Hot News

April 3, 2025

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

अत्यधिक जल दोहन के कारण भूजल स्तर में गिरावट

Drinking Water Crisis : धरती पर पानी की जरूरत बरसात से पूरी होती है या ग्लेशियर से. इन दोनों जलस्रोतों का गणित अब डगमगा रहा है. पानी के लिए बरसात के भरोसे बैठना भी अब अनिश्चित-सा हो गया है. अभी से अधिकांश छोटी नदियां सूख गयी हैं और इसका सीधा असर तालाब-कुओं-बावड़ियों पर दिख रहा है. हिंदुस्तान में विश्व की कुल आबादी का करीब 18 फीसदी हिस्सा निवास करता है, जबकि पीने योग्य जल संसाधनों का मात्र चार फीसदी भाग ही उपलब्ध है. अत्यधिक जल दोहन तथा अकुशल प्रबंधन के कारण भूजल स्तर में निरंतर गिरावट आ रही है. जल संसाधन मंत्रालय के एकीकृत जल संसाधन विकास के लिए राष्ट्रीय आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, 2050 तक जल की जरूरत 1,180 अरब घन मीटर होने की संभावना है. जबकि वर्तमान में देश में जल की उपलब्धता 1,137 अरब घन मीटर है. वर्ष 2030 तक देश की 40 फीसदी आबादी को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध नहीं होगा. जल गुणवत्ता सूचकांक में हिंदुस्तान 122 देशों में 120वें स्थान पर है और लगभग 70 प्रतिशत जलस्रोत प्रदूषित हैं. भारी-भरकम बजट, राहत और नलकूप आदि जल संकट का निदान नहीं हैं. करोड़ों-अरबों की लागत से बने बांध सौ साल भी नहीं चलते, जबकि हमारे पारंपरिक ज्ञान से बनी जल संरचनाएं आज भी पानीदार हैं. न देश के बड़े हिस्से के लिए अल्प वर्षा नयी बात है, न वहां के समाज के लिए कम पानी में गुजारा करना. पर बीते पांच दशक के दौरान आधुनिकता की आंधी में दफन हो गये हजारों चंदेल-बुंदेलकालीन तालाबों और पारंपरिक जल प्रणालियों के चलते ये हालात बने. मध्य प्रदेश के तीन लाख की आबादी वाले बुरहानपुर शहर में 18 लाख लीटर पानी रोज एक ऐसी प्रणाली के माध्यम से वितरित होता है, जिसका निर्माण 1615 में किया गया था. यह प्रणाली जल संरक्षण और वितरण की दुनिया की अजूबी मिसाल है, जिसे ‘भंडारा’ कहा जाता है. हमारे पुरखों ने देश-काल-परिस्थिति के अनुसार बारिश को समेट कर रखने की कई प्रणालियां विकसित व संरक्षित की थीं. घरों की जरूरत के लिए मीठे पानी का साधन कुआं कभी घर-आंगन में हुआ करता था. हरियाणा से मालवा तक जोहड़ या खाल जमीन की नमी बरकरार रखने की प्राकृतिक संरचना हैं. ये वर्षाजल के बहाव क्षेत्र में पानी रोकने के प्राकृतिक या कृत्रिम बांध के साथ छोटे तालाब की मानिंद होते हैं. तेज ढलान पर तेज गति से पानी के बह जाने वाले भू-स्थल में पानी की धारा को काटकर रोकने की पद्धति ‘पाट’ पहाड़ी क्षेत्रों में लोकप्रिय रही है. एक नहर या नाली के जरिये किसी पक्के बांध तक पानी ले जाने की प्रणाली ‘नाड़ा’ या ‘बंधा’ अब देखने को नहीं मिल रही है. कुंड और बावड़ियां महज जल संरक्षण के साधन नहीं, हमारी स्थापत्य कला का बेहतरीन नमूना रहे हैं. आज ऐसी ही पारंपरिक प्रणालियों को पुनर्जीवित करने के लिए खास योजना बनाये जाने की जरूरत है. बीते दो सौ साल से लोग भूख या पानी के कारण पुश्तैनी घरों-पिंडों से पलायन कर गये. उसके पहले का समाज तो हर तरह की जल-विपदा का हल रखता था. हमारे देखते-देखते घरों के आंगन, गांव के पनघट व कस्बों के सार्वजनिक स्थानों से कुएं गायब हुए हैं. बावड़ियों को हजम करने का काम भी आजादी के बाद ही हुआ. पहले का समाज गर्मी के चार महीनों के लिए पानी जमा करने व उसे किफायत से खर्च करने को अपनी संस्कृति मानता था. राजस्थान में तालाब, बावड़ियां, कुई और झालार सदियों से सूखे का सामना करते रहे. कर्नाटक में कैरे, तमिलनाडु में ऐरी, नगालैंड में जोबो तो लेह-लद्दाख में जिंग, महाराष्ट्र में पैट, उत्तराखंड में गुल, हिमाचल प्रदेश में कुल और जम्मू में कुहाल जैसे पारंपरिक जल-संवर्धन के सलीके थे, जो आधुनिकता की आंधी में गुम हो गये. गुजरात के कच्छ के रण में पारंपरिक मालधारी लोग खारे पानी के ऊपर तैरती बारिश की बूंदों के मीठे पानी को ‘विरदा’ के प्रयोग से संरक्षित करने की कला जानते थे. हिम-रेगिस्तान लेह-लद्दाख में सुबह बर्फ रहती है और दिन में धूप के कारण कुछ पानी बनता है, जो शाम को बहता है. वहां के लोग जानते थे कि शाम को मिल रहे पानी को सुबह कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है. तमिलनाडु में एक जल सरिता या धारा को कई-कई तालाबों की शृंखला में मोड़कर हर बूंद को बड़ी नदी व वहां से समुद्र में बेजा होने से रोकने की अनूठी परंपरा थी. उत्तरी अराकोट व चेंगलपेट जिले में पलार एनीकेट के जरिये इस प्रणाली में 317 तालाब जुड़े हैं. पानी के कारण पलायन के लिए बदनाम बुंदेलखंड में भी पहाड़ी के नीचे तालाब, पहाड़ी पर हरियाली वाले जंगल और एक तालाब के ओने से नाली निकाल कर उसे उसके नीचे धरातल पर बने दूसरे तालाब से जोड़ने व ऐसे पांच-पांच तालाबों की कतार बनाने की परंपरा चंदेल राजाओं के काल से रही है. वहां तालाबों के आंतरिक जुड़ावों को तोड़ा गया, तालाब के बंधान फोड़े गये, तालाबों पर कॉलोनी या खेत के लिए कब्जे हुए, पहाड़ी फोड़ी गयी, पेड़ उजाड़ दिये गये. इसके कारण जब जल देवता रूठे, तो पहले नल, फिर नलकूप के टोटके किये गये. सभी उपाय हताश रहे, तो आज फिर तालाबों की याद आ रही है.(ये लेखक के निजी विचार हैं.) The post अत्यधिक जल दोहन के कारण भूजल स्तर में गिरावट appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

