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March 11, 2025

समस्तीपुर

भक्तिभाव के साथ सोखा शंभू महाकुंड यज्ञ संपन्न

नया विचार सरायरंजन : प्रखंड के बथुआ बुजुर्ग स्थित चौरसिया टोला के वार्ड 16 में मंगलवार की शाम तीन दिवसीय सोखा शंभू महाकुंड यज्ञ का समापन हो गया। इस महाकुंड यज्ञ में 20 क्विंटल साकल चंदन, बरगद,गूलर, बेल ,चीरचीरी,आम, अकोन,शनि एवं पीपल की लकड़ी के साथ 10 टीन घी के साथ प्रज्वलित अग्नि में भगतजी ने प्रवेश किया। इस यज्ञ में करीब तीन हजार श्रद्धालुओं ने पहुंचकर आशीर्वाद प्राप्त किया। सभी श्रद्धालुगण प्रसाद ग्रहण कर पुनः अपने घर को लौट गए। इसमें महर्षि योगानंद जी, मुख्य यजमान बैजनाथ चौरसिया, विजय कुमार चौरसिया,निरंजन चौरसिया, राजन, नीरज, केशव, लक्ष्मण, श्याम, राकेश अमरजीत, रंजीत, चंदन,रामबाबू,राजेंद्र भगत गणेश, शंभू, छोटू , मुकेश, विकास,संजय, अमरेश, रोहित, अजीत,नंदलाल, बालेश्वर, रामनरेश, चुनचुन,अनिल,बलवंत ,गंगाधर,अरुण, उमेश,रामचंद्र, रामप्रीत, जनार्दन ,कृष्णदेव सहित सभी ग्राम वासियों ने सक्रिय सहयोग दिया।

समस्तीपुर

ब्रह्मवाना में मृतक का शव पहुंचते ही मचा कोहराम 

नया विचार सरायरंजन : थाना क्षेत्र के भगवतपुर स्थित छज्जा चौक के समीप एनएच 322 पर सोमवार की देर शाम अज्ञात वाहन की ठोकर से अलग-अलग बाइक पर सवार दो युवकों की मौत हो गई। वहीं एक अन्य युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। मृतकों में एक युवक की पहचान मुसरीघरारी थाना क्षेत्र के लाटबसेपुरा पंचायत अंतर्गत ब्रह्मवाना गांव निवासी स्व. नवल दास के पुत्र सुजीत कुमार दास (22 )एवं उजियारपुर थाना क्षेत्र के लखनीपुर महेशपट्टी निवासी प्रहलादी सहनी के पुत्र कैलाश सहनी (35 )के रूप में की गई है। वहीं एक अन्य घायल की पहचान मृतक कैलाश सहनी के रिश्तेदार अजीत सहनी (30 )के रूप में की गई है। घटना के संबंध में बताया गया है कि ब्रह्मवाना निवासी सुजीत कुमार अपनी बाइक से महनार स्थित अपनी बहन से मिलने जा रहा था। वहीं एक दूसरी बाइक पर लखनीपुर महेशपट्टी निवासी दो युवक भी जा रहा था। सरायरंजन थाना क्षेत्र के भगवतपुर स्थित छज्जा चौक के समीप एनएच 28 पर एक अज्ञात वाहन ने ओवरटेक कर दोनों बाइक सवार को कुचल दिया और भाग निकला। इस सड़क हादसे में एक युवक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।वहीं दूसरे ने सदर अस्पताल में दम तोड़ दिया,जबकि तीसरे युवक को गंभीरावस्था में पटना रेफर किया गया। इधर, मृतक सुजीत कुमार का शव उसके पैतृक घर पर पहुंचते ही कोहराम मच गया। मृतक पेंटर का काम करता था। इस घटना को लेकर मृतक की मां नंदिनी देवी,चाचा पांचू दास, प्रकाश दास, अखिलेश दास, शिवजी दास के अलावा मृतक के भाई अमरजीत कुमार, बहन पिंकी कुमारी, रुबी कुमारी, रानी कुमारी, मनीषा कुमारी सभी का रोते-रोते बुरा हाल था।

