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March 12, 2025

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Gaya में दहेज के लिए विवाहिता की हत्या, शव को जलाया

Gaya : जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र अंतर्गत लखनपुर पंचायत अंतर्गत तेतरिया महादलित टोले में मंगलवार की दोपहर 22 वर्षीय विवाहिता की ससुरालवालों ने हत्या कर साक्ष्य छुपाने की नीयत से शव को जला दिया. इस मामले की तहकीकात स्थानीय पुलिस ने मंगलवार की देर रात मृतका के मायके वालों की सूचना पर की थी, पर घर के सदस्य भाग गये थे. मृतका की पहचान राकेश मांझी की 22 वर्षीय पत्नी अनार कुमारी के रूप में की गयी है. उसके दो शिशु भी हैं. दहेज के लिए प्रताड़ित करते ससुराल के लोग : मृतका के पिता मृतका के पिता गुलशन मांझी ने तहरीर देकर दहेज प्रताड़ना में हत्या का मामला दर्ज कराया है. उन्होंने पुलिस को बताया कि अपनी बेटी अनार कुमारी की शादी 2018 में लखनपुर पंचायत अंतर्गत तेतरिया महादलित टोला निवासी अमरिक मांझी के बेटे राकेश मांझी से की थी. दान दहेज भी दिया था. इसके बाद ससुराल के लोग दहेज के लिए प्रताड़ित करते रहते थे. घटना से पहले वीडियो कॉल पर की थी बात पिता गुलशन मांझी ने बताया कि उनकी बेटी मंगलवार की सुबह लगभग 10 बजे मायकेवालों से फोन पर वीडियो कॉल कर हाल समाचार लिया था. लेकिन, उस समय किसी तरह की परेशानी नहीं बतायी थी. इसके बाद दामाद राकेश ने फोन कर दोपहर को बताया कि उसकी बेटी बीमार हो गयी और घर में बेहोश पड़ी हुई है. इसके बाद पूरा परिवार अनार कुमारी के घर आया, तब तक रात हो चुकी थी. जब उसने पूछताछ की, तो पता चला कि अनार की मौत हो गयी और शव को जला दिया. इस मामले में मृतक पिता गुलशन मांझी (फतेहपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत दानीपुर लोधवे निवासी) ने लिखित तहरीर देकर दामाद राकेश मांझी, समधी अमरिक मांझी, समधन एवं उसके छोटे बेटे सूरज मांझी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है. क्या कहते है थानाध्यक्ष? थानाध्यक्ष रघुनाथ प्रसाद ने बताया कि मानपुर की लखनपुर पंचायत अंतर्गत तेतरिया महादलित टोले में विवाहिता की हत्या का मामला प्रकाश में आया है. घटनास्थल निरीक्षण उपरांत लिखित तहरीर पर प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जा रही है. इसे भी पढ़ें : Bihar: 625 करोड़ की लागत से स्मार्ट बनेगा बिहार का ये शहर, गरीबों के लिए बनेगा 2400 घर The post Gaya में दहेज के लिए विवाहिता की हत्या, शव को जलाया appeared first on Naya Vichar.

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आईएसएम धनबाद क्यूएस रैंकिंग में भारत में अव्वल, विश्व में 20वें नंबर पर

