क्या है रेसिप्रोकल टैरिफ जिसके बढ़ने से अमेरिका फर्स्ट की नीति हुई मजबूत, भारत को होगा नुकसान?
Table of Contents क्या रेसिप्रोकल टैरिफ (Reciprocal Tariffs) रेसिप्रोकल टैरिफ का क्या होगा हिंदुस्तान पर प्रभाव अमेरिका ने रेसिप्रोकल टैरिफ क्यों बढ़ाया अमेरिकी नीति का हिंदुस्तान कैसे कर सकता है मुकाबला रेसिप्रोकल टैरिफ का इतिहास Reciprocal Tariffs Meaning : रेसिप्रोकल टैरिफ यह शब्द आज सुबह से ही चर्चा में है. वजह यह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हिंदुस्तान सहित विश्व के 60 देशों पर यह टैरिफ लगाने की घोषणा की है. अमेरिका ने हिंदुस्तान पर 27 % रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की घोषणा की है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दावा है कि उनकी प्रशासन ने हिंदुस्तान, चीन सहित 60 अन्य देशों पर जो रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया है उसका लक्ष्य अमेरिका फर्स्ट की नीति है, जिसके तहत अमेरिकी लोगों का हित साधना है. अमेरिका का कहना है कि उन्होंने जिन देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया है, उनसे अमेरिका अबतक बहुत ही कम टैरिफ वसूलता था, जबकि ये देश अमेरिका से अधिक टैरिफ वसूलते हैं. क्या रेसिप्रोकल टैरिफ (Reciprocal Tariffs) रेसिप्रोकल टैरिफ को इस तरह से समझा जा सकता है कि जब कोई देश अपने किसी सामान को दूसरे देश में निर्यात करता है, यानी बेचता है, तो उसे वह सामान उस देश में बेचने के लिए उस देश की प्रशासन को कुछ टैक्स देना पड़ता है, जिसे रेसिप्रोकल टैरिफ कहा जाता है. यह टैरिफ आपस में व्यापार करने वाले दोनों ही देश एक दूसरे पर लगाते हैं. यह टैक्स आयात और निर्यात दोनों पर लगाया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य व्यापारिक संतुलन को बनाए रखना होता है, साथ ही अपने देश के प्रोडक्ट को बचाना भी होता है. जैसे कि अमेरिका अभी यह कह रहा है कि अन्य देश जिसमें हिंदुस्तान भी शामिल है, उसपर ज्यादा टैरिफ लगाता है, जबकि अबतक काफी कम टैरिफ पर व्यापार करता रहा था, लेकिन अब ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ बढ़ा दिया है. रेसिप्रोकल टैरिफ का क्या होगा हिंदुस्तान पर प्रभाव अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाए जाने से हिंदुस्तान के निर्यात पर असर होगा, इससे कतई इनकार नहीं किया जा सकता है, क्योंकि अब अमेरिका में सामान बेचना महंगा हो जाएगा. हिंदुस्तान अमेरिका को कई चीजें निर्यात करता है जिसमें दवाइयां, कपड़े, स्टील, अल्युनमीनियम सहित कई अन्य चीजें शामिल हैं. अब हाई टैरिफ की वजह से हिंदुस्तान के निर्यात पर असर पड़ेगा क्योंकि हिंदुस्तान को महंगे दर पर निर्यात करना होगा, जिससे अमेरिका बाजार में उसका मुकाबला कड़ा हो जाएगा. इसका परिणाम यह हो सकता है कि हिंदुस्तान के निर्यात में गिरावट आए. साथ ही हिंदुस्तानीय कंपनियों की बिक्री प्रभावित हो सकती है, जिससे कंपनियों पर निगेटिव असर हो सकता है. हिंदुस्तानीय कंपनियों पर पड़ रहे असर को देखते हुए अगर हिंदुस्तान ने जवाबी कार्रवाई की और रेसिप्रोकल टैरिफ और बढ़ाया तो दोनों देशों के बीच व्यापार प्रभावित होगा और हिंदुस्तान पर निगेटिव असर पड़ सकता है. कई सामान जो अमेरिका से आते हैं जैसे आईफोन, लैपटाॅप और कारें महंगी हो सकती हैं. अमेरिका ने रेसिप्रोकल टैरिफ क्यों बढ़ाया अमेरिकी प्रशासन का दावा है कि उन्होंने अपने देश का हित साधने के लिए टैरिफ की दर को बढ़ाया है. उन्होंने कई देशों का उदाहरण दिया है, जिसमें हिंदुस्तान भी शामिल है कि वे अपने यहां आयात पर अमेरिकी वस्तुओं पर अधिक टैरिफ लगाते हैं, इसलिए व्यापार संतुलन बिगड़ा हुआ है, जिसके ठीक करने का प्रयास अमेरिका ने किया है. अमेरिका का कहना है कि वे किसी को भी अपने देश का अनुचित लाभ उठाने नहीं दे सकते हैं. अमेरिका का दावा है कि हिंदुस्तान अमेरिकी वस्तुओं पर 30 से 50% तक टैरिफ लगाता है, जबकि अमेरिका सिर्फ 5 से 10% टैरिफ लगाता है. अमेरिकी नीति का हिंदुस्तान कैसे कर सकता है मुकाबला अमेरिका ने हिंदुस्तान पर जिस तरह टैरिफ लगाया है, उससे निर्यात तो प्रभावित होगा ही, लेकिन इससे निपटने के लिए हिंदुस्तान अमेरिका से बात कर सकता है, ताकि वह टैरिफ को कुछ कम करे. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी की दोस्ती इसमें कारगर साबित हो सकती है. इसके साथ ही हिंदुस्तान को अपना बाजार दूसरे देशों में भी तलाशना चाहिए, क्योंकि हिंदुस्तान को अपने प्रोडक्ट तो बेचने ही हैं. रेसिप्रोकल टैरिफ का इतिहास रेसिप्रोकल टैरिफ के इतिहास को समझने की कोशिश करें तो हम पाएंगे कि यह बहुत कुछ उस तरह का है जिसे प्राचीन इतिहास में सीमा शुल्क कहा जाता था. कौटिल्य के अर्थशास्त्र और मनुस्मृति में भी व्यापार के लिए वसूले जाने वाले टैक्स का विस्तृत वर्णन है. मौर्य काल में भी समुद्री मार्गों पर कर लगाने का जिक्र मिलता है, चीनी सम्राटों ने भी सिल्क रूट पर टैक्स लगाया था. 19 शताब्दी में रेसिप्रोकल टैरिफ की शुरुआत तब हुई जब बढ़ते व्यापार के बीच देशों ने अपने देश के व्यापार को सुरक्षित करने के लिए यह कदम उठाया. Also Read : हिंदू और मुसलमान के बीच हिंदुस्तान में नफरत की मूल वजह क्या है? आजाद हिंदुस्तान में मुगलों ने मांगी भीख, अंग्रेजों ने 29 बेटों और पोतों का किया था कत्ल Magadha Empire : अजातशत्रु के बेटे उदयिन ने की थी पटालिपुत्र की स्थापना, लेकिन अन्य शासक निकले नाकाबिल विभिन्न विषयों पर एक्सप्लेनर पढ़ने के लिए क्लिक करें The post क्या है रेसिप्रोकल टैरिफ जिसके बढ़ने से अमेरिका फर्स्ट की नीति हुई मजबूत, हिंदुस्तान को होगा नुकसान? appeared first on Naya Vichar.