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April 8, 2025

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झारखंड में 1373 माध्यमिक सहायक आचार्यों की होगी नियुक्ति, हेमंत सोरेन कैबिनेट की 14 एजेंडों पर मुहर

Jharkhand Cabinet Meeting: रांची-सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंगलवार को झारखंड कैबिनेट की बैठक हुई. इसमें 14 प्रस्तावों पर मुहर लगी. झारखंड में 1373 माध्यमिक सहायक आचार्यों की नियुक्ति के प्रस्ताव को कैबिनेट से स्वीकृति मिली है. पुनरीक्षित पुनर्वास नीति-2012 को 2027 तक के लिए अवधि विस्तार दिया गया है. एविएशन टर्बाइन फ्यूल की दर में संशोधन किया गया है. इसे चार फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गयी. झारखंड मंत्रालय के मंत्रिपरिषद सभागार में कैबिनेट की बैठक आयोजित हुई. The post झारखंड में 1373 माध्यमिक सहायक आचार्यों की होगी नियुक्ति, हेमंत सोरेन कैबिनेट की 14 एजेंडों पर मुहर appeared first on Naya Vichar.

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Kaimur News : जरूहां मोड़ के पास कार व बाइक में टक्कर, एक की मौत, दो घायल

कुदरा. थाना क्षेत्र के कुदरा-परसथुआ मुख्य मार्ग पर जरूहां मोड़ के पास सोमवार की देर शाम कार व बाइक की सीधी टक्कर में बाइक सवार एक की मौत हो गयी व दो सवार गंभीर रूप से घायल हो गये. दुर्घटना की सूचना पर ग्रामीणों ने सभी बाइक सवार घायलों को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य में भर्ती कराया. प्राथमिक इलाज के बाद चिकित्सकों ने घायलों की गंभीर हालत देख बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल भभुआ रेफर कर दिया. भभुआ सदर अस्पताल ले जाने के क्रम में एक घायल की मौत हो गयी. उसका सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम किया गया. मृतक की पहचान थाना क्षेत्र के गंगवलिया गांव के रघुनाथ राम के 50 वर्षीय पुत्र लालजी राम के रूप में हुई है. इधर, घायलों में गंगवलिया गांव के जैस राम पिता लालजी राम व जरूहां गांव के सुरेश राम पिता रामजी राम बताया जाता है. ग्रामीणों ने बताया कि बाइक सवार जरूहां गांव की तरफ से कुदरा-परसथुआ मुख्य सड़क से अपने गांव गंगवलिया आ रहे थे. जरूहां मोड़ के पास कार व बाइक की हुई टक्कर में दोनों वाहन सवारी सहित सड़क किनारे चाट में पलट गये. इस घटना से गंगवालिया गांव में मातम पसरा हुआ है. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post Kaimur News : जरूहां मोड़ के पास कार व बाइक में टक्कर, एक की मौत, दो घायल appeared first on Naya Vichar.

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Bihar : पटना से दिल्ली के बीच चलेगी हाईस्पीड ट्रेन, महज 11 घंटे में पहुंचेगे राजधानी, किराया होगा बेहद कम 