IIT-ISM Dhanbad QS Ranking: क्यूएस रैंकिंग में धनबाद के हिंदुस्तानीय खनन विद्यालय (आईएसएम) को विश्व के शीर्ष संस्थानों में शामिल किया गया है. आईआईटी का दर्जा हासिल कर चुके आईएसएम धनबाद को विषयवार रैंकिंग और व्यापक संकाय क्षेत्रों में विश्व स्तर पर 20वां स्थान मिला है. बुधवार को घोषित ‘क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग’ के 15वें संस्करण के अनुसार, हिंदुस्तान ने विषयवार रैंकिंग और व्यापक संकाय क्षेत्रों में शीर्ष 50 में 12 स्थान हासिल किये हैं. आईएसएम धनबाद, आईआईटी खड़गपुर और आईआईटी मुंबई खनिज और खनन इंजीनियरिंग विषय के लिए दुनिया के शीर्ष 50 संस्थानों में शामिल हैं. क्यूएस रैंकिंग में टॉप-50 संस्थानों में 9 हिंदुस्तान के क्यूएस विषयवार रैंकिंग में दुनिया के शीर्ष 50 में 9 हिंदुस्तानीय विश्वविद्यालय और संस्थान हैं. इस लिस्ट में शामिल कुछ शीर्ष संस्थानों में 3 आईआईटी, 2 आईआईएम और जेएनयू के स्थान में पिछले साल के मुकाबले गिरावट आयी है. आईएसएम धनबाद इंजीनियरिंग-खनिज और खनन विषय के लिए विश्व स्तर पर 20वें स्थान पर है. हिंदुस्तान में इसे पहला स्थान मिला है. इंजीनियरिंग खनिज और खनन विषय में IIT मुंबई 28वें नंबर पर हिंदुस्तानीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मुंबई और खड़गपुर को इंजीनियरिंग-खनिज और खनन विषय के लिए 28वें एवं 45वें स्थान पर रखा गया है. हालांकि, दोनों संस्थानों की रैंकिंग में गिरावट देखी गयी है. आईआईटी दिल्ली और मुंबई, जो इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी विषय के लिए 45वें स्थान पर थे, ने अपनी स्थिति में सुधार करते हुए क्रमशः 26वां और 28वां स्थान प्राप्त किया है. नया विचार प्रीमियम स्टोरी : Ho Tribe: कन्या भ्रूण हत्या से कोसों दूर हो जनजाति के लोग, बेटियों के जन्म पर मनाते हैं जश्न हिंदुस्तान के इन संस्थानों की रैंकिंग में आयी गिरावट दोनों संस्थानों ने इंजीनियरिंग-इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स में भी अपनी रैंकिंग में सुधार किया है और शीर्ष 50 की सूची में प्रवेश किया है. हिंदुस्तानीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) अहमदाबाद और बेंगलुरु व्यवसाय और प्रबंधन अध्ययन विषय के लिए दुनिया के शीर्ष 50 में बने हुए हैं, लेकिन उनकी रैंकिंग में पिछले वर्ष के मुकाबले गिरावट आयी है. आईआईएम अहमदाबाद की रैंकिंग 22 से गिरकर 27 पर आ गयी, जबकि आईआईएम बेंगलुरु की रैंकिंग 32 से गिरकर 40 पर आ गयी. झारखंड की ताजा समाचारें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें आईआईटी मद्रास और जेएनयू अब भी टॉप-50 में कायम आईआईटी मद्रास (पेट्रोलियम इंजीनियरिंग) और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) (विकास अध्ययन) विश्व के शीर्ष 50 में बने रहे, लेकिन उनकी रैंकिंग में कुछ स्थानों की गिरावट भी आयी. क्यूएस विषय-विशिष्ट रैंकिंग के नवीनतम संस्करण में, हिंदुस्तान में नयी प्रविष्टियों की संख्या चीन, अमेरिका, ब्रिटेन और कोरिया के बाद 5वें स्थान पर है. कुल प्रविष्टियों की संख्या के मामले में 12वें स्थान पर है. इसे भी पढ़ें 12 मार्च को आपको कितने में मिलेगा 14 किलो का एलपीजी सिलेंडर, यहां देखें कीमत गिरिडीह में रंगदारी वसूली की तैयारी कर रहा था अमन साहू, अब हार्डकोर अपराधियों को पकड़ना पुलिस के लिए चुनौती होली से पहले हेमंत सोरेन ने की हाई लेवल मीटिंग, पुलिस को दिये ये निर्देश Cabinet Decisions: सिपाही और उत्पाद सिपाही भर्ती नियमावली के गठन को कैबिनेट की मंजूरी The post आईएसएम धनबाद क्यूएस रैंकिंग में हिंदुस्तान में अव्वल, विश्व में 20वें नंबर पर appeared first on Naya Vichar.

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जमुई विधायक श्रेयसी सिंह कि गाड़ी का हुआ एक्सीडेंट, दो गार्ड जख्मी

जमुई : बिंद थाना क्षेत्र के बिहटा-सरमेरा पथ पर बुधवार की शाम जहाना मोड़ के समीप जमुई विधायक श्रेयसी सिंह कि गाड़ी ट्रैक्टर से टकरा गई. इस घटना में विधायक के दो अंगरक्षक गोलू कुमार सिंह व रेपन कुमार गंभीर रूप से जख्मी हो गए. विधायक कि गाड़ी के साथ जा रहे अन्य गाड़ी पर सवार लोगों व बिंद थाना की पुलिस ने दोनों को बिंद पीएचसी में भर्ती कराया. जहां डाक्टर द्वारा प्राथमिक उपचार उपरांत बेहतर इलाज के लिए दोनों को रेफर कर दिया गया है. बताया जाता है कि विधायक पटना से अपने विधानसभा क्षेत्र जा रहे थे. इसी दौरान जहाना मोड़ समीप ट्रैक्टर से विधायक की गाड़ी टकरा गई. समाचार अपडेट की जा रही The post जमुई विधायक श्रेयसी सिंह कि गाड़ी का हुआ एक्सीडेंट, दो गार्ड जख्मी appeared first on Naya Vichar.

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क्या आप जानते हैं SIP का पावर? जानेंगे तो 15,000 जमा करके पा लेंगे 41 करोड़ रुपये

