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March 5, 2025

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Bihar News: बिजली के तार की चपेट में आने से गया के दो बच्चों सहित चार की मौत, नवादा के नादरीगंज में हुई घटना

Bihar News: बिहार के नवादा जिले से बड़ी समाचार सामने आ रही है, जहां पर 11 हजार वोल्ट का नंगा तार चार लोगों की मौत का कारण बन गया है. घटना नारदीगंज प्रखंड के वनगंगा जेठियन मार्ग पर राजीव नगर के पास बुधवार दोपहर एक बजे की है. मृतकों में एक स्त्री, उसके दो शिशु और एक ट्रक ड्राइवर शामिल हैं. बताया जाता है कि राजीव नगर गांव के पास सड़क किनारे लगा एक लिप्टस का पेड़ तेज हवा के कारण गिर गया था. पेड़ की चपेट में आने से बगल से गुजर रहा 11 हजार वोल्ट का बिजली तार भी सड़क पर गिर गया. उसी समय राजगीर से गया के खिजरसराय जानेवाली बस गुजर रही थी. रास्ते में पेड़ गिरा देख ड्राइवर ने बस रोक दी. तीनों को बचाने गये ट्रक ड्राइवर की भी हुई मौत बस के रुकते ही सभी पैसेंजर नीचे उतर गये. इसी दौरान एक तीन साल की बच्ची बिजली प्रवाहित तार की चपेट में आ गयी, जिसे बचाने के चक्कर में बच्ची की मां और दो साल का उसका भाई भी बिजली की चपेट में आ गये. तीनों को छटपटाता देख घटनास्थल पर मौजूद लोगों के बीच भगदड़ मच गयी. उसी समय मछली लोड एक ट्रक घटना स्थल पर पहुंच गया. ड्राइवर ट्रक को रोक कर कंबल लेकर तीनों को बचाने के लिए दौड़ा. बचाने के क्रम में वह भी करेंट की चपेट में आ गया. देखते ही देखते चारों की घटना स्थल पर ही मौत हो गयी. घटना की समाचार सुनते ही नारदीगंज के प्रभारी थानाध्यक्ष वीरेंद्र कुमार सिंह, डीएसपी 2 सुनील कुमार, बीडीओ रणजीत कुमार, सीओ रईस आलम घटनास्थल पर पहुंचे और शव को जब्त कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल नवादा भेज दिया. ग्रामीणों ने वन विभाग और पुलिस से जतायी थी पेड़ के गिरने की आशंका प्रभारी थानाध्यक्ष वीरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि सभी मृतकों की पहचान हो गयी है. तीन मृतक एक ही परिवार के हैं. इनमें गया जिले के अतरी थाना क्षेत्र के चांदपुरा निवासी पिंटू राजवंशी की पत्नी 30 वर्षीय गौरी देवी, तीन वर्षीय बेटी अनु कुमारी और दो वर्षीय बेटा कार्तिक कुमार शामिल हैं. जिस ट्रक ड्राइवर की मौत हुई है, उसका नाम संजीत पासवान बताया जा रहा है. 30 वर्षीय संजीत गया जिले के अतरी थाना क्षेत्र के अरई केशोपुर निवासी श्री पासवान का बेटा था. बताया जाता है कि लिप्टस का का पेड़ काफी पुराना था, जो कभी भी गिर सकता था. इसकी जानकारी ग्रामीणों द्वारा वन विभाग और 112 पर कॉल कर पुलिस को पहले ही दी गयी थी, लेकिन किसी भी अधिकारी के द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया गया. इसका नतीजा चार लोगों की मौत के रूप में सामने आया. शवों का कराया गया पोस्टमार्टम घटना के बाद गया जिले के मोहड़ा प्रखंड क्षेत्र की सारसु पंचायत के चांदपुरा व अरई पंचायत के बेलदारी गांव में कोहराम मच गया. अरई पंचायत की मुखिया संजना देवी के पति श्रवण कुमार ने बताया कि घटना की जानकारी होते ही नवादा जिला मुख्यालय में आ गये. चारों के शवों का पोस्टमार्टम कराया गया. वहीं, इस हादसे के शिकार ट्रक ड्राइवर संजीत पासवान के परिजन भी वहां पहुंच गये. पुलिस मामले की छानबीन में जुट गयी है. Also Read: Bihar Weather: मॉनसून में होगा झमाझम बारिश, ला-नीना का पूरे बिहार में दिखेगा असर The post Bihar News: बिजली के तार की चपेट में आने से गया के दो बच्चों सहित चार की मौत, नवादा के नादरीगंज में हुई घटना appeared first on Naya Vichar.

