Chaitra Navratri 2025 Ghatasthapana Muhurat: चैत्र नवरात्रि हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण पर्व है. इस अवसर पर माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. विशेष रूप से, कई राज्यों में चैत्र नवरात्रि को नए वर्ष की शुरुआत के रूप में मनाया जाता है. वर्ष 2025 में यह उत्सव 30 मार्च से आरंभ होकर 7 अप्रैल तक चलेगा. नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना (कलश स्थापना) की जाती है, जो मां दुर्गा का आह्वान करने की एक प्रमुख प्रक्रिया मानी जाती है. इस वर्ष घटस्थापना के लिए केवल 50 मिनट का विशेष शुभ मुहूर्त निर्धारित किया गया है. आइए, घटस्थापना का सही समय और विधि के बारे में जानते हैं. चैत्र नवरात्रि का आरंभ कब होगा? पंचांग के अनुसार, इस वर्ष चैत्र शुक्लपक्ष की शुरुआत 29 मार्च 2025, शनिवार को संध्या 04:33 बजे होगी. चैत्र शुक्लपक्ष का समापन 30 मार्च 2025, रविवार को दोपहर 02:14 बजे होगा. राम नवमी कब है 2025 में? जानें पूजा का शुभ समय और पर्व का महत्व कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त चैत्र नवरात्रि के लिए कलश स्थापना के दो विशेष मुहूर्त निर्धारित किए गए हैं. प्रतिपदा के एक तिहाई समय में कलश स्थापना करना अत्यंत शुभ माना जाता है, जो 30 मार्च 2025 को सुबह 06:14 से 10:21 बजे तक है. दूसरा मुहूर्त, अभिजीत मुहूर्त, 30 मार्च 2025 को दोपहर 12:02 से 12:50 बजे तक है, जब कलश स्थापित किया जा सकता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, घटस्थापना का सर्वोत्तम समय प्रातःकाल होता है, जिसे चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दौरान किया जाता है. यदि इस समय चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग उपस्थित हो, तो घटस्थापना को टालने की सलाह दी जाती है. घटस्थापना का महत्व क्या है? कलश स्थापना केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह देवताओं की कृपा प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण साधन भी है. कलश के मुख पर – भगवान विष्णु गले में – भगवान शिव नीचे के भाग में – भगवान ब्रह्मा मध्य में – मातृशक्ति (दुर्गा देवी की कृपा) इसलिए, घटस्थापना का सही समय और विधि अपनाकर देवी की कृपा प्राप्त की जा सकती है. घटस्थापना की सही विधि साफ-सफाई करें: जिस स्थान पर घटस्थापना करनी है, वहां गंगाजल का छिड़काव करें और उसे पवित्र करें. मिट्टी का पात्र लें: इसमें जौ बोएं, जो समृद्धि का प्रतीक माने जाते हैं. कलश की स्थापना करें: मिट्टी के घड़े में जल भरें, उसमें गंगाजल, सुपारी, अक्षत (चावल), दूर्वा, और पंचपल्लव डालें. नारियल रखें: कलश के ऊपर लाल या पीले वस्त्र में लिपटा हुआ नारियल रखें. मां दुर्गा का आह्वान करें: मंत्रों का जाप करें और कलश पर रोली और अक्षत अर्पित करें. नवरात्रि के दौरान दीप जलाएं: घटस्थापना के साथ अखंड ज्योति प्रज्वलित करें, ताकि घर में सुख और शांति बनी रहे. घटस्थापना के लाभ घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है. देवी दुर्गा की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होते हैं. मनोकामनाएं पूरी होने का विश्वास है. घर में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है. नवरात्रि 2025: 9 दिनों की पूजा का महत्व 30 मार्च से 7 अप्रैल 2025 तक, मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाएगी: पहला दिन: मां शैलपुत्री की पूजा दूसरा दिन: मां ब्रह्मचारिणी की उपासना तीसरा दिन: मां चंद्रघंटा की आराधना चौथा दिन: मां कूष्मांडा की पूजा पांचवां दिन: मां स्कंदमाता की उपासना छठा दिन: मां कात्यायनी का पूजन सातवां दिन: मां कालरात्रि की उपासना आठवां दिन: मां महागौरी की पूजा नवां दिन: मां सिद्धिदात्री की आराधना जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्राज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ8080426594/9545290847 The post चैत्र नवरात्रि 2025 में घटस्थापना का शुभ समय बेहद खास, जानें सही मुहूर्त और विधि appeared first on Naya Vichar.