Hot News

April 3, 2025

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

क्या है रेसिप्रोकल टैरिफ जिसके बढ़ने से अमेरिका फर्स्ट की नीति हुई मजबूत, भारत को होगा नुकसान?

Table of Contents क्या रेसिप्रोकल टैरिफ (Reciprocal Tariffs)  रेसिप्रोकल टैरिफ का क्या होगा हिंदुस्तान पर प्रभाव अमेरिका ने रेसिप्रोकल टैरिफ क्यों बढ़ाया अमेरिकी नीति का हिंदुस्तान कैसे कर सकता है मुकाबला रेसिप्रोकल टैरिफ का इतिहास Reciprocal Tariffs Meaning : रेसिप्रोकल टैरिफ यह शब्द आज सुबह से ही चर्चा में है. वजह यह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हिंदुस्तान सहित विश्व के 60 देशों पर यह टैरिफ  लगाने की घोषणा की है. अमेरिका ने हिंदुस्तान पर 27 % रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की घोषणा की है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दावा है कि उनकी प्रशासन ने हिंदुस्तान, चीन सहित 60 अन्य देशों पर जो रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया है उसका लक्ष्य अमेरिका फर्स्ट की नीति है, जिसके तहत अमेरिकी लोगों का हित साधना है. अमेरिका का कहना है कि उन्होंने जिन देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया है, उनसे अमेरिका अबतक बहुत ही कम टैरिफ वसूलता था, जबकि ये देश अमेरिका से अधिक टैरिफ वसूलते हैं. क्या रेसिप्रोकल टैरिफ (Reciprocal Tariffs)  रेसिप्रोकल टैरिफ को इस तरह से समझा जा सकता है कि जब कोई देश अपने किसी सामान को दूसरे देश में निर्यात करता है, यानी बेचता है, तो उसे वह सामान उस देश में बेचने के लिए उस देश की प्रशासन को कुछ टैक्स देना पड़ता है, जिसे रेसिप्रोकल टैरिफ कहा जाता है. यह टैरिफ आपस में व्यापार करने वाले दोनों ही देश एक दूसरे पर लगाते हैं. यह टैक्स आयात और निर्यात दोनों पर लगाया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य व्यापारिक संतुलन को बनाए रखना होता है, साथ ही अपने देश के प्रोडक्ट को बचाना भी होता है. जैसे कि अमेरिका अभी यह कह रहा है कि अन्य देश जिसमें हिंदुस्तान भी शामिल है, उसपर ज्यादा टैरिफ लगाता है, जबकि अबतक काफी कम टैरिफ पर व्यापार करता रहा था, लेकिन अब ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ बढ़ा दिया है.  रेसिप्रोकल टैरिफ का क्या होगा हिंदुस्तान पर प्रभाव अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाए जाने से हिंदुस्तान के निर्यात पर असर होगा, इससे कतई इनकार नहीं किया जा सकता है, क्योंकि अब अमेरिका में सामान बेचना महंगा हो जाएगा. हिंदुस्तान अमेरिका को कई चीजें निर्यात करता है जिसमें दवाइयां, कपड़े, स्टील, अल्युनमीनियम सहित कई अन्य चीजें शामिल हैं. अब हाई टैरिफ की वजह से हिंदुस्तान के निर्यात पर असर पड़ेगा क्योंकि हिंदुस्तान को महंगे दर पर निर्यात करना होगा, जिससे अमेरिका बाजार में उसका मुकाबला कड़ा हो जाएगा. इसका परिणाम यह हो सकता है कि हिंदुस्तान के निर्यात में गिरावट आए. साथ ही हिंदुस्तानीय कंपनियों की बिक्री प्रभावित हो सकती है, जिससे कंपनियों पर निगेटिव असर हो सकता है. हिंदुस्तानीय कंपनियों पर पड़ रहे असर को देखते हुए अगर हिंदुस्तान ने जवाबी कार्रवाई की और रेसिप्रोकल टैरिफ और बढ़ाया तो दोनों देशों के बीच व्यापार प्रभावित होगा और हिंदुस्तान पर निगेटिव असर पड़ सकता है. कई सामान जो अमेरिका से आते हैं जैसे आईफोन, लैपटाॅप और कारें महंगी हो सकती हैं. अमेरिका ने रेसिप्रोकल टैरिफ क्यों बढ़ाया अमेरिकी प्रशासन का दावा है कि उन्होंने अपने देश का हित साधने के लिए टैरिफ की दर को बढ़ाया है. उन्होंने कई देशों का उदाहरण दिया है, जिसमें हिंदुस्तान भी शामिल है कि वे अपने यहां आयात पर अमेरिकी वस्तुओं पर अधिक टैरिफ लगाते हैं, इसलिए व्यापार संतुलन बिगड़ा हुआ है, जिसके ठीक करने का प्रयास अमेरिका ने किया है. अमेरिका का कहना है कि वे किसी को भी अपने देश का अनुचित लाभ उठाने नहीं दे सकते हैं. अमेरिका का दावा है कि हिंदुस्तान अमेरिकी वस्तुओं पर 30 से 50% तक टैरिफ लगाता है, जबकि अमेरिका सिर्फ 5 से 10% टैरिफ लगाता है. अमेरिकी नीति का हिंदुस्तान कैसे कर सकता है मुकाबला अमेरिका ने हिंदुस्तान पर जिस तरह टैरिफ लगाया है, उससे निर्यात तो प्रभावित होगा ही, लेकिन इससे निपटने के लिए हिंदुस्तान अमेरिका से बात कर सकता है, ताकि वह टैरिफ को कुछ कम करे. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी की दोस्ती इसमें कारगर साबित हो सकती है. इसके साथ ही हिंदुस्तान को अपना बाजार दूसरे देशों में भी तलाशना चाहिए, क्योंकि हिंदुस्तान को अपने प्रोडक्ट तो बेचने ही हैं. रेसिप्रोकल टैरिफ का इतिहास रेसिप्रोकल टैरिफ के इतिहास को समझने की कोशिश करें तो हम पाएंगे कि यह बहुत कुछ उस तरह का है जिसे प्राचीन इतिहास में सीमा शुल्क कहा जाता था. कौटिल्य के अर्थशास्त्र और मनुस्मृति में भी व्यापार के  लिए वसूले जाने वाले टैक्स का विस्तृत वर्णन है. मौर्य काल में भी समुद्री मार्गों पर कर  लगाने का जिक्र मिलता है, चीनी सम्राटों ने भी सिल्क रूट पर टैक्स  लगाया था. 19 शताब्दी में रेसिप्रोकल टैरिफ की शुरुआत तब हुई जब बढ़ते व्यापार के बीच देशों ने अपने देश के व्यापार को सुरक्षित करने के लिए यह कदम उठाया. Also Read : हिंदू और मुसलमान के बीच हिंदुस्तान में नफरत की मूल वजह क्या है? आजाद हिंदुस्तान में मुगलों ने मांगी भीख, अंग्रेजों ने 29 बेटों और पोतों का किया था कत्ल Magadha Empire : अजातशत्रु के बेटे उदयिन ने की थी पटालिपुत्र की स्थापना, लेकिन अन्य शासक निकले नाकाबिल विभिन्न विषयों पर एक्सप्लेनर पढ़ने के लिए क्लिक करें The post क्या है रेसिप्रोकल टैरिफ जिसके बढ़ने से अमेरिका फर्स्ट की नीति हुई मजबूत, हिंदुस्तान को होगा नुकसान? appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