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झारखंड की इकलौती लिस्टेड कंपनी की कहानी: जहां कहीं कोई सोच नहीं सकता, उस गांव में कैसे पहुंचा म्यूचुअल फंड

Mutual Fund: जहां कहीं कोई सोच भी नहीं सकता कि गांवों में माइक्रो एटीएम पहुंच जाएगा, म्यूचुअल फंड जैसे निवेश हो सकते हैं, वहां एक कमाल हो गया है. यह कहानी झारखंड से निकलकर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पहुंचने वाली पहली और अब तक की इकलौती कंपनी के बारे में है. झारखंड अकूत खनिज संपदा से भरा हुआ है, देश ही नहीं दुनिया की कई बड़ी कंपनियां यहां संयत्र लगाकर हर साल करोड़ों का व्यापार करती हैं. लेकिन झारखंड की माटी से निकली इस कंपनी के अलावा कोई कंपनी मार्केट में अब तक लिस्ट नहीं हो पाई है. कंपनी का नाम है– वेदांत एसेट्स. ये SME कंपनी है. बीते 10-12 साल से झारखंड के गांवों में काम कर रही है. यहां की स्त्रीओं के लिए जान फूंकी हुई है. पीएम मोदी का एक सपना है– डिजिटल इंडिया. बस उसी सपने इस कंपनी को पंख लगा दिए. कंपनी उन गरीब-गुरबों तक पहुंच गई, जिसको देखकर अक्सर ही पैसा मुंह फेर लेता है. आइए आज आपकी मुलाकात इसी कंपनी के संस्थापक ललित त्रिपाठी कराते हैं. सवाल बिल्कुल वही रखे हैं, जो आपके मन में भी उठ रहे होंगे… प्रश्न: जिस झारखंड में लोग जल, जंगल, माटी के लिए जान झोंके हुए हैं, आपको फाइनेंस की दुनिया में घुसने की प्रेरणा कहां से मिली? ललित त्रिपाठी: फाइनांस की जहां तक बात है, तो हमारा देश कई शहरों में हिंदुस्तान और इंडिया (कमजोर और ताकतवर) में बंट गया है. हमलोग हिंदुस्तान वाले हैं, जो हिंदुस्तान के लिए काम करते हैं. कुछ लोग इंडिया में रहकर हिंदुस्तान की बात कर रहे हैं. समंदर के किनारे बैठकर इंडिया वाले हिंदुस्तान की बात कर रहे हैं. हिंदुस्तान का अपना अलग विचार है, अलग मजा और मिजाज है. हमलोग इसी सिलसिले में जमशेदपुर में काम कर रहे हैं और कोशिश यही है कि इसको किस तरह आगे बढ़ाया जाए. स्वरोजगार का काम हो या स्त्रीओं के उत्थान का काम हो, हमारी कोशिश है कि इसे फाइनेंशियल इन्क्लूजन के माध्यम से इम्प्रूव किया जा सके. प्रश्न: बेहतर, पर स्त्रीओं के लिए क्यों? वो भी गांव में, जहां लोग पैसे लगाने से अक्सर घबराते हैं? ललित त्रिपाठी: ऐसा है कि कुछ अलग हटकर करना था, जो अपनी लाइफ का सक्सेस हो. हमने कुछ अलग किया. जहां तक हमलों की बात है, तो हमलोग यहीं रांची शहर के अर्बन हैं. रांची में काफी चीजें हो रही हैं. 2019 में मुझे ख्याल आया कि हमें रूरल एरिया में मूव करना चाहिए. 2019 में आया तो लगा कि क्या चीज करें कि लोग हमसे जुड़ सकें. हमलोगों ने टेस्टिंग की कि फाइनेंशियल सर्विसेज में क्या किया जा सकता है? फाइनेंशियल सर्विसेज से स्त्रीएं जुड़ तो जाएंगी, लेकिन पैसा नहीं मिलेगा तो 6 महीने बाद हट जाएंगी. तब फिर लगा कि नहीं, बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट की शुरुआत करनी चाहिए. तब हमलोगों ने बैंकों के साथ टाइअप किया. फिस इसके बाद जेएसएलपीएस के पास गए. वहां पर स्किल डेवलपमेंट कोर्स होता है. झारखंड प्रशासन की ओर से स्त्रीओं को स्किल डेवलपमेंट के कोर्सेज