर आमादा थी. शिक्षकों ने बताया कि दिन का कार्यक्रम दो भागों में विभाजित था. पहले भाग में सेमिनार और उसके बाद संगठन की वार्षिक आम बैठक होने वाली थी. कुछ शिक्षकों ने कहा कि उनके पास यह मानने के कारण हैं कि हमला योजनाबद्ध था. कुछ शिक्षकों ने मानव श्रृंखला बनाकर बसु को विश्वविद्यालय से बाहर निकालने की कोशिश की. शिक्षकों ने कहा, “हमें शर्म आती है कि छात्र शिक्षकों की मौजूदगी में ऐसी गंदी भाषा का इस्तेमाल कर सकते हैं. काफी उकसावे की बातें की गयीं और परिवेश का माहौल अशांत किया गया. ब्रात्य को लेकर एसएफआइ के दावे को देबांग्शु ने कहा- सब झूठ कोलकाता. शनिवार को जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) में राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु को लेकर जो घटना हुई थी, उस मामले में एसएफआइ को आड़े हाथ लेते हुए तृणमूल कांग्रेस ने कई सवाल उठाये. तृणमूल आइटी सेल के प्रमुख देबांग्शु भट्टाचार्य ने मंगलवार को संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कई तस्वीरें व वीडियो दिखाते हुए दावा किया कि वाममोर्चा के नेता जो प्रचार कर रहे हैं, वह पूरी तरह से झूठ का पुलिंदा है. यह सब जानबूझ कर किया जा रहा है. भट्टाचार्य ने कहा कि एसएफआइ ने जो दावा किया है, उसका असली वीडियो कहां है. साथ ही शनिवार को एसएफआइ की ओर से शिक्षा मंत्री को एक ज्ञापन सौंपा गया था. इसके बाद भी यह प्रचार किया जा रहा है कि शिक्षा मंत्री ने उन्हें समय नहीं दिया था. उन्होंने कहा कि यह कहा जा रहा है कि घटना के दिन तृणमूल के बाहरी कुछ गुंडे कैंपस में मौजूद थे. यदि यह सही है, तो इसकी कोई तस्वीर या वीडियो क्यों नहीं जारी किया जा रहा है. हम जेयू पर सर्जिकल स्ट्राइक करेंगे : एबीवीपी की धमकी कोलकाता. एबीवीपी नेतृत्व ने मंगलवार को दावा किया कि यह वांछनीय नहीं है कि आंदोलन हमेशा लड़ाई का विषय बना रहे. अगर हम चाहते तो सुबह ही विरोध प्रदर्शन कर सकते थे, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया. तृणमूल ने दो मिनट में जादवपुर पर कब्जा करने की चेतावनी दी. सोमवार को एबीवीपी ने जादवपुर में प्रवेश करने का प्रयास किया था, मंगलवार को फिर छात्र संगठन ने मांग की कि वे जादवपुर में सर्जिकल स्ट्राइक करेंगे. मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में एबीवीपी नेतृत्व ने कहा कि 2011 तक वामपंथियों ने हर परिसर में जो संस्कृति अपनायी थी, वही संस्कृति 2011 से तृणमूल कांग्रेस द्वारा अपनायी जा रही है. ऐसा लगता है कि तृणमूल छात्र परिषद, एसएफआइ और अन्य वामपंथी छात्र संगठन एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. एबीवीपी छात्र परिषद जादवपुर में सर्जिकल स्ट्राइक करेगी. विश्वहिंदुस्तानी एक नशे का स्थान था. आज विश्वहिंदुस्तानी बदल गया है. राष्ट्रवादी छात्रों की संख्या बढ़ रही है और उनकी शक्ति कम होती जा रही है. जादवपुर के कई छात्र आत्मविश्वास से कह रहे हैं कि वे विद्यार्थी परिषद के लिए काम करना चाहते हैं, लेकिन उनके भीतर एक डर काम कर रहा है. एबीवीपी ने कहा, “हम उस गंदी संस्कृति की कड़ी निंदा करते हैं, जिसे इन वामपंथियों ने जादवपुर में माओवादी संस्कृति में बदल दिया है. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post कल्याणी विवि : टीएमसीपी व एसएफआइ समर्थकों में झड़प, कई जख्मी appeared first on Naya Vichar.