Pudina ki chutney: समोसा हो या पकौड़ी, पुदीना की चटनी से बढ़ाएं हर खाने का स्वाद

Pudina ki chutney: गर्मी का मौसम आते ही चटनियों की डिमांड बढ़ जाती है. आज हम आपकाे पुदीना की चटनी के बारे में बताने जा रहे हैं.जिसका स्वाद इतना चटपटा होता है कि अब एक बार खाने के बाद इसे बार-बार खायेंगे. पुदीना की चटनी समोसा, पकौड़ी, चाट या किसी भी स्नैक के साथ खा सकते हैं. तो आइए जानते हैं पुदीना की चटनी बनाने की आसान रेसिपी. पुदीना की चटनी बनाने की सामग्री 1 कप ताजे पुदीने के पत्ते 1/2 कप हरा धनिया 1 छोटी हरी मिर्च (स्वाद अनुसार) 1 छोटा टुकड़ा अदरक 1 चम्मच नींबू का रस 1/2 चम्मच चीनी 1/2 चम्मच भुना जीरा पाउडर नमक स्वाद अनुसार 1/4 कप पानी (जरूरत अनुसार) पुदीना की चटनी बनाने की विधी पुदीने को धोकर साफ करें: सबसे पहले पुदीने के पत्तों को अच्छे से धोकर साफ कर लें. सभी सामग्री डालें: अब पुदीना, हरा धनिया, हरी मिर्च, अदरक, नींबू का रस, चीनी और भुना जीरा पाउडर एक मिक्सी जार में डालें. पानी डालें: थोड़ा पानी डालकर इन सभी सामग्री को अच्छे से पीस लें ताकि चटनी एकदम स्मूद हो जाए. आप स्वाद अनुसार पानी की मात्रा कम या ज्यादा कर सकते हैं. स्वाद जांचें: चटनी को चखें और अगर नमक या चीनी की जरूरत हो तो उसे मिला लें. चटनी तैयार: अब आपकी ताजगी से भरी पुदीना चटनी तैयार है. इसे तुरंत परोसें या एयरटाइट कंटेनर में स्टोर करें. Also Read : Aam ki Khatti Chutney: घर में ऐसे बनाएं आम की खट्टी चटनी, हर कोई चाटता रह जाएगा उंगलिया Also Read : Pav Bhaji Recipe: घर पर बनाएं पाव भाजी और महसूस करें मुंबई के स्ट्रीट फूड का मजा Also Read :Jaggery Tamarind Chutney Recipes: बिना खजूर के ऐसे बनायें गुड़-इमली की खट्टी-मीठी चटनी,जानें बनाने की सरल रेस्पी Disclaimer: हमारी समाचारें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें. The post Pudina ki chutney: समोसा हो या पकौड़ी, पुदीना की चटनी से बढ़ाएं हर खाने का स्वाद appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