PUBG की लत ने छीन ली जिंदगी, पत्नी के रोकने पर युवक ने उठाया खौफनाक कदम

Suicide News: पटना के अगमकुआं इलाके में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां पबजी गेम स्पोर्ट्सने से रोकने पर एक युवक ने खुदकुशी कर ली. बुधवार को युवक का शव कमरे में फंदे से लटका मिला. मृतक की पहचान विकास कुमार के रूप में हुई है, जिसकी शादी महज एक साल पहले हुई थी. पत्नी से होता था विवाद, पहले भी दी थी धमकी परिजनों के मुताबिक, विकास पहले दिल्ली में काम करता था, लेकिन हाल ही में वह घर लौटा था. उसे पबजी स्पोर्ट्सने की लत थी, जिससे उसकी पत्नी परेशान थी और उसे गेम छोड़ने के लिए कहती थी. इसी बात को लेकर दोनों के बीच अक्सर विवाद होता था. परिवारवालों ने बताया कि विकास पहले भी आत्महत्या करने की धमकी दे चुका था. घटना के समय उसकी पत्नी घर पर नहीं थी. चैती छठ के मौके पर वह अपने मायके गई हुई थी. दोनों खेमनीचक में किराए के मकान में रहते थे. पत्नी के घर से जाने के बाद विकास अकेला था, इसी दौरान उसने यह कदम उठा लिया. पुलिस जांच में जुटी, खुदकुशी का मामला मान रही घटना की सूचना मिलते ही अगमकुआं थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए नालंदा मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल (एनएमसीएच) भेज दिया गया. थाना प्रभारी ने बताया कि यह आत्महत्या का मामला लग रहा है. परिजनों के बयान दर्ज किए गए हैं और मामले की छानबीन जारी है. पुलिस यह भी जांच कर रही है कि कहीं युवक किसी अन्य मानसिक तनाव या आर्थिक परेशानी से तो नहीं गुजर रहा था. ऑनलाइन गेमिंग बना चिंता का विषय इस घटना ने एक बार फिर ऑनलाइन गेमिंग की बढ़ती लत और इसके दुष्प्रभावों को उजागर कर दिया है. इससे पहले भी कई मामलों में गेमिंग के कारण तनाव और आत्महत्या जैसी घटनाएं सामने आई हैं. Also Read: बिहार के इन शिक्षकों के ट्रांसफर और पोस्टिंग पर लगेगी रोक, शिक्षा विभाग का नया फरमान जारी The post PUBG की लत ने छीन ली जिंदगी, पत्नी के रोकने पर युवक ने उठाया खौफनाक कदम appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

Patna Airport: बिहार के लोगों को नहीं भा रहा छोटे विमानों सफर, एक साल में बंद हुई तीन एटीआर की सेवा

