– बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की मेहनत पर फेर दिया पानी प्राकृतिक आपदा ने निगल ली किसानों की सारी उम्मीदें सुपौल. विगत दो दिनों से क्षेत्र में रूक-रूक कर हो रही बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया. गेहूं की पक चुकी फसल खेतों में या तो कटकर पड़ी थी या कटने को तैयार थी. किसानों के चेहरों पर मुस्कान थी, इस बार अच्छी पैदावार हुई है. लेकिन अचानक आयी प्राकृतिक आपदा ने उनकी सारी उम्मीदें निगल ली. सदर प्रखंड के वीणा गांव की एक मासूम बच्ची छोटकी को इस बार नई स्कूल ड्रेस चाहिए थी. बाऊ जी ने वादा किया था, इस बार गेहूं बेचेंगे तो तुझे नई ड्रेस जरूर दिलवाएंगे, लेकिन अब खेतों में पानी भरा है, फसलें बर्बाद हो चुकी हैं. ओलों ने खड़ी फसल को ऐसा घायल किया है कि किसान खुद टूट से गए हैं. बुधिया ने अब बाऊ जी से ड्रेस की जिद छोड़ दी है. वह समझ चुकी है कि बाऊ जी अब उससे नजरें चुराने लगे हैं. नजरें जो अब दुख और लाचारी से झुकी हुई हैं. बेमौसम बारिश ने ना केवल फसलों को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि उन तमाम सपनों और उम्मीदों को भी बहा ले गई है, जो खेतों की हर बालियों में झूलते थे. सवाल सिर्फ मुआवजे का नहीं है, सवाल उन मासूम आंखों का है, जो अब उम्मीद करना भी छोड़ती जा रही हैं. बेमौसम बारिश ने किसानों की तोड़ी कमर, खेतों में बर्बादी का मंजर, किसान बेहाल जिले में बेमौसम बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है. खेतों में लहराती फसलें अब पानी में डूबी हुई हैं और किसानों की आंखों में आंसू हैं. गेंहू, मक्का जैसी खड़ी फसलें बारिश और ओलावृष्टि के कारण पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं. किसान रामस्वरूप कहते हैं कि साल भर की मेहनत एक झटके में खत्म हो गई. कर्ज लेकर बीज डाला था, अब कुछ नहीं बचा. प्रशासन से मुआवजे की उम्मीद है, लेकिन अभी तक कोई आया तक नहीं है. कई गांवों में स्थिति इतनी गंभीर है कि फसल के नुकसान के साथ-साथ जानवरों के चारे की भी समस्या खड़ी हो गई है. खेतों में भरा पानी अब बीमारी फैलने का खतरा भी बन गया है. किसानों ने प्रशासन से तत्काल सर्वे कराकर उचित मुआवजा देने की मांग की है. वहीं मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और बारिश की संभावना जताई है, जिससे किसानों की चिंता और भी बढ़ गई है. इस बेमौसम ने सिर्फ फसल नहीं छीनी, बल्कि किसानों की उम्मीदें और भविष्य भी डगमगाया है. गर्मी से मिली राहत, गेहूं की फसल को नुकसान जिले में गुरुवार को हुई बारिश ने लोगों को चिलचिलाती धूप व उमस भरी गर्मी से राहत दी है. भीषण गर्मी और उमस के बीच आई यह बारिश लोगों के लिए सुकून लेकर आई. मौसम में अचानक आए बदलाव से तापमान में गिरावट दर्ज की गई, जिससे आम जनजीवन को राहत मिली है. हालांकि मौसम की इस करवट का असर खेती-किसानी पर भी पड़ा. राज्य को भेजा जायेगा रिपोर्ट : डीएम बेमौसम हुई बारिश के कारण फसल की काफी क्षति हुई है. इसके लिए सभी किसान सलाहकारों को सर्वेक्षण के लिए कहा गया है. रिपोर्ट आने के बाद विभाग को भेजा जायेगा. कौशल कुमार, डीएम, सुपौल डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है The post अधूरा सपना : बेमौसम बारिश में बह गयी छोटकी की उम्मीदें appeared first on Naya Vichar.