Dual Citizenship: क्या एक साथ ले सकते हैं दो देशों की नागरिकता? जानें कानून

Dual Citizenship: हर साल लाखों हिंदुस्तानीय विदेश जाते हैं, कुछ पढ़ाई के लिए तो कुछ नौकरी और व्यापार के लिए. हिंदुस्तानीय प्रवासी खासतौर पर अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और मिडिल ईस्ट जैसे देशों में बसते हैं. आमतौर पर विकसित देशों में बसने वाले हिंदुस्तानीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए वहां की नागरिकता ले लेते हैं, जिससे उन्हें हिंदुस्तानीय नागरिकता छोड़नी पड़ती है. इसके बाद जब भी उन्हें हिंदुस्तान आना होता है, तो वीजा लेना जरूरी हो जाता है. इस समस्या को हल करने के लिए हिंदुस्तान प्रशासन ओसीआई (ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया) कार्ड जारी करती है. हालांकि, इसे दोहरी नागरिकता नहीं माना जाता. आइए जानते हैं कि हिंदुस्तान में दोहरी नागरिकता का क्या नियम है और ओसीआई कार्ड कैसे काम करता है. हिंदुस्तान में दोहरी नागरिकता की स्थिति दुनिया के कई देशों जैसे अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, स्वीडन, नॉर्वे, ब्रिटेन, आयरलैंड, फिनलैंड और न्यूजीलैंड में दोहरी नागरिकता की अनुमति है. लेकिन हिंदुस्तान में ऐसा नहीं है. हिंदुस्तानीय संविधान दोहरी नागरिकता को मान्यता नहीं देता. नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 7ए के अनुसार, हिंदुस्तान प्रशासन केवल हिंदुस्तानीय मूल के कुछ लोगों को ओसीआई कार्ड जारी करती है, जिससे वे हिंदुस्तान से जुड़े रह सकें. ओसीआई कार्ड क्या है? ओसीआई कार्ड एक ऐसी विशेष सुविधा है, जो उन लोगों के लिए बनाई गई है, जिन्होंने किसी अन्य देश की नागरिकता ले ली है लेकिन हिंदुस्तान से उनका भावनात्मक और पारिवारिक संबंध बना हुआ है. पहले, 2003 में हिंदुस्तान प्रशासन ने पीआईओ (पर्सन ऑफ इंडियन ओरिजिन) कार्ड जारी किया था, जो 10 साल तक मान्य होता था. लेकिन 2006 में ओसीआई कार्ड योजना शुरू की गई और 2015 में पीआईओ कार्ड को समाप्त कर दिया गया. क्या ओसीआई कार्ड दोहरी नागरिकता है? कई लोग यह मान लेते हैं कि ओसीआई कार्ड प्राप्त करना दोहरी नागरिकता लेने के बराबर है, लेकिन ऐसा नहीं है. ओसीआई कार्ड केवल हिंदुस्तान में रहने और यात्रा की सुविधाएं देता है, यह हिंदुस्तानीय नागरिकता नहीं देता. ओसीआई कार्ड होल्डर को लाइफटाइम वीजा की सुविधा मिलती है, जिससे वह बिना वीजा के हिंदुस्तान आ सकता है. लेकिन वह हिंदुस्तान का पूर्ण नागरिक नहीं माना जाता और कुछ अधिकारों से वंचित रहता है. इसे भी पढ़ें: पाकिस्तानी लड़कियों को चाहिए हिंदुस्तानी दूल्हा? धर्म बदलने को तैयार ओसीआई कार्ड कौन प्राप्त कर सकता है? हिंदुस्तान प्रशासन ओसीआई कार्ड उन्हीं लोगों को जारी करती है, जिन्होंने 26 जनवरी 1950 के बाद हिंदुस्तानीय नागरिकता रखी हो या जिनके माता-पिता हिंदुस्तानीय नागरिक रहे हों. हालांकि, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल, अफगानिस्तान और ईरान के नागरिकों को यह सुविधा नहीं दी जाती. ओसीआई कार्ड होल्डर्स को हिंदुस्तान में रहने, काम करने और आर्थिक लेन-देन की अनुमति होती है. यह कार्ड जीवनभर मान्य रहता है. ओसीआई कार्ड होल्डर्स के लिए प्रतिबंध ओसीआई कार्ड होल्डर्स को कई अधिकार मिलते हैं, लेकिन कुछ प्रतिबंध भी लगाए गए हैं: वे हिंदुस्तान में चुनाव नहीं लड़ सकते. उन्हें हिंदुस्तान में वोट डालने का अधिकार नहीं होता. वे प्रशासनी नौकरी या संवैधानिक पद पर नियुक्त नहीं हो सकते. वे हिंदुस्तान में खेती की जमीन नहीं खरीद सकते. इसे भी पढ़ें: 5000 मौत, हिंदू इलाका और एक काली रात, जिंजीरा नरसंहार की दर्दनाक कहानी ओसीआई कार्ड होल्डर और एनआरआई में अंतर कई लोग एनआरआई (अनिवासी हिंदुस्तानीय) और ओसीआई कार्ड होल्डर को एक जैसा मान लेते हैं, लेकिन दोनों अलग हैं. एनआरआई वह व्यक्ति होता है, जिसके पास हिंदुस्तानीय पासपोर्ट होता है लेकिन वह विदेश में रहता है. अगर कोई व्यक्ति किसी वित्तीय वर्ष में 183 दिनों से अधिक विदेश में रहता है, तो उसे एनआरआई माना जाता है. एनआरआई को हिंदुस्तान में वोट डालने का अधिकार होता है, जबकि ओसीआई कार्ड होल्डर को नहीं. हिंदुस्तान में दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं है, लेकिन विदेशों में बसे हिंदुस्तानीयों को हिंदुस्तान से जोड़े रखने के लिए ओसीआई कार्ड की सुविधा दी गई है. यह कार्ड उन्हें हिंदुस्तान आने और यहां रहने की विशेष अनुमति देता है. हालांकि, वे हिंदुस्तानीय नागरिकों के समान सभी अधिकारों का उपयोग नहीं कर सकते. ओसीआई कार्ड हिंदुस्तान प्रशासन द्वारा प्रवासी हिंदुस्तानीयों को उनके हिंदुस्तानीय मूल से जोड़ने के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है. इसे भी पढ़ें: 2900 का LPG गैस, 1200 रुपए किलो मांस, टमाटर, प्याज, केला सब महंगा, देखें लिस्ट The post Dual Citizenship: क्या एक साथ ले सकते हैं दो देशों की नागरिकता? जानें कानून appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