कराए जाते हैं. उनको कोर्सेज करा तो दिए जाते हैं, लेकिन उनके पास रोजगार नहीं रहते. आजकल ये है कि जोड़ तो लेना आसान है, लेकिन उसे सस्टेन करना मुश्किल है. लाइवलीहुड को लंबे समय तक सस्टेन करना… लंबे समय तक डिटेन करना मुश्किल है. आजकल आदमी यही चाहता है कि दो, चार, छह महीने लोग आएं, फीता कटा और फोटो खिचाएं. लेकिन उसे लंबे समय तक सस्टेन करना, लंबे प्रोसेस को फॉलो करना… ये कठिन है. स्त्रीएं ग्रामीण परिवेश से आती हैं. उनको ट्रेनिंग देनी होती है, सिस्टम प्रभावी नहीं होता है और उनमें उतना कॉन्फिडेंस नहीं होता है. ये सब चैलेंजेज बहुत आते हैं. हमलोगों ने इस पर काम किया. प्रश्न: आपने वेदांत मित्र केंद्र खोला हुआ है. पूरे झारखंड में कितने हैं? ललित त्रिपाठी: 600…लगभग 600 प्रश्न: ये क्या काम करते हैं? ललित त्रिपाठी: ये सारे स्त्रीओं को आइडेंटिफाइ करके, जो बैंकिंग सिस्टम से जुड़ी रहती हैं, उन्हें बैंकिंग सर्विसेज देते हैं. हमारे साथ में जो बैंक जुड़े हैं, उनकी सर्विसेज देते हैं… बैंक ऑफ इंडिया और झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक एक और प्राइवेट बैंक है. उसके साथ में बहुत जल्द ही काम शुरू करने जा रहे हैं. बैंकिंग सर्विसेज में खाता खोलना, आधार कार्ड से पैसा देना, ट्रांजेक्शंस करना और बाकी बहुत सारे इन्वेस्टमेंट्स वगैरह हैं. प्रश्न: गांवों में आपने यूपीआई पेंमेंट की शुरुआत कब की? ललित त्रिपाठी: नहीं, यूपीआई पेमेंट तो नहीं. लेकिन हां, यूपीआई पेमेंट को इंटीग्रेट करके एक प्लेटफॉर्म बनाया है, जिसके माध्यम से लोगों को कैश आउट–कैश इन की सुविधा प्रदान करते हैं, जिसे पैसा निकासी और जमा कहते हैं. ये सब सर्विस है हमारा रूरल एरिया में, जिसमें है कि लोगों को पैसा जमा करना, पैसा निकालना, लोगों के पासबुक पेंडिंग है उसे अपडेट करना, नया खाता खोलना, आधार कार्ड से पैसे निकालना हो, माइक्रो एटीएम से पैसे निकालना हो या फिर क्यूआर कोड से पैसा निकालना हो, तो ये हमलोग कर रहे हैं. इसमें क्या है कि रेवेन्यू आता है. इसमें क्या होता है कि इसमें ऐसा मॉडल है कि कस्टमर से हम एक रुपया भी नहीं लेते हैं. ये सारा का सारा मॉडल चूंकि बैंकिंग सिस्टम का मॉडल है, तो इसमें हम जिस बैंक का रिलेशन यूज करते हैं, उस बैंक की एमपीसीआई की तरफ से इंटरबैंक फीस होती है, तो वही हमें मिलता है. तभी हम कस्टमर्स को फ्री सर्विस दे पाते हैं. कैश इन कैश आउट तो है ही. ये रूरल परिप्रेक्ष्य में ये हमारा है, लेकिन बहुत जल्द ही हम इससे दो कदम आगे बढ़कर और इससे हटकर स्त्रीओं को स्वरोजगार से जोड़ने जा रहे हैं. प्रश्न: स्त्रीओं को स्वरोजगार से कैसे जोड़ेंगे? ललित त्रिपाठी: पैसा है, तो ट्रांजेक्शन कर रहे हैं. पैसा आएगा कैसे? अभी आप देख रहे होंगे कि सारे स्टेट में प्रशासन के बीच में होड़ मची है कि स्त्रीओं को स्कीम के तहत पैसे दिए जा रहे हैं. कहीं लाडली योजना, कहीं कुछ योजना के तहत स्त्रीओं को कहीं 2000 रुपये…कहीं 2500 रुपये दिए जा रहे हैं. प्रशासन पर प्रेशर है, लेकिन ये बेस्ट मॉडल नहीं है. ये फ्रीबीज है, कब तक चलेगा. इस पैसे का सदुपयोग करके सिस्टम में दोबारा ला पाएं और रिवेन्यू