Bihar : बिहार के बहुत सारे लोग दिल्ली में रहते हैं. कोई पढ़ने के लिए, तो कोई काम के सिलसिले से रहता है. ऐसे में पटना से दिल्ली जाने वाली ट्रेनों में हमेशा भीड़ बनी रहती है. रेलवे की तरफ से लगातार नई ट्रेन की घोषणाएं भी की जा रही है लेकिन जितनी नई ट्रेनें आ रही है. उससे ज्यादा पैसेंजर आ रहे हैं. ऐसे में रेलवे ने पटना से दिल्ली के बीच हाईस्पीड ट्रेन चलाने का फैसला किया है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रेलवे यह ट्रेन किसी भी महीने में चला सकती है.    अमृत हिंदुस्तान एक्सप्रेस 130 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलेगी ट्रेन  कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पटना से दिल्ली के बीच जल्द ही अमृत हिंदुस्तान एक्सप्रेस ट्रेन चलाने का प्लान तैयार किया गया है. यह ट्रेन 130 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलेगी. इसमें 22 कोच होंगे और एक साथ करीब 1500 यात्री इसमें सफर कर सकेंगे. बता दें कि 130 किमी प्रति घंटा की रफ्तार वाली ट्रेनें पहले से ही राजधानी एक्सप्रेस, सम्पूर्ण क्रांति एक्सप्रेस, वंदे हिंदुस्तान एक्सप्रेस मौजूद हैं, लेकिन अमृत हिंदुस्तान एक्सप्रेस इनसे बेहतर और आधुनिक सुविधाओं के साथ होगी.  इन खास सुविधाओं से होगी लैस  पटना और दिल्ली के बीच चलने वाली अमृत हिंदुस्तान एक्सप्रेस ट्रेन में खास सुविधाएं होंगी. इस ट्रेन में हर सीट के पास चार्जिंग पॉइंट होगा, सीसीटीवी, बायो-वैक्यूम वॉशरूम, सेंसर नल, एलईडी लाइट और यात्रियों की जानकारी के लिए सूचना बोर्ड भी होगा. इसमें 11 जनरल, 8 स्लीपर, एक पैंट्री कार और दो लगेज कम एलएसआरडी कोच रहेंगे. सामान्य ट्रेनों के मुकाबले इस ट्रेन की सीटों को आरामदायक बनाया गया है.   बिहार की ताजा समाचारों के लिए यहां क्लिक करें बिहार में पहले से ही चल रही अमृत हिंदुस्तान ट्रेन  फिलहाल, दरभंगा से आनंद विहार टर्मिनल के बीच इस ट्रेन को चलाया जा रहा है. इस ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को कम से कम 50 किमी की यात्रा पर 35 रुपए का टिकट लग सकता है. इस ट्रेन को यात्रियों को बेहतर और आधुनिक सुविधाएं देने के लिए तैयार किया गया है. इसे भी पढ़ें : मुजफ्फरपुर : ट्रेन में किन्नरों ने मचाया आतंक, छीनी यात्री की सोने की अंगूठी, 900 लेने के बा इसे भी पढ़ें : Purnia Airport से इस दिन से उड़ेंगे जहाज, यात्रियों की सुविधा के लिए प्रशासन ने दिया 40 क The post Bihar : पटना से दिल्ली के बीच चलेगी हाईस्पीड ट्रेन, महज 11 घंटे में पहुंचेगे राजधानी, किराया होगा बेहद कम  appeared first on Naya Vichar.

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Save Forest Movement: ‘साल’ के जंगल बचाने के लिए 18 आदिवासियों ने दी थी कुर्बानी