Box Office Report: 49वें दिन छावा हिट हुई फ्लॉप, सिकंदर की दहाड़ के आगे ‘एल2: एम्पुरान’ का निकला दम

Box Office Report: बॉक्स ऑफिस पर इस वक्त तीन फिल्में एक दूसरे से आपस में भिड़ रही है. इसमें पहली 14 फरवरी को रिलीज हुई विक्की कौशल की छावा है. दूसरी सलमान खान की ईद रिलीज सिकंदर और तीसरी परस्टार मोहनलाल की एल 2: एम्पुरान का नाम शामिल है. इनके कलेक्शन की बात करें तो ऐतिहासिक ड्रामा 49वें दिन भी अजेय है और लाखों में ही सही, लेकिन कमाई कर रही है. इधर एम्पुरान के कलेक्शन में बड़ी गिरावट देखी गई. आइये जानते हैं दोनों ही फिल्म ने सिकंदर के आगे घुटने टेंके या नहीं. छावा ने 49वें दिन कमाए इतने करोड़ इंडस्ट्री ट्रैकर सैकनिल्क के शुरुआती अनुमानों के अनुसार, छावा ने अपने रिलीज के 49वें दिन 0.18 करोड़ की कमाई की. जिसके बाद इसका टोटल कलेक्शन 595.48 करोड़ हो गया है. मूवी जल्द ही स्त्री 2 के रिकॉर्ड को तोड़ने में कामयाब हो जाएगी. छावा एक ऐतिहासिक ड्रामा है, जो मुगल साम्राज्य के खिलाफ मराठों के साहसी प्रतिरोध को दर्शाता है. यह फिल्म शिवाजी के बेटे संभाजी पर आधारित है, जो अपने पिता की मृत्यु के बाद मराठा साम्राज्य की कमान संभालता है. एल 2: एम्पुरान ने कमाए इतने करोड़ मोहनलाल और पृथ्वीराज सुकुमारन स्टारर एल 2: एम्पुरान की कमाई में भी जबरदस्त गिरावट देखी गई. जहां मलयालम फिल्म रिकॉर्ड तोड़ रही थी. वहीं अब इसकी कमाई सिकंदर से भी कम हो गई. इंडस्ट्री ट्रैकर सैकनिल्क के शुरुआती अनुमानों के अनुसार, एम्पुरान ने 8वें दिन सुबह और दोपहर के शोज को मिलाकर 1.6 करोड़ कमाए. जिसके बाद इसका टोटल कलेक्शन 85.95 करोड़ हो गया. सीक्वल में मोहनलाल स्टीफन नेदुम्पल्ली उर्फ ​​खुरेशी अब्राहम के रूप में वापस आते हैं. जायद (पृथ्वीराज) की मदद से वह विदेश से वापस लौटता है और अपना ध्यान घर की ओर लगाता है, जहां सीएम जथिन रामदास (टोविनो थॉमस) को रोकना होता है. यह भी पढ़ें- Kesari Chapter 2: जालियांवाला बाग की दर्दनाक कहानी दिखाएंगे अक्षय कुमार, ट्रेलर ने मचाया तहलका The post Box Office Report: 49वें दिन छावा हिट हुई फ्लॉप, सिकंदर की दहाड़ के आगे ‘एल2: एम्पुरान’ का निकला दम appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

दिल्ली AIIMS में हुआ लालू यादव का ऑपरेशन, ICU से जनरल वार्ड में हुए शिफ्ट

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की सेहत को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लालू यादव का दिल्ली के अखिल हिंदुस्तानीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में सफल ऑपरेशन हुआ है. बता दें कि राजद प्रमुख पिछले दो दिनों से पीठ में गहरे जख्मों के कारण गंभीर रूप से बीमार थे, जिसके बाद उन्हें बुधवार की शाम पटना से एयर एंबुलेंस के जरिए दिल्ली एम्स लाया गया. जहां उनका इलाज चल रहा है.  AIIMS के सीनियर डॉक्टरों ने किया ऑपरेशन   प्राप्त जानकारी के मुताबिक AIIMS के सीनियर डॉक्टरों ने उनका ऑपरेशन किया, जो सफल रहा है. ऑपरेशन के बाद, उन्हें ICU से सामान्य वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है, जिससे उनकी सेहत में सुधार होने की संभावना जताई जा रही है. लालू यादव के साथ अस्पताल में उनकी पत्नी राबड़ी देवी और परिवार के अन्य सदस्य भी मौजूद हैं. डॉक्टर उन पर लगातार नजर रख रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि लालू यादव की हालत में जल्द ही सुधार होगा.  तेजस्वी यादव ने बताया पिता को क्या हुआ है लालू यादव के दिल्ली पहुंचने से पहले पटना में मीडिया से बात करते हुए उनके बेटे और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि लालू प्रसाद की पीठ और हाथ पर घाव हो गए हैं. इसके बावजूद मेरे पिता ने सामान्य विमान से यात्रा करना चुना. हालांकि, तबीयत ज्यादा खराब होने के बाद लालू यादव को एयर  एंबुलेंस के जरिए दिल्ली ले जाया गया. बता दें कि लालू यादव कई सालों से शुगर से पीड़ित हैं और उनके हार्ट का ऑपरेशन तथा किडनी का प्रत्यारोपण भी हो चुका है. बिहार की ताजा समाचारों के लिए यहां क्लिक करें चारा घोटाला मामले में दोषी हैं लालू यादव बता दें कि लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला मामलों में दोषी ठहराया गया था और स्वास्थ्य कारणों से वह कई वर्षों से जमानत पर बाहर हैं. हाल फिलहाल में लैंड फॉर जॉब्स मामले में ईडी ने लालू परिवार के कई सदस्यों को समन जारी किया था और अलग-अलग समय पर लोगों से पूछताछ भी की थी.  इसे भी पढ़ें : Waqf Bill : वक्फ बिल पास होते ही बागी हुए JDU के विधायक, बोले- कल सब नंगे हो गए इसे भी पढ़ें : बेतिया में समधी ने की समधन की पिटाई, मामला जान चौंक जाएंगे आप The post दिल्ली AIIMS में हुआ लालू यादव का ऑपरेशन, ICU से जनरल वार्ड में हुए शिफ्ट appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