Patna Airport: पटना. केंद्र प्रशासन एक ओर बिहार के 10 से अधिक शहरों में छोटे विमानों से सेवा शुरू करने के लिए एयरपोर्ट तैयार कर रही है, दूसरी ओर बिहार के लोगों को छोटे विमानों की सेवा पसंद नहीं आ रही है. विमानन कंपनियों को दरभंगा एयरपोर्ट और पटना एयरपोर्ट से छोटे विमानों के लिए पर्याप्त संख्या में यात्री नहीं मिल रहे हैं. पटना एयरपोर्ट से छोटे विमानों की आवाजाही धीरे-धीरे बंद होती जा रही है. पटना-अयोध्या, पटना- देवघर के बाद अब कोलकाता- पटना-कोलकाता मार्ग पर 72 सीटों वाले एटीआर को बंद कर दिया गया है. एक अप्रैल से प्रभावी नई समय सारणी में सुबह में कोलकाता से पटना के लिए उड़ान भरनेवाले विमान को शामिल तो किया गया है, लेकिन विमान में बुकिंग का विकल्प नहीं है. अयोध्या, देवघर समेत एटीआर की कई सेवा हुए बंद लगातार घाटे की वजह से छोटे विमानों की आवाजाही को लेकर विमानन कंपनियों में विशेष दिलचस्पी नहीं है. दरभंगा से कोलकाता के लिए महज एक एटीआर विमान सेवा में है, जबकि पटना एयरपोर्ट पर तो दो दिनों से कोलकाता-पटना मार्ग पर एटीआर विमान ने उड़ान नहीं भरा है. शेड्यूल में शामिल होने के बावजूद बुकिंग का विकल्प नहीं होने से यह स्पष्ट हो गया है कि निकट भविष्य में इस मार्ग पर एटीआर की आवाजाही नहीं होगी. विमानन कंपनियों का कहना है कि छोटे मार्गों पर पर्याप्त संख्या में यात्री नहीं मिल रहे हैं. बुकिंग में कमी से एटीआर से ईंधन का खर्च भी नहीं निकाल पा रही हैं. पटना एयरपोर्ट से पिछले एक साल के भीतर तीन एटीआर को बंद कर दिया गया है. कमोबेस यही स्थिति पटना-देवघर मार्ग पर देखी गई. पिछले कई हफ्तों से बुकिंग में आ रही गिरावट की वजह से पटना-देवघर फ्लाइट भी बंद कर दी गई. समय को लेकर भी लोगों में उदासीनता छोटे विमान अमूमन छोटे रूट पर ही चलते हैं. ऐसे में उनका वंदे हिंदुस्तान एक्सप्रेस से कड़ा मुकाबला है. पटना-लखनऊ, पटना-कोलकाता और पटना-रांची वंदे हिंदुस्तान के परिचालन के बाद से इन शहरों के लिए उड़ान भरनेवाले विमान में यात्रियों का टोटा रहने लगा है. विमान यात्रा में अधिक पैसे चुकाने के बावजूद एयरपोर्ट पर ही यात्रियों का तीन से चार घंटे का समय खप जा रहा था. ऐसे में यात्रियों ने वंदे एक्सप्रेस से सफर को बेहतर विकल्प के रूप में अपनाया. यही कारण है कि पटना-अयोध्या मार्ग पर विमान में लगातार घटती बुकिंग के बाद स्पाइस जेट ने इस मार्ग पर एक मात्र उपलब्ध एटीआर को बंद कर दिया. एटीआर की खासियत एटीआर 72 एक ट्विन-इंजन टर्बोप्रॉप शॉर्ट-हॉल क्षेत्रीय एयरलाइनर है, जिसे विमान निर्माता एटीआर (फ्रेंच: एवियन्स डी ट्रांसपोर्ट रीजनल या इटैलियन: एरेई दा ट्रैस्पोर्टो रीजनल) ने फ्रांस और इटली में विकसित और निर्माण किया है. यह फ्रांसीसी एयरोस्पेस कंपनी एरोस्पेशियल (अब एयरबस का हिस्सा) और इतालवी विमानन समूह एरीटालिया (अब लियोनार्डो एसपीए) का संयुक्त उद्यम है. इसके नाम में 72 संख्या विमान की 72 यात्रियों की सामान्य मानक बैठने की क्षमता से ली गई है. एटीआर 72 का उपयोग कॉर्पोरेट परिवहन, कार्गो विमान और समुद्री गश्ती विमान के रूप में भी किया गया है. छोटे रनवे पर इस विमान की लैंडिंग की सहजता की वजह से इस विमान की लोकप्रियता बढ़ी है. Also Read: अगले तीन माह में नक्सलमुक्त होगा बिहार, पुलिस मुख्यालय ने तैयार किया एक्शन प्लान The post Patna Airport: बिहार के लोगों को नहीं भा रहा छोटे विमानों सफर, एक साल में बंद हुई तीन एटीआर की सेवा appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