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देश में आर्थिक विकास के लिए जरूरी है राजनीतिक सुधार : जी किशन रेड्डी

समर्थन. केंद्रीय कोयला व खान मंत्री ने की ””एक देश, एक चुनाव”” की वकालत संवाददाता, कोलकाताकेंद्रीय कोयला व खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने मंगलवार को महानगर में हिंदुस्तान चेंबर ऑफ कॉमर्स की 124वीं वार्षिक आम सभा को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र प्रशासन ने 2047 तक विकसित हिंदुस्तान का लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए देश में अब नेतृत्वक सुधार जरूरी है. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने ””””एक देश, एक चुनाव”””” की वकालत की. उन्होंने कहा कि देश में एक साथ चुनाव होने से आर्थिक फैसलों को लेने में सहूलियत होगी, क्योंकि अभी देश के प्रत्येक छह महीने में किसी ना किसी राज्य में चुनाव होता है और फिर आचार संहिता लगने के कारण प्रशासनी योजनाओं के क्रियान्वयन बाधित होते हैं. उन्हाेंने कहा कि एक साथ चुनाव होने से साढ़े चार वर्ष तक लोगों के लिए खुल कर कार्य करने की आजादी होगी. स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकी पर जोर : कोल इंडिया के चेयरमैन : इस मौके पर कोल इंडिया के चेयरमैन पीएम प्रसाद ने कहा कि कंपनी अब स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकी और सौर ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन पर जोर दे रहा है. श्री प्रसाद ने जिम्मेदाराना तरीके से खदानों को बंद करने की वकालत की और दीर्घकालिक स्थिरता के लिए सुरक्षित और वैज्ञानिक खनन का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक खनन को प्रतिस्पर्धा के रूप में नहीं, बल्कि पूरक के रूप में देखा जाना चाहिए. इस मौके पर हिंदुस्तान चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष डॉ एनजी खेतान ने स्वागत भाषण रखा और चेंबर के गतिविधियों के बारे में जानकारी दी. चुनाव के दौरान रेवड़ी बांटने की घोषणाओं पर भी पुनर्विचार करना होगा इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि देश में चुनाव के समय अब नेतृत्वक पार्टियां रेवड़ी बांटने की घोषणाएं कर रही हैं. कई राज्यों की स्थिति तो ऐसी है कि वे अपनी कुल आमदनी से दोगुनी राशि रेवड़ी बांटने में खर्च कर रही हैं. रेवड़ी बांटने के लिए राज्य प्रशासनें ऋण ले रही हैं. उन्होंने कहा : हमें इस पर विचार करना होगा, क्योंकि अगर स्थिति जारी रही तो आने वाले समय में देश में बहुत बड़ा आर्थिक संकट देखने को मिल सकता है. रेवड़ी बांटने की वजह से आधारभूत सुविधाओं व ग्रामीण विकास की योजनाएं प्रभावित होंगी. देश को आगे ले जाना प्रशासन व निजी क्षेत्र, दोनों की जिम्मेदारी केंद्रीय कोयला व खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि देश को आगे ले जाना प्रशासन और निजी क्षेत्र, दोनों की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि देश की प्रशासन ने उदार एफडीआइ नीति का पालन करते हुए घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा दिया है. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान अब सबसे तेजी से बढ़ती वित्तीय स्थितिओं में से एक है, जो अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी वित्तीय स्थिति है और जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी वित्तीय स्थिति बन जायेगा. श्री रेड्डी ने कहा कि हिंदुस्तान को ””””विकसित हिंदुस्तान”””” बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक मजबूत नींव रखी है. उन्होंने कहा कि देश की वित्तीय स्थिति के लिए एमएसएमइ क्षेत्र का विकास काफी महत्वपूर्ण है. कोयला मंत्री का भाजपा कार्यकर्ताओं ने किया स्वागत कोलकाता. केंद्रीय कोयला व खान मंत्री जी किशन रेड्डी का दो दिवसीय विभागीय कार्यक्रम में भाग लेने के लिए कोलकाता दौरे के दौरान कोल इंडिया मुख्यालय में शॉल और पुष्पमालाओं से स्वागत किया गया. श्री रेड्डी कोल इंडिया, हिंदुस्तानीय प्राणी सर्वेक्षण और हिंदुस्तान चेंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. पश्चिम बंगाल भाजपा स्वच्छ हिंदुस्तान अभियान के राज्य सह-संयोजक नवीन मिश्रा ने पार्टी कार्यकर्ताओं और सहयोगियों के साथ श्री रेड्डी का स्वागत किया. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post देश में आर्थिक विकास के लिए जरूरी है नेतृत्वक सुधार : जी किशन रेड्डी appeared first on Naya Vichar.