Waqf Amendment Bill: वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को समझें, नये बिल में सरकार ने किए तगड़े बंदोबस्त

Waqf Amendment Bill: वक्फ संशोधन विधेयक 2025 में केंद्र प्रशासन ने स्त्रीओं, विधवाओं और अनाथ के अधिकार का पूरा ख्याल रखा है. विधेयक में प्रावधान किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति अपनी जमीन वक्फ करना चाहता है तो उसमें विधवा या तलाश शुदा स्त्री या यतीम बच्चों के अधिकार वाली संपत्ति को वक्फ नहीं किया जा सकेगा. नाम में किया गया बदलाव: वक्फ संशोशन अधिनियम 2025 जब कानून का रूप ले लेगा, तो उसका नाम होगा ‘उम्मीद’ (UMEED). अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रीजीजू ने बताया, इस विधेयक के पारित होने के बाद लागू होने वाले कानून को नया नाम ‘उम्मीद’ (Unified Waqf Management Empowerment, Efficiency and Development) अधिनियम दिया गया है. 5 साल की शर्त: कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति तभी वक्फ को दान कर सकता है, जब वह कम से कम पांच साल तक इस्लाम का पालन कर रहा हो. इस प्रावधान से ये होगा कि अगर कोई धर्म परिवर्तन करता है, तो वो अपने संपत्ति दान नहीं कर सकता है. वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 का उद्देश्य वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन कर वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और नियंत्रण से जुड़ी समस्याओं का समाधान करना है। आइए, इसके कुछ महत्वपूर्ण प्रावधानों को समझते हैं।#WaqfAmendmentBill2025 pic.twitter.com/8a3IlCBJQQ — सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (@MIB_Hindi) April 2, 2025 स्वामित्व : राष्ट्रीय संपत्ति या हिंदुस्तानीय पुरातत्व सर्वेक्षण के तहत आने वाले स्मारकों या जमीन को वक्फ संपत्ति घोषित नहीं किया जा सकेगा. वक्फ के लिए दान की जाने वाली संपत्ति पर दानकर्ता का स्वामित्व होना अनिवार्य है. बिना रजिस्टर्ड या विवादित संपत्ति वक्फ में नहीं दी जा सकेगी. स्वामित्व विवादों का समाधान करेंगे कलेक्टर: वक्फ संपत्तियों का सर्वेक्षण अब जिला कलेक्टर करेंगे, न कि वक्फ बोर्ड. स्वामित्व विवादों का समाधान कलेक्टर द्वारा किया जाएगा और राज्य प्रशासन को एक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी. न्याय का प्रावधान : यदि व्यक्ति को लगता है कि उसे वक्फ न्यायाधिकरण में न्याय नहीं मिला है तो वह दीवानी अदालतों में अपील कर सकता है. गैर-मुस्लिम सदस्यों की भागीदारी: केंद्रीय वक्फ परिषद में 22 सदस्य होंगे. इसमें चार से अधिक सदस्य गैर मुस्लिम सदस्य नहीं होंगे. इसमें तीन संसद सदस्य (सांसद) होंगे, 10 सदस्य मुस्लिम समुदाय के होंगे, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के दो पूर्व न्यायाधीश, राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त एक अधिवक्ता, विभिन्न क्षेत्रों में ख्याति प्राप्त चार व्यक्ति, हिंदुस्तान प्रशासन के अतिरिक्त सचिव और संयुक्त सचिव होंगे. इनमें मुस्लिम समुदाय के जो 10 सदस्य होंगे उनमें दो स्त्रीएं होना जरूरी है. राज्य वक्फ बोर्ड में 11 सदस्य : राज्य वक्फ बोर्ड में 11 सदस्य होंगे. इनमें तीन से अधिक गैर मुस्लिम सदस्य नहीं होंगे जिनमें से एक पदेन सदस्य होगा. एक अध्यक्ष होगा, एक सांसद, एक विधायक, 4 मुस्लिम समुदाय के सदस्य, पेशेवर अनुभव वाले दो सदस्य, बार काउंसिल का एक सदस्य, राज्य प्रशासन का संयुक्त सचिव शामिल होगा. मुस्लिम समुदाय के चार सदस्यों में से दो स्त्रीएं होंगी. केंद्रीय ऑनलाइन पोर्टल: सभी वक्फ संपत्तियों का विवरण छह महीने के भीतर एक केंद्रीय ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य होगा. प्रशासन का दावा है कि इससे पारदर्शिता आएगी और कुप्रबंधन रुकेगा. वक्फ का क्या है मतलब? वक्फ एक अरबी शब्द है. जिसका अर्थ है रोकना या बांधना. शरीयत के अनुसार वक्फ का मतलब किसी संपत्ति को स्थायी रूप से दान करना है. जिससे उसका उपयोग धार्मिक, सामाजिक या परोपकार के काम में किया जा सके. अबतक जो नियम था उसके अनुसार संपत्ति वक्फ को दान करने के बाद उसे न तो बेची जा सकती है, न ही हस्तांतरित की जा सकती है. The post Waqf Amendment Bill: वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को समझें, नये बिल में प्रशासन ने किए तगड़े बंदोबस्त appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