समस्तीपुर

समस्तीपुर गोपनीय प्रशाखा में विदाई समारोह 

नया विचार समस्तीपुर- अशोक कुमार महतो गृह रक्षक संख्या 3216 6 जो वर्ष 2007 से लगातार जिला गोपनीय प्रशाखा में टेलीफोन ऑपरेटर एवं अन्य महत्वपूर्ण कार्यों का निर्वहन कर रहे थे, दिनांक के 11 मार्च 2025 को सेवानिवृत हो गए ।उनके सेवानिवृत्ति के अवसर पर जिलाधिकारी समस्तीपुर श्री रोशन कुशवाहा द्वारा उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए उनको सम्मानपूर्वक विदाई दी गई। इस अवसर पर विशेष कार्य पर अधिकारी श्री महमूद आलम , नजारत उप समाहर्ता श्री रजनीश कुमार राय, अतिरिक्त विशेष कार्य पदाधिकारी श्री आकाश, श्री विवेक कुमार एवं अन्य गोपनीय प्रशाखा के सभी कर्मी उपस्थित रहे।

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Holika Dahan Speech in Hindi: होलिका दहन पर भाषण ऐसे दें तो तालियों से मिलेगा सम्मान

Speech on Holika Dahan in Hindi: रंगों के त्योहार…होली से पहले होलिका दहन एक महत्वपूर्ण हिंदू अनुष्ठान है और यह होली की पूर्व संध्या पर मनाया जाता है. यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. होलिका दहन का ऐतिहासिक, पौराणिक और धार्मिक महत्व है जिसे छात्रों को जरूर समझना चाहिए क्योंकि इसके बारे में उनसे कक्षा में पूछा जा सकता है. इसलिए इस लेख में आप होलिका दहन पर भाषण (Holika Dahan Speech in Hindi) तैयार कर सकेंगे और इस त्योहार का महत्व आसानी से समझ सकेंगे. यह भी पढ़ें- Essay on Holi in Hindi: होली पर निबंध आसान भाषा में…ऐसे लिखें छात्र होलिका दहन पर भाषण (Holika Dahan Speech in Hindi) 2 मिनट के लिए होलिका दहन पर भाषण (Speech on Holika Dahan in Hindi) इस प्रकार है- सहपाठीगण और सम्मानित शिक्षकों को नमस्कार… आज मैं होलिका दहन के बारे में बात करना चाहूंगा/चाहूंगी, जो होली के जीवंत त्योहार की पूर्व संध्या पर होने वाला एक बहुत ही खास है. होलिका दहन का गहरा प्रतीकात्मक महत्व है जो हमें बुराई पर अच्छाई की जीत और विश्वास की शक्ति की याद दिलाता है. होलिका दहन के पीछे की कहानी हिंदू पौराणिक कथाओं में है. यह हमें प्रह्लाद के बारे में बताती है जो युवा राजकुमार भगवान विष्णु का सच्चा भक्त थे. उनके पिता राजा हिरण्यकश्यप अत्याचारी थे जो चाहते थे कि हर कोई उन्हें भगवान के रूप में पूजे लेकिन प्रह्लाद ने मना कर दिया और भगवान विष्णु के प्रति भक्ति की बात कही.  क्रोधित होकर राजा ने अपने बेटे को दंडित करने के लिए कई तरीके खोजे और फिर उसने अपनी बहन होलिका की ओर रुख किया..जिसके बारे में कहा जाता है कि उसके पास एक जादुई शक्ति थी जिससे वह आग से बच सकती थी लेकिन होलिका आग की लपटों में जलकर मर गई जबकि प्रह्लाद भगवान विष्णु की भक्ति के कारण बच गए. इस घटना को बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. इसकी याद में पूरे हिंदुस्तान में लोग होली से पहले की रात को अलाव जलाते हैं. इन अलावों को होलिका दहन के रूप में जाना जाता है और वहीं लोग अपने जीवन में नकारात्मकता, बुराई और बुरे प्रभावों को जलाते हैं. यह लोगों के लिए एक साथ आने, जश्न मनाने और अगले दिन होली के आनंद और रंगों की तैयारी में अपने दिल और दिमाग को साफ करने का समय है. होलिका दहन हमें सिखाता है कि चाहे बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो…अंत में अच्छाई, सच्चाई और विश्वास की हमेशा जीत होती है. आइए हम इस दिन को खुशी, एकता और सकारात्मकता के साथ मनाएं. धन्यवाद. यह भी पढ़ें- Holika Dahan Essay in Hindi: होलिका दहन पर निबंध…इस तरह लिखें छात्र होलिका दहन पर भाषण (10 Lines Holika Dahan Speech in Hindi) 10 लाइन में होलिका दहन पर भाषण (10 Lines Speech on Holika Dahan in Hindi) इस प्रकार है- होलिका दहन हिंदू धर्म का एक अनुष्ठान है जो होली से पहले मनाया जाता है. होलिका दहन एक समारोह आयोजित करके होलिका की मृत्यु और प्रहलाद की सुरक्षा के बारे में याद किया जाता है. हिंदुस्तान में कई जगहों पर होलिका दहन होली के मुख्य त्योहार से एक शाम या रात पहले मनाया जाता है. होलिका दहन हिंदू कैलेंडर के ‘फाल्गुन’ महीने के अंतर्गत आता है. होलिका दहन में लकड़ी, पेड़ की टहनियां, पत्ते, गोबर के उपले आदि से अग्नि तैयार की जाती है. ऐसा माना जाता है कि लोग अपने घरों से कुछ खाना भी बनाकर लाते हैं और उसे होलिका की अग्नि में डाल देते हैं. होलिका दहन पर कुछ जगहों पर शाम के समय लोग आते हैं और नृत्य और संगीत के साथ मिलकर जश्न मनाते हैं.  होलिका दहन में लोग जौं, तिल और अन्य वस्तुएं डालते हैं. होलिका दहन लोगों के लिए एक साथ आने, जश्न मनाने और अगले दिन होली के आनंद और रंगों की तैयारी में अपने दिल और दिमाग को साफ करने का समय है. होलिका दहन का ऐतिहासिक, पौराणिक और धार्मिक महत्व है जिसे हर किसी को समझना चाहिए. यह भी पढ़ें- रंगों के त्योहार से पहले इस दिन होगा होलिका दहन, जानें शुभ तिथि और महत्व The post Holika Dahan Speech in Hindi: होलिका दहन पर भाषण ऐसे दें तो तालियों से मिलेगा सम्मान appeared first on Naya Vichar.