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खनिज मिशन के लिए 32,000 करोड़ खर्च करने की मिली मंजूरी : रेड्डी

केंद्रीय कोयला व खान मंत्री बोले- अगले 3-4 साल में लिथियम की मांग आंतरिक रूप से पूरा करने में सक्षम होगा हिंदुस्तान संवाददाता, कोलकाताकेंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने मंगलवार को कहा कि देश के महत्वपूर्ण खनिज मिशन के लिए 32,000 करोड़ रुपये खर्च करने की मंजूरी मिल गयी है. हिंदुस्तानीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआइ) के 175 वर्ष पूरे होने के अवसर पर कोलकाता में आयोजित समारोह में श्री रेड्डी ने कहा कि जीएसआइ राष्ट्रीय खनिज मिशन के उद्देश्यों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. उन्होंने कहा कि इससे हिंदुस्तान को 2047 तक खनिज अन्वेषण में शीर्ष स्थान हासिल करने में मदद मिलेगी, ताकि ‘विकसित हिंदुस्तान’ के मिशन को साकार किया जा सके. वहीं, समारोह के इतर संवाददाताओं से बातचीत में केंद्रीय मंत्री श्री रेड्डी ने कहा कि राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन का उद्देश्य लिथियम जैसे खनिजों के खनन को बढ़ावा देना है. उन्होंने उम्मीद जतायी कि हिंदुस्तान तीन-चार साल में लिथियम जैसे महत्वपूर्ण खनिजों की मांग को देश के भीतर ही पूरा करने में सक्षम होगा. उन्होंने कहा कि हमें मोबाइल फोन की बैटरी और सौर पैनलों के लिए लिथियम की जरूरत है. हमें उम्मीद है कि अगले तीन-चार वर्षों में हम देश के भीतर से लिथियम जैसे महत्वपूर्ण खनिजों की मांग को पूरा कर सकेंगे और यह काफी मददगार होगा. श्री रेड्डी ने आगे कहा कि जीएसआइ लातिन अमेरिकी देश अर्जेंटीना के साथ मिलकर पांच लिथियम ब्लॉक पर काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि 1851 में स्थापना के बाद से, जब जीएसआइ को कोयला भंडार की खोज के लिए अंग्रेजों द्वारा स्थापित किया गया था, इसने एक लंबा सफर तय किया है. विभिन्न प्रकार के खनिजों और प्राकृतिक गैस की खोज की है. उन्होंने कहा कि केवल खनिजों की खोज ही नहीं, बल्कि जीएसआइ ने बांध निर्माण, सुरंग निर्माण, और आपदा की तैयारी में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post खनिज मिशन के लिए 32,000 करोड़ खर्च करने की मिली मंजूरी : रेड्डी appeared first on Naya Vichar.

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परीक्षा से पहले मां को खोया, फिर भी दी परीक्षा