शेयर बाजार में अभी जारी रहेगी उठा-पटक, लॉन्ग टर्म में आउटलुक पॉजिटिव

Stock Market: हिंदुस्तान पर अमेरिका के जवाबी शुल्क की वजह से वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता बढ़ गई है. इससे निकट भविष्य में शेयर बाजार में गिरावट के साथ उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है. लेकिन, दीर्घकालिक दृष्टिकोण सकारात्मक बना हुआ है. अमेरिका के जवाबी शुल्क से शेयर बाजार पर प्रभाव अमेरिका ने व्यापार घाटा कम करने और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए हिंदुस्तान पर 27% जवाबी शुल्क लगाया है. इससे हिंदुस्तानीय निर्यात प्रभावित हो सकता है. लेकिन, विशेषज्ञों का मानना है कि हिंदुस्तान दूसरे देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में है. एक्सिस सिक्योरिटीज के अनुसार, बाजार की उम्मीद से अधिक शुल्क के कारण नियर टर्म में बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है. यह महंगाई को बढ़ा सकता है और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति को प्रभावित कर सकता है. इससे वैश्विक आर्थिक गतिविधियों में भी सुस्ती आ सकती है. शेयर बाजार में गिरावट के बावजूद लॉन्ग टर्म आउटलुक पॉजिटिव वैश्विक अनिश्चितता के चलते शेयर बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है, लेकिन इसमें निवेश के भी अवसर हैं. मजबूत आय संभावना वाली कंपनियों के शेयर गिरावट के दौरान आकर्षक निवेश विकल्प बन सकते हैं. आनंद राठी समूह के मुख्य अर्थशास्त्री सुजान हाजरा ने कहा कि निकट भविष्य में शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा, लेकिन हिंदुस्तान की आर्थिक स्थिति मजबूत बनी हुई है. विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी और बाजार का समर्थन हाल ही में एफपीआई (Foreign Portfolio Investors) ने हिंदुस्तानीय बाजार में 31,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है. आकर्षक मूल्यांकन, रुपये में मजबूती और वृहद आर्थिक सुधारों के चलते एफपीआई हिंदुस्तानीय बाजार के प्रति सकारात्मक रुख अपना सकते हैं. हाजरा के अनुसार, एफपीआई का निवेश बढ़ने, कंपनियों की आय में सुधार और शेयरों के आकर्षक मूल्यांकन से हिंदुस्तानीय बाजार को समर्थन मिलेगा. हिंदुस्तानीय निर्यात क्षेत्र पर प्रभाव और अवसर इलेक्ट्रॉनिक्स, टेक्सटाइल, ज्वेलरी, ऑटो पार्ट्स और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर पर अमेरिकी शुल्क का नकारात्मक असर पड़ सकता है. हालांकि, फार्मा सेक्टर को छूट दी गई है, जिससे हिंदुस्तानीय दवा कंपनियों को फायदा मिल सकता है. इन्वेसेट पीएमएस के कोष प्रबंधक अनिरुद्ध गर्ग के अनुसार, हिंदुस्तानीय फार्मा कंपनियां अमेरिकी जेनेरिक दवाओं की 40% आपूर्ति करती हैं. इससे फार्मा सेक्टर के लिए आगे बढ़ने के नए अवसर मिल सकते हैं. इसे भी पढ़ें: हिंदुस्तान में वक्फ बोर्ड के पास 9.40 लाख एकड़ जमीन तो पाकिस्तान के पास कितनी? मुख्य बिंदु शेयर बाजार में निकट भविष्य में अस्थिरता बनी रहेगी, लेकिन लॉन्ग टर्म में आउटलुक सकारात्मक है. अमेरिकी जवाबी शुल्क से कुछ क्षेत्रों पर दबाव पड़ेगा, लेकिन हिंदुस्तान की आर्थिक स्थिति मजबूत बनी हुई है. एफपीआई निवेश, कंपनियों की आय में वृद्धि और शेयरों का आकर्षक मूल्यांकन हिंदुस्तानीय बाजार को सकारात्मक गति देगा. फार्मा सेक्टर को सबसे अधिक फायदा मिल सकता है, जिससे निवेशकों को लॉन्ग टर्म ग्रोथ का मौका मिलेगा. इसे भी पढ़ें: प्रशासनी कर्मचारियों को 23 अप्रैल को मिल सकती है बड़ी समाचार, प्रशासन करेगी बड़ा ऐलान! The post शेयर बाजार में अभी जारी रहेगी उठा-पटक, लॉन्ग टर्म में आउटलुक पॉजिटिव appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

Zomato layoffs: AI ने लील ली 600 लोगों की नौकरी! फूड डिलीवरी कंपनी ने उठाया बड़ा कदम