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North-East: आने वाले समय में उत्तर-पूर्व के युवाओं को स्थानीय स्तर पर मिलेगा रोजगार

North-East: उत्तर-पूर्व के राज्यों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए मौजूदा केंद्र प्रशासन ने कई कदम उठाए हैं. प्रशासन की कोशिश आने वाले दाे साल में उत्तर-पूर्व के राज्यों की राजधानी को रेल, रोड और एयरलाइन से जोड़ने की है. भाजपा प्रशासन की सबसे बड़ी उपलब्धि उत्तर-पूर्व के राज्यों की देश से दूरी कम करना है. अखिल हिंदुस्तानीय विद्यार्थी परिषद(एबीवीपी) द्वारा आयोजित नॉर्थ-ईस्ट स्टूडेंट और युवा संसद को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली प्रशासन के दौरान उत्तर-पूर्व के राज्यों में होने वाली हिंसा में व्यापक कमी आयी है. वर्ष 2004 से वर्ष 2024 के दौरान हिंसा के मामले में 70 फीसदी की कमी आयी है.  उत्तर-पूर्व के राज्यों में वर्ष 2004-14 के दौरान हिंसा के 11 हजार मामले सामने आए थे, जो वर्ष 2014-2024 के दौरान घटकर 3428 हो गए. यही नहीं इस दौरान हिंसा में मारे जाने सुरक्षाकर्मियों की संख्या में 70 फीसदी और आम नागरिकों की संख्या में 89 फीसदी की कमी दर्ज की गयी. गृह मंत्री ने कहा कि उत्तर-पूर्व के राज्यों में शांति बहाली के लिए केंद्र प्रशासन ने पिछले एक दशक में 12 महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किया है. समझौते के कारण 10500 से अधिक हथियारबंद लोगों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में शामिल होने का फैसला लिया है.  उत्तर-पूर्व में विकास को मिल रही है नयी दिशा गृह मंत्री ने कहा कि पिछले 10 साल में प्रधानमंत्री ने उत्तर-पूर्व के विकास को प्राथमिकता देने के लिए हर महीने एक केंद्रीय मंत्री को उन राज्यों में रुकने का निर्देश दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उत्तर-पूर्व के प्रति सोच का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आजादी के बाद असम को छोड़कर वर्ष 2014 तक प्रधानमंत्री की ओर से 21 बार दौरा किया गया, जबकि पिछले 10 साल में नरेंद्र मोदी ने 78 बार उत्तर-पूर्व का दौरा किया है.  असम में 2700 करोड़ रुपये की लागत से सेमीकंडक्टर प्लांट लगाया जा रहा है और इसके अलावा उत्तर-पूर्व में 2.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश हो रहा है. गृह मंत्री ने कहा कि आने वाले 10 साल में उत्तर-पूर्व के राज्यों के किसी युवा को शिक्षा और रोजगार के लिए अपने राज्य से पलायन नहीं करना होगा. केंद्र प्रशासन की कोशिश उत्तर-पूर्व के हर राज्य में रोजगार के उचित मौके मुहैया कराना है.  The post North-East: आने वाले समय में उत्तर-पूर्व के युवाओं को स्थानीय स्तर पर मिलेगा रोजगार appeared first on Naya Vichar.