SIP Power: पैसा आम आदमी की जरूरत है. पैसों के बिना एक कदम चलना भी मुश्किल है. यह पैसा कहां से आएगा? सबसे बड़ा सवाल यही है. इसके दो-तीन माध्यम है. वह यह कि या तो आप नौकरी करेंगे, खेती-किसानी करेंगे या फिर व्यापार करेंगे. अगर आप नौकरी और खेती-किसानी करेंगे, तो आपकी आमदनी बस घर चलाने भर की ही होगी. बचत मुश्किल से ही हो पाएगी. व्यापार करते हैं, तो कुछ बचत होने की संभावना है. ऐसी स्थिति में आप क्या करेंगे? इसका सबसे आसान हल एसआईपी (Systematic Investment Plan) के जरिए म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश करना है. एसआईपी का पावर इतना अधिक है कि अगर आप हर महीने 15,000 रुपये जमा करते हैं, तो लॉन्ग टर्म में आप कम से कम 41 करोड़ रुपये के मालिक बन सकते हैं. आइए, जानते हैं इसका तरीका. एसआईपी के लिए धैर्य और अनुशासन जरूरी हिंदुस्तानीय शेयर बाजार हमेशा उतार-चढ़ाव से भरा रहता है, लेकिन स्मार्ट निवेशक जानते हैं कि धैर्य और अनुशासन से ही वेल्थ क्रिएशन संभव है. मार्केट में मौजूदा गिरावट का फायदा उठाकर अगर आप जल्दी रिटायरमेंट का सपना देख रहे हैं, तो SIP (Systematic Investment Plan) आपके लिए बेहतरीन विकल्प हो सकता है. खासकर अगर आप स्टेप-अप SIP का उपयोग करते हैं, तो आपकी संपत्ति कई गुना बढ़ सकती है. एसआईपी की जल्दी शुरुआत करें एसआईपी से अगर आपको करोड़पति बनना है तो आपकी जल्दी शुरुआत करनी होगी. मान लीजिए कि आपकी उम्र 25 साल है और आपने 15,000 रुपये की मंथली SIP शुरू की है. यदि अगले 35 वर्षों तक आपको औसतन 15% का सालाना रिटर्न मिलता है, तो SIP कैलकुलेटर के अनुसार, आप एक बड़ी रकम बना सकते हैं. लेकिन, अगर आप हर साल अपनी SIP राशि में 10% की वृद्धि (स्टेप-अप SIP) करते हैं, तो आपका कुल फंड 41 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है. स्टेप-अप SIP से होगा बड़ा फायदा स्टेप-अप SIP का मतलब है कि आप हर साल अपनी मासिक SIP में 10% की बढ़ोतरी करते हैं. पहले साल आपकी एसआईपी 15,000 रुपये की होगी. अगले साल यह 10% बढ़कर 16,500 रुपये हो जाएगी. तीसरे साल यह 18,150 रुपये हो जाएगी. इसी तरह हर साल SIP बढ़ती रहेगी और कंपाउंडिंग का जादू चलता रहेगा. शेयर बाजार में गिरावट का फायदा उठाएं शेयर बाजार हमेशा लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न देता है. अगर आप 10 से 20 साल के लिए SIP निवेश करते हैं, तो आपको एवरेजिंग का फायदा मिलेगा. बाजार में गिरावट के दौरान आपकी SIP कम कीमतों पर अधिक यूनिट खरीदती है, जिससे लंबी अवधि में ज्यादा रिटर्न मिलता है. 60 की उम्र में आरामदायक रिटायरमेंट विशेषज्ञों के अनुसार, अगर आप 60 साल की उम्र तक 10% स्टेप-अप SIP जारी रखते हैं, तो आपके पास रिटायरमेंट के लिए पर्याप्त फंड होगा. आपको सिर्फ धैर्य और अनुशासन बनाए रखना होगा. इसे भी पढ़ें: Naya Vichar Special: चीन चुपके-चुपके विकास करता रहा और हम देखते रहे, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के इंटरव्यू की तीसरी कड़ी The post क्या आप जानते हैं SIP का पावर? जानेंगे तो 15,000 जमा करके पा लेंगे 41 करोड़ रुपये appeared first on Naya Vichar.

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बिहार : अगर साफ-सफाई न होने से हैं परेशान, तो उठाइए फोन और दर्ज करा दीजिए शिकायत 