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Tips For Healthy Life: इन आदतों को अपनाकर आप सौ साल तक निरोग रह सकते हैं, इन्हें दिनचर्या में शामिल करें

Tips For Healthy Life: स्वस्थ रहना कौन नहीं चाहता है? लेकिन स्वस्थ रहने के लिए जिन नियमों और अनुशासन वाली दिनचर्या की ज़रूरत होती है उसका पालन कोई नहीं करना चाहता है, वैसे भी आज के भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग जल्दीबाजी के कारण हर चीज में शॉर्टकट ढूंढने लगे हैं. खाना खाने से लेकर सोने तक में अनियमितता का बोलबाला हो चुका है. इस अनहेल्दी लाइफ़स्टाईल से दिन-प्रतिदिन की समस्याओं में इजाफा हुआ है. इस अजीबोगरीब जीवन शैली के कारण आए दिन नई-नई बीमारियों का आगमन हो रहा है.आज स्वस्थ रहना सबसे कठिन चुनौती बन चुकी है. इस चुनौती से निपटने के लिए कुछ ऐसे आदतों को अपनाना होगा, जो हमारे स्वास्थ्य को बेहतर रख सकें. आइए आज के इस लेख में जानते हैं खुद को हेल्दी रखने केलिए कुछ जरूरी आदतों के बारे में. ब्रह्म मुहूर्त में उठना ब्रह्म मुहूर्त से मतलब सुबह चार बजे से छह बजे के बीच उठना. आयुर्वेद में ब्रह्म मुहूर्त में उठने के बहुत फायदे बताए गए हैं. आयुर्वेद कहता है कि सुबह जल्दी उठने से कफ दोष ,पित्त दोष और वात दोष संतुलित रहता है. आयुर्वेद के अनुसार इन तीनों दोषों के संतुलित होने से शरीर के सभी समस्याओं का समाधान संभव है. इतना ही नहीं सुबह जल्दी उठने से सुबह की शुद्ध हवा और सूरज की पहली किरण पूरे दिन इंसान को तरोताजा रखती है और ऊर्जा से भर देती हैं. एक्सरसाइज करें अगर आप चाहते हैं की आप सौ साल की उम्र तक स्वस्थ रहें तो एक्सरसाइज की आदत डाल लें. एक्सरसाइज करने से कब्ज, एसिडिटी और पाचन संबंधी दिक्कत नही होती है. एक्सरसाइज पूरे शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन अच्छा रखता है और हमारे मांसपेशियों और जोड़ों को मजबूत रखता है. नियमित एक्सरसाइज इंसान के हार्ट को हेल्दी रखने में मदद करता है और शरीर में चर्बी नहीं जमा होने देता है. इसलिए नियमित एक्सरसाइज कई सारी शारीरिक समस्याओं का निदान आसानी से कर देता है. सुबह जल्दी नाश्ता करें अक्सर लोग देर से सोकर उठते हैं और देर से नाश्ता करते हैं. हमारा आयुर्वेद बताता है की सुबह सात से नौ के बीच का समय नाश्ता करने का सबसे सही समय होता है, क्योंकि इस बीच पेट की जठराग्नि तीव्र होती है, जिस कारण भरपेट किया नाश्ता भी पूरी तरह से पच जाता है और नाश्ते का हर एक अंश शरीर को लगता है. जल्दी नाश्ता करने से पेट संबंधी दिक्कतें जैसे कब्ज, अपच ,एसिडिटी और गैस की समस्याएं नहीं होने पाती हैं. पेट की समस्या नही होना यानी कि कई बीमारियों से छुटकारा. एक बजे के बाद भोजन करें दोपहर का भोजन एक बजे के बाद करने की कोशिश करें. दोपहर बारह से दो के बीच में पाचन अग्नि तीव्र होती है जिस कारण गंभीर से गंभीर भोजन भी आसानी से पच जाता है और पेट संबंधी दिक्कतें नहीं होने पाती है. ये वह समय होता है जब इंसान को दिनचर्या के कार्यों को निपटाने के लिए ज्यादा से ज्यादा ऊर्जा की आवश्यकता होती है ऐसे में दोपहर के इस समय भोजन करने से लाभ होता है. यह भी पढ़ें: Benefits Of Baking Soda: स्वास्थ्य, सफाई और सुंदरता तीनों का ख्याल रखता है बेकिंग सोडा, इसके फायदे जानकर हैरान रह जाएंगे दोपहर में सोने से बचना चाहिए आयुर्वेद में दोपहर में सोने का जिक्र नहीं किया गया है. आयुर्वेद के अनुसार दोपहर में सोने से कफ दोष और पित्त दोष का असंतुलन हो सकता है जिसका नाकारात्मक प्रभाव पूरे शरीर पर पड़ता है. दोपहर में सोने से पेट की समस्याएं जैसे कब्ज, एसिडिटी और अपच होने का डर रहता है, वही इस आदत से मोटापा और डायबिटीज जैसी गंभीर समस्याएं भी जन्म ले सकती हैं. रात का भोजन सूर्यास्त के ठीक बाद सूरज ढलने के साथ ही पाचन अग्नि अपनी तीव्रता खोने लगती है जिस कारण रात का खाना सूरज ढलने के तुरंत बाद कर लेनी चाहिए. रात का भोजन हल्का होना चाहिए ताकि भोजन आसानी से पच सके. अगर आप सूर्यास्त के ठीक बाद भोजन करने की आदत डालते हैं तो इससे आपको अनेक लाभ होंगे जैसे पाचन संबंधी दिक्कतें नहीं होंगी, वजन कंट्रोल रहेगा, नींद अच्छी आती है और हार्ट हेल्दी बना रहता है. यह भी पढ़ें: Bad Habits For Health: रोजमर्रा के इन आदतों को जल्दी सुधार लें, वरना शरीर को खोखला कर देंगी ये आदतें खुलकर हंसे रोजाना खुलकर हंसने से मानसिक स्वास्थ्य बेहतर बना रहता है और तनाव से निपटने में काफी मदद मिलता है. हंसने की आदत तनाव, एंजायटी और डिप्रेशन को कम तो करता ही है साथ ही इससे पूरे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर बना रहता है, इम्यून सिस्टम पर अच्छा प्रभाव पड़ता है, याददाश्त अच्छी रहती है और कैलोरी भी बर्न होता है. इसलिए खुलकर हंसने की आदत डालें. The post Tips For Healthy Life: इन आदतों को अपनाकर आप सौ साल तक निरोग रह सकते हैं, इन्हें दिनचर्या में शामिल करें appeared first on Naya Vichar.