भारत-चीन संबंध के 75 साल

India-China relations : हिंदुस्तान और चीन के बीच सांस्कृतिक संबंध तो हजारों वर्षों का है, पर हाल ही में दोनों देशों के कूटनीतिक रिश्तों के 75 वर्ष पूरे हुए, जो इनके रिश्तों के महत्व को बताता है. वर्ष 1950 में जवाहरलाल नेहरू और माओ त्से तुंग ने राजनयिक संबंधों की औपचारिक शुरुआत की थी, पर 1962 के युद्ध से दोनों देशों के रिश्ते लंबे समय तक ठंडे रहे. राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष पूरे होने पर चीनी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने अपने हिंदुस्तानीय समकक्षों को बधाई संदेश भेजे और मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जतायी. चीन की ओर से इस गर्मजोशी का कारण ट्रंप के तेवर को माना जा रहा है, पर बीते महीने अमेरिकी एआइ रिसर्चर लेक्स फ्रिडमैन के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने चीन के प्रति जो सकारात्मक टिप्पणी की थी, उसकी तारीफ ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने भी की थी. इस अवसर पर चीन के दूतावास में आयोजित कार्यक्रम में विदेश सचिव विक्रम मिस्री मुख्य अतिथि थे, जिन्होंने बोधिधर्म, कुमारजीव, जुआनजांग और रवींद्रनाथ टैगोर के योगदान को याद किया. इससे पहले तक चीनी दूतावास के कार्यक्रमों में कनिष्ठ अधिकारियों को भेजा जाता था, पर विगत अक्तूबर में मोदी और जिनपिंग रूस के कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान संबंधों की नयी शुरुआत के लिए सामने आये थे, तभी से रिश्ते सुधरे हैं. उसी महीने सैनिकों के वास्तविक नियंत्रण रेखा से पीछे हटने पर सहमति बनी, तो पिछले पांच महीनों में विदेश मंत्रियों की दो बैठकें हुईं. विगत नवंबर में दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक हुई, तो इस वर्ष जनवरी में बीजिंग में विदेश सचिवों की बैठक हुई. नतीजतन कैलाश-मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने समेत कई फैसले लिये गये. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बेहतर संबंधों के लिए तीन सबक गिनाते हुए कहा कि दोनों सभ्यताओं ने अनूठे तरीके से मानव इतिहास को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है, जो समकालीन संबंधों के लिए एक सबक है. पिछले कुछ वर्षों में दोनों देश एक कठिन दौर से गुजरे हैं, पर हमारे नेताओं के मार्गदर्शन से दोनों ने सीमा क्षेत्र के कई मुद्दों को सुलझा लिया है. दूसरा सबक है कि सीमा क्षेत्रों में शांति और धीरज जरूरी है. तीसरा सबक है कि हमारे संबंधों के पुनर्निर्माण का टिकाऊ आधार आपसी सम्मान, आपसी संवेदनशीलता और आपसी हित का त्रिस्तरीय सूत्र है. उम्मीद करनी चाहिए कि संबंधों की यह ऊष्मा आगे भी बनी रहेगी. The post हिंदुस्तान-चीन संबंध के 75 साल appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

Gopal Mandal: स्कूल की बाउंड्री तोड़े जाने पर आग-बबूला हुए विधायक गोपाल मंडल, DM को दी चुनौती!

Gopal Mandal: भागलपुर के गोपालपुर विधायक गोपाल मंडल हमेशा चर्चा में रहते हैं. अब जिले के ममलखा स्थित उच्च विद्यालय के मैदान की बाउंड्री तोड़े जाने पर जदयू विधायक गोपाल मंडल भड़क गए. दरअसल, यहां पहले से स्पोर्ट्स का मैदान है, लेकिन डीएम के आदेश पर यहां मवेशियों के अस्पताल का निर्माण कार्य चल रहा है. अब गुस्साए विधायक ने काम रूकवा दिया है. विधायक ने कहा, “जो भी गड़बड़ी हो रही है वो सांसद अजय मंडल और कहलगांव विधायक पवन यादव के कहने पर हो रही है. आज के समय में अफसर तानाशाह हो गए हैं. उनपर नकेस कसना बहुत जरूरी है. मैं, 5 साल के लिए आया हूं, लेकिन अफसर 60 साल के लिए आते हैं. उन्हें संयम से जनता के लिए काम करना चाहिए.” मवेशी अस्पताल का होना है विस्तारीकरण ममलखा उच्च विद्यालय के ग्राउंड को लेकर डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने आदेश जारी करते हुए कहा कि इस मैदान में बड़ा मवेशी अस्पताल बनेगा. इसको लेकर उन्हें 5 एकड़ जमीन की जरूरत है. हालांकि, पहले से ही वहां एक मवेशी अस्पताल संचालित हो रहा था, अब उसका विस्तार करना है. जिसके लिए तीन एकड़ जमीन की और जरूरत पड़ रही थी. इसे लेकर आदेश जारी किया गया और स्कूल की बाउंड्री वॉल को तोड़ दिया गया. इसी पर गोपालपुर विधायक आग बबूला हो गए. घटनास्थल पर पहुंचकर हंगामा करने लगे. विधायक ने कहा कि मैं अफसर की तानाशाही नहीं सहने वाला हूं, यहां पर स्पोर्ट्स का मैदान बनेगा. कोई मवेशी अस्पताल नहीं बनने दूंगा. समाचार अपडेट की जा रही है… The post Gopal Mandal: स्कूल की बाउंड्री तोड़े जाने पर आग-बबूला हुए विधायक गोपाल मंडल, DM को दी चुनौती! appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