श्यामनगर : परीक्षा केंद्र जाने के रास्ते में पलटी ऑटो आइसीएससी बोर्ड की दसवीं की परीक्षा देने मां संग जा रही था छात्रा बीच रास्ते में ऑटो दुर्घटनाग्रस्त होकर पलटी, एक की मौत, दो अन्य अभिभावक घायल संवाददाता, जगदल जगदल थानांतर्गत श्यामनगर इलाके में यात्रियों से भरी एक ऑटो मंगलवार को दुर्घटनाग्रस्त होकर पलट गयी. उसमें सवार होकर परीक्षा देने जा रही एक छात्रा ने इस हादसे में परीक्षा से पहले ही अपनी मां को खो दिया. फिर भी छात्रा ने परीक्षा दी. मृत स्त्री का नाम सिउली सेन गुप्ता (42) है. जानकारी के मुताबिक, सोदपुर के एक गैर प्रशासनी अंग्रेजी मीडियम स्कूल का परीक्षा केंद्र श्यामनगर के आतपुर के एक स्कूल में पड़ा है. सिउली सेनगुप्ता की बेटी सृजा सेनगुप्ता भी मंगलवार को आइसीएससी बोर्ड के दसवीं कक्षा की परीक्षा देने जा रही थी. सृजा की मां उसे लेकर सोदपुर से ट्रेन से श्यामनगर पहुंची. वहां से ऑटो पर चढ़ी. ऑटोरिक्शा पर कुल छह लोग सवार होकर परीक्षा केंद्र के लिए ही रवाना हुए थे, जिसमें तीन परीक्षार्थी और तीन उनके अभिभावक थे. सृजा और उसकी मां भी उसी ऑटो पर थीं. ऑटो श्यामनगर के पावर हाउस के पास पहुंचते ही सामने से आ रही एक वैन से अचानक टकराकर पलट गयी. इस हादसे में सभी को चोटें आयी. हालांकि सिउली पूरी तरह से अचेत हो गयीं. उन्हें तुरंत भाटपाड़ा स्टेट जनरल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. वहीं हादसे में अन्य दो परीक्षार्थियों के अभिभावक भी जख्मी हुए हैं. उन्हें भाटपाड़ा स्टेट जनरल अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इधर, चोटिल छात्रा सृजा को परीक्षा केंद्र पहुंचाने की व्यवस्था की गयी. परीक्षा से पूर्व ही ऐसी घटना से सृजा शोक में डूबी है. घटना में अन्य दो परीक्षार्थी के परिजन जख्मी है. पुलिस ने ऑटो चालक को गिरफ्तार कर लिया है. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post परीक्षा से पहले मां को खोया, फिर भी दी परीक्षा appeared first on Naya Vichar.

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ट्राम लाइन हटाने पर रोक के हाइकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम पहुंची राज्य सरकार

संवाददाता, कोलकाता कलकत्ता हाइकोर्ट ने राज्य प्रशासन को महानगर से ट्राम लाइन हटाने की प्रक्रिया पर रोक लगाने का आदेश दिया था और अब तक कितने ट्राम लाइनों को हटाया गया है, इस बारे में मंगलवार तक रिपोर्ट तलब की थी. मंगलवार को हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम व न्यायाधीश चैताली चट्टोपाध्याय (दास) की खंडपीठ में राज्य के महाधिवक्ता ने बताया कि हाइकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी है, इसलिए हाइकोर्ट में मामले पर सुनवाई स्थगित रखी जाये. इसके बाद ही मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित रहने तक हाइकोर्ट में सुनवाई स्थगित रहेगी. गौरतलब है कि इससे पहले मुख्य न्यायाधीश ने जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा था कि कोलकाता की ट्राम सेवा, इस शहर की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है, इसे बंद नहीं किया जाना चाहिए. इसके साथ ही हाइकोर्ट ने शहर में जहां भी ट्राम लाइन को अवैध रूप से दबाया गया है, उस ट्राम ट्रैक को बहाल करने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने कहा कि हिंदुस्तान के किसी अन्य शहर में ये इलेक्ट्रिक ट्राम्स नहीं चलतीं. जनहित याचिका पर सुनवाई करते हए खंडपीठ ने कहा था कि शहर की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने के लिए नेतृत्वक इच्छाशक्ति होनी चाहिए. कोर्ट ने कोलकाता पुलिस को ट्राम ट्रैक को दबाने की शिकायतों की जांच करने और इसे करने वालों की पहचान करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने पहले यह निर्देश दिया था कि ट्राम ट्रैक को दबाया नहीं जाये, लेकिन दो शिकायतें कोलकाता पुलिस के पास आयीं थीं, जिनमें यह आरोप था कि कुछ स्थानों पर यह काम किया गया है. पीठ ने कहा कि यह विश्वास करना कठिन है कि बिना संबंधित अधिकारियों की निर्देश के इस तरह की कार्रवाई की गयी होगी. हालांकि, अब राज्य प्रशासन ने कलकत्ता हाइकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, इसलिए अब महानगर की ट्राम सेवा का भविष्य सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्भर होगा. क्या कहा था हाइकोर्ट ने हाइकोर्ट की खंडपीठ ने कहा था कि ट्राम सेवाओं को बंद करना एक आसान कार्य है, लेकिन फिर भी राज्य को यह ध्यान रखना चाहिए कि वह कोलकाता की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने के लिए भी जिम्मेदार है. पीठ ने यह भी कहा कि जब पश्चिम बंगाल प्रशासन ने महानगर में धरोहर भवनों को संरक्षित करने के लिए एक अलग विभाग बनाया है, तो वह यह समझ नहीं पा रही कि ट्राम लाइन के मामले में ऐसा विचार क्यों नहीं किया जा रहा. कोर्ट ने यह भी कहा कि दुनिया के अन्य देशों में, जैसे स्विट्जरलैंड, जहां ट्राम्स चलती हैं, वहां भी इन ट्राम ट्रैकों का रास्ता सड़कों के बीच से गुजरता है, ठीक वैसे ही जैसे कोलकाता में होता है. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post ट्राम लाइन हटाने पर रोक के हाइकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम पहुंची राज्य प्रशासन appeared first on Naya Vichar.