बिहार : नगर निगम की ओर से क्यूआर कोड के अनुसार सभी घरों से डोर-टू-डोर कचरा का उठाव किया जा रहा है. कचरा उठाव की मॉनीटरिंग निगम कार्यालय स्थित कंट्रोल रूम से की जा रही है. इसको और आगे बढ़ाते हुए अब स्वच्छ गया एप व स्वच्छता से रिलेटेड वेबसाइट gayaswm.in को सभी लोगों के लिए स्टार्ट किया गया है. उक्त बातें बेवसाइट व एप को लांच करते हुए नगर आयुक्त कुमार अनुराग ने बुधवार को कही. उन्होंने बताया कि कार्यालय या दूरभाष पर कई लोग साफ-सफाई से संबंधित फीडबैक या शिकायत करते रहते हैं. इस तरह किसी भी शिकायत या फीडबैक का फॉलोअप करना मुश्किल हो जाता है. इसको और आसान बनाने को लेकर ये व्यवस्था स्टार्ट की गयी है. नगर आयुक्त ने बताया कि अब किसी भी तरह का फीडबैक या शिकायत आप एप या वेबसाइट पर जाकर दे सकते है. उसके बाद आप अपने शिकायत को ट्रैक भी कर सकते हैं. साथ ही, निगम के स्तर से कई सुविधा व सर्विसेज भी लोगों द्वारा रिक्वेस्ट की जाती है. अब आप ऑनलाइन ही एप या वेबसाइट के माध्यम से सुविधाएं बुक कर सकते हैं. इसमें कंस्ट्रक्शन व पुराने मकानों का मलबा उठाव, डंप टैंक या डिसिल्टिंग मशीन की जरूरत, फॉगिंग, मोबाइल टॉयलेट्स, शव वाहन, सेप्टिक टैंक की सफाई आदि शामिल हैं. इससे सभी तरह के फीडबैक एवं शिकायत एक ही पोर्टल पर रहेंगे एवं कंट्रोल रूम के माध्यम से उसका फॉलोअप करते हुए निस्तारण किया जायेगा. संबंधित अपने किये हुए रिक्वेस्ट या शिकायत का फॉलोअप भी कर सकते हैं. कचरा उठाव की शिकायत घर बैठे करना आसान नगर आयुक्त ने बताया कि अगर कहीं लोगों को लगता है कि किसी स्थान से या घर से कचरे का उठाव नहीं हुआ है, तो घर बैठे ही वेबसाइट या ऐप पर ऑनलाइन नागरिक सेवा का फायदा ले सकते हैं. अपने मोबाइल नंबर से वेबसाइट एवं ऐप पर लोग शिकायत रजिस्टर कर सकते है. गया नगर निगम की ओर से उसका शीघ्र निष्पादन किया जायेगा. उन्होंने बताया कि सफाई एक ऐसी चीज है, जो सिर्फ निगम नहीं बल्कि सभी लोगों की जिम्मेदारी है. अगर लोग जान बुझ कर कचरा इधर उधर फेंकते रहेंगे, तो साफ सुथरा गया का सपना साकार नहीं हो पायेगा. इसे भी पढ़ें : Bihar: 625 करोड़ की लागत से स्मार्ट बनेगा बिहार का ये शहर, गरीबों के लिए बनेगा 2400 घर The post बिहार : अगर साफ-सफाई न होने से हैं परेशान, तो उठाइए फोन और दर्ज करा दीजिए शिकायत  appeared first on Naya Vichar.

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Mahakumbh 2025: 15 दिन में कबाड़ी वाले ने की साल भर की कमाई, चायवालों पर भी पैसों की बरसात

Mahakumbh 2025: Mahakumbh 2025: 13 जनवरी से 26 फरवारी तक प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में 67 करोड़ लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई. महाकुंभ केवल धार्मिक आयोजन भर साबित नहीं हुआ, बल्कि गरीबों के लिए वरदान साबित हुआ. लोगों ने 45 दिनों के मेले में साल भर की कमाई कर ली. झारखंड के रहने वाले एक कबाड़ी का काम करने वाले शख्स ने बताया- महाकुंभ के दौरान उसने 15 दिनों तक अपनी ट्रॉली से लोगों को संगम घाट तक पहुंचाया. जिससे उसकी हजारो रुपये की कमाई हुई. उसने बताया कि उसे एक दिन में 2500 रुपये तक की कमाई हो रही थी. उसने 15 दिनों में इतने पैसे कमा लिए, जितना वो साल भर में कमाता था. शख्स ने बताया- उसके पास इतने पैसे जमा हो गए हैं कि वो अब नई ट्रॉली खरीद लेगा. महाकुंभ मेला से पहले अपनी ट्रॉली से कबाड़ खरीदने का काम करता था, लेकिन कुंभ ने उसकी जिंदगी बदल दी. अगर कुछ दिन पहले से वो ट्रॉली से सवारी ढोने का काम करता तो उसकी और अच्छी कमाई होती. ये कहानी केवल एक शख्स की नहीं है, बल्कि कुंभ में हजारों की संख्या में लोग ठेले और बाइक से श्रद्धालुओं को संगम घाट पहुंचाने का काम करते थे. जिससे उन्हें हजारों, लाखों की कमाई हुई. चाय बेचने वालों की जमकर हुई कमाई महाकुंभ 2025 की वजह से स्थानीय लोगों की भी अच्छी कमाई हुई. कुंभ मेला में केवल ट्रॉली मैन ही नहीं, बल्कि चायवाले, सड़क किनारे दुकान लगाने वाले, फूल-प्रसाद बेचने वालों की भी अच्छी कमाई हुई. ट्रॉली चलाने वाले शख्स ने कहा- कुंभ ने सिखाया की मेहनत और मौके का फायदा उठाकर अच्छी कमाई की जा सकती है. नाविकों ने लाखों में की कमाई महाकुंभ 2025 से नाविकों ने करोड़ों की कमाई की. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में बताया था कि एक नाविक परिवार ने कुंभ में करोड़ों की कमाई की. केवल एक नाविक परिवार की कहानी नहीं है, बल्कि कई नाविकों ने कुंभ में लाखों रुपये की कमाई की. The post Mahakumbh 2025: 15 दिन में कबाड़ी वाले ने की साल भर की कमाई, चायवालों पर भी पैसों की बरसात appeared first on Naya Vichar.