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केस में फंसाने की धमकी देकर 10000 रुपए रिश्वत ले रहे थे एएसआई अजय प्रसाद, एसीबी ने किया गिरफ्तार

ACB Dhanbad News: केस में फंसाने की धमकी देकर एक युवक से 10,000 रुपए रिश्वत लेने वाले एएसआई को एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने गिरफ्तार कर लिया है. एसीबी ने मंगलवार (11 मार्च 2025) को यह कार्रवाई की. अजय प्रसाद बोकारो जिले के बेरमो कोयलांचल अंतर्गत गांधीनगर थाना में पदस्थापित हैं. उन्हें मंगलवार की शाम को गिरफ्तार किया गया. एसीबी की टीम एएसआई अजय प्रसाद को अपने साथ धनबाद ले गयी है. एएसआई के घर पैसे देने गये थे अनुराग गुप्ता जरीडीह बाजार के ऊपर बाजार में रहने वाले अनुराग गुप्ता एएसआई के संडे बाजार स्थित आवास में पैसे देने गये थे. इस दौरान बाहर में एसीबी की टीम निगरानी कर रही थी. जैसे ही अनुराग गुप्ता ने अजय प्रसाद को पैसे दिये, एसीबी की टीम ने पुलिस वाले को धर दबोचा. पूछताछ करने के बाद कागजी प्रक्रिया पूरी की गयी और एसीबी की टीम उन्हें धनबाद ले गयी. गांधीनगर थाना में पहली बार एसीबी के छापे की पूरे क्षेत्र में चर्चा हो रही है. नया विचार प्रीमियम स्टोरी : Ho Tribe: कन्या भ्रूण हत्या से कोसों दूर हो जनजाति के लोग, बेटियों के जन्म पर मनाते हैं जश्न केस में अनुराग का नाम डालने के नाम पर मांगे थे पैसे जरीडीह बाजार के ऊपर बाजार निवासी दिनेश प्रसाद गुप्ता के पुत्र अनुराग गुप्ता ने एसीबी में शिकायत की थी कि उनसे गांधीनगर थाना के एएसआई ने एक केस में नाम डालने के नाम पर पैसे की मांग की है. 10 फरवरी 2025 को टुपकाडीह में रहने वाले इंतखाब अंसारी ने 4 नंबर पेट्रोल पंप के पास पैसे के लेन-देन के मामले में मारपीट की शिकायत दर्ज करवायी थी. इसमें कुरपनिया के 2 युवक विशाल और सागर को आरोपी बनाया गया था. उसी सिलसिले में अनुराग का भी नाम केस में जोड़ देने की बात एएसआई ने कही थी. इसे भी पढ़ें Aman Sahu Encounter: मोबाइल दुकान चलाने वाला अमन साहू कैसे बन गया झारखंड का सबसे बड़ा गैंगस्टर अपराधियों ने पुलिस पर फेंका था बम, फिर अमन साव ने हवलदार के सिर पर तान दी राइफल, पढ़ें एनकाउंटर की पूरी कहानी Aman Saw Encounter: गैंगस्टर अमन साव पुलिस एनकाउंटर में ढेर, पूछताछ के लिए रांची ला रही थी पुलिस डीएसपी पीके सिंह ने गैंगस्टर अमन साहू का एनकाउंटर, ऐसा है उनका रिकॉर्ड The post केस में फंसाने की धमकी देकर 10000 रुपए रिश्वत ले रहे थे एएसआई अजय प्रसाद, एसीबी ने किया गिरफ्तार appeared first on Naya Vichar.