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हनुमान जी का भक्त यह कीवी खिलाड़ी बन न जाए भारत के लिए काल, चैंपियंस ट्रॉफी में मचा रहा है धमाल

Champions Trophy: बुधवार को चैंपियंस ट्रॉफी के दूसरे सेमीफाइनल मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका को धूल चटाकर न्यूजीलैंड फाइनल में पहुंच गया है. रचिन रविंद्र और पूर्व कप्तान केन विलियमसन के तूफानी शतक के दम पर कीवी टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 362 रनों का पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा किया. जवाब में दक्षिण अफ्रीका की पूरी टीम को 312 के स्कोर पर रोक दिया. न्यूजीलैंड ने 50 रन से यह मुकाबला जीता और अब 9 मार्च को उसका मुकाबला दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट ग्राउंड में हिंदुस्तान से होगा. अब तक दो शतक जड़ चुके हैं रचिन रविंद्र न्यूजीलैंड की टीम काफी मजबूत स्थिति में दिख रही है. रचिन रविंद्र ने टूर्नामेंट का अपना दूसरा शतक जड़ा है. उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ अपना पहला शतक जड़ा था. हालांकि, ग्रुप मुकाबले में न्यूजीलैंड को हिंदुस्तान के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था. हिंदुस्तान के खिलाफ रचिन का बल्ला नहीं चला था. वह केवल 6 रन बनाकर आउट हो गए थे. हिंदुस्तान ने उस मुकाबले को 44 रनों से जीता था. Fifth 💯 in ICC tournaments for Rachin Ravindra 🔥#SAvNZ ✍️: https://t.co/dGzPWxoavO pic.twitter.com/4Aoqi9R3ff — ICC (@ICC) March 5, 2025 ग्रुप मुकाबले में न्यूजीलैंड को हरा चुका है हिंदुस्तान एक बार फिर हिंदुस्तान का सामना जब न्यूजीलैंड से होगा तो रोहित शर्मा की सेना दूसरी बार इस प्रतिष्ठित ट्रॉफी को जीतना चाहेगी. हालांकि हिंदुस्तान को रचिन रविंद्र का तोड़ निकालना होगा. क्योंकि, यह बल्लेबाज इस समय टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में दूसरे नंबर पर है. रचिन ने अब तक तीन मुकाबलों में 226 रन बनाए हैं और पहले नंबर पर मौजूद बेन डकेट से केवल एक रन पीछे हैं. शतक जड़ने के अलावा विकेट भी चटकाते हैं रचिन पहला लीग मुकाबला पाकिस्तान के खिलाफ चूकने के बाद रचिन ने बांग्लादेश के खिलाफ आते ही शतक जड़ दिया. बांग्लादेश के खिलाफ उन्होंने चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 105 गेंद पर 112 रन बनाए थे. उन्होंने अपनी पारी में 12 चौके और एक छक्का जड़ा था. हिंदुस्तान के खिलाफ उनका बल्ला नहीं चला था, लेकिन उन्होंने 1 विकेट चटकाया था. उन्होंने अक्षर पटेल को आउट किया था. अब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उन्होंने 101 गेंद पर 108 रन बनाए. उन्होंने 13 चौके और एक छक्का लगाया. साथ ही उन्होंने एक विकेट भी चटकाया, जो एडन मारक्रम का था. हनुमान जी के भक्त हैं रचिन रविंद्र रचिन रविंद्र के दादा-दादी हिंदुस्तान के बेंगलुरु के रहने वाले हैं. वह मूल रूप से हिंदुस्तानीय हैं और हिंदू धर्म को मानते हैं. उन्होंने खुद स्वीकार किया है कि वह हनुमान जी के बहुत बड़े भक्त हैं. उनके घर में भगवान कृष्ण की पूजा होती है. रचिन का एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें उनके बल्ले के ऊपर ‘ओम’ लिखा हुआ था. अयोध्या में भगवान राम के मंदिर पर भी उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी भावनाएं व्यक्त की थी. अब टीम इंडिया के फैंस को यही डर सता रहा है कि हनुमान का यह भक्त कहीं फाइनल में हिंदुस्तान की उम्मीदों को बड़ा झटका न दे दे. दोनों टीमें इस प्रकार हैं न्यूजीलैंड: विल यंग, ​​रचिन रविंद्र, केन विलियमसन, डेरिल मिशेल, टॉम लैथम (विकेट कीपर), ग्लेन फिलिप्स, माइकल ब्रेसवेल, मिशेल सेंटनर (कप्तान), मैट हेनरी, काइल जैमीसन, विलियम ओरोर्के, जैकब डफी, डेवोन कॉनवे, मार्क चैपमैन, नाथन स्मिथसपोर्ट स्टाफ गैरी स्टीड, ल्यूक रोंची, शेन जुर्गेंसन.हिंदुस्तान : रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, अक्षर पटेल, केएल राहुल (विकेटकीपर), हार्दिक पंड्या, रवींद्र जडेजा, मोहम्मद शमी, कुलदीप यादव, वरुण चक्रवर्ती, ऋषभ पंत, वाशिंगटन सुंदर, अर्शदीप सिंह, हर्षित राणा. पढ़ें नया विचार की प्रीमियम स्टोरी:  Magadha Empire : सुनिए मगध की कहानी, एक था राजा बिम्बिसार जिसने साम्राज्य विस्तार के लिए वैवाहिक गठबंधन किया Girl Marriage With Dog Video: कुत्ते संग 11 महीने की बच्ची की शादी, हो जनजाति की अनोखी परंपरा The post हनुमान जी का भक्त यह कीवी खिलाड़ी बन न जाए हिंदुस्तान के लिए काल, चैंपियंस ट्रॉफी में मचा रहा है धमाल appeared first on Naya Vichar.