Table of Contents पुलिस गोलीबारी में 18 की हुई थी मौत ‘साल’ के पेड़ की पूजा करते हैं आदिवासी वन अधिकार विधेयक से मिली राहत Save Forest Movement: झारखंड में शामिल सिंहभूम जिले के लोगों ने साल के जंगलों को बचाने के लिए 1978 से लेकर 1983 तक एक बड़ा आंदोलन किया था. उस समय बिहार से झारखंड अलग नहीं हुआ था. तत्कालीन प्रशासन ने कुदरती साल के जंगलों को काटकर सागौन लगाने की तैयारी शुरू की थी. इस पर आदिवासियों और ग्रामीणों ने वनों की कटाई के खिलाफ विरोध किया. प्रशासन के इस कदम को तब ‘सियासत का लालची स्पोर्ट्स’ करार दिया गया था. प्रशासन की तत्कालीन प्रशासन ने 1978 में सिंहभूम में साल के जंगलों को काटकर यहां कीमती सागौन के जंगल लगाने की योजना बनाई थी. जब आदिवासियों को इसकी जानकारी हुई वो जंगल को बचाने के लिए एकजुट हो गए. उन्होंने जंगल काटने का विरोध शुरू किया, जो समय के साथ हिंसक हो गया था. कई जगह आंदोलनकारियों ने सागौन के पौधों की नर्सरी नष्ट कर दी थी. पुलिस गोलीबारी में 18 की हुई थी मौत इस आंदोलन को दबाने के लिए तत्कालीन प्रशासन ने पुलिस का सहयोग लिया था. जिससे मामला और बिगड़ गया. 6 नवंबर 1978 को पुलिस ने आंदोलनकारियों को रोकने के लिए इचाहातु गांव में गोली चलाई. इसके बाद 25 नवंबर 1978 को सेरेंगदा के साप्ताहिक बाजार में आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया गया. 8 दिसंबर 1980 को पुलिस ने एक बार फिर आंदोलनकारियों पर गोली चलाई थी. पुलिस की गोलीबारी और आंदोलन को कुचलने के प्रयास में 1983 तक चले विरोध प्रदर्शन के दौरान 18 आंदोलनकारी मारे गए थे. सैकड़ों घायल हुए थे. लगभग 15 हज़ार केस दर्ज किए गए थे. हजारों आंदोलनकारियों को चाईबासा और हाजीबाग जेल में कैदकर दिया गया था. ‘साल’ के पेड़ की पूजा करते हैं आदिवासी आदिवासी साल के वृक्ष की पूजा करते हैं. वो इसे ‘सरहुल पूजा’ के रूप में मनाते हैं. सरहुल पर्व की कोई निश्चित तिथि नहीं है. ये नए साल की शुरुआत का त्योहार है. इसे चैत्र माह की शुक्ल तृतीया को मनाया जाता है. इस समय साल के पेड़ों पर फूल आने लगते हैं. ये पर्व खासतौर से झारखंड, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ के आदिवासी मनाते हैं. सरहुल पूजा के लिए साल के फूलों, फलों और महुआ के फलों को जायराथान या सरनास्थल पर लाया जाता है. वहां पाहन या लाया (पुजारी) और देउरी (सहायक पुजारी) जनजातियों के सभी देवताओं की पूजा करते हैं. यह ग्राम देवता, जंगल, पहाड़ तथा प्रकृति की पूजा है, जिसे जनजातियों का संरक्षक माना जाता है. देवताओं की साल, महुआ फलों और फूलों के साथ पूजा की जाती है. आदिवासी भाषाओं में साल (सखुआ) वृक्ष को ‘सारजोम’ कहा जाता है. ये त्योहार धरती माता को समर्पित है. इस दिन सूर्य और धरती का विवाह भी किया जाता है. आदिवासी व अन्य लोग साल के फूल को अपने कानों व सिर पर लगाते हैं. झारखंड के रांची सरहुल पर्व पर बड़ा जलूस निकलता है और सरना पूजा स्थल पर सभी इकठ्ठा होते हैं. यहां सरना स्थल की तीन बार परिक्रमा की जाती है. वन अधिकार विधेयक से मिली राहत जंगलों को बचाने के लिए आदिवासियों और प्रशासन के बीच इस हिंसक लड़ाई पर विरोध 2006 में लगा था. तत्कालीन यूपीए की केंद्र प्रशासन ने वन अधिकार विधेयक को लोकसभा में पारित किया. इसके बाद आदिवासियों को उनका हक वापस मिल पाया. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए ने वन अधिकारी विधेयक को 1 जनवरी 2008 को इसका नोटिफिकेशन जारी किया. इसके बाद से जंगलों पर आश्रित आदिवासियों उनका अधिकार पूरी तरह से वापस मिला पाया था. पढ़ें नया विचार प्रीमियम स्टोरी: मेघालय की ऐसी जनजातियां जहां सबसे छोटी बेटी होती है संपत्ति की वारिस जंगल बचाने के लिए चिपको से लेकर कांचा गाजीबोवली आंदोलन तक Textile Waste: पुराने कपड़े ठिकाने लगाना बना चुनौती Microgreens: अंकुरित अनाज से ज्यादा पौष्टिक हैं माइक्रोग्रींस The post Save Forest Movement: ‘साल’ के जंगल बचाने के लिए 18 आदिवासियों ने दी थी कुर्बानी appeared first on Naya Vichar.

