Table of Contents अटल बिहारी वाजपेयी थे बीजेपी के पहले अध्यक्ष राममंदिर के मुद्दे ने पहली बार देश में बनाई बीजेपी की प्रशासन राममंदिर, आर्टिकल 370 और ट्रिपल तलाक जैसे ठोस कदम उठाए बीजेपी ने हिंदुस्तानीय संस्कृति, विचारधारा और विरासत की चिंता से लोगों को अवगत कराया : दिलीप जायसवाल बीजेपी अपना फायदा देखकर वक्फ बिल नहीं लाई , गरीब मुसलमानों के लिए लाई है : बाबूलाल मरांडी Bjp Sthapna Diwas : बीजेपी की स्थापना 6 अप्रैल 1980 को हुई थी और दिग्गज राजनेता अटल बिहारी वाजपेयी पार्टी के अध्यक्ष बने थे. उस वक्त से 2025 तक बीजेपी ने 45 वर्षों का सफर तय कर लिया है और दो सांसदों की यह पार्टी आज देश की सबसे बड़ी पार्टी बन चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी की प्रशासन का लगातार तीसरा कार्यकाल यह देश देख रहा है. बीजेपी यानी हिंदुस्तानीय जनता पार्टी का यह स्वर्णिम युग है, जब वह कड़े फैसले ले रही है और उसे जनता का समर्थन भी प्राप्त है. पीएम मोदी के प्रति जनता की दीवानगी जगजाहिर है. 1980 में जब बीजेपी का गठन हुआ था, उस वक्त पार्टी की पकड़ काफी सीमित थी और पार्टी की विचारधारा के समर्थक भी कम थे, लेकिन बीजेपी ने खुद पर काफी मेहनत किया और कई रणनीतिक फैसले लेते हुए आज 10 करोड़ सदस्यों की पार्टी बन गई है. केंद्र सहित देश के 21 राज्यों में बीजेपी और उसकी सहयोगी पार्टियों की प्रशासनें हैं. अटल बिहारी वाजपेयी थे बीजेपी के पहले अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी बीजेपी के पहले अध्यक्ष थे. उससे पहले पार्टी को जनसंघ के नाम से जाना जाता था. हिंदुस्तानीय जनसंघ की स्थापना 21 अक्टूबर 1951 में डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने की थी. जनसंघ की स्थापना का मुख्य उद्देश्य एक राष्ट्रवादी नेतृत्वक पार्टी बनाना था, जो हिंदुस्तानीय संस्कृति और राष्ट्रवादी सिद्धांतों पर आधारित हो. जनसंघ के गठन के बाद भी पार्टी को अधिक विस्तार नहीं मिला,लेकिन पार्टी सतत प्रयास करती रही. 1967 में पार्टी ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया जब उसके 35 सांसद चुनकर संसद पहुंचे थे. अटल बिहारी वाजपेयी 1951 से ही बीजेपी के सांसद थे और 1967 के चुनाव में वे उत्तरप्रदेश के बलरामपुर से चुनाव जीते थे. इमरजेंसी के बाद 1977 में जनसंघ का भी जनता पार्टी में विलय हो गया था और अटल बिहारी वाजपेयी विदेश मंत्री बने थे, जबकि आडवाणी को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय दिया गया था. आडवाणी उस वक्त राज्यसभा के सांसद थे. राममंदिर के मुद्दे ने पहली बार देश में बनाई बीजेपी की प्रशासन अटल-आडवाणी बीजेपी ने हिंदुत्व की नेतृत्व की और राममंदिर के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया, जिसकी वजह से 1996 में पहली बार बीजेपी की प्रशासन केंद्र में बनी और बीजेपी 161 सीट के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी. लेकिन बीजेपी को किसी पार्टी का समर्थन नहीं मिला और महज 13 दिनों की बीजेपी प्रशासन गिर गई, क्योंकि मतदान से पहले ही अटल बिहारी वाजपेयी ने इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद 1998 में बीजेपी की प्रशासन बनी, उस वक्त बीजेपी को 182 सीटें मिलीं थीं और अन्य पार्टियों के समर्थन से केंद्र में बीजेपी की प्रशासन ने 13 महीने तक शासन किया था.1999 में एनडीए को पूर्ण बहुमत मिला और बीजेपी की प्रशासन पूरे पांच साल तक चली, इस कार्यकाल में भी अटल जी प्रधानमंत्री बने थे. उसके बाद 2004 में बीजेपी चुनाव हार गई. बीजेपी की सत्ता में वापसी हुई और 2014 में बीजेपी को 282 सीटें मिलीं और पहली बार बीजेपी को अपने बल पर बहुमत मिला. 2019 के चुनाव में 303 और 2024 के चुनाव में बीजेपी को 240 सीट मिली और केंद्र में अभी बीजेपी की ही प्रशासन है. राममंदिर, आर्टिकल 370 और ट्रिपल तलाक जैसे ठोस कदम उठाए बीजेपी जब सत्ता में पूर्ण बहुमत के साथ आई तो उसने राममंदिर बनवाया और सबसे कड़ा कदम आर्टिकल 370 को हटाकर उठाया. साथ ही ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून बनाया. पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल में जबकि प्रशासन के पास अपने बल पर बहुमत नहीं है, तब भी प्रशासन ने वक्फ बिल को पेश किया और इसे संसद से पास करवाया. यह बीजेपी पार्टी और इसकी दृढ़इच्छाशक्ति का परिचायक है. बीजेपी ने हिंदुस्तानीय संस्कृति, विचारधारा और विरासत की चिंता से लोगों को अवगत कराया : दिलीप जायसवाल बीजेपी ने हमेशा से ही राष्ट्रवाद की बात की और हिंदुस्तानीय संस्कृति और विचारधारा को सहेजने की कोशिश की.स्थापना के 45वें वर्ष में बीजेपी की उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि बीजेपी ने हमेशा ही हिंदुस्तानीय संस्कृति, विचारधारा और विरासत की चिंता की और लोगों को अहसास कराया कि हम इसकी रक्षा के बारे में सोचते हैं. दूसरी बात यह है कि बीजेपी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के उस सपने को पूरा किया, जिसमें वे कहते थे कि समाज के अंतिम पंक्ति में बैठे लोगों को भी जीने का हक है. तीसरी बात कोरोना काल में मोदी जी के नेतृत्व में अभूतपूर्व तरीके से आपदा प्रबंधन का काम किया गया. चौथी बात यह है कि बीजेपी ने हिंदुस्तान को विश्व की पांचवीं सबसे शक्तिशाली वित्तीय स्थिति बनाया और पांचवीं बात हमने इंफ्रास्ट्रक्चर पर बहुत काम किया, जिसकी वजह से आज बीजेपी इतनी शक्तिशाली बन चुकी है. बीजेपी अपना फायदा देखकर वक्फ बिल नहीं लाई , गरीब मुसलमानों के लिए लाई है : बाबूलाल मरांडी झारखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि बीजेपी एक ऐसी पार्टी ने जिसने पिछले 45 सालों से अपनी विचारधारा पर काम किया है. वह अपनी विचारधारा को दृढ़इच्छाशक्ति के साथ जनता के पास लेकर गई. शुरुआत में सफलता कम मिली, लेकिन फिर हजार से करोड़ों में समर्थक साथ आ गए, यही बीजेपी की सफलता का राज है. जहां तक बात वक्फ बिल की है, तो इस बिल को बीजेपी अपने फायदे के लिए लेकर नहीं आई है, बल्कि बीजेपी यह चाहती है कि गरीब मुसलमानों को इसका फायदा मिले. धर्म के लिए जो दान किए गए हैं, उनका दुरुपयोग ना हो. अभी तो स्थिति यह है कि वक्फ बोर्ड में बहुत भ्रष्टाचार है और गरीब मुसलमान को इसका फायदा नहीं मिल रहा है. विधेयक के कानून बनने से गरीबों को लाभ मिलेगा. इसके