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Hockey : झारखंड ने तमिलनाडु को 9-2 से हराया

रांची. पंचकुला में चल रही 15वीं हॉकी इंडिया सीनियर स्त्री राष्ट्रीय चैंपियनशिप में बुधवार को झारखंड ने हॉकी यूनिट ऑफ तमिलनाडु को 9-2 गोल के अंतर से हराया. झारखंड की ओर से एलिन डुंगडुंग ने मैच के 13वें मिनट में पहला गोल किया. झारखंड की ओर से एलिन डुंगडुंग और कप्तान अलबेला रानी टोप्पो ने दो-दो, जबकि निक्की कुल्लू, संजना होरो, सुषमा कुमारी, प्रमोदनी लकड़ा और रजनी केरकेट्टा ने एक-एक गोल किया. हॉकी झारखंड और स्पोर्ट्स विभाग के समस्त पदाधिकारियों ने झारखंड टीम की जीत पर बधाई दी है और अगले मैच के लिए शुभकामनाएं दी है. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post Hockey : झारखंड ने तमिलनाडु को 9-2 से हराया appeared first on Naya Vichar.

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Ranchi News : ध्वनि प्रदूषण मामले में सुनवाई 10 को

रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने रांची शहर में ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दाैरान राज्य प्रशासन का पक्ष सुना. राज्य प्रशासन की ओर से स्टेटस रिपोर्ट दायर करने के लिए समय देने का आग्रह किया गया. इसके बाद खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के लिए 10 मार्च की तिथि निर्धारित की. नियमों का पालन कराने की मांग उल्लेखनीय है कि ध्वनि प्रदूषण को झारखंड हाइकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए स्वत: संज्ञान लिया था. साथ ही झारखंड सिविल सोसाइटी व अन्य की ओर से भी अलग-अलग जनहित याचिका दायर की गयी है. याचिका में ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण संबंधी नियमों का पालन कराने की मांग की गयी है. प्रार्थी का कहना है कि देर रात तक तेज आवाज में डीजे व ध्वनि विस्तारक यंत्रों का इस्तेमाल किया जाता है. शिकायत करने पर कार्रवाई नहीं की जाती है. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post Ranchi News : ध्वनि प्रदूषण मामले में सुनवाई 10 को appeared first on Naya Vichar.

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Ranchi News : माइनिंग लीज मामले में डीएमओ के आदेश पर रोक, मांगा जवाब

रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने माइनिंग लीज समाप्त करने के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान प्रार्थी का पक्ष सुना. जिसके बाद खंडपीठ ने प्रतिवादी को नोटिस जारी किया, जिसे प्रशासन की ओर से अधिवक्ता ने प्राप्त किया. खंडपीठ ने कहा कि जिला खनन पदाधिकारी (डीएमओ) चतरा के 25 जनवरी के 2025 के आदेश के अनुसार आगे की सभी कार्यवाही पर अगले आदेश तक अंतरिम रोक रहेगी. साथ ही राज्य प्रशासन को जवाब दायर करने का निर्देश दिया. अगली सुनवाई 12 जून को मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 12 जून की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से बताया गया कि माइनिंग लीज को समाप्त करने का प्रस्ताव देने के पूर्व डीएमओ द्वारा कारण बताओ नोटिस भी नहीं दिया गया, जो प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का उल्लंधन है. डीएमओ उनकी खदानों का निरीक्षण करनेवाली निरीक्षण टीम का हिस्सा भी थे. प्रार्थी ने 25 जनवरी के आदेश को निरस्त करने का आग्रह किया. ज्ञात हो कि प्रार्थी बिनय कुमार सिंह ने याचिका दायर कर आदेश को चुनौती दी है. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post Ranchi News : माइनिंग लीज मामले में डीएमओ के आदेश पर रोक, मांगा जवाब appeared first on Naya Vichar.