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Araria: अंग्रेजों को धूल चटाने वाले स्वतंत्रता सेनानी भृगु नाथ शर्मा नहीं रहे, अमित शाह ने लिया था आशीर्वाद

Araria: अररिया जिले के स्वतंत्रता सेनानी भृगु नाथ शर्मा ने 104 वर्ष की आयु में आईजीएमस पटना में इलाज के दौरान अंतिम सांस ली. उनके निधन की समाचार सुनते ही उनके पैतृक गांव बघुआ सहित पूरे जिले भर में शोक की लहर दौड़ गई. स्वर्गीय शर्मा पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे. उनके स्वास्थ्य में गिरावट आने के बाद जिला प्रशासन द्वारा उनके घर में डॉक्टरों की एक टीम भेजी गई थी. देर रात ली अंतिम सांस जांच के बाद डॉक्टरों की टीम ने उन्हें उपचार हेतु उपचार हेतु फारबिसगंज अनुमंडल अस्पताल भेज दिया. फारबिसगंज अनुमंडल अस्पताल से उन्हें डीएमसीएच भेजा गया लेकिन वहां भी उनके स्वास्थ्य में सुधार ना होने के बाद उन्हें आईजीएमस पटना ले जाया गया. पटना एजीएमएस में ही इलाज के दौरान सोमवार की रात्रि 10:45 मिनट में उन्होंने अंतिम सांस ली. बिहार की ताजा समाचारों के लिए क्लिक करें राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार भृगु नाथ शर्मा को पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी दो बार राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित कर चुके है. आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर गृहमंत्री अमित शाह ने किशनगंज बुलाकर उनसे आशीर्वाद लिया था और उन्हें सम्मानित भी किया था. मंगलवार को अररिया जिलाधिकारी उनके गांव जाकर उनके पार्थिव शरीर का अंतिम दर्शन करेंगे, जिसके बाद उनका दाह संस्कार उनके गांव बघुआ में ही राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा. इसे भी पढ़ें: बिहार के 18 जिलों में 9 और 10 अप्रैल को होगी भयंकर बारिश, IMD ने जारी किया येलो अलर्ट The post Araria: अंग्रेजों को धूल चटाने वाले स्वतंत्रता सेनानी भृगु नाथ शर्मा नहीं रहे, अमित शाह ने लिया था आशीर्वाद appeared first on Naya Vichar.

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Agniveer Salary: रिटायरमेंट पर अग्निवीरों को 1004000 रुपए, सरकारी नौकरी में छूट, जानें क्या-क्या मिलेगा