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संपत्ति विवाद के बीच ढाई साल के बच्चे के साथ फंदे से लटके मिले माता-पिता

घटना में संपत्ति विवाद का मामला आ रहा सामने पुलिस ने मृत सोमनाथ राय के मामा प्रदीप घोषाल और मामी नीलिमा को किया गिरफ्तार प्रदीप पुलिस से रिटायर्ड कांस्टेबल हैं, जबकि नीलिमा होमगार्ड पद पर कार्यरत हैं संवाददाता, कोलकाता कसबा थाना क्षेत्र के हालतू के पूर्व पल्ली इलाके में मंगलवार को एक शिशु समेत एक परिवार के तीन सदस्य अपने घर में मृत पाये गये. मृतकों की पहचान सोमनाथ राय (40), उनकी पत्नी सुमित्रा (35) और उनके ढाई साल के बेटे रुद्रनील के रूप में हुई है. शिशु के साथ उनके माता-पिता का फंदे से लटका शव बरामद किया गया. सोमनाथ राय और सुमित्रा अलग-अलग फंदे से झूल रहे थे. शिशु को सोमनाथ ने अपने सीने से बांध लिया था. जब पुलिस मौके पर पहुंची तो तीनों मृत मिले. पुलिस ने देखा कि घर की दीवार पर पेंसिल से सुसाइड नोट लिखा है. उस आधार पर पुलिस ने सोमनाथ के मामा प्रदीप घोषाल एवं मामी नीलिमा घोषाल को गिरफ्तार कर लिया. दंपती ने अपनी मौत के लिए चार लोगों को जिम्मेदार ठहराया है. सोमनाथ ने मामा-मामी पर संपत्ति विवाद के कारण अत्याचार करने का आरोप लगाया है. उसके मामा कोलकाता पुलिस के रिटायर्ड कांस्टेबल हैं, जबकि मामी अब भी कोलकाता पुलिस में होमगार्ड के पद पर कार्यरत है. बताया जा रहा है कि सोमनाथ राय पेशे से ऑटो चालक थे. कसबा थाने की पुलिस ने तीनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पुलिस के मुताबिक, मंगलवार सुबह से परिवार के सदस्यों को घर से बाहर नहीं निकलते देख आसपास के लोगों ने सोमनाथ को फोन किया. कोई जवाब नहीं मिलने पर लोग घर के कमरे में पहुंचे तो शिशु के माता-पिता को फंदे पर लटके हालत में पाया. इसके बाद कसबा थाने की पुलिस को इसकी सूचना दी गयी. पुलिस का अनुमान यह है कि माता-पिता ने अपने शिशु की हत्या करके आत्महत्या कर ली. कर्ज के बोझ तले दबा था परिवार! पुलिस को प्राथमिक जांच में पड़ोसियों ने बताया कि सोमनाथ का परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था. हाल ही में बाजार से सोमनाथ ने काफी कर्ज ले रखा था. कुछ रिश्तेदारों का दावा है कि सोमनाथ का अपने परिवार के साथ संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा था. इन सबके कारण वह मानसिक रूप से कुछ हद तक टूट गया था. हो सकता है कि इसीलिए परिवार ने आत्महत्या का फैसला लिया हो. पुलिस ने बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि तीनों की मौैत कैसे व कब हुई है. इस घटना के बाद से इलाके में शोक व्याप्त है. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post संपत्ति विवाद के बीच ढाई साल के शिशु के साथ फंदे से लटके मिले माता-पिता appeared first on Naya Vichar.