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UPSC CAPF 2025 Recruitment Notification OUT: यूपीएससी सीएपीएफ भर्ती 2025 अधिसूचना जारी, 357 सहायक कमांडेंट पदों पर होगी भर्ती

UPSC CAPF 2025 Recruitment Notification OUT: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सहायक कमांडेंट) परीक्षा 2025 के लिए आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है. यूपीएससी सीएपीएफ भर्ती 2025 अधिसूचना 5 मार्च 2025 को जारी की गई और ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 5 मार्च 2025 से 25 मार्च 2025 तक ओपन रहेगी. इच्छुक और योग्य उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट upsconline.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. यूपीएससी सीएपीएफ 2025 भर्ती विभिन्न सशस्त्र बलों में सहायक कमांडेंट के 357 रिक्त पदों को भरने के लिए आयोजित की जा रही है. रिक्तियों का वितरण इस प्रकार है: UPSC CAPF 2025 Recruitment Notification रिक्तियां वेतनमान सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) 24 लेवल 10 (₹56,100 – ₹1,77,500) केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) 204 लेवल 10 (₹56,100 – ₹1,77,500) केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) 92 लेवल 10 (₹56,100 – ₹1,77,500) हिंदुस्तान-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) 4 लेवल 10 (₹56,100 – ₹1,77,500) सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) 33 लेवल 10 (₹56,100 – ₹1,77,500) Naya Vichar Premium Story: झारखंड में परीक्षाओं में धांधली को लेकर केंद्र से भी सख्त कानून, फिर भी थमने का नाम नहीं ले रहे पेपर लीक के मामले यूपीएससी सीएपीएफ भर्ती 2025 पात्रता मानदंड यूपीएससी सीएपीएफ एसी भर्ती 2025 के लिए आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों को योग्यता बताई जा रही है. सहायक कमांडेंट के लिए किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री होना आवश्यक है और आयुसीमा 20-25 वर्ष (जन्म 2 अगस्त 2000 और 1 अगस्त 2005 के बीच) होना चाहिए. यूपीएससी सीएपीएफ भर्ती 2025 आवेदन शुल्क यूपीएससी सीएपीएफ भर्ती 2025 के लिए आवेदन शुल्क निर्धारित है. सामान्य और ओबीसी श्रेणी के उम्मीदवारों को ₹200 का आवेदन शुल्क देना होगा. वहीं एससी, एसटी और स्त्री उम्मीदवारों के लिए आवेदन शुल्क में छूट प्राप्त है. CAPF AC भर्ती 2025 के लिए आवेदन कैसे करें? UPSC CAPF 2025 Recruitment Notification OUT होने के बाद कैंडिडेट्स इस तरह अप्लाई कर सकते हैं- चरण 1: UPSC की आधिकारिक वेबसाइट – www.upsconline.nic.in पर जाएं चरण 2: ‘केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (ACs) परीक्षा, 2024’ पर क्लिक करें और ‘यहाँ क्लिक करें’ पर जाएं चरण 3: ‘वन टाइम रजिस्ट्रेशन (OTR)’ पर क्लिक करके खुद को पंजीकृत करें चरण 4: पंजीकरण के बाद, अन्य विवरण भरें चरण 5: आवेदन शुल्क का भुगतान करें चरण 6: आवेदन शुल्क जमा करें. 3 अगस्त 2025 को आयोजित की जाएगी परीक्षा यूपीएससी सीएपीएफ परीक्षा 3 अगस्त 2025 को आयोजित की जाएगी. सफलतापूर्वक अपना आवेदन जमा करने वाले उम्मीदवार परीक्षा में शामिल हो सकते हैं. परीक्षा में शामिल होने से पहले उम्मीदवारों को अपना एडमिट कार्ड डाउनलोड करना होगा. MP Mahila Paryavekshak Admit Card 2025 डाउनलोड करने के लिए लिए सीधा लिंक The post UPSC CAPF 2025 Recruitment Notification OUT: यूपीएससी सीएपीएफ भर्ती 2025 अधिसूचना जारी, 357 सहायक कमांडेंट पदों पर होगी भर्ती appeared first on Naya Vichar.

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Deoghar News: द्वारिका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य पहुंचे बाबा मंदिर, की पूजा, देखें PHOTOS