Driving License: बिहार में ऑनलाइन चालान नहीं चुकाया तो लाइसेंस होगी रद्द, जेल जाने का भी बढ़ा खतरा

Driving License : पटना. ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करना अब बिहार में भारी पड़ सकता है. लंबे समय से अपने ऑनलाइन चालान का भुगतान नहीं करनेवाले चालकों पर प्रशासन अब कठोर कार्रवाई करने जा रही है. नियमों का उल्लंघन करने के बाद चालान का भुगतान न करने वाले व्यक्तियों के ड्राइविंग लाइसेंस को अब जब्त किया जायेगा. ऑनलाइन चालान की वसूली दर काफी कम है, जिसे सुधारने के लिए प्रशासन ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. 60 दिनों के भीतर करना होगा भुगतान एक अप्रैल 2023 से मोटर वाहन अधिनियम के तहत एक नया नियम लागू किया गया है. इस नियम के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति समय पर अपने ट्रैफिक चालान का भुगतान नहीं करता है, तो उसका ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड किया जा सकता है. जब भी कोई व्यक्ति ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ चालान जारी किया जाता है. यह चालान इलेक्ट्रॉनिक माध्यम या मैनुअल तरीके से हो सकता है।चालान प्राप्त करने के बाद व्यक्ति को एक निश्चित समय सीमा आमतौर पर 60 दिनों के भीतर इसका भुगतान करना होता है. यदि निर्धारित समय सीमा में चालान का भुगतान नहीं किया जाता, तो संबंधित परिवहन विभाग उस व्यक्ति के ड्राइविंग लाइसेंस को सस्पेंड कर सकता है. लंबित चालान का तुरंत करें भुगतान विभागीय अधिकारियों का कहना है कि लाइसेंस सस्पेंशन की सूचना संबंधित व्यक्ति को दी जाएगी और उसे परिवहन विभाग की वेबसाइट या अन्य माध्यमों से इसकी जानकारी प्राप्त होगी. जब तक बकाया चालान का भुगतान नहीं किया जाएगा, तब तक ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित रहेगा. यदि कोई व्यक्ति निलंबित लाइसेंस के साथ गाड़ी चलाते हुए पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. वाहन चालक को जेल भी हो सकता है. उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति का ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड हो जाता है, तो उसे तुरंत अपने सभी लंबित चालानों का भुगतान करना होगा. इसके बाद ही उसका लाइसेंस फिर से सक्रिय किया जाएगा. नए नियमों के अनुसार ट्रैफिक नियमों का पालन करना और समय पर चालान भरना अनिवार्य हो गया है. Also Read: बिहार की 4 नदियों पर बनेंगे 12 नए पुल, इन शहरों से लोग अब तीन घंटे में पहुंचेंगे पटना The post Driving License: बिहार में ऑनलाइन चालान नहीं चुकाया तो लाइसेंस होगी रद्द, जेल जाने का भी बढ़ा खतरा appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

Jaat Opening Day Collection: ओपनिंग डे पर सनी देओल की फिल्म पर रेड मारेंगे अजय देवगन! रिलीज से पहले सामने आए कलेक्शन