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Muzaffarpur : होली में सप्लाई के लिए ट्रेन से शराब लेकर आ रही थी महिलाएं, पुलिस ने किया गिरफ्तार

Muzaffarpur :  उत्पाद विभाग की टीम होली को लेकर लगातार देसी व विदेशी शराब के खिलाफ अभियान चला रही है. पिछले 24 घंटे के अंदर में उत्पाद टीम ने 160 लीटर शराब के साथ 10 धंधेबाज को गिरफ्तार किया है. इसमें चार स्त्री शराब धंधेबाज को स्टेशन रोड से पकड़ा गया है. वे लोग यूपी से शराब तस्करी करके होली में सप्लाई करने को लेकर ट्रेन से शराब लायी थी. उनकी पहचान नगर थाना के सरैयागंज टावर चौक की उर्मिला देवी, सारण जिला के पटोरी थाना के लोदीपुर धीर गांव की रंजू देवी, मकेर थाना के मूराही घाट की प्रतिमा देवी, समस्तीपुर जिला के पटोरी थाना के शिवरा निवासी रंगीला देवी शामिल है. चारों के पास से 18 लीटर विदेशी शराब बरामद किया गया है. वे शराब को झोला के अंदर छिपा कर रखी थी. इनके अलावा औराई थाना के सरचिया गांव से रंगीला देवी और सिवाईपट्टी थाना के सीतलपट्टी गांव से किशन कुमार को गिरफ्तार किया गया है. लगातार हो रही छापेमारी कांटी के टरमा में जमीन के अंदर छिपाकर रखी गयी थी 35 लीटर विदेशी शराब भी बरामद किया गया है. वहीं, 51 लीटर शराब के साथ बोचहां थाना के रामदास मझौलिया से मीना देवी व सोनू कुमार को पकड़ा गया है. सकरा के गनीपुर बेझा गांव से 15 लीटर चुलाई शराब के साथ राहुल कुमार व सोनू कुमार को गिरफ्तार किया गया है. उत्पाद थानेदार दीपक कुमार सिंह ने बताया कि होली को लेकर सहायक उत्पाद आयुक्त विजय शेखर दुबे के निर्देश पर उत्पाद थाने की तीन विशेष टीम शराब को लेकर लगातार छापेमारी कर रही है. इसी कड़ी में पिछले 24 घंटे के अंदर में छापेमारी करके 10 शराब माफियाओं को गिरफ्तार किया गया है. इसमें पांच स्त्री शामिल है. सभी होली में सप्लाई को लेकर शराब की खेप स्टॉक किये थे और ला रहे थे. यूपी से शराब की तस्करी करके ट्रेन से लाने वाली चारों स्त्रीओं से पूछताछ की गयी तो बतायी कि होली में शराब बेचकर मोटी रकम कमाने की योजना थी. बिहार की ताजा समाचारों के लिए यहां क्लिक करें जिले के 200 से अधिक होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा पर साटा गया पोस्टर मुजफ्फरपुर उत्पाद विभाग की टीम जिले के 200 से अधिक होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा पर पर पोस्टर चस्पा किया है. इसपर लिखा हुआ है कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी है. शराब पीना, रखना, बेचना एक दंडनीय अपराध है. अगर किसी भी तरह शराबबंदी कानून की अवहेलना की जाती है तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी. पोस्टर चस्पा करने के दौरान सहायक उत्पाद आयुक्त भी मौके पर मौजूद रह रहे हैं. इसे भी पढ़ें : Bihar : 250 करोड़ की लागत से बिहार के इस जिले में बनेगा रेलवे स्टेशन, सुविधाओं के मामले में एयरपोर्ट को करेगा फेल पढ़ें नया विचार की प्रीमियम स्टोरी : पीएम मोदी का मॉरीशस में बिहारी गीत-गवई से स्वागत- ‘राजा के सोभे ला माथे, सैकड़ों साल पुरानी परंपरा में जीवित संस्कृति The post Muzaffarpur : होली में सप्लाई के लिए ट्रेन से शराब लेकर आ रही थी स्त्रीएं, पुलिस ने किया गिरफ्तार appeared first on Naya Vichar.

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Pakistan Train Hijack: सामने आया ट्रेन हाईजैक के पीछे का कारण, ऑडियो जारी कर BLA ने बताई वजह