Agniveer Salary: सेना में युवाओं की भर्तियों को सुनिश्चित करने के लिए मोदी प्रशासन ने अग्निवीर योजना की शुरुआत की थी. इस योजना को केंद्रीय मंत्रिमंडल की तरफ से 14 जून, 2022 को मंजूरी दी गई थी, जिसे अग्निपथ कहा गया और इस योजना के तहत चयनित युवाओं को अग्निवीर का नाम दिया गया. करीब 3 सालों से थल सेना, वायु सेना और नौसेना में 4 साल के कांट्रेक्चुअल बेसिस पर अग्निवीरों की भर्तियां होती हैं. लेकिन जब से यह योजना चलाई गई है, उसी समय से इसकी नीतियों को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं. लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि 4 साल के बाद अग्निवीरों को क्या-क्या फायदे और सुविधाएं मिलती हैं? रिटायरमेंट के बाद उन्हें कितने रुपए मिलते हैं? यहां से कर सकेंगे आवेदन (Agniveer Application Process) अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीरों की भर्तियां साल में दो बार मई और नवंबर महीने में होती है. चार साल के कार्यकाल में अग्निवीरों को शुरुआती 6 महीनों में प्रशिक्षण के दौर से गुजरना होता है और 3.5 साल तैनाती होती है. हिंदुस्तानीय सेना की आधिकारिक वेबसाइट joinindianarmy.com पर जाकर आवेदन किया जा सकता है. इसी वेबसाइट के जरिए परीक्षा में शामिल उम्मीदवारों को अग्निवीर बनने के लिए कई चरणों से गुजरना होता है, जिसमें पहला चरण लिखित परीक्षा होता है. इसमें पास होने के बाद उम्मीदवारों को फिजिकल टेस्ट, डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और मेडिकल टेस्ट गुजरना पड़ता है. इसके बाद आखिर में चयनित उम्मीदवारों की फाइनल लिस्ट जारी किया जाता है. अग्निवीरों की सैलरी (Agniveer Salary) अग्निपथ योजना में चयनित उम्मीदवारों को पहले साल 30,000 रुपए मासिक वेतन मिलता है. हालांकि, Agniveers Corpus Fund के नाम पर 9,000 रुपए की कटौती होती है, जिसके बाद 21,000 रुपए इन हैंड मिलती है. खास बात यह है कि हर साल अग्निवीरों की सैलरी में हर साल 10 फीसदी की बढ़ोतरी होती है. आइए टेबल के सहारे अग्निवीरों के चारों सालों की सैलरी को आसानी से समझते हैं:- वर्ष बेसिक सैलरी (मासिक) इन हैंड सैलरी(70%) सेवा निधी कोष (30%) हिंदुस्तान प्रशासन का कॉर्पस फंड में योगदान 1st ₹30,000/- ₹21,000/- ₹9,000/- ₹9,000/- 2nd ₹33,000/- ₹23,100/- ₹9,900/- ₹9,900/- 3rd ₹36,500/- ₹25,550/- ₹10,950/- ₹10,950/- 4th ₹40,000/- ₹28,000/- ₹12,000/- ₹12,000/- 4 साल बाद मिलेंगे इतने रुपए 4 साल की सेवा के बाद अग्निवीरों को Agniveers Corpus Fund की बचत का कुल 5.02 लाख रुपए मिलता है. इसके अलावा, केंद्र प्रशासन की तरफ से भी 5.02 लाख रुपए भी योगदान किया जाता है. ऐसे में अग्निवीर को नौकरी के बाद सेवा निधि पैकेज के रूप में कुल 10.04 लाख रुपए मिलता है. खास बात यह है कि इस रकम पर ब्याज भी दिया जाएगा. अग्निवीरों को मिलने वाली छुट्टियां अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) में चयनित उम्मीदवारों को साल भर में 30 महीने की छुट्टियां मिलती है. इसके अलावा, जरूरत पड़ने पर वे मेडिकल लीव के लिए भी आवेदन कर सकते हैं. सेवा के बाद प्रशासनी नौकरी में आरक्षण सेवा से रिटायर होने के बाद अग्निवीरों को 10 राज्य की प्रशासनी नौकरियों में आरक्षण मिलती है. इसमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश, असम, गुजरात, ओडिशा, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश (अलग-अलग) शामिल हैं. इसके अलावा, केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से भी BSF, CRPF, ITBP, SSB, और CISF में 10 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान है. ये भी पढ़ें: IPS Shivdeep Lande Education: आईपीएस छोड़कर शुरू की नेतृत्वक पार्टी, जानें कितने पढ़े लिखे हैं शिवदीप लांडे The post Agniveer Salary: रिटायरमेंट पर अग्निवीरों को 1004000 रुपए, प्रशासनी नौकरी में छूट, जानें क्या-क्या मिलेगा appeared first on Naya Vichar.

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Kitchen Cleaning Tips: कई कोशिशों के बाद भी नहीं हट रहे हैं दाग, इन तरीकों से नल दिखेगा बिल्कुल नया