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पीएम मोदी का मॉरीशस में बिहारी गीत-गवई से स्वागत- ‘राजा के सोभे ला माथे, सैकड़ों साल पुरानी परंपरा में जीवित संस्कृति

PM Modi In Mauritius: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मॉरीशस यात्रा के दौरान बिहार के पारंपरिक भोजपुरी गीत गवई से स्वागत किया गया. मॉरीशस की औरतों ने बहुत ही खूबसूरती के साथ गीत-गवई गाकर पीएम मोदी का स्वागत किया और इस अवसर पर दोनों देशों के मधुर संबंधों को गीत द्वारा भी बताया. पीएम नरेंद्र मोदी भी इस अवसर पर बहुत उत्साहित दिखे और उन्होंने उन स्त्रीओं के गीत का पूरा आनंद उठाया. अंग्रेजों ने बिहार और उत्तर प्रदेश के जिन लोगों को 19 शताब्दी में मजदूर बनाकर वहां भेजा था, वे आज भी अपने जड़ों से प्रेम करते हैं और उसकी यादों को अपनी संस्कृति के रूप में संजो कर रखे हैं. क्या है गीत गवई? गीत गवई बिहार के पारंपरिक भोजपुरी लोकगीत को कहते हैं. गीत-गवई विशेष रूप से शादी विवाह और अन्य शुभ अवसरों पर गाया जाता है. गीत-गवई को स्त्रीएं सामूहिक तौर पर गाती हैं और इस गान के दौरान पारंपरिक वाद्ययंत्र भी बजाए जाते हैं. गीत-गवई के दौरान जिन वाद्ययंत्रों का प्रयोग किया जाता है उनमें ढोलक सबसे प्रमुख वाद्ययंत्र है. इसके अलावा मंजिरा, हारमोनियम, खंजरी और झांझ जैसे वाद्ययंत्रों का प्रयोग होता है. इन वाद्ययंत्रों की मदद गीत-गवई का प्रस्तुतिकरण और बेहतरीन हो जाता है. ये मुख्यत: ताल देने के लिए बजाए जाते हैं.   गीत गवई के प्रमुख वाद्ययंत्र ढोलक : गीत गवई के प्रमुख वाद्ययंत्रों में ढोलक का नाम सबसे ऊपर आता है. इसे सुर-ताल निर्धारित करने के लिए हाथों से बजाया जाता है. इसकी ध्वनि सुनने वाले का मन मोह लेती है. मंजिरा : मंजिरा पीतल के छोटे-छोटे झांझ होते हैं, जिन्हें बजाकर ताल दिया जाता है. हारमोनियम : हारमोनियम के जरिए गीतों के सुर तैयार किए जाते हैं और गीत गाए जाते हैं.  खंजरी : छोटे ढोलक को खंजरी कह सकते हैं, इसे भी हाथों से बजाया जाता है और इसकी ध्वनि बहुत अच्छी होती है. झांझ : झांझ भी धातु का बना एक प्रकार का वाद्ययंत्र ही है, जिसे ताल देने के लिए आपस में टकराकर हाथों से बजाया जाता है. इसके अलावा ढपली और शहनाई जैसे वाद्ययंत्रों का प्रयोग भी लोकगीतों को सुमधुर और कर्णप्रिय बनाने के लिए किया जाता है. बिहार और मॉरीशस के गीत-गवई में क्या है फर्क बिहार में जो गीत-गवई गाए जाते हैं, वे शादी-विवाह और शुभ अवसर पर गाए जाते हैं. गीत-गवई सिर्फ गायनशैली नहीं हैं बल्कि यह संस्कृति का हिस्सा है, जो सैकड़ों वर्षों से इस इलाके के लोगों की जिंदगी का हिस्सा है. हिंदुस्तान में लोकगीतों की भाषा भोजपुरी, मैथिली, अंगिका या मगही होती है, जबकि मॉरीशस में कुछ अन्य विदेशी भाषाओं का असर भी गीत-गवई में दिखता है. मॉरीशस के गीत गन्ने के खेतों में काम करने के दौरान गाए जाते हैं, जिनका विषय गिरमिटिया मजदूरों का संघर्ष, पुरानी यादें, हिंदुस्तान के प्रति उनके प्रेम और गन्ने के खेतों में काम करने का संघर्ष नजर आता है. हिंदुस्तान के लोकगीतों में भगवान उनकी लीलाएं और परंपराओं का जिक्र होता है. इसके अलावा धुन और वाद्ययंत्रों में भी विभिन्नता नजर आती है, बावजूद इसके गीत-गवई दोनों देशों की जड़ों से जुड़ी है और यहां के लोगों के लिए बहुत खास है. मशहूर लोकगायिका चंदन तिवारी बताती हैं कि दोनों देशों में गीत-गवई की परंपरा है. लेकिन मॉरीशस के गीतों में धुन अलग होता है और वाद्ययंत्र भी अलग बजाए जाते हैं. लेकिन जड़ें दोनों की एक ही हैं. बिहार के लोगों का मॉरीशस से संबंध 19 शताब्दी में जब हिंदुस्तान पर अंग्रेजों का शासन था ब्रिटिश प्रशासन ने गिरमिटिया प्रथा के जरिए हिंदुस्तानीयों को गन्ने के खेतों में काम करने के लिए मॉरीशस भेजा था. इन मजदूरों को गिरमिट एग्रीमेंट के तहत वहां भेजा गया था, इसी वजह से इन मजदूरों को गिरमिटिया कहा जाता है. इन मजदूरों को पहली बार 1834 में वहां भेजा गया था. ये लोग मजदूरी करने तो वहां चले गए, लेकिन अपनी सभ्यता और संस्कृति को जीवित रखा. हिंदुस्तान के पर्व-त्योहार मॉरीशस में उसी शान से मनाये जाते हैं, जैसे हिंदुस्तान में.  पढ़ें नया विचार की प्रीमियम स्टोरी :17 साल की उम्र में अमन साव ने थामी थी बंदूक और जेल से चलाया साम्राज्य, सोशल मीडिया पर डालता था हत्या का वीडियो संपत्ति पर आदिवासी स्त्रीओं के अधिकार, क्या कहता है देश का कानून और कस्टमरी लाॅ Magadha Empire : वैशाली की नगरवधू आम्रपाली, जिसके प्रेमसंबंध मगध के राजाओं से थे ; उसने संन्यास क्यों लिया? विभिन्न विषयों पर एक्सप्लेनर पढ़ने के लिए क्लिक करें The post पीएम मोदी का मॉरीशस में बिहारी गीत-गवई से स्वागत- ‘राजा के सोभे ला माथे, सैकड़ों साल पुरानी परंपरा में जीवित संस्कृति appeared first on Naya Vichar.