Zomato layoffs in Hindi: फूड डिलीवरी कंपनी Zomato ने अपने कस्टमर सपोर्ट डिपार्टमेंट से सैकड़ों कर्मचारियों की छंटनी की है. यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब कंपनी की ग्रोथ धीमी हो रही है और उसके क्विक डिलीवरी प्लेटफॉर्म Blinkit को नुकसान झेलना पड़ रहा है. कंपनी की ओर से लगभग 600 कर्मचारियों को निकाला गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फूड डिलीवरी कंपनी Zomato ने हाल ही में अपना AI-बेस्ड कस्टमर सपोर्ट सिस्टम ‘Nugget’ लॉन्च किया और यह हर महीने लाखों कस्टमर इंटरेक्शन को संभाल रहा है. यह सिस्टम कई मामलों को बिना किसी मानवीय सहायता के हल कर सकता है और इससे कंपनी की लागत कम हो रही है.  इस आधार पर नौकरियों से निकाला गया (Zomato layoffs News) गुरुग्राम स्थित फर्म ने एक साल पहले अपने जोमैटो एसोसिएट एक्सेलेरेटर प्रोग्राम (ZAAP) के तहत कस्टमर सपोर्ट के लिए 1,500 से अधिक लोगों को हायर किया गया था. मनीकंट्रोल के मुताबिक, जिन पूर्व और वर्तमान कर्मचारियों से बात की तो जानकारी सामने आई कि प्रभावित कर्मचारियों को मुआवजे के रूप में एक महीने का वेतन देने की पेशकश की गई और खराब प्रदर्शन और खराब समय की पाबंदी जैसे कारण बताते हुए बगैर नोटिस अवधि के उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया. यह भी पढ़ें- CBSE Exam 2025: सीबीएसई ने इन स्टूडेंट्स के लिए जारी की 10वीं-12वीं की नई डेटशीट, देख लें परीक्षाओं की तारीख एआई-आधारित सपोर्ट सिस्टम तनावपूर्ण माहौल (Zomato layoffs News) कर्मचारियों ने यह भी कहा कि जोमैटो के एआई-आधारित सपोर्ट सिस्टम की वजह से लोगों की नौकरियों पर संकट है और माहौल तनावपूर्ण है. इससे पहले दिसंबर 2022 में भी जोमैटो ने 100 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला था. टैब ड्रॉ प्रोडक्ट्स, टेक, आर्किटेक्चर और मार्केटिंग डिपार्टमेंट में शामिल थे. नोट- जोमेटो कंपनी ने इस छंटनी के बारे में कोई ऑफिशियल अनाउंसमेंट नहीं किया है. The post Zomato layoffs: AI ने लील ली 600 लोगों की नौकरी! फूड डिलीवरी कंपनी ने उठाया बड़ा कदम appeared first on Naya Vichar.

ताजा ख़बर, मुख्य खबर

सरहुल की तरह रामनवमी के दिन नहीं होनी चाहिए बिजली कटौती, JBVNL को हाईकोर्ट का आदेश

High Court on Power Cut: आदिवासियों के महापर्व सरहुल के दिन झारखंड की राजधानी रांची में घंटों पावर कट पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जतायी है. साथ ही जेबीवीएनएल को निर्देश दिया है कि सरहुल की तरह रामनवमी के दिन रांची में बिजली कटौती नहीं होनी चाहिए. झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस दीपक रोशन की बेंच ने बृहस्पतिवार 3 अप्रैल को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (JBVNL) को पावर कट के लिए कड़ी फटकार लगायी. कोर्ट ने कहा कि अत्यधिक खराब मौसम और इमरजेंसी की स्थिति न हो, तो सरहुल की तरह रामनवमी के दिन पावर कट नहीं होनी चाहिए. इतना ही नहीं, कोर्ट ने राज्य प्रशासन से कहा है कि वह रामनवमी जुलूस के आयोजकों को बता दें कि निश्चित ऊंचाई से बड़े झंडे न निकालें. इस आदेश का सख्ती से पालन भी प्रशासन करवाये. सरहुल के दिन 5 से 10 घंटे तक गुल रही थी बिजली सरहुल के दिन राजधानी रांची में करीब 5 से 10 घंटे तक बिजली काट दी गयी थी. झारखंड हाईकोर्ट में इस मामले में एक जनहित याचिका दाखिल की गयी थी, जिस पर बृहस्पतिवार को चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली 2 सदस्यीय बेंच में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान एडवोकेट जनरल ने कोर्ट को बताया कि 1 अप्रैल 2025 को सरहुल के दिन रांची के अलग-अलग हिस्सों में 5 से 10 घंटे तक के लिए बिजली काटी गयी थी. एडवोकेट जनरल ने कहा कि दिन में 1 बजे से रात के 11 बजे के बीच बिजली कटौती की गयी. गर्मी में बिजली कटौती से लोगों को होती है परेशानी एडवोकेट जनरल की दलील सुनने के बाद चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि बिजली की सप्लाई आवश्यक सेवा है. गर्मी का मौसम आ गया है. ऐसे में जेबीवीएनएल की ओर से बिजली सप्लाई काटने की वजह से शहर के अधिकतर बुजुर्ग, बीमार और छोटे बच्चों के साथ-साथ परीक्षा देने वाले विद्यार्थी और गर्भवती स्त्रीओं को परेशानी होती है. इतना ही नहीं, व्यापारियों को भी इसकी वजह से नुकसान होता है. प्रशासनी और निजी अस्पतालों में मरीजों का इलाज प्रभावित होता है. झारखंड की ताजा समाचारें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें एजी बोले- दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बिजली कटौती जरूरी इससे पहले एडवोकेट जनरल ने कोर्ट के सामने दलील दी कि सरहुल के दिन बिजली की कटौती अनिवार्य थी, क्योंकि लोग बड़े-बड़े झंडे लेकर शोभायात्रा में शामिल होते हैं. इससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि वर्ष 2000 में सरहुल महोत्सव के दौरान ऐसी एक घटना हो चुकी है, जिसमें 29 लोगों की मौत हो गयी थी. एडवोकेट जनरल ने कोर्ट में कहा कि 6 अप्रैल 2025 को रामनवमी और 6 जुलाई 2025 को मुहर्रम के दिन भी ऐसे ही पावर कट की जरूरत होगी. दुर्घटनाओं के डर से लोग यात्रा करना नहीं छोड़ते – झारखंड हाईकोर्ट चीफ जस्टिस की बेंच ने कहा कि यात्रा के दौरान कई बार हादसे हो जाते हैं, जब लोग सड़क, ट्रेन या हवाई जहाज से यात्रा करते हैं. इसकी वजह से कोई यात्रा करना नहीं छोड़ दिया. इसलिए दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है. शोभायात्रा निकालने की अनुमति देने वाले प्रशासनी प्राधिकारों को झंडे की ऊंचाई तय करनी चाहिए, ताकि वे जेबीवीएनएल के द्वारा लगाये गये बिजली के तार के संपर्क में न आ सकें. शोभायात्रा में झंडे की ऊंचाई तय करें – कोर्ट हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि शोभायात्रा निकालने वालों को यह भी सूचित कर देना चाहिए कि एक निश्चित ऊंचाई से ज्यादा ऊंचे झंडे लेकर जाने की अनुमति नहीं दी जायेगी. चीफ जस्टिस ने कहा कि राज्य प्रशासन कानूनी एजेंसियों के द्वारा इसका अनुपालन सुनिश्चित कराये. कोर्ट ने कहा कि समय रहते आयोजकों को इसकी जानकारी दे दें और यह स्पष्ट कर दें कि उन्हें इसका पालन करना ही होगा. 9 अप्रैल 2025 को होगी केस की सुनवाई चीफ जस्टिस की बेंच ने जेबीवीएनएल को निर्देश दिया कि जब तक बहुत जरूरी नहीं हो, तब तक 1 अप्रैल 2025 की तरह रामनवमी के दिन 6 अप्रैल 2025 को बिजली की कटौती नहीं करे. कोर्ट ने सभी पक्षों को 9 अप्रैल तक इस मामले में अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव ने केस की सुनवाई की अगली तारीख 9 अप्रैल 2025 मुकर्रर कर दी. इसे भी पढ़ें 3 अप्रैल को आपको कितने में मिलेगा 14 किलो का एलपीजी सिलेंडर, एक-एक शहर की कीमत यहां चेक करें रांची के रास्ते बिहार, महाराष्ट्र और दक्षिण हिंदुस्तान जाने वाली 4 ट्रेनें रहेंगी रद्द, यहां चेक करें डिटेल पलामू पुलिस की बड़ी सफलता, टीएसपीसी के 1 लाख के इनामी उग्रवादी जीबलाल यादव को किया गिरफ्तार रामनवमी से पहले हेमंत सोरेन से मिला महावीर मंडल का प्रतिनिधिमंडल The post सरहुल की तरह रामनवमी के दिन नहीं होनी चाहिए बिजली कटौती, JBVNL को हाईकोर्ट का आदेश appeared first on Naya Vichar.