Kitchen Cleaning Tips: किचन में अक्सर लोग सभी चीजों की सफाई के तरफ तो ध्यान दे देते हैं मगर कुछ चीजों को साफ करना दिमाग से निकल जाता है. हम बात कर रहे हैं किचन में लगे नल के बारे में. बर्तन धोते समय या किचन से जुड़े किसी काम को करते समय अक्सर नल पर गंदगी जमा हो जाती है. यही समस्या बाथरूम में भी लगे नल पर देखने को मिलती है. अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो इन तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं. आज हम आपसे कुछ आसान टिप्स के बारे में बताएंगे जिसकी मदद से आपका सिंक और बाथरूम का नल बिल्कुल नया दिखाई देगा. नींबू का इस्तेमाल करेगा मदद  नल पर जमी गंदगी को दूर करने के लिए नींबू का रस कारगर है. आप नींबू को नल के ऊपर कुछ मिनट के लिए रगड़ें और इसे कुछ देर के लिए ऐसे ही छोड़ दें. लगभग 10 मिनट के बाद आप साफ पानी से नल को साफ कर लें. अगर आपके नल पर जिद्दी दाग हैं तो आप नींबू में नमक को मिलाकर नल को अच्छे तरीके से स्क्रब करें. इसे भी कुछ मिनट तक ऐसे ही रहने दें. फिर साफ पानी से धो लें.  किचन टिप्स से जुड़ी और समाचारें यहां पढ़ें यह भी पढ़ें: Tips To Get Rid of Ants: किचन से चींटियों को दूर भगाने के लिए ढूंढ रहे हैं उपाय, ये टिप्स आएंगे आपके काम ये मिश्रण भी है कारगर  नल को साफ करने के लिए आप विनेगर और पानी का एक घोल को तैयार करें. इस मिश्रण को नल के चारों तरफ लगाएं और इसको कुछ मिनट के लिए नल के ऊपर रहने दें. फिर साफ पानी से साफ कर लें. इसका इस्तेमाल नल को पूरे तरीके से साफ कर देता है और चमकदार भी बनाता है.  बेकिंग सोडा का इस्तेमाल  बेकिंग सोडा को दाग को हटाने के लिए जाना जाता है. अगर आप भी नल के जिद्दी दागों से परेशान हैं तो बेकिंग सोडा का पेस्ट आपके काम आएगा. इसे आप दो तरह से तैयार कर सकते हैं. पानी और सोडे के पेस्ट से नल को साफ करें. आप बेकिंग सोडा में नींबू के रस का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे आपके नल नए जैसे दिखाई देंगे.   यह भी पढ़ें: Matka Cleaning Tips: क्या आप जानते हैं मिट्टी के घड़े को साफ करने का तरीका? इन टिप्स को करें फॉलो The post Kitchen Cleaning Tips: कई कोशिशों के बाद भी नहीं हट रहे हैं दाग, इन तरीकों से नल दिखेगा बिल्कुल नया appeared first on Naya Vichar.

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YouTube वीडियो देखते समय बार-बार परेशान करते हैं एड्स? बिना एक रुपये खर्च किए जानें कैसे पाएं इनसे छुटकारा