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PM Modi In Mauritius: बिहारी रंग में रंगे पीएम मोदी, भोजपुरिया अंदाज होने लगा ट्रेंड

PM Modi In Mauritius: पीएम मोदी आज सुबह मॅारीशस पहुंचे हैं. इस दौरान उनका भोजपुरिया अंदाज में भव्य स्वागत किया गया. पीएम मोदी का मॅारीशस में भोजपुरी म्यूजिक ‘गीत गवई’ का शानदार प्रदर्शन किया गया. पीएम मोदी मॅारीशस के स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि वहां पहुंचे हैं.पीएम मोदी के भोजपुरिया रंग के बाद सोशल मीडिया पर बिहार ट्रेंड में आ गया. भोजपुरिया अंदाज की खूब हो रही चर्चा पीएम मोदी ने मॅारीशस पहुंचते ही भोजपुरी रंग में सराबोर हो गए. मॉरीशस में यादगार स्वागत भइल। सबसे खास रहल गहिरा सांस्कृतिक जुड़ाव, जवन गीत – गवई के प्रदर्शन में देखे के मिलल. ई सराहनीय बा कि महान भोजपुरी भाषा मॉरीशस के संस्कृति में आजुओ फलत-फूलत बा और मॉरीशस के संस्कृति में अबहियो जीवंत बा. क्या है ‘गीत गवई’? ‘गीत गवई’ लोक संगीत का एक हिस्सा है, जिसमें लोक कलाकारों द्वारा गाए गए गीत, किसानों, मजदूरों, और आम जनता के जीवन की घटनाओं, संघर्षों, खुशियों और दुखों का चित्रण करते हैं. ‘गीत गवई’ को साल 2016 में यूनेस्को द्वारा संगीत परंपरा को मान्यता दी गई. पीएम मोदी ने मॅारीशस के राष्ट्रपति को दिए तोहफे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉरीशस के राष्ट्रपति को विशेष तोहफे के रूप में प्रयागराज महाकुंभ का गंगाजल और बिहार का प्रसिद्ध मखाना भेंट किया. इसके अलावा, पीएम मोदी ने राष्ट्रपति की पत्नी को भी एक खूबसूरत बनारसी साड़ी गिफ्ट की. इस साड़ी को उन्होंने गुजरात की सादेली बॉक्स में पैक करके दिया, जो एक परंपरागत और सादी पैकिंग के लिए प्रसिद्ध है. बनारसी साड़ी, बिहार का मखाना और गुजराती सादेली बॉक्स, ये तीनों वस्तुएं हिंदुस्तानीय संस्कृति और शिल्प का बेहतरीन उदाहरण हैं, जिनकी दुनिया भर में बड़ी मांग है. बनारसी साड़ी विशेष रूप से अपने शानदार रेशम, जटिल ब्रोकेड काम और भव्य ज़री के काम के लिए प्रसिद्ध है। यह साड़ी शाही नीले रंग में आती है, जिसमें चांदी की ज़री की आकृति, चौड़ी ज़री बॉर्डर और शानदार विस्तृत पल्लू शामिल होते हैं, जो इसे एक उत्कृष्ट कृति बना देते हैं. Also Read: Watch Video: मॉरीशस में पीएम मोदी का भव्य स्वागत, देखें वीडियो The post PM Modi In Mauritius: बिहारी रंग में रंगे पीएम मोदी, भोजपुरिया अंदाज होने लगा ट्रेंड appeared first on Naya Vichar.