Jaat Opening Day Collection: सनी देओल की एक्शन-ड्रामा मूवी ‘जाट’ 10 अप्रैल को सिनेमाघरों में दस्तक देगी. हाल ही में इस फिल्म का ट्रेलर रिलीज हुआ, जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया है. फिल्म के निर्देशन की कमान गोपीचंद मालिनेनी ने संभाली है, जिसमें खूंखार अवतार में रणदीप हुड्डा खलनायक की भूमिका में हैं. जिस तरह फिल्म का हाइप दर्शकों में बना हुआ है, उसे देखकर मालूम पड़ता है कि फिल्म ने पहले दिन इस साल की रिलीज हुई बड़ी फिल्में छावा, सिकंदर, एल 2: एम्पुरान के रिकॉर्ड तोड़ देगी, लेकिन अब सामने आई पिंकविला की रिपोर्ट के अनुसार सनी पाजी की फिल्म पर रेड पढ़ने वाली है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि अजय देवगन की अपकमिंग फिल्म ‘रेड 2’ और ‘जाट’ के ओपनिंग डे कलेक्शन सामने आ गए हैं. आइए बताते इसके बारे में सबकुछ. जाट ओपनिंग डे बॉक्स ऑफिस कलेक्शन अजय देवगन की आगामी फिल्म ‘रेड 2’ वैसे तो 1 मई को रिलीज होगी, लेकिन यह इससे पहले ही सनी देओल की ‘जाट’ के लिए खतरा बन गई है. हालांकि, भले दोनों की रिलीज के बीच बड़ा गैप है, लेकिन सामने आये पिंकविला की रिपोर्ट में दोनों फिल्मों के ओपनिंग डे आंकड़े बताए गए हैं. इसके मुताबिक, जाट पहले दिन 10 करोड़ तक की कमाई करने वाली ही. तो वहीं, अजय देवगन की ‘रेड 2’ का ओपनिंग डे कलेक्शन 13 करोड़ रुपए है. अगर यह आंकड़े सही निकलते हैं तो सनी देओल को और जोरों से फिल्म का प्रमोशन करना होगा. साथ ही नई स्ट्रेटेजी भी लगानी पड़ सकती है. सनी देओल ने जाट की कमाई पर क्या कहा? सनी देओल से जब हालिया इंटरव्यू में पूछा गया कि उन्हें फिल्म के बॉक्स ऑफिस कमाई पर क्या लगता है कि मूवी किस ब्रैकेट में कारोबार करेगी. क्या यह 200 करोड़ होगा, या 400 या 500 करोड़? इसपर एक्टर ने अपने जवाब में कहा, “अगर सच कहूं तो मुझे ब्रैकेट कभी समझ में आया ही नहीं. मेरी फिल्म गदर जब रिलीज होने वाली थी, तब नहीं पता था कि यह कितना कमाएगी. बस भरोसा था कि जो गदर के लवर्स हैं, वह मूवी देखने जरूर आएंगे. नंबर का रियल में मुझे कोई अंदाजा नहीं था. मैं आंकड़े देख रहा था, जो हर दिन बदल रहे थे. एक एजेंसी है, जो नंबर्स बताती है. वह मेरी फिल्म के बारे में कभी नहीं कुछ कहती.” रेड 2 के बारे में… अजय देवगन की ‘रेड 2’ का निर्देशन राज कुमार गुप्ता कर रहे हैं. यह एक क्राइम-थ्रिलर फिल्म है, जिसमें अजय देवगन के साथ वाणी कपूर लीड रोल मेहैं. वहीं, फिल्म में इस बार खलनायक की भूमिका रितेश देशमुख निभा रहे हैं. यह भी पढ़े: Sunny Deol ने जाट की रिलीज से पहले बॉलीवुड पर साधा निशाना, कहा- साउथ वाले हमें देखकर आगे… The post Jaat Opening Day Collection: ओपनिंग डे पर सनी देओल की फिल्म पर रेड मारेंगे अजय देवगन! रिलीज से पहले सामने आए कलेक्शन appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