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जेयू: वीसी ने शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ की बैठक

संवाददाता, कोलकाता शनिवार को जादवपुर यूनिवर्सिटी में हुई घटना की जांच के लिए मंगलवार को कुलपति ने विश्वविद्यालय शिक्षक संगठनों के साथ बैठक की गयी. बैठक में कुलपति ने आदेश दिया कि परिसर में तुरंत शांति बहाल की जानी चाहिए, इसलिए उन्होंने सभी को मिलकर काम करने का सुझाव दिया. जेयू के कार्यवाहक कुलपति भास्कर गुप्ता ने न्यायिक जांच का प्रस्ताव रखा है. बैठक में चार शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे. इसमें शनिवार की घटना पर चर्चा की गयी. कुलपति ने सभी पक्षों के बयान सुने. अस्वस्थ होने के कारण वह बैठक में वर्चुअल रूप से ही जुड़े . विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बैठक में कार्यवाहक कुलपति भास्कर गुप्ता, अन्य अधिकारियों और चार शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से उच्च शिक्षा विभाग के समक्ष छात्र संघ चुनाव कराने का मुद्दा उठाने का भी निर्णय लिया जो 2020 से लंबित है. गौरतलब है कि वामपंथी विद्यार्थियों ने शनिवार को शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु को जेयू परिसर से बाहर जाने से रोकने का प्रयास किया तथा छात्र संघ चुनाव कराने के विषय पर चर्चा की मांग की. विरोध प्रदर्शन के दौरान बसु की कार का शीशा क्षतिग्रस्त कर दिये जाने से वह खुद भी घायल हो गये. दो छात्र भी घायल हो गये. बैठक में छात्र यूनियन चुनाव की मांग उठायी गयी. हालांकि, समाचार है कि यह सुनिश्चित करने के लिए भी चर्चा की गयी है कि सब कुछ बदले हुए नियमों के अनुसार ही हो. राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु को पिछले शनिवार को जेयू में परेशान किया गया. मंत्री उस समय घायल हो गये जब उनके आसपास विरोध प्रदर्शन चल रहा था और छात्र उनकी गाड़ी रोकने की कोशिश कर रहे थे. शिक्षा मंत्री के आसपास प्रदर्शन कर रहे दो छात्र भी घायल हो गये. आरोप है कि दो छात्रों में से एक को मंत्री की कार ने कुचल दिया. कार का पहिया किसी एक छात्र के पैरों पर चढ़ गया. इस घटना को लेकर तनाव बढ़ गया. कथित तौर पर किसी ने रात में परिसर के तृणमूल समर्थित कार्यकर्ता संगठन ‘शिक्षाबंधु’ समिति के कार्यालय में आग लगा दी, जिससे माहौल और गरम हो गया. इन सभी मुद्दों पर मंगलवार को चर्चा की गयी. एक छात्र को कुचलने के आरोप पर एफआइआर दर्ज करने की मांग की गयी. हालांकि वेबकूपा ने इस पर आपत्ति जतायी है. इसके विपरीत उन्होंने ””””””””””””””””शिक्षाबंधु”””””””””””””””” समिति कार्यालय में आग लगने की घटना की जांच की मांग की. बैठक में शनिवार की घटना की न्यायिक जांच का प्रस्ताव भी पारित किया गया. इसके अलावा सुरक्षा के लिए अतिरिक्त सुरक्षा गार्ड की मांग राज्य प्रशासन से की गयी. मंगलवार की बैठक में परिसर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सभी संभावित कदमों पर गहन विचार किया गया. जादवपुर विश्वविद्यालय के प्रो-वाइस चांसलर अमिताभ दत्ता ने बताया कि हमने सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ बैठक की. विश्वविद्यालय में सामान्य स्थिति कैसे शीघ्र बहाल की जाये और विद्यार्थियों का ध्यान उनकी पढ़ाई पर कैसे केंद्रित किया जाये. कुछ प्रस्ताव स्वीकार कर लिये गये हैं. जेयूटीए के महासचिव पार्थ प्रतिम रॉय ने कहा कि वाइस चांसलर से बात करने के बाद निर्णय लिया जायेगा. ””””””””विश्वविद्यालय में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा. यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि यह घटना दोबारा न घटे. इसके लिए तत्काल छात्र परिषद चुनाव की आवश्यकता है. वहीं जेयू के वामपंथी छात्र संगठन एसएफआइ ने मंगलवार की बैठक पर रोष व्यक्त करते हुए पूछा कि वीसी छात्रों से बात क्यों नहीं कर रहे हैं? एसएफआइ नेता शुभजीत बनर्जी ने कहा कि अगर वीसी हितधारकों के साथ ऑनलाइन बैठक कर सकते हैं, तो वह छात्रों से बात क्यों नहीं कर रहे हैं? हम कुलपति से बात करना चाहते हैं. अगर वह हमसे बात नहीं करते हैं, तो हम अरविंद भवन को बंद करने और विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होंगे. अगला निर्णय जीबी की बैठक के बाद लिया जायेगा. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post जेयू: वीसी ने शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ की बैठक appeared first on Naya Vichar.