YouTube Ads: अगर आप यूट्यूब के डेली यूजर्स हैं, तो एड्स के बीच अपने पसंदीदा कंटेंट के रुकने की झुंझलाहट जरूर महसूस की होगी. यूट्यूब प्रीमियम भले ही ऐड-फ्री अनुभव का वादा करता हो, लेकिन इसकी कीमत जेब पर भारी पड़ सकती है. ऐसे में सवाल उठता है – क्या बिना पैसे खर्च किए भी विज्ञापनों से छुटकारा पाया जा सकता है? आज हम आपको कुछ ऐसे स्मार्ट ट्रिक्स के बारें बताने वालें, जिनसे समय और पैसे दोनों बच सकते थे. इन टिप्स की मदद से आप यूट्यूब पर विज्ञापनों को स्किप, ब्लॉक या पूरी तरह से अवॉयड कर सकते हैं – वो भी बिना एक रुपये खर्च किए. आइये जानते हैं कैसे वीडियो को डाउनलोड कर के ऑफलाइन देखें अगर बार-बार विज्ञापनों से परेशान हैं, तो वीडियो को ऑफलाइन देखने का तरीका अपनासकते हैं. यह खासकर उन वीडियो के लिए बेहतर है जिन्हें आप बार-बार देखना पसंद करते हैं, क्योंकि विज्ञापन देखने के अनुभव को बिगाड़ सकते हैं. यूट्यूब खुद भी वीडियो को ऑफलाइन सेव करने की सुविधा देता है. ऐड ब्लॉकर से ब्लॉक करें YouTube एड्स  यूट्यूब वीडियो के बीच में आने वाले अनस्किपेबल ऐड्स किसी की भी देखने की रफ्तार बिगाड़ सकते हैं. लेकिन इसका समाधान भी मौजूद है—ऐड ब्लॉकर. ये ब्राउजर एक्सटेंशन यूट्यूब वीडियो से ऑटोमैटिक रूप से विज्ञापन हटा देते हैं, जिससे आपका देखने का अनुभव बना रहता है बिना किसी रुकावट के. यह भी पढ़े: Google चुपके से सुन रहा है आपकी सभी प्राइवेट बातें, तुरंत करें यह सेटिंग्स बंद वरना लीक हो जाएंगे सारे सीक्रेट्स Chrome, Firefox या Microsoft Edge जैसे ब्राउजरों के एक्सटेंशन स्टोर में UBlock Origin या YouTube Ad-Skipping जैसे पॉपुलर ऐड ब्लॉकर आसानी से मिल जाते हैं. इंस्टॉल करने के बाद ये एक्सटेंशन वेबपेज को स्कैन कर विज्ञापनों को लोड होने से रोक देते हैं. dot ट्रिक की मदद से YouTube एड्स करें स्किप  अगर आप भी YouTube पर बार-बार आने वाले Ads से परेशान हैं, तो यह आसान और असरदार ट्रिक आपके काम आ सकती है. इस ट्रिक के तहत आपको वीडियो के URL में सिर्फ एक छोटा सा बदलाव करना होता है. जब भी आप कोई वीडियो देखें, उसके लिंक में “.com” के तुरंत बाद एक dot (.) जोड़ दें. उदाहरण के तौर पर: (www.youtube.com./watch?v=abc123) इस छोटे से बदलाव से YouTube का एड सिस्टम भ्रमित हो जाता है और विज्ञापन लोड नहीं होते. कई यूजर्स का दावा है कि इस ट्रिक से उन्हें बिना रुकावट वीडियो देखने में मदद मिली है. YouTube के अलावा इन ऐप्स का करें इस्तेमाल   अगर आप YouTube पर बार-बार आने वाले विज्ञापनों से परेशान हैं, तो NewPipe, PeerTube या Vimeo जैसे विकल्पों का इस्तेमाल कर सकते हैं. ये ऐप्स आपको बिना विज्ञापन के YouTube कंटेंट देखने की सुविधा देते हैं. उदाहरण के तौर पर, NewPipe एक सरल और यूजर-फ्रेंडली इंटरफेस के साथ आता है, जिसमें ट्रेंडिंग वीडियो, सब्सक्रिप्शन और सेव की गई प्लेलिस्ट जैसी सुविधाएं मौजूद हैं – और वो भी बिना किसी विज्ञापन के. हालांकि, NewPipe गूगल की पॉलिसी का उल्लंघन करता है, इसलिए ये ऐप Google Play Store पर उपलब्ध नहीं है. इसे आप इसके आधिकारिक वेबसाइट या GitHub और F-Droid जैसे भरोसेमंद रिपॉजिटरीज से डाउनलोड कर सकते हैं. टेक्नोलॉजी की अन्य समाचारें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें The post YouTube वीडियो देखते समय बार-बार परेशान करते हैं एड्स? बिना एक रुपये खर्च किए जानें कैसे पाएं इनसे छुटकारा appeared first on Naya Vichar.