Shankaracharya in Deoghar: द्वारिका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य बुधवार को बाबा बैद्यनाथ के मंदिर पहुंचे. शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने अपने शिष्यों के साथ बाबा मंदिर में पूजा-अर्चना की. मंदिर में प्रवेश करते ही उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच बाबा मंदिर के महंत श्रीश्री गुलाबनंद ओझा सरदार पंडा की अगुवाई में बाबा मंदिर के अंदर ले जाया गया, जहां पर उन्होंने बाबा की पूजा अर्चना की. अपने पुरोहितों से मिले शंकराचार्य. फोटो : नया विचार बाबा की पूजा करने के बाद शंकराचार्य प्रशासनिक भवन आये. उन्होंने अपने तीर्थ पुरोहित दानी नरौने से बातचीत की और बही-खाते में अपना नाम अंकित किया. इसके बाद वह बाबा मंदिर से निकलकर कुंडा थाना क्षेत्र स्थित करनीबाद महेश राय के आवास पर पहुंचे और विश्राम किया. बैद्यनाथ धाम में शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती. फोटो : नया विचार मंदिर में मौके पर उनके साथ सीओ अनिल कुमार, प्रबंधक रमेश परिहस्त, भक्ति नाथ फलाहारी सहित दर्जनों भक्त उपस्थित रहे. उनके मंदिर पहुंचने पर लोगों ने जयकारे लगाये. इसे भी पढ़ें सिमडेगा में स्त्री समेत 5 पीएलएफआई उग्रवादी गिरफ्तार, पुलिस ने जेल भेजा, लेवी वसूलने आये थे सभी Jharkhand Ka Mausam: रांची का तापमान 30 डिग्री के पार, आज ही जान लें कल कैसा रहेगा झारखंड का मौसम झारखंड को जल्द मिलेगा नेता प्रतिपक्ष, बीजेपी विधायक दल का नेता चुनने के लिए भूपेंद्र यादव और डॉ के लक्ष्मण पर्यवेक्षक नियुक्त हिंदुस्तान फाइनेंस कंपनी के कलेक्शन एजेंट ही निकले लूट के मास्टरमाइंड, 5 गिरफ्तार The post Deoghar News: द्वारिका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य पहुंचे बाबा मंदिर, की पूजा, देखें PHOTOS appeared first on Naya Vichar.

बिहार

PK का पीएम मोदी और भाजपा पर बड़ा हमला, बोले – अभी मोदी चाहे नीतीश को जितना लाडला बोल लें, अगर चुनाव NDA जीती तो नीतीश को नहीं बनाएंगे CM

नया विचार बेतिया (पश्चिम चंपारण): जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर जन सुराज उदघोष यात्रा के तहत 5 मार्च को पश्चिम चंपारण पहुंचे जहां उन्होंने प्रेसवार्ता कर जानकारी दी, कि वह पदयात्रा शुरू करने से पहले संगठन के लोगों की इच्छा थी कि हर जिले में उनकी अगुवाई में नेतृत्वक बैठक और आमसभा की जाए। जिसके बाद फिर से पदयात्रा शुरू की जाएगी।प्रेसवार्ता के दौरान पत्रकार द्वारा पूछे गए सवाल में NDA की तरफ से मुख्यमंत्री चेहरा कौन हो सकता है, इस पर प्रशांत किशोर ने कहा कि मोदी जी बिहार आने पर नीतीश जी को बिहार का लाडला मुख्यमंत्री बता रहें थे, पीके ने कहा कि “मैं मोदी जी से अपील करता हूं, अगली बार बिहार आएं तो उन्हें यह घोषणा करनी चाहिए कि यही लाडले व्यक्ति अगले 5 वर्ष भी मुख्यमंत्री रहेंगे”। यह घोषणा करने पर भाजपा को चम्पारण में एक – एक सीट पर हार का सामना करना पड़ेगा। भाजपाई नीतीश कुमार को खाली मुखौटा बना कर वोट लेना चाहते हैं, चुनाव जीतने के बाद इसबार नीतीश कुमार को हटा कर अपना मुख्यमंत्री बनाएंगे। PK की बड़ी भविष्यवाणी – नीतीश कुमार किसी स्थिति में बिहार के अगले मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे, उनके दल को इतनी कम सीटें आएंगी कि उनके किसी तरफ पलटने का फायदा नहीं होगा नीतीश कुमार के पलटी मारने की अटकलों पर प्रशांत किशोर ने कहा नीतीश जी में इतना दम नहीं है कि पलटी मार लें, वह चुनाव जीतने के बाद पलटी मारते हैं। नीतीश कुमार ने 2015 के अलावा अपने पूरे जीवन में भाजपा के बगैर चुनाव नहीं लड़ा हैं, वह लड़ते ही हैं भाजपा के ताकत, पैसे, और संगठन के भरोसे हैं। उनके पास इतनी हिम्मत नहीं है कि वह अकेले चुनाव लड़ लें। उनका इतिहास है चुनाव लड़ने के बाद पलटी मारने का। लेकिन इस बार जनता भी मन बनाकर बैठी है कि उनके दल को इतनी कम सीटें आएंगी कि उनके किसी तरफ पलटने का कोई फायदा नहीं होगा। वह मुख्यमंत्री नहीं बनने वाले हैं। बिहार प्रशासन द्वारा पेश किए गए बजट पर प्रशांत किशोर का हमला, बोले – इस बजट में ऐसी कोई योजना नहीं जिससे बिहार की स्थिति को सुधारा जा सके प्रशांत किशोर ने बिहार प्रशासन के बजट को निराशाजनक बताते हुए इसे छलावा करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह बजट पिछले 18-19 वर्षों से एक जैसा है, जिसमें न तो प्रतिव्यक्ति आय बढ़ाने की योजना है और न ही पलायन रोकने की। शिक्षा सुधार, रोजगार और उद्योग स्थापना पर भी कोई ठोस प्रावधान नहीं किया गया। पीके ने सवाल उठाया कि बिना ठोस नीति के बिहार की स्थिति में कैसे सुधार आएगा?

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