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Airtel: अब गांव-गांव तक पहुंचेगा सुपरफास्ट इंटरनेट, Airtel और Elon Musk की बड़ी डील

Airtel: हिंदुस्तानीय टेलीकॉम कंपनी हिंदुस्तानी एयरटेल ने एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता किया है. इस समझौते के तहत एयरटेल हिंदुस्तान में स्पेसएक्स की स्टारलिंक हाई-स्पीड इंटरनेट सेवाएं अपने ग्राहकों को प्रदान करेगी. हालांकि, एयरटेल ने स्पष्ट किया है कि यह सेवा तभी शुरू हो सकेगी जब स्पेसएक्स को हिंदुस्तान में स्टारलिंक की बिक्री के लिए आवश्यक प्रशासनी अनुमतियां प्राप्त हो जाएंगी. ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी पर फोकस समझौते के तहत एयरटेल और स्पेसएक्स, एयरटेल के रिटेल स्टोर्स के माध्यम से स्टारलिंक उपकरण बेचने, बिजनेस ग्राहकों को सेवाएं देने और दूरस्थ क्षेत्रों में समुदायों, स्कूलों और स्वास्थ्य केंद्रों को जोड़ने की संभावनाएं तलाशेंगे. हिंदुस्तानी एयरटेल लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और उपाध्यक्ष गोपाल विट्टल ने कहा, “एयरटेल ग्राहकों के लिए स्टारलिंक सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए स्पेसएक्स के साथ साझेदारी करना एक महत्वपूर्ण कदम है. यह अगली पीढ़ी की सैटेलाइट कनेक्टिविटी के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.”  ब्रॉडबैंड सेवाएं स्टारलिंक, जो स्पेसएक्स के स्वामित्व वाली एक सैटेलाइट इंटरनेट प्रणाली है, वैश्विक मोबाइल ब्रॉडबैंड सेवाएं प्रदान करने का लक्ष्य रखती है. इसके माध्यम से स्ट्रीमिंग, वीडियो कॉलिंग, ऑनलाइन गेमिंग और रिमोट वर्किंग जैसी सुविधाएं उन क्षेत्रों में भी संभव हो पाएंगी जहां सामान्य इंटरनेट सेवाएं सीमित हैं. गोपाल विट्टल ने कहा, “यह सहयोग हमें हिंदुस्तान के सबसे दूरस्थ हिस्सों में भी विश्वस्तरीय हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड सेवा लाने में सक्षम बनाएगा. स्टारलिंक, एयरटेल के उत्पादों के पोर्टफोलियो को और अधिक सशक्त बनाएगा ताकि हमारे ग्राहकों को उनकी कार्यस्थल या निवास स्थान के अनुसार विश्वसनीय और किफायती इंटरनेट सेवा उपलब्ध हो सके.” Airtel: अब गांव-गांव तक पहुंचेगा सुपरफास्ट इंटरनेट, airtel और elon musk की बड़ी डील 2 एयरटेल और स्पेसएक्स का सहयोग (Starlink Airtel Deal) स्पेसएक्स की प्रेसिडेंट और चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर ग्विन शॉटवेल ने कहा कि एयरटेल ने हिंदुस्तान के दूरसंचार क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. ऐसे में अपनी डायरेक्ट सेवाओं के अलावा एयरटेल के साथ साझेदारी करना व्यवसाय के लिए एक उचित कदम है. उन्होंने कहा, “हम एयरटेल के साथ काम करने को लेकर उत्साहित हैं और आश्वस्त हैं कि स्टारलिंक की सेवाएं हिंदुस्तान के लोगों के जीवन में बदलाव लाने में मददगार साबित होंगी. जब लोग, व्यवसाय और संगठन स्टारलिंक से जुड़ते हैं तो हम उनके द्वारा किए जाने वाले शानदार और प्रेरणादायक कार्यों से लगातार प्रभावित होते हैं.” Starlink इंटरनेट आने से संभावित प्रभाव गौरतलब है कि हिंदुस्तान के ब्रॉडबैंड बाजार में फिलहाल मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो का दबदबा है. जियो के पास 1.4 करोड़ से अधिक वायर्ड ग्राहक और लगभग 50 करोड़ मोबाइल इंटरनेट उपभोक्ता हैं. एयरटेल के पास भी करीब 30 करोड़ ब्रॉडबैंड ग्राहक हैं. हालांकि, एयरटेल को चिंता है कि स्पेक्ट्रम नीलामी में 20 अरब डॉलर खर्च करने के बावजूद ग्राहकों के स्टारलिंक जैसी सैटेलाइट टेक्नोलॉजी आधारित सेवाओं की ओर रुख करने का जोखिम बना हुआ है. Also Read: मिलिए पाकिस्तान के सबसे अमीर हिंदू से, जिनका नाम गिनीज रिकॉर्ड में दर्ज The post Airtel: अब गांव-गांव तक पहुंचेगा सुपरफास्ट इंटरनेट, Airtel और Elon Musk की बड़ी डील appeared first on Naya Vichar.