हनुमान जयंती 2025 कब और क्यों साल में दो बार मनाई जाती है? पढ़ें पौराणिक कथा

Hanuman Jayanti 2025: हनुमान जयंती का पर्व प्रतिवर्ष बड़े उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है. वर्ष 2025 में यह उत्सव 12 अप्रैल को आयोजित होगा. सामान्यतः यह पर्व चैत्र मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हनुमान जयंती साल में दो बार मनाई जाती है? इस अद्वितीय परंपरा के पीछे एक दिलचस्प पौराणिक कथा छिपी हुई है. आइए, इसके रहस्य को समझते हैं. भगवान हनुमान को अमर क्यों माना जाता है? हिंदू धर्म में भगवान हनुमान को एक चिरंजीवी (अमर) देवता के रूप में पूजा जाता है. मान्यता है कि वे आज भी पृथ्वी पर उपस्थित हैं और अपने भक्तों की रक्षा करते हैं. उन्हें राम भक्त, संकटमोचन और बजरंगबली जैसे अनेक नामों से जाना जाता है. हनुमान जी की भक्ति और शक्ति के कारण हिंदू धर्म में उनकी पूजा का विशेष महत्व है. हनुमान जयंती कब मनाई जाती है, और इस वर्ष यह कब है? वाल्मीकि रामायण के अनुसार, हनुमान जी का जन्म कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को हुआ था. इस दिन को हनुमान जन्मोत्सव के रूप में मनाने की परंपरा है. इसके अतिरिक्त, चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि को भी हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है. वर्ष 2025 में, यह पर्व 12 अप्रैल को मनाया जाएगा. हनुमान जयंती दो बार क्यों मनाई जाती है? पहली हनुमान जयंती- इसे हनुमान जी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है, जो कार्तिक मास की कृष्ण चतुर्दशी को आती है. इसे हनुमान जन्मोत्सव कहा जाता है. दूसरी हनुमान जयंती- इसे विजय अभिनंदन महोत्सव के रूप में मनाया जाता है, जो चैत्र पूर्णिमा के दिन होती है. इस दिन भगवान हनुमान को नया जीवन प्राप्त हुआ था. हनुमान जयंती के पीछे की पौराणिक कथा हनुमान जी के जन्मोत्सव को दो बार मनाने की एक दिलचस्प कहानी है. कहा जाता है कि जब हनुमान जी छोटे थे, तब उनकी शक्ति अद्वितीय थी. एक बार उन्हें अत्यधिक भूख लगी और उन्होंने आकाश में चमकते सूर्य को फल समझकर उसे निगलने का प्रयास किया. जैसे ही उन्होंने सूर्य को खाने की कोशिश की, चारों ओर अंधेरा छा गया. यह देखकर इंद्र देव चिंतित हो गए और उन्होंने अपने वज्र से हनुमान जी पर प्रहार किया. इस हमले से हनुमान जी बेहोश होकर पृथ्वी पर गिर पड़े. यह दृश्य देखकर उनके पिता पवन देव (वायु देवता) अत्यंत क्रोधित हो गए और उन्होंने पूरे ब्रह्मांड में वायु का प्रवाह रोक दिया.इससे सम्पूर्ण सृष्टि में संकट उत्पन्न हो गया और चारों ओर हाहाकार मच गया. तब भगवान ब्रह्मा ने हस्तक्षेप किया और पवन देव को शांत किया. उन्होंने हनुमान जी को नया जीवन प्रदान किया. मान्यता है कि यह घटना चैत्र मास की पूर्णिमा को हुई थी, इसलिए इस दिन को हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है. हनुमान जयंती का महत्व इस दिन भगवान हनुमान की पूजा करने से भय, दुख और कष्टों से मुक्ति मिलती है. भक्तजन हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और बजरंग बाण का पाठ करते हैं. मंदिरों में विशेष हवन, भजन-कीर्तन और भंडारे का आयोजन किया जाता है. इस दिन हनुमान जी को सिंदूर और चोला अर्पित करने की परंपरा भी है. जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्राज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ8080426594/9545290847 The post हनुमान जयंती 2025 कब और क्यों साल में दो बार मनाई जाती है? पढ़ें पौराणिक कथा appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

Vande Bharat Train : कश्मीर में किस रूट से दौड़ेगी वंदे भारत एक्सप्रेस, कितना होगा किराया

Vande Bharat Train : जम्मू-कश्मीर में वंदे हिंदुस्तान एक्सप्रेस पटरी पर दौड़ने के लिए तैयार है. इससे क्षेत्र की कनेक्टिविटी में महत्वपूर्ण सुधार आएगा. यह ट्रेन कटरा से श्रीनगर के बीच चलेगी, जिससे स्थानीय निवासियों और पर्यटकों को यात्रा में सुविधा होगी. इसके चलने के बाद जल्या संख्या में लोग कश्मीर की वादियों की सैर में आने लगेंगे. आइए जानते हैं इस वंदे हिंदुस्तान एक्सप्रेस से जुड़ी खास बातें… वंदे हिंदुस्तान एक्सप्रेस का रूट और स्टॉपेज क्या होगा वंदे हिंदुस्तान एक्सप्रेस कटरा से चलकर उधमपुर, रामबन, बनिहाल, अनंतनाग होते हुए श्रीनगर पर ठहरेगी. इन प्रमुख स्टेशनों पर रुकने से यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में आसानी हो जाएगी. वंदे हिंदुस्तान एक्सप्रेस की समय सारणी वंदे हिंदुस्तान एक्सप्रेस ट्रेन सुबह कटरा से प्रस्थान करेगी और दोपहर तक श्रीनगर पहुंचेगी. वापसी में, यह शाम को श्रीनगर से चलकर रात तक कटरा वापस आएगी. सटीक समय सारणी की घोषणा रेलवे के द्वारा कुछ दिनों में कर दी जाएगी. वंदे हिंदुस्तान एक्सप्रेस का किराया कितना होगा? वंदे हिंदुस्तान एक्सप्रेस में यात्रा करने का किराया दूरी और कोच के प्रकार के आधार पर निर्धारित होगा. मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि कटरा से श्रीनगर तक चेयर कार का किराया लगभग 800 रुपये से 1,000 रुपये के बीच हो सकता है, जबकि एग्जीक्यूटिव क्लास का किराया 1,600 रुपये से 2,000 रुपये के बीच होने की संभावना है. हालांकि, रेलवे की ओर से आधिकारिक किराया सूची जारी नहीं किया गया है. वंदे हिंदुस्तान एक्सप्रेस का यात्रा समय कितना? वंदे हिंदुस्तान एक्सप्रेस अपनी हाई स्पीड और कम स्टॉपेज के कारण यात्रा समय में कमी लाएगी. कटरा से श्रीनगर की दूरी को यह ट्रेन लगभग 5 से 6 घंटे में तय करेगी, जो वर्तमान में चलने वाली ट्रेनों की तुलना में बहुत ही कम है. यह भी पढ़ें : लाल गाड़ी पकड़ेगी बिना टिकट वाले यात्रियों को, जुर्माना नहीं देने पर होगी ये कार्रवाई वंदे हिंदुस्तान एक्सप्रेस में मौजूद सुविधाएं वंदे हिंदुस्तान एक्सप्रेस आधुनिक सुविधाओं से लैस है. इसमें आरामदायक सीटें, वाई-फाई कनेक्टिविटी, इंफोटेनमेंट सिस्टम, जैव-शौचालय, और ऑटोमैटिक गेट हैं. The post Vande Bharat Train : कश्मीर में किस रूट से दौड़ेगी वंदे हिंदुस्तान एक्सप्रेस, कितना होगा किराया appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