Pakistan Train Hijack: बलोच लिबरेशन आर्मी की ओर से जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक करने के बाद BLA ने एक ऑडियो जारी किया है. न्यूज चैनल आजतक की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीएलए (बलोच लिबरेशन आर्मी) ने अपने जारी ऑडियो में पाकिस्तान की सेना पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. बीएलए ने ऑडियो में जिक्र किया है कि उसने इतने लोगों को बंधन क्यों बनाया है. बलोच लिबरेशन आर्मी ने यह भी दावा किया गया है कि उसके पास अभी 200 से ज्यादा नागरिक बंधक हैं. पाकिस्तानी सेना पर बीएलए ने लगाए गंभीर आरोप अपनी ऑडियो में बीएलए ने पाकिस्तान की आर्मी पर कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं. बीएलए ने बताया कि पाकिस्तान सेना के अत्याचार और बलूचिस्तान के संसाधनों के शोषण के कारण उन्होंने यह कदम उठाया है. बलोच लिबरेशन आर्मी ने कहा है कि उनके प्रांत का लगातार शोषण किया गया है. इसके खिलाफ वे आवाज उठा रहे हैं. 190 यात्रियों को बचाने का दावा इससे पहले पाकिस्तान के सुरक्षा अधिकारियों ने जानकारी देते हुए कहा है कि बलूचिस्तान हाईजैक रेलगाड़ी के 190 यात्रियों को बचा लिया गया है. सुरक्षाबलों ने यह भी दावा किया है कि 30 उग्रवादियों को अब तक मार गिराया गया है. अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाबलों और उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ बुधवार को भी जारी रही. सेना और फ्रंटियर कोर सहित सुरक्षा बल क्वेटा से 160 किलोमीटर दूर एक सुरंग में गुडलार और पीरू कुनरी के पहाड़ी इलाकों के पास ट्रेन पर नियंत्रण करने वाले उग्रवादियों का मुकाबला कर रहे हैं. सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि यह अब तक यह साफ नहीं हो पाया है कि हमले में कितने उग्रवादी शामिल हैं, लेकिन उनमें से कुछ अपने आकाओं के संपर्क में रहने के लिए सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं. पढ़ें नया विचार की प्रीमियम स्टोरी : पीएम मोदी का मॉरीशस में बिहारी गीत-गवई से स्वागत- ‘राजा के सोभे ला माथे, सैकड़ों साल पुरानी परंपरा में जीवित संस्कृति जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को बीएलए ने किया हाईजैक मंगलवार को जब जाफर एक्सप्रेस ट्रेन क्वेटा से खैबर पख्तूनख्वा के पेशावर जा रही थी, इसी दौरान उग्रवादियों ने विस्फोट कर पहले ट्रेन को बेपटरी किया और उस पर कब्जा कर लिया. जिन नौ डिब्बों पर बीएलए ने कब्जा किया है उसपर करीब 400 यात्री सवार थे. घटना के बाद बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने हमले की जिम्मेदारी ली थी. न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक उग्रवादियों ने छह सैनिकों की हत्या कर दी है, लेकिन पाकिस्तान की ओर से अब तक मारे गये लोगों की पुष्टि नहीं की है. हमेशा से अशांत रहा है बलूचिस्तान पाकिस्तान का बलूचिस्तान प्रांत हमेशा से अशांत रहा है. लेकिन, यह पहला मौका है जब बलूचिस्तान प्रांत में बीएलए या किसी भी उग्रवादी समूह ने यात्रियों से भरी ट्रेन को हाईजैक किया है. इससे पहले बीएलए के उग्रवादी प्रांत के विभिन्न हिस्सों में सुरक्षाबलों, प्रतिष्ठानों और विदेशियों पर निशाना बनाते थे. हाल के दिनों में उनके हमलों में खासा इजाफा हुआ था. पिछले साल नवंबर महीने में क्वेटा रेलवे स्टेशन पर बीएलए के एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को बम से उड़ा लिया था जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी. 62 अन्य लोग घायल हो गए थे. ट्रेन हाईजैक के बाद बीएलए ने चेतावनी जारी की है कि अगर पाकिस्तान की सेना कोई अभियान चलाती है तो सभी बंधकों को मार दिया जाएगा. बता दें, बीएलए पर पाकिस्तान, ब्रिटेन और अमेरिका में प्रतिबंध लगा है. The post Pakistan Train Hijack: सामने आया ट्रेन हाईजैक के पीछे का कारण, ऑडियो जारी कर BLA ने बताई वजह appeared first on Naya Vichar.

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ISRO: स्पेस क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए कई देशों के साथ किया गया है समझौता