बिहार

Darbhanga News- समस्तीपुर मंडल द्वारा दरभंगा रेलवे स्टेशन पर 5 अप्रैल को विशेष स्वास्थ्य शिविर का आयोजन

नया विचार समस्तीपुर– समस्तीपुर मंडल, महावीर इंटरनेशनल, दिल्ली के सहयोग से दरभंगा रेलवे स्टेशन पर एक विशेष स्वास्थ्य शिविर का आयोजन करने जा रहा है। यह शिविर शनिवार, 5 अप्रैल 2025 को रेलवे स्टेशन के वीआईपी रूम में आयोजित किया जाएगा। सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक चलने वाले इस स्वास्थ्य शिविर में सभी रेल कर्मचारियों तथा रेलवे में अनुबंध पर कार्य कर रहे कर्मचारियों को विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं की निःशुल्क सुविधा प्रदान की जाएगी।इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का उद्घाटन हिंदुस्तानीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी एवं हिंदुस्तानीय पैकेजिंग संस्थान, मुंबई के निदेशक तथा अतिरिक्त महानिदेशक (विदेश व्यापार) श्री राजेश कुमार मिश्रा द्वारा किया जाएगा। इस स्वास्थ्य जांच शिविर में स्वास्थ्य सेवाओं के अंतर्गत विभिन्न चिकित्सा जांच, परामर्श सेवाएं प्रदान की जाएंगी एवं जागरूकता कार्यक्रमों का संचालन किया जाएगा।इस कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि मंडल रेल प्रबंधक, समस्तीपुर, श्री विनय श्रीवास्तव होंगे। मंडल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक श्री सुनील कुमार सहित अन्य वरिष्ठ डॉक्टर एवं अधिकारी भी इस स्वास्थ्य शिविर में भाग लेंगे और अपनी सेवाएं प्रदान करेंगे।स्वास्थ्य शिविर का उद्देश्य रेल कर्मचारियों तथा रेलवे में अनुबंध पर कार्य कर रहे सभी कर्मचारियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना, चिकित्सा सेवाओं की समय पर पहुंच सुनिश्चित करना तथा स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। यह पहल सभी कर्मचारियों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगी।

You have been successfully Subscribed! Ops! Something went wrong, please try again.

About Us

नयाविचार एक आधुनिक न्यूज़ पोर्टल है, जो निष्पक्ष, सटीक और प्रासंगिक समाचारों को प्रस्तुत करने के लिए समर्पित है। यहां राजनीति, अर्थव्यवस्था, समाज, तकनीक, शिक्षा और मनोरंजन से जुड़ी हर महत्वपूर्ण खबर को विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत किया जाता है। नयाविचार का उद्देश्य पाठकों को विश्वसनीय और गहन जानकारी प्रदान करना है, जिससे वे सही निर्णय ले सकें और समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकें।

Quick Links

Who Are We

Our Mission

Awards

Experience

Success Story

© 2025 Developed By Socify

Scroll to Top