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Road Accident: नवादा में ट्रैक्टर ने एक शिक्षक को कुचला, घटना स्थल पर दर्दनाक मौत

Bihar News: नवादा के नरहट मंझवे पथ पर भीषण सड़क हादसा (Road Accident) हुआ है. राजा बिगहा मोड़ रेलवे क्रॉसिंग के समीप एक अनियंत्रित गिट्टी लदा ट्रैक्टर ने एक शिक्षक को कुचल दिया, जिससे घटना स्थल पर ही शिक्षक की दर्दनाक मौत हो गई. शिक्षक की पहचान नरहट थाना क्षेत्र के अबगिल गांव निवासी सुधांशू शेखर वात्सल्यन उर्फ गोरेलाल पंडित के रूप में हुई है. मिली जानकारी के अनुसार मृतक मिश्रीचक विद्यालय में प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत थे. मंगलवार को सुबह स्कूल से आवश्यक कार्य के लिए पैदल प्रखण्ड बीआरसी जा रहे थे, इस दौरान राजा बिगहा मोड़ के समीप नरहट से मंझवे की तरफ जा रहा एक गिट्टी लदा ट्रैक्टर की चपेट में आ जाने से उनकी मौत घटना स्थल पर हो गयी. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया ट्रैक्टर छोड़ कर चालक फरार हो गया. घटना मंगलवार सुबह करीब दस बजे की बताई जा रही है. घटना की जानकारी के बाद दल बल के साथ पहुचे दारोगा सुबोध कुमार, एसआई रौशन कुमार, एएसआई अनुज कुमार ने शव को अपने कब्जे में ले लिया. ट्रैक्टर को भी जब्त किया गया है. एसआई रौशन कुमार ने बताया कि एफएसएल टीम को बुलाया गया है. एफएसएल टीम द्वारा जांच के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जाएगा. घटना के बाद मचा कोहराम घटना की जानकारी के बाद गांव में कोहराम मच गया. बताया जाता है कि मृतक शिक्षक अगले एक महीने में रिटायर्ड करने वाले थे. इनके दो पुत्र हैं. घटना की जानकारी के बाद स्वजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. जानकारी के साथ घटना स्थल पर लोगों की भीड़ जमा हो गई. लोगों का कहना था कि अधिकतर ट्रैक्टर चालक तेज गति में बाजा बजाते हुए सड़क पर चलते हैं, जिससे दुर्घटना होने की संभावना बढ़ जाती है. ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन से वैसे वाहन चालकों को जांच कर कार्रवाई की मांग की है. Also Read: CM नीतीश ने युवाओं के लिए खोला पिटारा! नौकरियों की बरसात, 27 हजार से अधिक पदों पर होगी भर्ती The post Road Accident: नवादा में ट्रैक्टर ने एक शिक्षक को कुचला, घटना स्थल पर दर्दनाक मौत appeared first on Naya Vichar.

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West Bengal Teachers Recruitment Scam: ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, हाईकोर्ट का आदेश खारिज

West Bengal Teachers Recruitment Scam: हिंदुस्तान के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने स्पष्ट किया कि पश्चिम बंगाल के प्रशासनी और सहायता प्राप्त विद्यालयों में 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति से संबंधित अन्य पहलुओं की जांच जारी रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने 25753 शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति को दिया था अवैध करार सुप्रीम कोर्ट ने 3 अप्रैल को पश्चिम बंगाल प्रशासन को बड़ा झटका देते हुए राज्य प्रशासन द्वारा संचालित और राज्य सहायता प्राप्त स्कूलों में 25753 शिक्षकों एवं अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति को अवैध करार दिया था. फैसला सुनाते हुए कहा था कि पूरी चयन प्रक्रिया त्रुटिपूर्ण और दागदार थी. अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह अतिरिक्त पदों के सृजन के निर्णय पर CBI जांच की दिशा के संबंध में पश्चिम बंगाल प्रशासन की याचिका पर स्वतंत्र रूप से विचार करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हाई कोर्ट का निर्णय उचित नहीं था सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने राज्य प्रशासन की याचिका पर विचार करते हुए कहा, “हमारा मानना ​​है कि मंत्रिमंडल के निर्णय पर अतिरिक्त पदों के सृजन के मुद्दे को CBI को सौंपने का हाई कोर्ट का निर्णय उचित नहीं था.” The post West Bengal Teachers Recruitment Scam: ममता प्रशासन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, हाईकोर्ट का आदेश खारिज appeared first on Naya Vichar.

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