ISRO: देश के स्पेस सेक्टर के विकास में इसरो का अहम योगदान रहा है. मौजूदा समय में इसरो दुनिया के प्रमुख स्पेस एजेंसी के तौर पर खुद को स्थापित करने में सफल रहा है. देश के कई सैटेलाइट का प्रक्षेपण करने के साथ ही संस्था दूसरे देशों की सैटेलाइट को भी कम कीमत पर लांच करने का काम कर रहा है. स्पेस क्षेत्र के और विस्तार के लिए केंद्र प्रशासन ने निजी क्षेत्र की भागीदारी को मंजूरी दी. मौजूदा समय में इसरो का स्पेस के क्षेत्र में 61 देशों और 5 अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ समझौता है. समझौते के तहत सैटेलाइट रिमोट सेंसिंग, सैटेलाइट नेविगेशन, उपग्रह संचार, सैटेलाइट विज्ञान और ग्रहों की खोज एवं क्षमता निर्माण शामिल है.  हिंदुस्तानीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) पहले से ही अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी (नासा) के साथ मिलकर एक संयुक्त उपग्रह मिशन पर काम कर रहा है. ‘निसार (नासा इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार)’ का निर्माण अंतिम चरण में है. इसके निर्माण से स्पेस क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आने की संभावना है. इसरो सीएनईएस (फ्रांसीसी राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी) के साथ मिलकर ‘तृष्णा (हाई रिजोल्यूशन प्राकृतिक संसाधन आकलन के लिए थर्मल इंफ्रारेड इमेजिंग सैटेलाइट)’ नामक एक संयुक्त उपग्रह मिशन पर काम कर रहा है. इसके अलावा इसरो और जेएक्सए (जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी) ने संयुक्त चंद्र ध्रुवीय अन्वेषण मिशन पर मिलकर काम कर रहा है.  निजी क्षेत्र की भागीदारी से इनोवेशन को मिलेगा बढ़ावा स्पेस क्षेत्र में देश की क्षमता को विकसित करने के लिए प्रशासन की ओर से निजी क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित की गयी है. इसके तहत हिंदुस्तानीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेस) का गठन अंतरिक्ष विभाग में गैर-प्रशासनी संस्थाओं (एनजीई) की अंतरिक्ष क्षेत्र में गतिविधियों को प्रोत्साहित, अधिकृत और निगरानी करने के लिए किया गया है. हिंदुस्तानीय अंतरिक्ष नीति-2023 को प्रशासन ने विभिन्न हितधारकों द्वारा अंतरिक्ष गतिविधियों को नियामक निश्चितता प्रदान करने के लिए तैयार किया है. इसका मकसद एक समृद्ध अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है. निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करने और सहायता प्रदान करने के लिए विभिन्न योजनाएं भी इन-स्पेस द्वारा घोषित एवं लागू की गई है.  सीड फंड योजना, मूल्य निर्धारण समर्थन नीति, मेंटरशिप समर्थन, तकनीकी केंद्र, एनजीई के लिए डिजाइन लैब, अंतरिक्ष क्षेत्र में कौशल विकास, इसरो सुविधा उपयोग समर्थन, एनजीई को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, अंतरिक्ष क्षेत्र से जुड़े सभी हितधारकों से जुड़ने के लिए इन-स्पेस डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाया गया है. हिंदुस्तानीय अंतरिक्ष क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एक हजार करोड़ करोड़ रुपये का वेंचर कैपिटल बनाया गया है. इन-स्पेस ने गैर-प्रशासनी संस्थाओं (एनजीई) के साथ लगभग 78 समझौतों पर हस्ताक्षर किया है. यह जानकारी केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दिया.  ReplyForward The post ISRO: स्पेस क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए कई देशों के साथ किया गया है समझौता appeared first on Naya Vichar.

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CAG: नियुक्ति प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने की है जरूरत