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ब्रात्य ने घायल छात्र के पिता को फोन कर घटना पर जताया खेद

जादवपुर यूनिवर्सिटी में विरोध प्रदर्शन अब भी है जारीसंवाददाता, कोलकाताजादवपुर विश्वविद्यालय की घटना को लेकर मंगलवार को भी छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी रहा. वामपंथी संगठनों से जुड़े छात्रों ने रैली निकाली और राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु के इस्तीफे तथा छात्रों के खिलाफ पुलिस शिकायत को वापस लेने की मांग की. उधर, शिक्षा मंत्री ने व्यक्तिगत रूप से घायल छात्र इंद्रानुज राय के परिवार से संपर्क किया और घटना पर खेद व्यक्त किया. छात्र के पिता अमित राय ने बताया कि शिक्षा मंत्री ने उन्हें कॉल किया और उन्होंने खेद प्रकट किया. उन्होंने इंद्रानुज के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की. उन्होंने कहा कि वह और उनकी पत्नी बेहद दुखी हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इंद्रानुज उनके बेटे जैसा है. गौरतलब है कि विश्वविद्यालय परिसर में एक मार्च को बसु के काफिले की एक कार के कथित रूप से बहुत नजदीक से गुजरने के बाद इंद्रानुज सहित दो छात्र घायल हो गये थे. यह घटना उस समय हुई जब वामपंथी छात्रों ने मंत्री को परिसर से बाहर जाने से रोकने का प्रयास किया. कैंपस में एसएफआइ के छात्र छात्र यूनियन चुनाव कराये जान पर चर्चा की मांग कर रहे थे, जो कई वर्षों से नहीं हुए थे. विरोध प्रदर्शन के दौरान बसु की कार का शीशा क्षतिग्रस्त हो गया और इस घटना में वह स्वयं भी घायल हो गये. सोमवार रात को आम सभा की बैठक के बाद छात्रों ने मांग की कि कुलपति भास्कर गुप्ता परिसर में वापस आयें और उनकी मांगों का समाधान शीघ्र करें. छात्रों ने चेतावनी दी कि अगर वह ऐसा करने में विफल रहे तो वे उग्र विरोध प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि विश्वविद्यालय घायल छात्रों के उपचार का पूरा खर्च उठायें और बसु के खिलाफ पुलिस में औपचारिक शिकायत दर्ज करायी जाये. शनिवार की घटना के बाद वाइस चांसलर अभी तक परिसर में वापस नहीं आये हैं. सूत्रों ने बताया कि वह अस्वस्थ हैं और उनका रक्तचाप भी घट-बढ़ रहा है और उन्हें घर पर आराम करने की सलाह दी गयी है. कुलपति ने शनिवार की रात अस्पताल में घायल छात्रों से मुलाकात की थी, लेकिन उन्हें छात्रों के विरोध का सामना करना पड़ा. इस दौरान कथित तौर पर उनकी शर्ट फट गयी और स्वास्थ्य संबंधी उनकी जटिलतायें और बढ़ गयीं. उन्होंने कहा कि डॉक्टर की मंजूरी मिलने के बाद वह विश्वविद्यालय लौट आयेंगे. विरोध के बावजूद, विश्वविद्यालय के कुछ विभागों ने प्रथम वर्ष और पार्श्व इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों सहित सेमेस्टर परीक्षाएं जारी रखीं. वहीं कुछ विभागों ने स्वेच्छा से कक्षाएं स्थगित कर दीं, जबकि अन्य ने निर्धारित परीक्षाएं जारी रखीं. डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (डीएसएफ) सहित कई अति वाम छात्र संगठनों ने मंगलवार और बुधवार को विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है. माकपा की छात्र शाखा स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआइ) ने मंगलवार की हड़ताल में भाग नहीं लिया, लेकिन पूरे राज्य में अलग-अलग प्रदर्शन आयोजित किये. शनिवार की घटना के बाद से स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग पर अड़े हैं वामपंथी संगठनों से जुड़े छात्र कोलकाता. जादवपुर विश्वविद्यालय में शनिवार की घटना के बाद से स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. जेयू में अशांति जारी है. मंगलवार को सड़कों पर एसएफआइ ने प्रदर्शन किया और शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु के इस्तीफे की मांग की. इस घटना को लेकर राज्य की नेतृत्व उथल-पुथल में है. माकपा की छात्र इकाई स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआइ) ने कहा कि ऐसी घटना फिर से न हो, इसके लिए प्रशासन को कड़ा कदम उठाना होगा. एसएफआइ सदस्यों का कहना है कि शिक्षा मंत्री को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post ब्रात्य ने घायल छात्र के पिता को फोन कर घटना पर जताया खेद appeared first on Naya Vichar.