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KK Pathak: बेतिया राज की 22000 एकड़ जमीन का क्या होगा? IAS केके पाठक ने बताया पूरा प्लान…

KK Pathak: बिहार के ऐतिहासिक बेतिया राजघराने की हजारों एकड़ जमीन या तो खाली पड़ी है या फिर उस पर अतिक्रमण है. इस जमीन का अब व्यावसायिक उपयोग होगा. मंगलवार को बेतिया पहुंचे राजस्व पर्षद के अध्यक्ष केके पाठक ने बेतिया राज की जमीनों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को निर्देश दिया कि जहां भी अतिक्रमण है, उसे खाली कराएं. NIUA और पर्यटन विभाग की टीम ले रही जायजा निरीक्षण के बाद केके पाठक ने बताया कि बेतिया राज की बिहार और उत्तर प्रदेश के 14 जिलों में करीब 22 हजार एकड़ जमीन है. इसमें 100 और 50 एकड़ के बड़े भूखंड भी शामिल हैं. हिंदुस्तान प्रशासन के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स (NIUA) और पर्यटन विभाग की टीम बेतिया राज की जमीन का जायजा ले रही है, ताकि पता लगाया जा सके कि इस जमीन का सही उपयोग कर बेतिया और बिहार का विकास कैसे किया जा सकता है. कौन सी परियोजनाओं पर विचार किया जा रहा है? चिकित्सा एवं शिक्षण संस्थान बड़ी व्यावसायिक परियोजनाएं पर्यटन स्थलों का विकास हिंदुस्तान प्रशासन एवं बिहार प्रशासन की लंबित योजनाएं पटना और दिल्ली में होगी उच्च स्तरीय बैठक केके पाठक ने बताया कि पटना एवं दिल्ली में सचिव स्तर की बैठक होगी. इन बैठकों में यह तय किया जाएगा कि बेतिया राज की भूमि पर बेतिया, मोतिहारी, गोपालगंज एवं अन्य जिलों में भूमि के अभाव में रुकी परियोजनाओं का विकास कैसे किया जाए. इसके अलावा दिल्ली में एक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जाएगा, जिसमें देश-विदेश के उद्यमियों को बेतिया में निवेश के लिए आमंत्रित किया जाएगा. इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे तथा बेतिया का तेजी से विकास होगा. यह भी पढ़ें: Patna Crime: तनिष्क शोरूम लूट कांड के बाद एक्शन में पटना पुलिस, 50 लाख की ड्रग्स जब्त, दो गिरफ्तार बेतिया राज की ऐतिहासिक इमारतों का होगा सौंदर्यीकरण निरीक्षण के दौरान केके पाठक ने रानी निवास, राज कचहरी, शीश महल, फांसी घर, जवाहरातखाना, राज परिसर मंदिर एवं रानी आरामगाह जैसी ऐतिहासिक इमारतों का जायजा लिया. उन्होंने एनआईयूए टीम को इन भवनों को उनके मूल स्वरूप में सुंदर बनाने के निर्देश दिए, ताकि इन्हें पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सके. यह भी पढ़ें: बिहार में भीषण सड़क हादसा में 7 लोगों की मौत, मरने वालों में एक ही परिवार के दो सदस्य शामिल The post KK Pathak: बेतिया राज की 22000 एकड़ जमीन का क्या होगा? IAS केके पाठक ने बताया पूरा प्लान… appeared first on Naya Vichar.

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