CAG: सीएजी की उपयोगिता, कार्यप्रणाली, विश्वसनीयता, उसकी सीमा और शक्ति सहित ऑडिट के तरीके सहित विभिन्न मुद्दों पर कैग के पूर्व महानिदेशक पी शेषकुमार से नया विचार के राष्ट्रीय ब्यूरो प्रमुख अंजनी कुमार सिंह की बातचीत के मुख्य अंश:  सवाल : सीएजी की भूमिका को लेकर अक्सर विवाद होता रहता है. क्या आपको लगता है कि जनता या मीडिया सीएजी के अधिकार क्षेत्र को सही ढंग से नहीं समझ पाते हैं या फिर इसे गलत तरीके से पेश किया जाता है? नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक जिसे सीएजी कहते हैं इसके विषय में आम जनता में कम जानकारी  है. मीडिया और जनता दोनों ही सीएजी  के अधिकार क्षेत्र को सही ढंग से नहीं समझ पाते हैं. इसका एक प्रमुख कारण यह है कि सीएजी अपने प्रचार तंत्र से बहुत दूर है. कैग का मानना है कि उसकी रिपोर्ट के आधार पर ही उसे लोग जाने. एक तो सीएजी आम तौर पर प्रचार से कतराता है और दूसरा उसके पास समर्पित पेशेवर मीडिया विंग नहीं है.मीडिया द्वारा सनसनीखेज निष्कर्षों को गलत तरीके से प्रस्तुत करना या चुनिंदा तरीके से हाईलाइट करना भी संभव है. इसे आम तौर पर जनता द्वारा उठाया जाता है. क्योंकि सीएजी की रिपोर्ट जब तक संसद या विधानसभा के पटल पर न रख दिया जाये, तब तक वह गोपनीय रहता है. रिपोर्ट टेबल होने के बाद जब मीडिया, आम जनता या पॉलिटिकल पार्टी इस पर सवाल-जवाब करते हैं, तब वह लोगों के बीच आता है.12 साल पुरानी 2 जी स्पेक्ट्रम हो या कोल स्पेक्ट्रम या चारा घोटाला उन रिपोर्टां की आज भी चर्चा होती रहती है. अभी की रिपोर्ट की तुलना भी पिछले रिपोर्ट के आधार पर की जाती है. इसलिये काफी प्रश्न आम आदमी, मीडिया, बुद्धिजीवियों के बीच सुनने-समझने को मिलती है. आम जनता भी सीएजी की रिपोर्ट को पढ़े और उस पर विचार करें, तो यह देश हित में होगा. इस पर मैंने हाल ही में एक पुस्तक लिखी है, जिसका नाम है, “सीएजी एन्स्योरिंग अकाउंटेबिलिटी एमिड्स कॉन्ट्रोवर्सी: इन इनसाइड व्यू”. यह किताब सभी को पढ़ना चाहिये. आखिर सीएजी है क्या? इसकी सीमा और शक्ति क्या है? इसके काम करने के तरीके सहित इस पर कितना दबाव रहता है जैसे मुद्दों पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है. सीएजी की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठते रहे हैं. सीएजी की विश्वसनीयता को और अधिक कैसे बढ़ाया जा सकता है?सबसे पहले सीएजी में होने वाली नियुक्ति प्रक्रिया को समझना होगा. इसके लिए कोई पॉलिसी या कोई कमिटी सिस्टम नहीं है. एक मुद्दा जिस पर अभी भी ध्यान देने की जरूरत है, वह है “चुनाव आयुक्त और सीबीआई निदेशक की तर्ज पर सीएजी की नियुक्ति के लिए समिति” की मांग. शायद, जिस बात पर बहस या आंदोलन किया जाना चाहिए, वह है सीवीसी और मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) के समान बहु-सदस्यीय सीएजी की ओर बदलाव, साथ ही नियुक्ति के लिए एक संवैधानिक प्रावधान”. बदलावों के लिए संवैधानिक संशोधन की आवश्यकता होगी. इससे तीन उद्देश्य पूरे होंगे: चयन में पारदर्शिता, इंडियन ऑडिट एंड एकाउंट्स सर्विस (आइएएएस) को तीन सदस्य पदों में से कम से कम एक के लिए विचार किए जाने का अवसर और सीएजी में लगभग शून्य जवाबदेही के साथ एक व्यक्ति के वर्चस्व की प्रणाली को समाप्त करना. वर्तमान में कैबिनेट सेक्रेटरी अधिकारियों का एक पैनल बनाती है और उस पैनल में से प्रधानमंत्री किसी एक को नियुक्त करते हैं. इसके साथ ही एक बात और ध्यान देने की है कि नियुक्ति के बाद सीएजी महोदय को इतनी पॉवर और छूट दी गयी है, कि उस पर फिर किसी का दबाव काम नहीं कर सकता है. इन्हें सुप्रीम कोर्ट के जज का हैसियत हासिल है. इन्हें नौकरी से कोई हटा नहीं सकता है. इनको हटाने के लिए भी पार्लियामेंट में महाभियोग लाना पड़ता है. इनके आफिस के खर्च को लेकर पार्लियामेंट में वोटिंग भी नहीं हो सकती है. कार्यालय के खर्च का कोई ऑडिट नहीं होगा. इन्हें कौन सा सब्जेक्ट का चुनाव करना है, उसमें कितनी गहराई तक जाना है, कितने दिनों में रिपोर्ट देनी है, कब बनानी है, इसके लिए भी सीएजी को पूरा पावर दिया गया है. एक बार नियुक्त होने के बाद उनके ऊपर किसी तरह का दबाव आने की आशंका कम रहती है. लेकिन आप पूछेंगे की प्रैक्टिकली क्या हो रहा है? तो प्रैक्टिकली इनके पास पूरे पॉवर है, लेकिन अब उस व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह उस पावर को कैसे यूज कर रहे हैं. सवाल : आप सीएजी और न्यायपालिका के बीच के जटिल संबंधों पर चर्चा करते हैं. आपके मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के प्रमुख निर्णयों ने सीएजी के अधिकार क्षेत्र और प्रभावशीलता को कम किया है. कैसे?  वर्ष 2012 के माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ने सीएजी के ऑडिट के दायरे का विस्तार करते हुए इसे ‘मुनीम’ या सिर्फ एक अकाउंटेंट की तरह मानने के बजाय प्रदर्शन ऑडिटिंग को शामिल किया. उसी फोरम ने अगस्त 2024 में यह भी निर्णय लिया कि सीएजी की रिपोर्ट केवल उनका दृष्टिकोण या विचार हैं और जब तक पीएसी संसद को अपनी सिफारिशें प्रस्तुत नहीं करती, तब तक वे अंतिम नहीं होती हैं. इसका असर सीएजी रिपोर्ट की प्रभावशीलता पर पड़ा है. अब सीएजी की रिपोर्ट की वैल्यू तभी है, जब पीएसी संसद को अपनी सिफारिशें दें. इसमें यह भी नहीं है कि इतने समय के अंदर इसे टेबल करना जरूरी है. प्रशासन चाहे तो वर्षों तक रिपोर्ट को टेबल नहीं कर सकती है. अभी हाल ही में सीएजी महोदय ने  2024 में ही दिल्ली की रिपोर्ट पर हस्ताक्षर की थी, लेकिन उसकी रिपोर्ट फरवरी 2025 में विधानसभा में आयी है. इससे कई सारी समस्याएं पैदा होती है. सीएजी किसी समस्या को सुधार करने के लिए अपनी रिपोर्ट में दो साल पहले सिफारिश की है और दो साल तक उस रिपोर्ट को टेबल ही नहीं किया गया, तो इन दो सालों में वह समस्याएं विकराल हो जायेगी या फिर दूसरी समस्या में तब्दील हो गयी होगी. मेरा मानना है कि सीएजी के काम में और अधिक सुधार के लिए उसे और शक्ति देना जरूरी है. सीएजी की रिपोर्ट को पेश करने के लिए प्रशासन को एक अनिवार्य समय दे दिया जाये, चाहे वह समय दो महीना हो या छह महीना. लेकिन प्रशासन की यह

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