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Hemant Soren Gift: सीएम हेमंत सोरेन 49 ट्रेनिंग ऑफिसर्स को देंगे सरकारी नौकरी का तोहफा, सौंपेंगे नियुक्ति पत्र

Hemant Soren Gift: रांची-झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बुधवार को नवचयनित प्रशिक्षण पदाधिकारियों (ट्रेनिंग ऑफिसर्स) को नियुक्ति पत्र सौंपेंगे. श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से हाल ही में इन प्रशिक्षण पदाधिकारियों की नियुक्ति की गयी है. कुछ प्रशिक्षण पदाधिकारियों को पहले भी नियुक्ति पत्र मिला है. 49 प्रशिक्षण पदाधिकारियों को अब नियुक्ति पत्र सौंपा जाएगा. नियुक्ति पत्र वितरण समारोह दिन के एक बजे रांची के प्रोजेक्ट भवन सभागार में आयोजित किया गया है. विधि व्यवस्था के लिए रांची समेत आठ जिलों को 2.98 करोड़ रुपये विधि व्यवस्था बनाये रखने के लिए गृह विभाग द्वारा रांची समेत आठ जिलों को 2.98 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. इनमें रांची जिला को 1.50 करोड़, खूंटी जिले को 70 लाख, हजारीबाग को 25 लाख, गोड्डा को नौ लाख, लातेहार को पांच लाख, लोहरदगा को चार लाख, पलामू को 10 लाख व कोडरमा को 25 लाख रुपये आवंटित किये गये हैं. पूर्व में भी इन आठ जिलों को विधि-व्यवस्था बनाये रखने के लिए 12 करोड़ रुपये आवंटित किये गये थे. इस राशि में सेमिनार, समारोह या कार्यशाला के आयोजन का खर्च समाहित है. इनके आयोजन के बाद बिल जमा करने पर डीसी द्वारा भुगतान किया जायेगा. राज्यपाल से मिले आइसीएआई रांची शाखा के पदाधिकारी आइसीएआई, रांची शाखा के नवनियुक्त पदाधिकारियों और कार्यकारिणी सदस्यों ने राज्यपाल संतोष गंगवार से शिष्टाचार भेंट की. रांची शाखा के अध्यक्ष सीए अभिषेक केडिया ने राज्यपाल को बताया कि रांची शहर सीए कोर्स के अध्ययन के लिए सीए विद्यार्थियों के बीच महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है. इस दौरान रांची शाखा के उपाध्यक्ष सीए अनीश जैन, कोषाध्यक्ष सीए विवेक खोवाल, सीए स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सीए दिलीप कुमार और सीपीइ कमेटी के अध्यक्ष सीए हरेंद्र उपस्थित थे. पढ़ें नया विचार की प्रीमियम स्टोरी:Mughal Harem Stories : शाहजहां ने अपनी बेटी जहांआरा के प्रेमियों को दी थी रूह कंपाने वाली मौत The post Hemant Soren Gift: सीएम हेमंत सोरेन 49 ट्रेनिंग ऑफिसर्स को देंगे प्रशासनी नौकरी का तोहफा, सौंपेंगे नियुक्ति पत्र appeared first on Naya Vichar.

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