Anupama: ना राही ना अनुपमा, प्रेम के जेल से छूटने पर ये शख्स है बहुत खुश, ख्याति के इस बात से मोहित को खौलेगा खून

Anupama: सीरियल अनुपमा के लेटेस्ट एपिसोड में दिखाया जाएगा कि राही को अनु खाना खिलाने के लिए आती है, लेकिन वह नहीं खाती. अनु के बार-बार समझाने पर राही अपनी मां पर चिल्ला देती है. बाद में राही को अहसास होता है कि उसने अनु के साथ खराब बर्ताव किया और उससे माफी मांगने का सोचती है. दूसरी तरफ मोहित हॉस्पिटल में कॉल कर पूछता है और राही को समझाता है कि मिसिंग लोगों के केस में हॉस्पिटल में चेक कर पूछना जरूरी होता है. अनु, मोहित से कहती है कि वह प्रेम को अकेला छोड़ कर कैसे आ गया. मोहित, राही को अपनी बातों में फंसा लेता है. हालांकि अनु को उसकी बातों पर यकीन नहीं होता. प्रेम को गिरफ्तार करके ले जाएगी पुलिस अनुपमा में दिखाया जाएगा कि ख्याति, मोहित को फ्रॉड कहती है और उसे चेतावनी देती है कि अगर प्रेम को कुछ हुआ तो वह उसे नहीं छोड़ेगी. ये सुनकर मोहित काफी गुस्सा हो जाता है. दूसरी तरफ प्रेम के बारे में राघव को बाबूजी से पता चलता है. बाबूजी को राघव बताता है कि जिन लड़कों से प्रेम ने लड़ाई की, वह अपराधी है. काफी इंतजार के बाद प्रेम वापस घर आता है और सब उसे सुरक्षित देखकर खुश हो जाते हैं. प्रेम उन्हें बताता है कि उसे पिछली रात के बारे में कुछ याद नहीं. थोड़ी देर बाद पुलिस कोठारी हाउस आती है और प्रेम को आशीष नाम के लड़के की हत्या के आरोप में गिरफ्तार करके ले जाती है. प्रेम की रिहाई से माही है बहुत खुश सीरियल में दिखाया जाएगा कि राघव, अनु की मदद करेगा प्रेम को निर्दोष साबित करने में. वह मोहित को त्रिपाठी के साथ देखता है. मोहित पुलिस वालों के साथ काफी असहज होता दिखता है. अनुपमा के अपकमिंग एपिसोड में दिखाया जाएगा कि प्रेम जेल से रिहा होकर घर लौट आता है. माही ये जानकर शाह हाउस में सबको मिठाई खिलाती है. उसकी रिहाई की समाचार सुनकर माही बा को गले लगा लेती है. प्रेम की रिहाई के बारे में सुनकर सारे लोग काफी खुश हो जाते हैं. यह भी पढ़ें-  Raid 2 Update: स्त्री 2′ की इस एक्ट्रेस की हुई अजय देवगन की ‘रेड 2’में एंट्री, यो यो हनी सिंह लगाएंगे जबरदस्त तड़का, डिटेल्स The post Anupama: ना राही ना अनुपमा, प्रेम के जेल से छूटने पर ये शख्स है बहुत खुश, ख्याति के इस बात से मोहित को खौलेगा खून appeared first on Naya Vichar.

You have been successfully Subscribed! Ops! Something went wrong, please try again.

About Us

नयाविचार एक आधुनिक न्यूज़ पोर्टल है, जो निष्पक्ष, सटीक और प्रासंगिक समाचारों को प्रस्तुत करने के लिए समर्पित है। यहां राजनीति, अर्थव्यवस्था, समाज, तकनीक, शिक्षा और मनोरंजन से जुड़ी हर महत्वपूर्ण खबर को विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत किया जाता है। नयाविचार का उद्देश्य पाठकों को विश्वसनीय और गहन जानकारी प्रदान करना है, जिससे वे सही निर्णय ले सकें और समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकें।

Quick Links

Who Are We

Our Mission

Awards

Experience

Success Story

© 2025 Developed By Socify

Scroll to Top